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एिशयन बैंकर ने एचडीएफसी बैंक को भारत में “बेस्ट रीटेल बैंक“ घोशित किया

Posted on 06 April 2010 by admin

एचडीएफसी बैंक, देश के अग्रणी बैंकों में से एक, ने इस वर्ष एशियन बैंकर का “बेस्ट रीटेल बैंक इन इण्डिया“ (भारत का सर्वश्रेष्ठ रीटेल बैंक) अवार्ड जीत लिया है। एचडीएफसी बैंक लगातार चौथे वर्ष इस अवार्ड को जीतने में सफल रहा है। एशियन बैंकर द्वारा यह अवार्ड कई मानदण्डों के मÌेनज़र प्रदान किया जाता है। पिछले वषोZं की तरह इस वर्ष भी इस अवार्ड को पाने के लिये एशिया पैसिफिक, गल्फ कोआपरेशन काउंसिल (जीसीसी) एवं सेंट्रल एशिया क्षेत्र की अनेक वित्तीय संस्थायें प्रतिस्पद्धाZ में शामिल थीं। “ऑटोमोबाइल लेण्डिंग“ (वाहनों की खरीददारी के लिये दिया जाना वाला ऋ़ण) क्षेत्र में भी बैंक को सर्वश्रेष्ठ की श्रेणी में रखा गया है।

विजेता का चयन जिन मानदण्डों के आधार पर किया जाता है उनमें से कुछ इस प्रकार हैं , रीटेल बैंकिंग इकाई का असाधारण वाषिZक प्रदर्शन, सभी आर्थिक परिदृष्य में लंबी अवधि तक फ्रेंचाइजी बना रहना, चुनिन्दा बाजार में पूर्णतया परिभाषित फ्रेंचाइज, व्यावसायिक क्रियाकलापों में पारदर्शिता एवं जिम्मेदारी के साथ निर्वाह, नीति परक बैंकिंग, उत्पाद के स्तर पर बिक्री एवं क्रियान्वयन में स्पष्टता, जोखिम प्रबंधन क्षमता का कड़ाई से पालन, उन्नत व्यावसायिक एवं परिचालन प्रक्रिया एवं तकनीकी, गहरी पैठ एवं सक्षम वितरण व्यवस्था, बैंक की रणनीति को समर्थन प्रदान करने के लिये मानव संसाधन के विकास पर ध्यान केिन्द्रत करना।

एशियन बैंकर एक्सीलेंस अवार्ड्स 2009 की घोषणा करते हुये, कंपनी को भेजे गये सन्देश में प्रकाशन ने कहा है कि, “एचडीएफसी बैंक रीटेल फाइनेंसियल सर्विसेज से सम्बंधित सभी कसौटियोंं पर खरा उतरा है और इसलिये इसे अवार्ड प्रदान करने की अनुशंसा की जाती है।“
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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मेरठ के वेंकटेश्वर इंजीनियरिंग कालेज में प्रबन्धन द्वारा हमला करने की निन्दा

Posted on 06 April 2010 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा मेरठ के वेंकटेश्वर इंजीनियरिंग कालेज में अनियमितताओं की शिकायतों पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर प्रबन्धन द्वारा हमला करने के काण्ड की जितनी निन्दा की जाए कम है। यह कालेज मेरठ बाई पास में कंकडखेड़ा में स्थित है।

 छात्रों की बात सुनने के बजाए उनके प्रदर्शन पर प्रबन्धन के दुव्र्यवहार का जब प्रेस के छायाकार चित्र खींच रहे थे तो उन पर भी हमला किया गया। इसमें अमर उजाला, दैनिक जागरण एवं हिन्दुस्तान के छायाकार घायल हो गये हैं। क्षोभ की बात तो यह है कि एस0पी0 और एडीएम सिटी ने पत्रकारों को संरक्षण देने के बजाए खुद भी उनके साथ दुव्र्यवहार किया। बताते हैं कि कालेज प्रबन्धन को एक बसपा मन्त्री का संरक्षण प्राप्त है। इस घटना की उच्चस्तरीय जॉच होनी चाहिए और निर्दोष छात्रों तथा प्रेस छायाकारों की पिटाई करने वाले पुलिस कर्मियों को तत्काल निलिम्बत कर उनके विरूद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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“यह तो नोटों की एक और माला की चाहत है´´

