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श्री शिवपाल सिंह यादव की पहल पर केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने प्रदेश की ए0आई0बी0पी0 परियोजनाओं तथा बाढ़ बचाव के लिए धनराशि अवमुक्त करने के दिए निर्देश

Posted on 19 April 2012 by admin

सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री पवन कुमार बंसल की भेंट के दौरान सिंचाई सुविधाओं तथा बाढ़ से निपटने के लिए लगभग 5000 करोड़ रु0 के निवेश का ऐतिहासिक सैद्वान्तिक निर्णय

सरयू नहर (3800 करोड़ रु0) एवं शारदा नहर प्रणाली को (340 करोड़ रु0) नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने तथा उत्तर प्रदेश की तीन परियोजनाओं-बदायूं सिंचाई परियोजना (332 करोड़ रु0), कनहर बांध परियोजना (652 करोड़ रु0) तथा गंडक नहर प्रणाली पुर्नरोद्धार परियोजना (217 करोड़ रु0) को ए0आई0बी0पी0 कार्यक्रम में शामिल करने पर सहमति बनी

shivpal-singh-yadav प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री पवन कुमार बंसल से प्रदेश की सरयू नहर एवं शारदा सहायक प्रणाली को नेशनल प्रोजेक्ट घोषित किये जाने और इन परियोजनाओं के लिए प्रस्तावित 3200 करोड़ रुपये के केन्द्रांश को दिये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से सरयू क्षेत्र के 09 जिलों में 14 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित होगी।
श्री यादव ने उत्तर प्रदेश की तीन परियोजनाओं, 332 करोड़ रुपये की बदायूं सिंचाई परियोजना, 652 करोड़ रुपये की कन्हर बांध परियोजना तथा 217 करोड़ रुपये गण्डक नहर प्रणाली पुनरोद्धार परियोजनाओं को ए0आई0बी0पी0 कार्यक्रमों में सम्मिलित करने का अनुरोध किया। उन्होंने इन परियोजनाओं को केन्द्र सरकार ने वर्ष 2010 में इन्वेस्टमेन्ट क्लीयरेंस दे दिया था। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के अलावा बुन्देलखण्ड क्षेत्र की 316 करोड़ रुपये की भोरट बांध परियोजना तथा 184 करोड़ रुपये की जमरार बांध परियोजना को भी ए0आई0बी0पी0 में शामिल करने की मांग की।
सिंचाई मंत्री ने पिछले लगभग पांच सालों का बकाया अवशेष केन्द्रीय अनुदान   126.35 करोड़ रुपये अवमुक्त करने का भी आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि ए0आई0बी0पी0 के अन्तर्गत संचालित 660.07 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं के 237 करोड़ रुपये के लम्बित केन्द्रांश को जारी कराने का भी अनुरोध किया।
श्री यादव ने कहा कि ए0आई0बी0पी0 योजना के अन्तर्गत 1996-97 से वर्ष 2010-11 तक केन्द्रीय सरकार द्वारा समस्त राज्यों हेतु स्वीकृत लगभग रू0 51925.00 करोड़ रुपये के सापेक्ष उत्तर प्रदेश को मात्र 3316.30 करोड़ रुपये ही उपलब्ध कराये गये जो कुल राशि का मात्र 6.39 प्रतिशत है। इस योजना के अन्तर्गत समानुपातिक आधार पर उत्तर प्रदेश को कम से कम 7010 करोड़ रुपये की धनराशि मिलनी चाहिए।
इस अवसर पर श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका से लाखों हेक्टेयर क्षेत्रफल की खड़ी फसल का नुकसान हो जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप की कुछ बहुउद्देशीय परियोजनाओं के क्रियानवयन से उत्तर प्रदेश में काफी हद तक बाढ़ की समस्या पर अंकुश लग सकता है। उन्होने इसके लिए शारदा नदी, जो नेपाल में महाकाली नदी के नाम से जानी जाती है, पर प्रस्तावित पंचेश्वर बांध बहुउद्देशीय परियोजना, करनाली नदी एवं उसकी सहयोगी नदियां, जो उत्तर प्रदेश में घाघरा नदी के नाम से जानी जाती है, पर प्रस्तावित करनाली बांध बहुउद्देशीय परियोजनाओं तथा राप्ती नदी पर प्रस्तावित मैमूरे बांध परियोजना के निर्माण में केन्द्र से सहयोग करने की मांग की। सिंचाई मंत्री द्वारा इस सम्बन्ध में की गई पहल पर केन्द्रीय मंत्री ने श्री यादव को अवगत कराया कि केन्द्र सरकार के स्तर पर ए0आई0बी0पी0 तथा बाढ़ की बची हुई धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
सिंचाई मंत्री ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में बाढ़ प्रबन्धन हेतु केन्द्र पुरोनिधानित योजना के अन्तर्गत 26 परियोजनाओं के लिए स्वीकृत 194.78 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि को भारत सरकार से जारी कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय की इम्पावर्ड कमेटी द्वारा स्वीकृत 112 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में 75 प्रतिशत केन्द्रांश की धनराशि यदि तत्काल मुक्त करा दी जाए तो बाढ़ से निपटने का कार्य समय पर पूरा करा लिया जाएगा। उन्होंने 748 करोड़ रुपये की 25 परियोजनाएं के जी0एफ0एफ0सी0 पटना द्वारा टेक्नीकल अप्रैजल के सम्बन्ध में शीघ्र कार्रवाई का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर श्री यादव ने कहा कि माइक्रो इरिगेशन सिस्टम सहित 132 करोड़ रुपये की लागत के 340 गहरे (डीप) राजकीय नलकूपोें (ट्यूबवेल्स) की तत्काल स्वीकृति आवश्यक है। इसके तहत असिंचित क्षेत्रों में सिंचाई के लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जालौन, बांदा तथा हमीरपुर जिलों में 100-100 एवं झांसी में 40 नलकूप लगाये जाएंगे।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री पवन कुमार बंसल ने श्री यादव को आश्वस्त किया कि उत्तर प्रदेश की सभी परियोजनाओं पर सकारात्मक रुख अपनाया जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा हाल में उठाये गये मुद्दों की सराहना करते हुए कहा कि सरयू नहर एवं शारदा सहायक प्रणाली को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने की प्रक्रिया पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा। इसके अलावा बुन्देलखण्ड क्षेत्र की परियोजना को ए0आई0बी0पी0 में सम्मिलित करने के लिये सैद्धान्तिक सहमति भी बनी। बाढ़ की परियोजनाओं को वरीयता पर स्वीकृत करने का मत भी व्यक्त किया गया ।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सिंचाई उ0प्र0 श्री दीपक सिंघल, मुख्य अभियंता सिंचाई श्री ए0के0 ओझा, मुख्य अभियंता अग्रिम नियोजन श्री आनंद मोहन प्रसाद, अधीक्षण अभियन्ता श्री एस0के0शर्मा, अधिशासी अभियंता ओखला श्री राजीव यादव के साथ केन्द्र सरकार के तरफ से कमिश्नर (पी0आर0) श्री प्रदीप कुमार, मुख्य अभियन्ता शारदा सहायक श्री एस0के0 मारकण्डेय, जल संसाधन मंत्री के निजी सचिव राहुल भण्डारी, संयुक्त कमिश्नर (गंगा) श्री ए0एस0पी0 सिन्हा मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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समस्त परियोजनाओ के क्रियान्वयन हेतु केन्द्र सरकार से नब्बे प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया

