श्री शिवपाल सिंह यादव की पहल पर केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री ने प्रदेश की ए0आई0बी0पी0 परियोजनाओं तथा बाढ़ बचाव के लिए धनराशि अवमुक्त करने के दिए निर्देश

Posted on 19 April 2012 by admin

सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव और केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री पवन कुमार बंसल की भेंट के दौरान सिंचाई सुविधाओं तथा बाढ़ से निपटने के लिए लगभग 5000 करोड़ रु0 के निवेश का ऐतिहासिक सैद्वान्तिक निर्णय

सरयू नहर (3800 करोड़ रु0) एवं शारदा नहर प्रणाली को (340 करोड़ रु0) नेशनल प्रोजेक्ट घोषित करने तथा उत्तर प्रदेश की तीन परियोजनाओं-बदायूं सिंचाई परियोजना (332 करोड़ रु0), कनहर बांध परियोजना (652 करोड़ रु0) तथा गंडक नहर प्रणाली पुर्नरोद्धार परियोजना (217 करोड़ रु0) को ए0आई0बी0पी0 कार्यक्रम में शामिल करने पर सहमति बनी

shivpal-singh-yadav प्रदेश के लोक निर्माण एवं सिंचाई मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने आज नई दिल्ली में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री पवन कुमार बंसल से प्रदेश की सरयू नहर एवं शारदा सहायक प्रणाली को नेशनल प्रोजेक्ट घोषित किये जाने और इन परियोजनाओं के लिए प्रस्तावित 3200 करोड़ रुपये के केन्द्रांश को दिये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं से सरयू क्षेत्र के 09 जिलों में 14 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित होगी।
श्री यादव ने उत्तर प्रदेश की तीन परियोजनाओं, 332 करोड़ रुपये की बदायूं सिंचाई परियोजना, 652 करोड़ रुपये की कन्हर बांध परियोजना तथा 217 करोड़ रुपये गण्डक नहर प्रणाली पुनरोद्धार परियोजनाओं को ए0आई0बी0पी0 कार्यक्रमों में सम्मिलित करने का अनुरोध किया। उन्होंने इन परियोजनाओं को केन्द्र सरकार ने वर्ष 2010 में इन्वेस्टमेन्ट क्लीयरेंस दे दिया था। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के अलावा बुन्देलखण्ड क्षेत्र की 316 करोड़ रुपये की भोरट बांध परियोजना तथा 184 करोड़ रुपये की जमरार बांध परियोजना को भी ए0आई0बी0पी0 में शामिल करने की मांग की।
सिंचाई मंत्री ने पिछले लगभग पांच सालों का बकाया अवशेष केन्द्रीय अनुदान   126.35 करोड़ रुपये अवमुक्त करने का भी आग्रह किया। उन्होंने यह भी बताया कि ए0आई0बी0पी0 के अन्तर्गत संचालित 660.07 करोड़ रुपये की आठ परियोजनाओं के 237 करोड़ रुपये के लम्बित केन्द्रांश को जारी कराने का भी अनुरोध किया।
श्री यादव ने कहा कि ए0आई0बी0पी0 योजना के अन्तर्गत 1996-97 से वर्ष 2010-11 तक केन्द्रीय सरकार द्वारा समस्त राज्यों हेतु स्वीकृत लगभग रू0 51925.00 करोड़ रुपये के सापेक्ष उत्तर प्रदेश को मात्र 3316.30 करोड़ रुपये ही उपलब्ध कराये गये जो कुल राशि का मात्र 6.39 प्रतिशत है। इस योजना के अन्तर्गत समानुपातिक आधार पर उत्तर प्रदेश को कम से कम 7010 करोड़ रुपये की धनराशि मिलनी चाहिए।