Posted on 04 April 2010 by admin

शिक्षा के मौलिक अधिकार की व्यवस्था लागू करने के मामले में केन्द्र सरकार के सामने पैसे की कमी का रोना रोकर उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री ने अपनी बेबसी का ही नहीं बल्कि नकारेपन का सबूत दिया है।

एक तरफ राजधानी में सख्त और तंगदिल पत्थरों के शहर में तब्दील करने पर 6हजार करोड़ रूपये से भी ज्यादा रकम खर्च किये जा चुके हैं और अभी भी जनता की जेब से भरे जाने वाले सरकारी खजाने का मुंह पत्थरों के शहर के विस्तार के लिए लगातार खुला हुआ है। वहीं एक मजबूत और सक्षम देश व प्रदेश के निर्माण के लिए जरूरी “शिक्षा के मौलिक अधिकार´´ को सार्थक बनाने के मामले में प्रदेश की मुख्यमन्त्री पैसे की कमी का रोना रो रही हैं।
उ0प्र0 सरकार की मुखिया का शिक्षा का मौलिक अधिकार बनाने के प्रति यह अफसोसजनक रवैया निश्चित तौर पर संविधान निर्माता डॉ0 बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की आत्मा को अत्यन्त कष्ट पहुंच रहा होगा, आखिर वह बाबा साहब ही थे जिन्होने देश के तमाम वंचितों, दलितों, निर्धनों केा सक्षम और समृद्ध बनाने के इरादे से संविधान की रचना करते वक्त “शिक्षा को मौलिक अधिकार के रूप में शामिल किया था´´। इसमें कोई शक नहीं कि शिक्षा के मौलिक अधिकार की श्रेणी में शामिल करने से समाज के उसी वर्ग को सबसे ज्यादा लाभ होगा जिस वर्ग का सबसे बड़ा हिमायती होने का दावा बहुजन समाज पार्टी करती है। इससे एक बात और स्पष्ट होती है कि मुख्यमन्त्री की न तो संवैधानिक मूल्यों में आस्था है और न ही बाबा साहब अम्बेडकर की उन नीतियों के प्रति विश्वास है जिन नीतियों के बलबूते बाबा साहब ने दलितों और वंचितों के उत्थान का सपना देखा था।

प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहंा जारी बयान में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने एक बार यह साबित कर दिया है कि वह संविधान निर्माताओं के संकल्प और दलितों, वंचितों के उत्थान के प्रति पूरी तरह संकल्पबद्ध है। कंाग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और प्रधानमन्त्री डा0 मनमोहन सिंह विपक्ष के द्वारा खड़ी की जा रही तमाम बाधाओं के बावजूद समाज के सबसे निचले तबके को ऊंचा उठाने के लिए जो प्रयास कर रहे हैं उनमेें मनरेगा, इिन्दरा आवास योजना, किसानों की कर्जमाफी और शिक्षा के मौलिक अधिकार के साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना तथा जवाहर लाल नेहरू अर्बन डेवलपमेंट योजना जैसी योजनाएं जगजाहिर हैं और यह भी जगजाहिर है कि केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा जैसी योजनाओं के लिए उपलब्ध करायी गई राशि को सुश्री मायावती के नेतृत्व में सूबे के अधिकारियों ने जिस तरह लूट-खसोट मचायी है वह किसी से छुपा नहीं है। मनरेगा के तहत गरीबों, दलितों और वंचितों को जो पैसा मिलना था प्रदेश की मुख्यमन्त्री उसी पैसे से बनी नोटों की माला पहन रही हैं। इस बात की क्या गारण्टी है कि सबको शिक्षा के लिए मुख्यमन्त्री केन्द्र सरकार से जिस राशि की मांग कर रही हैं वह रूपया आगामी रैली में नोटों की एक और माला के रूप में नज़र आये।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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किसानों, गरीबों और दलितों के लिए सहकारिता अत्यन्त जरूरी