Posted on 17 April 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए, राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (एन.जी.आर.बी.ए.) की समस्त परियोजनाओ के क्रियान्वयन हेतु केन्द्र सरकार से नब्बे प्रतिशत धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है। उन्होंने संसाधनों के रख-रखाव व संचालन पर सहायता प्रदान करने की अवधि को पांच वर्ष से बढ़ाकर 15 वर्ष किये जाने की मांग की है।
मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली में प्रधान मंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि  प्रदेश में एन.जी.आर.बी.ए. के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा स्वीकृत 1341.6 करोड़ रुपये की 07 योजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से हो रहा है।
_dsc0445 मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रदेश के 26 शहर, जिसमें कई बड़े शहर कन्नौज, कानपुर, इलाहाबाद तथा वाराणसी आदि शामिल हैं, गंगा नदी के किनारे बसे हुए हैं। सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा करते हुए आने वाली पीढ़ी के लिए खाद्य सुरक्षा, औद्योगिक विकास, ऊर्जा व अन्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक नई सोच पैदा करके समग्र योजना बनानी होगी, जिससे पर्यावरण सुरक्षित रहे और विकास भी जारी रहे।
श्री यादव ने गंगा नदी एवं सहायक नदियों को मिलाकर एक समग्र नदी बेसिन प्रबन्ध योजना को जल्द से जल्द तैयार किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना का प्रारूप नदी तंत्र की जमीनी हकीक़त को देखते हुए जल विशेषज्ञों की देखरेख में विभिन्न विभागों जैसे सिंचाई, पर्यावरण, कृषि, रसायनिक, उर्वरक, बाढ़ नियंत्रण, वनीकरण, उद्योगों, नगरीय निकायों आदि के सम्बन्ध में बनाये जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समग्र बेसिन प्रबंधन योजना तभी कारगर होगी, जब इसमें केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय तथा उत्तर प्रदेश सरकार एवं विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से एक वर्ष में बनाई जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्लान को बनाते समय देश के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित योजना में कृषि पर्यावरण, सिंचाई, ऊर्जा, उद्योग, नगर विकास, बाढ़ नियंत्रण, वानिकी एवं जल प्रबन्ध आदि सभी विभागों का समन्वय होना भी जरूरी है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि 07 आई.आई.टी के कन्र्सोटियम से अपेक्षा की जाए कि कन्र्सोटियम वरीयता के आधार पर रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करे।
उत्तर प्रदेश में हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या की ओर मुख्यमंत्री ने प्रधान मंत्री का ध्यानाकृष्ट करते हुए कहा कि इससे उत्तर प्रदेश में जान-माल की भारी हानि, भूमि कटान एवं फसलों की क्षति के अलावा प्रदूषण की गम्भीर समस्या पैदा होती है। उन्होंने प्रधान मंत्री से अनुरोध किया कि बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए तत्काल दीर्घकालीन मद्द केन्द्र सरकार दिलायें, जिससे बाढ़ से सम्बन्धित समस्त निरोधात्मक उपाय सुनिश्चित करायें जा सकें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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स्व0 चन्द्रशेखर की 85वीं जयन्ती पर नई दिल्ली में उनकी समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये

Posted on 17 April 2012 by admin

17-04-bउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 चन्द्रशेखर की 85वीं जयन्ती पर नई दिल्ली में उनकी समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।
अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा तुर्क स्व0 श्री चन्द्रशेखर जीवनपर्यन्त गरीबों के उत्थान हेतु प्रयास करते रहे और उन्होंने आजीवन गरीबों के साथ-साथ किसानों एवं युवाओं की लड़ाई भी लड़ी। श्री यादव ने आगे कहा कि स्व0 श्री चन्द्रशेखर ने समाज में व्याप्त सामाजिक एवं आर्थिक विषमता को दूर करने के लिए निरन्तर संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि स्व0 चन्द्रशेखर की राजनैतिक विचारधारा आज भी प्रासंगिक है और प्रदेश सरकार समाज में व्याप्त गैर बराबरी की खाई को पाटने के लिए योजनाएं संचालित करने जा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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आन्तरिक सुरक्षा सम्बन्धी मुख्यमंत्रियों की बैठक

Posted on 17 April 2012 by admin

upcm1उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव नई दिल्ली में 16 अपै्रल, 2012 को आयोजित आन्तरिक सुरक्षा सम्बन्धी मुख्यमंत्रियों की बैठक में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री पी. चिदम्बरम के साथ।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव नई दिल्ली में 16 अपै्रल, 2012 को आयोजित आन्तरिक सुरक्षा सम्बन्धी मुख्यमंत्रियों की बैठक में।

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सुरक्षा एवं विकास से जुड़े प्रत्येक कार्य में केन्द्र सरकार तथा प्रदेश सरकार की साझेदारी एवं परस्पर सहयोग महत्वपूर्ण

Posted on 16 April 2012 by admin

  • पुलिस बल की आवासीय व्यवस्था हेतु अगले 5 वर्षों में 5,000 करोड़ रुपये की सहायता की मांग
  • प्रदेश के पुलिस बजट का कम से कम 10 प्रतिशत धनराशि अर्थात् 800 करोड़ रुपये आधुनिकीकरण योजना में उपलब्ध कराये जाने की मांग
  • फाॅरेन्सिक साइन्स लैब्स के विस्तार हेतु 750 करोड़ रुपये का प्रस्ताव
  • मेगासिटी पुलिसिंग का लाभ गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद को दिए जाने की मांग