इस अवसर पर श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में हर वर्ष बाढ़ की विभीषिका से लाखों हेक्टेयर क्षेत्रफल की खड़ी फसल का नुकसान हो जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय स्वरूप की कुछ बहुउद्देशीय परियोजनाओं के क्रियानवयन से उत्तर प्रदेश में काफी हद तक बाढ़ की समस्या पर अंकुश लग सकता है। उन्होने इसके लिए शारदा नदी, जो नेपाल में महाकाली नदी के नाम से जानी जाती है, पर प्रस्तावित पंचेश्वर बांध बहुउद्देशीय परियोजना, करनाली नदी एवं उसकी सहयोगी नदियां, जो उत्तर प्रदेश में घाघरा नदी के नाम से जानी जाती है, पर प्रस्तावित करनाली बांध बहुउद्देशीय परियोजनाओं तथा राप्ती नदी पर प्रस्तावित मैमूरे बांध परियोजना के निर्माण में केन्द्र से सहयोग करने की मांग की। सिंचाई मंत्री द्वारा इस सम्बन्ध में की गई पहल पर केन्द्रीय मंत्री ने श्री यादव को अवगत कराया कि केन्द्र सरकार के स्तर पर ए0आई0बी0पी0 तथा बाढ़ की बची हुई धनराशि अवमुक्त करने के निर्देश दे दिये गये हैं।
सिंचाई मंत्री ने 11वीं पंचवर्षीय योजना में बाढ़ प्रबन्धन हेतु केन्द्र पुरोनिधानित योजना के अन्तर्गत 26 परियोजनाओं के लिए स्वीकृत 194.78 करोड़ रुपये की बकाया धनराशि को भारत सरकार से जारी कराने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय की इम्पावर्ड कमेटी द्वारा स्वीकृत 112 करोड़ रुपये की परियोजनाओं में 75 प्रतिशत केन्द्रांश की धनराशि यदि तत्काल मुक्त करा दी जाए तो बाढ़ से निपटने का कार्य समय पर पूरा करा लिया जाएगा। उन्होंने 748 करोड़ रुपये की 25 परियोजनाएं के जी0एफ0एफ0सी0 पटना द्वारा टेक्नीकल अप्रैजल के सम्बन्ध में शीघ्र कार्रवाई का भी आग्रह किया।
इस अवसर पर श्री यादव ने कहा कि माइक्रो इरिगेशन सिस्टम सहित 132 करोड़ रुपये की लागत के 340 गहरे (डीप) राजकीय नलकूपोें (ट्यूबवेल्स) की तत्काल स्वीकृति आवश्यक है। इसके तहत असिंचित क्षेत्रों में सिंचाई के लिए बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जालौन, बांदा तथा हमीरपुर जिलों में 100-100 एवं झांसी में 40 नलकूप लगाये जाएंगे।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री पवन कुमार बंसल ने श्री यादव को आश्वस्त किया कि उत्तर प्रदेश की सभी परियोजनाओं पर सकारात्मक रुख अपनाया जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा हाल में उठाये गये मुद्दों की सराहना करते हुए कहा कि सरयू नहर एवं शारदा सहायक प्रणाली को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित करने की प्रक्रिया पर शीघ्र निर्णय लिया जायेगा। इसके अलावा बुन्देलखण्ड क्षेत्र की परियोजना को ए0आई0बी0पी0 में सम्मिलित करने के लिये सैद्धान्तिक सहमति भी बनी। बाढ़ की परियोजनाओं को वरीयता पर स्वीकृत करने का मत भी व्यक्त किया गया ।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव सिंचाई उ0प्र0 श्री दीपक सिंघल, मुख्य अभियंता सिंचाई श्री ए0के0 ओझा, मुख्य अभियंता अग्रिम नियोजन श्री आनंद मोहन प्रसाद, अधीक्षण अभियन्ता श्री एस0के0शर्मा, अधिशासी अभियंता ओखला श्री राजीव यादव के साथ केन्द्र सरकार के तरफ से कमिश्नर (पी0आर0) श्री प्रदीप कुमार, मुख्य अभियन्ता शारदा सहायक श्री एस0के0 मारकण्डेय, जल संसाधन मंत्री के निजी सचिव राहुल भण्डारी, संयुक्त कमिश्नर (गंगा) श्री ए0एस0पी0 सिन्हा मौजूद थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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