Posted on 04 April 2010 by admin

उ0प्र0 कंाग्रेस सहकारिता प्रकेाष्ठ के सभी प्रदेश पदाधिकारियों की एक आवश्यक बैठक आज यहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में प्रकोष्ठ के चेयरमैन-पूर्व मन्त्री बच्चा पाठक की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।

बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रकोष्ठ के चेयरमैन-पूर्व मन्त्री बच्चा पाठक ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के जो लोग सहकारिता से जुड़े हैं उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी, जिसके माध्यम से अधिकाधिक लोगों को सहकारिता से जोड़ा जा सके। उन्होने कहाकि वर्तमान सरकार द्वारा सहकारिता का मखौल बनाकर उसमें अपने-अपने व्यक्तियों केा अपने तरीके से सहकारिता कानूनों के विरूद्ध लाभािन्वत करने की कोशिश की जा रही है। उन्होने कहाकि उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी सहकारिता प्रकोष्ठ कोआपरेटिव एक्ट की विसंगतियों को दूर करने के लिए एवं सहकारिता को मजबूत करने के लिए शीघ्र ही एक प्रतिनिधिमण्डल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल को ज्ञापन देगा।

उन्होने कहा कि सहकारिता के माध्यम से सरकार और जनता के बीच सामंजस्य स्थापित करके ही प्रदेश का विकास किया जा सकता है। किसानों, गरीबों और दलितों के लिए सहकारिता अत्यन्त जरूरी है। किन्तु प्रदेश की मुख्यमन्त्री को किसानों, गरीबों, वंचितों और दलितों से कोई लेना-देना नहीं रह गया है। सहकारी संस्थाओं को गैर कांग्रेसी सरकारों द्वारा कई बार हाईजैक करने की कोशिश की गई।आजादी की लड़ाई के दौरान देश को सहकारिता के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने हेतु राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पं. जवाहर लाल नेहरू ने सहकारिता आन्दोलन की शुरूआत की थी। गैर कंाग्रेसी सरकारों के बनने के बाद सहकारिता को गम्भीरता से नहीं लिया गया एवं सहकारिता आन्दोलन को कमजोर करने की साजिश की जाती रही है। लोकतन्त्र की मजबूती में अपनी अहम भूमिका का निर्वहन करने वाला सहकारिता आन्दोलन उत्तर प्रदेश सरकार के षडयन्त्र का शिकार हो गया है।

अन्त में श्री पाठक ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि पूरे प्रदेश में जनपद स्तर पर सहकारिता प्रकोष्ठ की इकाइयां गठित करने एवं मण्डल स्तर पर कोआर्डिनेटर नियुक्त कर सहकारिता प्रकोष्ठ को और अधिक सुदृढ़ किया जायेगा। बैठक में आम सहमति बनी कि सहकारिता का केन्द्रीय स्तर पर भी एक प्रकोष्ठ का गठन किया जाय ताकि प्रदेश के साथ ही साथ देश में भी सहकारिता का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा सके।

बैठक में मुख्य रूप से श्री दिग्विजय सिंह, श्री सुरेश चन्द्र वर्मा, श्री नरेन्द्र सिंह, श्री शिवभूषण मिश्र, श्री रणजीत ओझा, श्री इन्द्रजीत, श्री के.के.श्रीवास्तव, श्री शैलेन्द्र कुमार, श्री राम सागर उपाध्याय, श्री दयानन्द पाण्डेय, श्री इन्द्रजीत यादव, श्री एम.पी.त्रिपाठी, श्री अशोक श्रीवास्तव, श्री इन्द्रजीत सिंह आदि सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारी मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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वाराणसी एवं सन्त रविदास नगर में अवैध शराब से हुई मृत्यु की घटना

Posted on 04 April 2010 by admin

उत्त्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने जनपद वाराणसी एवं सन्त रविदास नगर में अवैध शराब से हुई मृत्यु की घटना को दुखद बताते हुए इसके लिए जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही, उन्होंने मृत व्यक्तियों के आश्रितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है।