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आन्तरिक सुरक्षा से जुड़े तमाम मुद्दों से सफलतापूर्वक निपटने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्प है। उन्होने सुरक्षा एवं विकास से जुड़े प्रत्येक कार्य में केन्द्र सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार की साझेदारी एवं परस्पर सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम सबको इसी सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना होगा।
प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में आयोजित आन्तरिक सुरक्षा विषयक मुख्यमंत्रियों की बैठक में मुख्यमंत्री श्री यादव अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था और विकास पर ध्यान देते हुए पारदर्शी एवं जवाबदेह सरकार चलाना हमारी प्राथमिकता है। सबके प्रति न्याय करने एवं लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्प है। अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण भी उनकी सरकार की प्रतिबद्धता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार द्वारा अभिनव कदम उठाये जा रहे हैं, जिनमें केन्द्र सरकार के सहयोग की भी आवश्यकता होगी। उन्होने कहा कि विगत मंे मानव संसाधनों की कमी को दूर करने का प्रयास किया गया है फिर भी प्रदेश में पुलिस-जनसंख्या अनुपात राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है। मुख्यमंत्री ने बताया कि भविष्य में प्रदेश के पुलिस बल में और अधिक वृद्धि होगी जिनकी आवासीय व्यवस्था हेतु वित्त आयोग के माध्यम से अगले 5 वर्षों में लगभग 5,000 करोड़ रुपये की सहायता भारत सरकार से अपेक्षित है।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के वृहद् पुलिस बल के क्षमता-विकास एवं उसकी आधारभूत सुविधाओं की आवश्यकताओं के सापेक्ष केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही धनराशि अत्यन्त कम है। उन्होने कहा कि वर्तमान में प्रतिवर्ष लगभग 100 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदेश को सुलभ करायी गयी है, जो कि प्रदेश पुलिस के 8,000 करोड़ रुपये के आन्तरिक सुरक्षा बजट के सापेक्ष बहुत ही अल्प है। उन्होने प्रदेश के पुलिस बजट का कम से कम 10 प्रतिशत धनराशि अर्थात् 800 करोड़ रुपये आधुनिकीकरण योजना में प्रदेश को उपलब्ध कराये जाने की मांग रखी।
मुख्यमंत्री ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना को अगले 10 वर्ष हेतु बढ़ाये जाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत कारागारों एवं न्यायालयों के मध्य वीडियो कान्फरेंसिंग की व्यवस्था, आपदा प्रबन्धन हेतु अग्निशमन सेवाओं के सुदृढ़ीकरण आदि को भी शामिल किया जाना उपयुक्त होगा।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से देश का सर्वाधिक बड़ा राज्य है, जिसकी अपनी विविधतायें एवं विषमतायें हैं। विभिन्न जातियों एवं धर्मों के लोगों के बीच आपसी सौहार्द कायम रखना, आम नागरिकों को सुरक्षित जन-जीवन प्रदान करना तथा कानून-व्यवस्था बनाये रखने से लेकर आतंकवाद जैसे आन्तरिक सुरक्षा के जटिल पहलुओं से निपटना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। साथ ही, प्रदेश की 550 किलोमीटर खुली नेपाल सीमा भी आन्तरिक सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भारत-पाक एवं भारत-बांग्लादेश अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर कड़ी चैकसी के फलस्वरूप भारत-नेपाल की खुली अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर आतंकवादी एवं राष्ट्र-विरोधी तत्वों की गतिविधियों की सम्भावनायें बढ़ गयी हैं। उन्होने केन्द्र सरकार का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश-नेपाल सीमा पर विशेष पुलिस व्यवस्थाओं की आवश्यकता है, जिसमें पर्याप्त इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट्स की स्थापना तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में सीमा के समानान्तर सड़कों के निर्माण के पहलू महत्वपूर्ण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस की कार्य-पद्धति में अग्रेतर सुधार की दृष्टि से भी ठोस कदम उठाये जायेंगे। उन्होने कहा कि भीड़ नियन्त्रण के लिए नाॅन लीथल वीपन्स प्रयोग में लाये जा रहे हैं तथा इसमें आगे भी बढ़ोत्तरी की जानी है। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से पर्याप्त मात्रा में नाॅन लीथल वेपन्स सुलभ कराये जाने की मांग करते हुए कहा कि क्रय प्रक्रियाओं को भी सरल बनाना होगा, ताकि अपेक्षित उपकरण शीघ्रातिशीघ्र उपयोग हेतु बलों को उपलब्ध हो सकें।
श्री यादव ने पुलिस जांच को और अधिक वैज्ञानिक तरीके से सम्पादित करने के लिए फाॅरेन्सिक साइन्स लैब्स की व्यापक आवश्यकता बताते हुए कहा कि इसके लिए 750 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। मुख्यमंत्री ने साइबर क्राइम में दिन-प्रतिदिन हो रही बढ़ोत्तरी पर चिन्ता व्यक्त करने हुए ऐसे अपराधों की जांच हेतु प्रदेश में ‘स्टेट आॅफ द् आर्ट’ साइबर क्राइम यूनिट्स की स्थापना की आवश्यकता बताई तथा विशिष्ट प्रशिक्षण दिये जाने आदि मे केन्द्र सरकार से पूर्ण सहयोग की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेगासिटी पुलिसिंग की दिशा में भारत सरकार की विशेष योजनायें प्रचलित हैं, जिनका लाभ राज्य को अभी तक नहीं मिल पाया है। उन्होने अनुरोध किया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पड़ने वाले प्रदेश के क्षेत्रों यथा गौतमबुद्ध नगर तथा गाजि़याबाद की पुलिस को अन्य मेगासिटीज़ की भाँति आधुनिक उपकरण एवं संसाधन उपलब्ध कराये जायें।
श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में आतंकवाद का सामना करने के लिए ‘आतंकवाद निरोधक दस्ता’ अर्थात ए0टी0एस0 गठित हैं, जिसे और सुदृढ़ किया जा रहा है। ए0टी0एस0 द्वारा देश-प्रदेश की शीर्ष इकाइयों से आवश्यक समन्वय रखा जा रहा है। उन्होने यह भी बताया कि प्रदेश में अभिसूचना संगठन मल्टी-एजेन्सी सेंटर से सुचारु रूप से जुड़ा है तथा अभिसूचना कार्मिकों के विशेष प्रशिक्षण तथा अभिसूचना संकलन हेतु आवश्यक आधुनिक उपकरणों की आपूर्ति के लिये भी उन्होंने केन्द्र सरकार के सहयोग की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक अपराधों पर नियन्त्रण एवं उनकी जांच हेतु आर्थिक अपराध अनुसन्धान इकाई कार्यरत है किन्तु जाली मुद्रा के परीक्षण हेतु उत्तर भारत में कोई संस्थान नहीं है, जिससे जांच में विलम्ब एवं अभियोगों के सफल निस्तारण में कठिनाई होती है। ऐसी दशा में लखनऊ अथवा कानपुर में एक लैबोरेटरी की स्थापना करने पर केन्द्र सरकार विचार करने का अनुरोध किया।
श्री यादव ने कहा कि राज्य में क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम को तेजी से लागू किया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप समस्त थाने एवं विभिन्न पुलिस कार्यालय कम्प्यूटर नेटवर्क से जुड़ जायेंगे। इस हेतु समय-समय पर नयी-नयी प्रणालियाँ लागू करने के कारण कोई भी सिस्टम अभी तक पूरी तरह क्रियाशील नहीं हो पाया है। अतः इस सिस्टम को पूर्णता तक पहुँचाया जाये।
श्री यादव ने दोषी व्यक्तियों को दंडित किये जाने में हो रहे विलम्ब से भी कानून-व्यवस्था पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव की चर्चा करते हुए केन्द्र सरकार से फास्ट ट्रैक कोटर््स की व्यवस्था को पुनर्जीवित किया जाने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी वर्ष 2013 में इलाहाबाद में महाकुम्भ का आयोजन होना है जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं का आगमन होगा। इस आयोजन के दृष्टिगत सुरक्षा एवं कानून-व्यवस्था बनाये रखने हेतु केन्द्र सरकार के साथ-साथ विभिन्न राज्यों से भी सहयोग अपेक्षित होगा जिसमें अभिसूचना, जनशक्ति तथा सुरक्षा उपकरणों के पहलू महत्वपूर्ण हैं। उन्होने कहा कि यह व्यवस्था इसी आयोजन के लिए ही नहीं अपितु सुरक्षा के दृष्टिकोण से भविष्य में भी निरन्तर रूप से बनाये रखी जानी होगी। उन्हांेने कुम्भ मेले के वृहद् आयोजन में आने वाले व्यय में केन्द्र सरकार से भी समुचित भागीदारी की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि देश की आंतरिक सुरक्षा तथा प्रदेश की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार से जिन बिन्दुओं पर प्रदेश सरकार की अपेक्षा है, उन पर केन्द्र सरकार द्वारा अवश्य ही प्रभावी पहल की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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श्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह से सहयोग देने का अनुरोध किया

Posted on 15 April 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह से भेंट की

उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र की विकट भौगोलिक परिस्थितियों एवं सामाजिक, आर्थिक पिछड़ेपन की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री से कहा कि पूरा बुन्देलखण्ड क्षेत्र, पर्वतीय एवं पठारी है, जहां आबादी बिखरी हुई है। 500 आबादी सीमा के मानक के चलते एक प्रकार से बुन्देलखण्ड क्षेत्र प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने की स्थिति में नहीं है। इसलिए यहां की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थतियों को देखते हुए 500 तक के आबादी वाले मानक को शिथिल कर 250 तक की आबादी वाली बसावटों को योजना में शामिल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारत-नेपाल सीमा पर मार्ग निर्माण परियोजना के तहत लगभग 1621 करोड़ रूपये की लागत से 640 किलोमीटर सड़क का अनुमोदन सी0सी0एस0 द्वारा किया गया है। वर्तमान समय में शिड्यूल आफ रेट में 20 प्रतिशत की वृद्धि हो जाने के कारण डी0पी0आर0 की औसत लागत लगभग 04 करोड़ रूपये प्रति किलोमीटर हो गयी है। उन्होंने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वर्णित परिस्थितियों में परियोजना की लम्बाई 640 किलोमीटर तथा लागत 1621 करोड़ रूपये के स्थान पर लम्बाई 670.01 किलोमीटर तथा लागत 2680.04 करोड़ रूपये किये जाने के लिए गृह मंत्रालय को आवश्यक निर्देश देने का कष्ट करें। इसके अलावा श्री यादव ने केन्द्रीय मार्ग निधि के अन्तर्गत 409 करोड़ रूपये की प्रतिपूर्ति धनराशि तथा राष्ट्रीय मार्गों के रख-रखाव के लिए अवशेष 226 करोड़ रूपये शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए कहा। उन्होंने वर्तमान वित्तीय वर्ष में 458 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए 836 करोड़ रूपये की वार्षिक योजना को मंजूरी देने का भी अनुरोध किया। कुम्भ मेला 2013 के आयोजन को दृष्टिगत जनपद इलाहाबाद से जुड़े राष्ट्रीय राजमार्गों के सुदृढ़ीकरण हेतु 383.11 करोड़ रूपये स्वीकृत करने तथा लखनऊ से इलाहाबाद के पूरे भाग को चार लेने के मार्ग में विकसित करने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पिछड़े क्षेत्र बुन्देलखण्ड तथा पूर्वांचल के अन्तर्गत मार्गों के विकास के लिए 13वें वित्त आयोग के अन्तर्गत अतिरिक्त केन्द्रीय सहायता का उल्लेख करते हुए कहा कि चार वर्षों के लिए प्रत्येक क्षेत्र हेतु 150 करोड़ रूपये की धनराशि इन इलाकों के पिछड़ेपन को देखते हुए अपर्याप्त है। इस धनराशि को कम से कम 300 करोड़ रूपये किये जाने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने इण्डो-नेपाल बार्डर के सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए प्रतिवर्ष दी जाने वाली 62.50 करोड़ रूपये की धनराशि को भी बढ़ाकर कम से कम 500 करोड़ रूपये किये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के राज्य में क्रियान्वयन की चर्चा करते हुए डा0 सिंह से राज्य सरकार द्वारा प्रेषित पेयजल से सम्बन्धित प्रस्तावों पर शीघ्र कार्रवाई के आवश्यक निर्देश सम्बन्धित मंत्रालय को देने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि केन्द्र द्वारा सन् 2022 तक सभी बसावटों को पाइप पेयजल से आच्छादित किये जाने के लक्ष्य को देखते हुए अगले 10 वर्षों में 60 हजार करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी। इस लक्ष्य को पाना तभी संभव है, जब प्रतिवर्ष ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के मद में लगभग 6 हजार करोड़ रूपये की धनराशि व्यय की जाए। उन्होंने आग्रह किया कि चूंकि यह कार्यक्रम 50 प्रतिशत केन्द्र पोषित है, इसलिए केन्द्र द्वारा प्रतिवर्ष न्यूनतम 3 हजार करोड़ रूपये की धनराशि का आवंटन इस मद में किया जाए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश को बाढ़ से बचाने हेतु 1100 करोड़ रूपए के आर्थिक पैकेज देने तथा 11वीं पंचवर्षीय योजना में बाढ़ प्रबन्धन हेतु केन्द्र पुरोनिधानित योजना के तहत स्वीकृत 26 परियोजनाओं के अवशेष 194.78 करोड़ रूपए को शीघ्र अवमुक्त करने का अनुरोध किया। उन्होंने शारदा नदी पर पंचेश्वर बांध, करनाली नदी पर करनाली बांध, राप्ती नदी पर नैमूरे बांध जैसी अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप की प्रस्तावित बहुउद्देशीय परियोजनाओं के निर्माण के लिए नेपाल सरकार से आवश्यक सहयोग प्राप्त किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने सरयू नहर परियोजना तथा शारदा सहायक क्षमता पुनस्र्थापना परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना की औपचारिक स्वीकृति दिलाने की मांग करते हुए त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम में राज्य की चालू परियोजनाओं में पिछले 02 वित्तीय वर्षों के दौरान केन्द्रांश की अवशेष 387.53 करोड़ रूपए की धनराशि अवमुक्त कराने का अनुरोध किया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा नगरीय क्षेत्रों में विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं के विकास हेतु संचालित जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूवल मिशन (जेएनएनयूआरएम) को और अधिक प्रभावी व जनोपयोगी बनाने के लिए प्रधानमंत्री के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के यू0आई0जी0 व यू0आई0डी0एस0एस0एम0टी0 कार्यांश में क्रमशः 2769.41 करोड़ व 947.92 करोड़ रूपए भारत सरकार से मार्च 2012 तक राज्य को प्राप्त होने थे, जिसके सापेक्ष क्रमशः 2010.51 करोड़ व 835.05 करोड़ रूपये ही प्राप्त हुए हैं। उन्होंने शेष केन्द्रांश शीघ्र जारी करने का अनुरोध किया। उन्होंने जेएनएनयूआरएम कार्यक्रम में केन्द्र/राज्य तथा निकाय के मध्य वर्तमान फण्डिंग पैटर्न को बदलने का आग्रह करते हुए कहा कि अधिकांश नागर निकायों कि वित्तीय स्थित सुदृढ़ न होने