मुख्यमन्त्री के सख्त निर्देश एवं कड़े रुख को देखते हुए प्रदेश के आबकारी आयुक्त श्री सुधीर एम0 बोबडे ने घटना के लिए प्रथमदृश्टया जिम्मेदार पाये गये कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलिम्बत कर दिया है तथा उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने मौके पर आबकारी मुख्यालय इलाहाबाद से संयुक्त आबकारी आयुक्त (ई0आई0बी0) के नेतृत्व में एक विशेश दल भी भेजा है साथ ही अपर आबकारी आयुक्त (प्रशासन) को भी मौके पर पहुंचने के निर्देश दिये हैं।

आबकारी आयुक्त ने बताया कि इस प्रकरण की प्रारिम्भक जांच में आबकारी निरीक्षक श्री संजय विद्यार्थी तथा श्री राजेश्वर मौर्य, प्रधान आबकारी सिपाही, श्री सिच्चदानन्द सिंह, आबकारी सिपाही श्री रामबली तथा श्री अजय कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलिम्बत करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

उल्लेखनीय है कि ग्राम िशवदासपुर, थाना कपसेटी, जिला वाराणसी से आपूर्ति की गई विशाक्त मदिरा के सेवन के कारण जनपद वाराणसी एवं सन्त रविदास नगर में कुछ लोगों की मृत्यु हो गई तथा कुछ लोग गम्भीर रूप से बीमार हो गये, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत

Posted on 04 April 2010 by admin

उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में अलग-अलग स्थानों पर जहरीली शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गई जबकि 15 अन्य लोग बीमार हो गये। जिलाधिकारी सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि जिले के चौरी थाना क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर लोगों ने शराब पी, जिसके बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी और उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां पांच लोगों की मौत हो गई जबकि 15 अन्य लोगों का इलाज चल रहा है।

सिंह ने बताया कि वाराणसी जिले से सटे कपसेटी थाना क्षेत्र के शिवदासपुर गांव में शनिवार को जहरीली शराब से तीन लोगों की मौत हुई है। शिवदासपुर गांव में शनिवार शाम शराब पीने के बाद कम से कम पांच लोगों की हालत बिगड़ने लगी तो उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां तीन लोगों ने दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि शराब पीने से बीमार पड़े 15 लोगो का भदोही जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है, जिसमें से कई की हालत चिन्ताजनक बताई गई है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रदेश की गरीब जनता की नही, अपनी प्रतिमाओं की सुरक्षा की चिन्ता सताती है

Posted on 04 April 2010 by admin

मुख्यमन्त्री मायावती ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लागू करने में राज्य सरकार की असमर्थता जताकर प्रदेश की जनता के साथ एक अपराधिक कृत्य किया है, जिसकी जितनी निन्दा की जाए कम है। इस अधिनियम के लागू करने पर राज्य को मात्र 45 प्रतिशत खर्च करना पड़ेगा, उससे भी वे हाथ खींच रही हैं। वे दरअसल यह नहीं चाहती हैं कि प्रदेश में शिक्षा का प्रसार हो, नई पीढ़ी सुशिक्षित हो, क्योंकि वे जैसा अपनी सभाओं में कहती हैं, उनके वोटर अखबार नहीं पढ़ते हैं। उनकी मंशा दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को निरक्षर बनाए रखने की है, क्योंकि पढ़ा लिखा दलित उनकी सामन्ती आदतों, लूट-वसूली के धंधें की कलाबाजी और दलित की बेटी बनकर दौलत की महारानी बन जाने की सच्चाई भी जान जाएगा।

हमारे बच्चे पढ़ लिखकर एक नई जिन्दगी जिएं यह वायदा तो संविधान में ही दर्ज है। दुर्भाग्य से देश पर 50 साल से ज्यादा ‘ाासन करने वाली कांग्रेस भी इस बुनियादी विशय की उपेक्षा करती रही है। उसने अंग्रेजों की तर्ज पर ऐसी शिक्षा व्यवस्था को बढ़ावा दिया जिससे आम आदमी और ‘ाासक वर्ग के बीच खाई बनी रहे ताकि देश का एक बड़ा वर्ग लुटता रहे और चन्द लोग लूटते रहें, सुश्री मायावती को यही आदशZ प्रिय है।

मुख्यमन्त्री को कोई भी जनहितकारी योजना आए उसमें वे पहले अपने हित की सेंध लगाने लगती हैं।  आदतन केन्द्र से ज्यादा से ज्यादा धन उगाही के लिए चिट्ठी-पत्री करने लगती हैं। उनका विकास ऐसे ही “डाक´´ के जरिए होता है। बुन्देलखण्ड का मसला हो या बाढ़-सूखा संकट का उन्हें बस केन्द्र से धन की ही दरकार रहती है। अब शिक्षा को सर्व सुलभ बनाने में भी उन्हें पूरा का पूरा बजट चाहिए। ज्यादा से ज्यादा धन में ही उनका मन मगन होेता है। करोड़ों की नोटों की माला से कम उन्हें स्वीकार्य नहीं। शिक्षा प्रसार जैसे पुण्य कार्य में भी संसाधनों का रोना रोने में उन्हें संकोच नहीं होता है।

जब श्री मुलायम सिंह यादव मुख्यमन्त्री थे, उन्होंने केन्द्रीय सहायता के भरोसे प्रदेश का विकास नहीं किया था। वे जाते हुए 24,000 करोड़ रूपए सरकारी खजाने में छोड़ गये थे, मायावती तो दिवाला निकालकर ही जाएगीं। सुश्री मायावती अखबारों में बड़े-बडे़ विज्ञापन छपवाकर विकास का झूठ भले प्रचारित कर लें पर हकीकत तो यही है कि वे प्रदेश को निरक्षर, कानून व्यवस्था में जर्जर, बिजली पानी से वंचित अंधकार में रखने का काम कर रही हैं। उन्हें प्रदेश की गरीब जनता की नही, अपनी प्रतिमाओं की सुरक्षा की चिन्ता सताती है। बिना कानून या अध्यादेश के राजभवन को ठेंगे पर रखकर वे विशेश स्मारक सुरक्षा बल भी बना लेती हैं। इसके लिए संविधान, लोकतन्त्र सबकी धज्जियॉ उड़ाने में उन्हें कतई संकोच नहीं होता है। केन्द्र सरकार को ऐसी असंवैधानिक एवं जनविरोधी और शिक्षा विरोधी प्रदेश सरकार के प्रति अपना रूख स्पश्ट करना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाज के प्रत्येक वर्ग के, खासतौर से दलित, पिछड़ों में निर्धन तथा अन्य वंचित वर्गों के बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए

Posted on 03 April 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने प्रधानमन्त्री डॉ0 मनमोहन सिंह को आज लिखे एक पत्र में कहा है कि भारतीय संविधान के निर्माता परम पूज्य बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर ने शिक्षा को अत्यधिक महत्व दिया था। उनका सपना था कि समाज के प्रत्येक वर्ग के, खासतौर से दलित, पिछड़ों में निर्धन तथा अन्य वंचित वर्गों के बच्चों को शिक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर का यह सपना बहुत पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था, क्योंकि इससे समाज में व्याप्त हर प्रकार की गैर-बराबरी को दूर करने में सहायता मिलती। उन्होंने कहा कि देश को आजाद हुए लगभग 63 वषोZं और संविधान को लागू हुए 60 वषोZं के बाद भी बाबा साहेब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर का सपना आज भी अधूरा है, जिसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव समाज के दलित और पिछड़े वर्ग के निर्धन एवं अल्पसंख्यक वर्गों के गरीबों पर पड़ा है।