के कारण वह अपने अंश को वहन करने में सक्षम नहीं है। मुख्यमंत्री ने एक्यूट इंसेफ्लाईटिस सिण्ड्रोम (ए0ई0एस0)/जापानीज इंसेफ्लाईटिस (जे0ई0) के प्रभावी नियंत्रण के लिये राज्य सरकार द्वारा मांगी गयी सहायता एवं प्रेषित योजनाओं पर शीघ्र विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि संक्रमण काल के प्रारम्भ होने में मात्र दो माह ही शेष रह गये हैं। उन्होंने ए0ई0एस0/जे0ई0 की रोकथाम के लिए केन्द्र सरकार के ग्रुप आफ मिनिस्टर्स (जी0ओ0एम0) की संस्तुतियों के शीघ्र क्रियान्वयन तथा जे0ई0 के टीकाकरण से आच्छादन के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर शीघ्र निर्णय लेने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने ए0ई0एस0/जे0ई0 से प्रभावित 07 जिलों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत ब्लाक संसाधन केन्द्रों में शैक्षणिक/व्यवसायिक पुनर्वासन केन्द्र की स्थापना हेतु 10181.64 लाख रूपए के प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने इन जनपदों में पेयजल की गुणवत्ता सुधारने हेतु प्रत्येक 50 परिवार पर 01 लाख 86 हजार सार्वजनिक डीप बोर इण्डिया मार्क-प्प् हैण्डपम्प स्थापित करने हेतु 580.42 करोड़ रूपये की एक विशेष परियोजना, पेयजल के नमूनों के विषाणु संक्रमण की जांच हेतु लखनऊ व गोरखपुर में एक-एक विषाणु जांच प्रयोगशाला स्थापित करने तथा पहले से स्थापित जल गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इसके अलावा इन जनपदों में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत सभी ए0पी0एल0 परिवारों को वाटर सील्ड शौचालय योजना से आच्छादित करने के लिए अवशेष केन्द्रांश की 9444.39 लाख रूपए की धनराशि को अवमुक्त करने तथा ए0ई0एस0/जे0ई0 रोगों में सूकर पालन के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा 8908 लाख रूपये के प्रेषित प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृत कराने का भी अनुरोध किया है। श्री यादव ने राजकीय मेडिकल कालेजों के उच्चीकरण हेतु भारत सरकार के पास लम्बित दो प्रस्तावों को शीघ्र मंजूरी देने का अनुरोध भी किया है। इनमें राजकीय मेडिकल कालेज गोरखपुर तथा राजकीय मेडिकल कालेज झांसी के उच्चीकरण हेतु क्रमशः 150-150 करोड़ रूपये तथा छः राजकीय मेडिकल कालेजों में ट्रामा सेन्टर लेवल-2 स्थापित करने की योजना सम्मलित है। उन्हांेने नेशनल हाइवे एक्सीडेन्ट रिलीफ सर्विस स्कीम के तहत 12वीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को इस योजना से चरणबद्ध तरीके से आच्छादित करने के लिए 100 एम्बुलेंस तथा 65 क्रेन उपलब्ध कराने तथा योजना के संचालन के लिए आवश्यक धनराशि की मांग की। मुख्यमंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए पूर्वदशम् छात्रवृत्ति योजना, दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना तथा शुल्क प्रतिपूर्ति योजना के तहत केन्द्रांश की 3284.68 करोड़ रूपए की लम्बित धनराशि को शीघ्र अवमुक्त कराने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा इस कार्य हेतु वार्षिक बजट में जो व्यवस्था करायी जाती है, वह केन्द्र देयता की तुलना में अपर्याप्त है, जिसके कारण प्रत्येक वर्ष बकाया धनराशि लगातार बढ़ती जा रही है। यदि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय का बजट कम है तो इसे बढ़ाया जाना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति के छात्र/छात्राओं हेतु छात्रवृत्ति शुल्क प्रतिपूर्ति योजना को आगामी पंचवर्षीय योजना में भी केन्द्र पुरोनिधानित योजना के रूप में रखे जाने तथा इस पर होने वाले समस्त व्यय को केन्द्र सरकार द्वारा ही वहन किये जाने का अनुरोध किया। उल्लेखनीय है कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के अन्तिम वर्ष 2011-12 में इस योजना का व्यय स्तर 803.81 करोड़ रूपए था, जो 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्रथम वर्ष 2012-13 में राज्य सरकार की वचनबद्ध देयता बन गया है। परिणामस्वरूप भारत सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में मात्र 204 करोड़ रूपए की केन्द्रीय सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। इस प्रकार योजना की 75 प्रतिशत धनराशि का व्यय भार राज्य सरकार को वहन करना पड़ेगा, जब कि यह शत-प्रतिशत केन्द्र पुरोनिधानित योजना है। श्री यादव ने उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में 09 नये राज्य विश्वविद्यालयों की स्थापना किये जाने की मांग करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सकल नामांकन अनुपात में बढ़ोत्तरी एवं शैक्षिक गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक मण्डल में एक राज्य विश्वविद्यालय स्थापित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि 09 विश्वविद्यालयों की स्थापना पर लगभग 3150 करोड़ रूपये का व्ययभार सम्भावित है। उन्होंने कहा कि इन विश्वविद्यालयों की स्थापना केन्द्र सरकार के वित्त पोषण से सम्भव हो सकती है। इसके अलावा उन्होंने विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के प्राध्यापकों को एरियर भुगतान हेतु 865 करोड़ रूपये की वांछित स्वीकृति देने का अनुरोध किया। उन्होंने सर्वशिक्षा अभियान के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 में केन्द्र द्वारा स्वीकृत वार्षिक कार्य योजना के सापेक्ष धनराशि अवमुक्त न किये जाने की ओर प्रधानमंत्री का ध्यानाकर्षण किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रांश अवमुक्त न होने के कारण 2937 नवीन विद्यालय भवनों का निर्माण प्रारम्भ नहीं कराया जा सका तथा शिक्षकों के वेतन की धनराशि की प्रतिपूर्ति नहीं हो सकी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपति से शिष्टाचार भेंट की