सुश्री मायावती ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के परिप्रेक्ष्य में प्रेषित पत्र में यह भी कहा है कि भारतीय संविधान की व्यवस्था के अनुसार शिक्षा को समवर्ती सूची में शामिल किया गया है। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के सम्बन्ध में केन्द्र द्वारा राज्यों से औपचारिक विचार-विमर्श किये जाने के साथ ही, इसके क्रियान्वयन की समुचित वित्तीय व्यवस्था भी की जानी चाहिए थी, लेकिन केन्द्र ने ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की। उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है कि भारत सरकार इस अधिनियम के सम्बन्ध में मात्र नीतियां बनाकर निर्देश जारी करे और क्रियान्वयन की पूरी जिम्मेदारी राज्यों की हो।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि भारत सरकार ने शिक्षा के अधिकार का अधिनियम तो बना दिया है, परन्तु इस अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक आर्थिक व्यवस्था नहीं की गई है। अधिनियम को लागू करने में 45 प्रतिशत धनराशि की व्यवस्था राज्य सरकार को करनी होगी। अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार द्वारा लगभग 8000 करोड़ रूपयों की व्यवस्था कर पाना प्रदेश की वर्तमान आर्थिक स्थिति को देखते हुए सम्भव नहीं हो सकेगा। उन्होंने इन तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि यदि भारत सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम को गम्भीरतापूर्वक लागू करना चाहती है, तो उसे उत्तर प्रदेश सरकार को सम्पूर्ण धनराशि उपलब्ध करानी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर केन्द्र सरकार गम्भीरतापूर्वक विचार कर सकारात्मक निर्णय लेगी।

इसके अलावा, सुश्री मायावती ने केन्द्र सरकार द्वारा लागू किए गए शिक्षा का अधिकार अधिनियम के सम्बन्ध में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में इस अधिनियम को अमली जामा पहनाने के लिए एक वर्ष में लगभग 18,000 करोड़ रूपये की जरूरत पड़ेगी, जिसमें से राज्य को 45 प्रतिशत अर्थात 08 हजार करोड़ रूपये की धनराशि की व्यवस्था करनी होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विगत 05 नवम्बर, 2009 को पत्र भेजते हुए भारत सरकार से धनराशि की व्यवस्था करने का अनुरोध पहले ही किया जा चुका है।

मुख्यमन्त्री ने कहा कि केन्द्र सरकार इस अधिनियम को लेकर गम्भीर नहीं है। यही कारण है कि केन्द्र ने अधिनियम को लागू करने से पहले इसके व्यवहारिक पहलुओं पर गौर नहीं किया और अपने बजट में भी अधिनियम के सम्बन्ध में मामूली धनराशि की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम को जमीनी धरातल पर उतारने के लिए लगभग 4596 नये प्राथमिक विद्यालय, 2349 नये अपर प्राथमिक विद्यालय व अन्य अवस्थापना सुविधाओं का विकास करना होगा, जिसके लिए 3800 करोड़ रूपये का व्यय अनुमानित है। इसी प्रकार 06-14 आयु वर्ग के सभी बच्चों को शिक्षा की अनिवार्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तीन लाख पच्चीस हजार नये शिक्षकों को प्राथमिक विद्यालय स्तर पर तैनात करना होगा। जबकि, अपर प्राथमिक विद्यालयों के लिए 67,000 नये नियमित शिक्षक तथा 44,000 पार्ट टाइम शिक्षकों की जरूरत होगी। इसके अतिरिक्त वेतन एवं अन्य मदों को जोड़ते हुए लगभग 10,000 करोड़ रूपये प्रति वर्ष व्यय भार आयेगा। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों में 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के नामांकन के बदले निजी विद्यालयों को दी जाने वाली प्रतिपूर्ति पर लगभग 3,000 करोड़ रूपये का खर्च आयेगा। इस प्रकार प्रदेश में समस्त अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर अनुमानित तौर पर 18,000 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी।

सुश्री मायावती ने कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है, जिससे गरीबों, वंचितों एवं दलितों की तकदीर एवं तस्वीर बदली जा सकती है। उन्होंने कहा कि यदि भारत सरकार सही मायनों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम को जनता की भलाई के लिए लागू कराना चाहती है तो उसे इस अधिनियम के लागू करने के सम्बन्ध में राज्यों पर आने वाले पूरे वित्तीय भार को वहन करना चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लखनऊ मण्डल का कांग्रेस संगठनात्मक चुनाव का प्रशिक्षण शिविर आयोजित