Posted on 15 April 2012 by admin

up-cmउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रपति
श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल से राष्ट्रपति भवन में शिष्टाचार भेंट की। इस
अवसर पर उन्होंने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में चलाये जा रहे विभिन्न विकास
कार्यक्रमों की राष्ट्रपति को जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री का
पदभार ग्रहण करने के बाद श्री यादव की राष्ट्रपति से यह पहली शिष्टाचार
मुलाकात है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री श्री
राकेश गर्ग, स्थानिक आयुक्त श्रीमती स्तुति कक्कड़ तथा विशेष सचिव मुख्यमंत्री
श्री जुहेर बिन सगीर उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह से भेंट की

Posted on 15 April 2012 by admin

cm-photo-14-april-2012-001उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह से नई दिल्ली में उनके सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार औपचारिक भंेट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न विकास योजनाओें के तहत विशेष आर्थिक सहयोग प्रदान करने तथा केन्द्र स्तर पर लम्बित विभिन्न परियोजनाओं को शीघ्र स्वीकृत किये जाने का अनुरोध किया। इसी के साथ उन्होंने सड़क, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, तथा समाज कल्याण सेक्टर की योजनाओं व प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के विकास के लिए योजनाओं में पर्याप्त धनराशि आवंटित करने की मांग भी की। उन्होंने वर्ष 2013 में इलाहाबाद में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के लिए केन्द्रांश में बढ़ोत्तरी का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के विकास की गाड़ी को पुनः पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री से राज्य सरकार की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी सरकार प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों के उत्थान तथा कृषि सेक्टर के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करने तथा किसानों व मजदूरों की खुशहाली के लिए उनकी सरकार कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने मांग के अनुरूप विद्युत उपलब्धता की चर्चा करते हुए कहा कि वर्तमान में पीक आवर में लगभग 2000 मेगावाट विद्युत की कमी है। उन्होंने कहा कि कोयले की कमी के कारण निजी क्षेत्र की परियोजनाओं में क्षमता के अनुरूप उत्पादन नहीं हो रहा है, जिसके परिणामस्वरूप कई अवसरों पर ग्रिड से अतिरिक्त बिजली लेनी पड़ती है। कोल इण्डिया लिमिटेड द्वारा परियोजनाओं को वांछित मात्रा में कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। उन्होंने रोजा तापीय परियोजना के लिये 2.10 लाख टन तथा अनपरा ‘‘सी’’ परियोजना के लिये 2.80 लाख टन अतिरिक्त कोयला आपूर्ति का अनुरोध करते हुए कहा कि यदि निजी निवेशकर्ताओं को समय से समुचित मात्रा में कोयला नहीं मिलेगा तो भविष्य में निजी निवेशकर्ताओं को राज्य में ऊर्जा उत्पादन के लिये आकृष्ट करने में कठिनाई होगी। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की विद्युत उत्पादन, वितरण तथा पारेषण की परियोजनाओं हेतु विश्व बैंक के क्लीन टेक्नालाॅजी फन्ड से पांच हजार करोड़ रूपये तक की धनराशि स्वीकृत कराने हेतु सम्बन्धित मंत्रालय को आवश्यक सहयोग प्रदान करने हेतु निर्देश देने का अनुरोध किया। उन्होंने दादरी तापीय परियोजना से प्रदेश को निर्धारित फार्मूले के अनुसार बिजली आवंटित करने का आग्रह करते हुए प्रधानमंत्री से इस प्रकरण में विद्युत मंत्रालय को आवश्यक निर्देश देने की मांग की। श्री यादव ने बी0एच0ई0एल0 द्वारा हरदुआगंज तथा पारीछा विस्तार एवं अनपरा डी तापीय परियोजनाओं की धीमी प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि बी0एच0ई0एल0 द्वारा लगातार कार्य पूर्ण करने की तिथि बढ़ाई जा रही है। इन परियोजनाओं के समय से पूरा न होने के कारण जहां प्रदेश को अपेक्षित बिजली नहीं मिल पा रही है वहीं ब्याज के रूप में बहुत बड़ी धनराशि का अनावश्यक भुगतान करना पड़ रहा है। उन्होंने इन परियोजनाओं को अतिशीघ्र पूरा करने के लिए प्रभावी कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया है। राज्य की विभिन्न सड़क परियोजनाओं के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हुए श्री यादव ने कहा कि केन्द्रीय मार्ग निधि के अन्तर्गत धन का आवंटन राज्य में ईधन की खपत तथा जनसंख्या के आधार पर किया जाना चाहिए। उन्होंने जिला मुख्यालयों को चार लेन की सड़कों से जोड़ने के लिए 11800 करोड़ रूपये की आवश्यकता बताते हुए प्रतिवर्ष 2500 करोड़ रूपये केन्द्रीय मार्ग निधि के तहत विशेष पैकेज के रूप स्वीकृत करने का अनुरोध किया है। इसी प्रकार इन्टर स्टेट कनेक्टिविटी योजनान्तर्गत उत्तराखण्ड तथा मध्य प्रदेश की सीमा पर उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली 500 किमी की सड़कों के उच्चीकरण हेतु एक हजार करोड़ रूपये का विशेष पैकेज स्वीकृत करने का आग्रह किया है। उन्होंने 25 रेल उपरिगामी सेतुओं के निर्माण की परियोजनाओं के लिए 550 करोड़ रूपए की अनुमानित लागत उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के क्रियान्वयन में अनुभव की जा रही व्यवहारिक कठिनाइयों पर ध्यान आकृष्ट करते हुए प्रदेश में भारी यातायात के चलते क्षतिग्रस्त 12000 किलोमीटर सड़कों के अपग्रेडेशन का कार्य स्वीकृत करने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा जून, 2011 में 9082 किलोमीटर लम्बी सड़कों के अपग्रेडेशन हेतु 4028.80 करोड़ रूपए लागत की परियोजना भारत सरकार को भेजी गयी थी, जिसे स्वीकृत न करते हुए प्रदेश सरकार को लौटा दिया गया था। उन्होंने राज्य सरकार के इन प्रस्तावों की स्वीकृति पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया।

श्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिंह से सहयोग देने का अनुरोध किया

क्रियान्वयन की स्वीकृति तथा धनराशि शीघ्र जारी करने पर जोर दिया

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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Sahara India Pariwar announces a cash award of Rs. 1.16 crore for players of Indian Hockey and support staff, for qualifying for London Olympics 2012

Posted on 28 February 2012 by admin

•    The taxes on the awards will be borne by the company

Sahara India Pariwar, a major business conglomerate and the prime promoter & patron of sports in India, today announced a cash incentive of Rs. 1.16 crore to be distributed amongst the players and support staff of Indian Hockey Team, for their brilliant performance in FIH Olympic qualifiers, thus cementing a berth in the London Olympics 2012.

For their outstanding display, Shri Sardar Singh and Shri Sandeep Singh have been awarded Rs. 11 lakhs each, while the rest of the team members along with the main coach will get Rs. 5 lakh each for their performance. The support staff will also get an incentive of Rs. 1 lakh each.  In addition to this, the taxes on the cash awards will be borne by the company itself, making the total expenditure incurred by Sahara, to be in tune of Rs. 1.29 crore. Recently, Sahara India Pariwar had renewed its support to Indian Hockey by announcing to sponsor the Men & Women National and Junior Hockey Teams for a period of 5 years at a 170% increase over the past contract period.

Saharasri Subrata Roy Sahara, Managing Worker & Chairman, Sahara India Pariwar, said, “We are very proud that India performed so well in this tournament. Hockey is our national game and we are proud of being associated with it. This reward is a small token of appreciation from us to encourage the sportsmen and the support staff to achieve greater success and bring laurels to our beloved nation through our national sport”.

Sahara India Pariwar has been the official sponsor of the Indian Men & Women’s National Teams (Senior and Junior) since 2003. Apart from being sponsor to the Indian Hockey Team, Sahara India Pariwar has played host to the Indian hockey team for their coaching camp for Champion’s Trophy – 2003 where boarding, lodging, practice camps and traveling of the entire team was taken care of.

Sahara India Pariwar had also joined hands with Federation Internationale De Hockey (FIH) in 2004, the World’s apex Body for Hockey, and became the 4th Global Partner of the Federation for a period of 3 years. Sahara India Pariwar also felicitated the entire Indian Hockey Team, including both the players and the officials, on winning the Asia Cup – 2003 for the first time. Each member had been awarded with a cash reward of Rs. 1, 51,000 in a glittering ceremony.

Sahara also rewarded all the players, coach and assistant coach of the Indian Hockey team with Rs. 2 lakhs each as a token of appreciation after India routed Pakistan in their World Cup match in 2010 and has provided for their insurance individually. In the genuine interest of Hockey Players, Sahara India Pariwar paid Rs. 1 crore to Hockey India, for distribution to the players so that they can practice and play peacefully and happily for the Country in 2010 when the players were seriously concerned at their emoluments at a Camp hosted in Pune prior to the World Cup.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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I have never stated that SP would form the next government in Uttar Pradesh - VARUN GANDHI

Posted on 28 February 2012 by admin

I would like to clarify that media reporting of certain statements attributed to me are both incorrect and mischevious. I have never stated that SP would form the next government in Uttar Pradesh. I merely predicted the complete meltdown of the BSP in this election and further theorized, that by implication, the seats of other parties may rise. I responded to a question asking what “reports” I was receiving from state functionaries,by saying that the only reports I was getting were those from the media via exit polls which seemed to suggest that the vote share and seats of the BJP would rise considerably and even the SP would do better than 2007. I am not a psephologist and am not interested in predicting election results . Furthermore, I never stated that the BJP had 55 CM aspirants merely stating that unlike the Congress which had a paucity of state leadership,the BJP had at least 55 people who’s
leadership was both accepted and respected in the state.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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