Posted on 03 April 2010 by admin

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के हो रहे संगठनात्मक चुनाव के सम्बन्ध में आज लखनऊ मण्डल का कांग्रेस संगठनात्मक चुनाव का प्रशिक्षण शिविर राज स्टेट सेलिब्रेशन कानपुर-हरदोई, बाईपास, रिंग रोड, लखनऊ में आयोजित किया गया। उपरोक्त शिविर को प्रदेश कंाग्रेस के राष्ट्रीय सचिव-प्रभारी उ0प्र0 श्री परवेज हाशमी, प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डॉ. रीता बहुगुणा जोशी, कंाग्रेस विधानमण्डल दल के नेता श्री प्रमोद तिवारी, राष्ट्रीय सचिव श्री जयदेव जेना, संगठन चुनाव के पीआरओ श्री पवन सिह घटोवार सांसद, एपीआरओ श्री जे.डी.शीलम सांसद, श्रीमती निर्मला सामन्त, लखनऊ शहर अध्यक्ष, प्रशिक्षण शिविर प्रभारी एवं विधायक श्री श्यामकिशोर शुक्ल आदि वरिष्ठ नेताओं ने सम्बोधित किया। प्रशिक्षण शिविर के सह संयोजक एवं उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के सचिव श्री राजबाबू रस्तोगी ने किया।

राष्ट्रीय सचिव श्री परवेज हाशमी ने कहा कि कांग्रेस की प्रतिष्ठा 14अप्रैल को राहुल जी के नेतृत्व में शुरू होने वाली यात्रा है और उसे प्रदेश सरकार विफल करने में पूरे ताकत के साथ जुटी हुई है किन्तु ऐसी बसपा सरकार की जड़ों को हम राहुल जी की यात्रा के माध्यम से हिला देंगे।

प्रदेश कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि राहुल जी के मिशन 2012 को कामयाब बनाने के लिए हम सभी केा कांग्रेस संगठन का चुनाव पूरी तत्परता और निष्ठा से सम्पन्न कराना है। उन्होने कहा कि प्रत्येक सदस्यों केा परिचय पत्र मिले और सभी बूथ गठित हों, इसकी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आप सभी की है। उन्होने कहा कि संगठन चुनाव को पूरी तरह पारदशीZ तरीके से पूर्ण करना है।

कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता श्री प्रमोद तिवारी ने कहा कि कांग्रेस से बड़ी पार्टी कोई नहीं है। कंाग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता बूथ पर होगा और तिरंगा झण्डा को लेकर चुनाव जीतेंगे। कंाग्रेस संगठन में जो कमजोरी थी वह अब पूरी कर ली गई है। श्री राहुल गांधी का 2012 का मिशन अवश्य पूरा होगा। राहुल जी हर बूथ पर नहीं पहुंच सकते लेकिन जहां आवश्यकता होगी वहां जरूर पहुंचेंगे।

प्रदेश कांग्रेस संगठन चुनाव के पीआरओ श्री पवन घटोवार ने कहा कि हर बूथ पर सोनिया जी और राहुल जी का मिशन है कि एक-एक कार्यकर्ता बढ़चढ़कर भाग ले। जो नये सदस्य बनाये गये हैं सभी ब्लाक एवं वार्ड स्तर पर कार्य करेंगे और हर बूथ पर 25सदस्य होंगे, वह पूरी तरह गठित होगा। बूथ कमेटी का एक सभापति होगा।

राष्ट्रीय सचिव श्री जयदेव जेना, संगठन चुनाव के एपीआरओ श्री जे.डी.शीलम एवं श्रीमती निर्मला सामन्त ने प्रशिक्षण शिविर को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सभ्ीा कार्यकर्ताओं पर संगठन के चुनाव केा अच्छे ढंग से कराने की पूरी पूरी जिम्मेदाीर है आप ही लोग सभी बने हुए कांग्रेस सदस्यों को परिचय पत्र उपलब्ध कराकर वोट डलवाने में सहयोग करेंगे।

शहर अध्यक्ष एवं विधायक श्री श्यामकिशोर शुक्ल ने प्रशिक्षण शिविर में आये हुए सभी अतिथियों का फूल-मालाओं एवं तिरंगा अंग वस्त्रम भेंटकर स्वागत किया।

प्रशिक्षण शिविर में मुख्य रूप से पूर्व विधायक श्री सतीश अजमानी, प्रदेश कंाग्रेस के महामन्त्री श्री प्रदीप श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष श्री सिराज वली खां`शान´, लखीमपुर के जिलाध्यक्ष श्री इकबाल खां, हरदोई के जिलाध्यक्ष श्री अजय सिंह, सीतापुर की शहर अध्यक्ष श्रीमती पूनम मिश्रा, जिलाध्यक्ष श्री महेश मेहरोत्रा, रायबरेली के जिलाध्यक्ष श्री उमाशंकर मिश्र, उन्नाव के जिलाध्यक्ष श्री वीर प्रताप सिंह, लखनऊ के सीआरओ श्री अमीर हैदर एडवोकेट, डीआरओ श्री हाफिज मोहम्मद उमर, लखीमपुर के डीआरओ श्री इन्द्रजीत पूर्व मन्त्री, प्रदेश सचिव श्री रमेश मिश्रा, श्री राजेन्द्र बहादुर सिंह, पार्षद श्री रामस्वरूप वर्मा श्री शैलेन्द्र तिवारी बबलू, पूर्व पार्षद श्री के.के.शुक्ला, शहर प्रवक्ता श्री रामगोपाल सिंह, महिला जिलाध्यक्ष श्रीमती फिरदौस जहां, श्री संजीव पाठक, श्री राकेश कुमार जोशी, श्री नीरज अवस्थी डब्बू  सहित लगभग दो हजार कांग्रेस के कार्यकर्ता मौजूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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किसानों पर पुलिस द्वारा गोली चलाये जाने की उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी ने कड़ी निन्दा की

Posted on 03 April 2010 by admin

सन्त कबीरनगर के महोली थाना क्षेत्र के अन्तर्गत खेतों में खड़ी फसलों में लगी आग बुझाने की मांग कर रहे किसानों पर पुलिस द्वारा गोली चलाये जाने की उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी ने कड़ी निन्दा की है।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने आज यहां जारी बयान में कहा कि गांवों में लगी आग को बुझाने की कोई व्यवस्था न होने से खड़ी फसल जल रही थी जिससे किसान आक्रोशित थे। आग बुझाने का कोई साधन न होने के कारण अधिकारियों से सम्पर्क करने पर भी कुछ दमकलों की व्यवस्था नहीं हो सकी और न ही आग बुझाने की कोई वैकल्पिक व्यवस्था शासन द्वारा की गई। जिससे व्यथित होकर किसान महोली थाने पर प्रदर्शन करके अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे थे। परन्तु आग को शीघ्र बुझाने की व्यवस्था करने के बजाय किसानों पर पुलिस द्वारा गोलियां बरसा दी गई, जिसमें 7किसान घायल हो गये। इनमें से 3किसान जो कि अल्पसंख्यक एवं दलित वर्ग के हैं, उन्हें गोरखपुर मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर में इलाज के लिए भेजा गया है। जिनके पेट, पीठ और पैर में गोली लगी है। उन्होने कहा कि प्रशासन के रवैये ने एक बार फिर प्रदेश सरकार के गैर जिम्मेदाराना रवैए एवं संवेदनहीनता को ही रेखांकित किया है।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी मांग करती है कि इस गोलीकाण्ड के दोषियों को तत्काल निलंबित करके न्यायिक जांच कराई जाए, घायलों का मुत इलाज किया जाए। जली हुई फसलों का समुचित मुआवजा किसानों को दिये जाने साथ ही घायलों को तुरन्त एक लाख रूपए का मुआवजा दिया जाय।

उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने इस घटना की जांच एवं घायल व्यक्तियों के परिवारों को ढांढस बंधाने के लिए श्री जगदिम्बका पाल, सांसद के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय टीम का जांच दल का गठन किया है जो सन्त कबीरनगर जाकर घटनास्थल का दौरा करेगी और विस्तृत रिपोर्ट प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष को सौंपेगी। इस जांच दल के अन्य सदस्यों में श्री हर्ष वर्धन सांसद, श्री माधो पासवान विधायक, श्री मुईद अहमद पूर्व मन्त्री और श्री नील मणि शामिल हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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