Posted on 25 November 2018 by admin
Posted on 23 November 2018 by admin
राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को
गुरू नानक देव जी की जयन्ती की बधाई और शुभकामनाएं दीं
गुरू नानक देव जी ने सबके साथ बिना
किसी भेदभाव के आचरण का संदेश दिया: राज्यपाल
मुख्यमंत्री ने गुरू नानक देव जी और सिख परम्परा के
इतिहास को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार जताया
गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को
विशिष्ट आयोजन के रूप में मनाया जाना चाहिए: मुख्यमंत्री
प्रदेश सरकार विशिष्ट आयोजन को पूरा सहयोग प्रदान करेगी
सिख समुदाय अपनी प्रतिभा और पुरुषार्थ तथा गुरू नानक देव जी
के आशीर्वाद से सिख गुरूओं की परम्परा को आगे बढ़ा रहा है
लखनऊ: 23 नवम्बर, 2018
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां डी0ए0वी0 इण्टर काॅलेज में गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर आयोजित प्रकाशोत्सव में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को गुरू नानक देव जी की जयन्ती की बधाई और शुभकामनाएं दीं।
इस मौके पर अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्यपाल जी ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने सबके साथ बिना किसी भेदभाव के आचरण का संदेश दिया है। उनके संदेश का भाव सिख समुदाय द्वारा लंगर के आयोजन में स्पष्ट रूप से दिखायी देता है। उन्होंने कहा कि देश पर होने वाले किसी भी हमले का सबसे पहले सामना करने वाला राज्य पंजाब रहा है। इन हमलों का सबसे पहले सामना करके सिख समाज ने देश को बचाने का काम किया है।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केन्द्रीय मंत्रिमण्डल द्वारा गुरू नानक देव जी से जुड़े ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने के निर्णय की सराहना की। उन्होंने गुरू नानक देव जी और सिख परम्परा के इतिहास को सम्मान देने के लिए प्रधानमंत्री जी के प्रति आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को विशिष्ट आयोजन के रूप में मनाया जाना चाहिए। पंजाबी एकेडमी और गुरूद्वारा प्रबन्ध कमेटी द्वारा इस सम्बन्ध में कार्ययोजना बनायी जानी चाहिए। प्रदेश सरकार विशिष्ट आयोजन को पूरा सहयोग प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने धरती पर अवतार लेकर मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। लोक कल्याण के लिए उनके द्वारा अनेक यात्राएं की गईं। अपनी यात्राओं के माध्यम से उन्होंने एशिया, यूरोप के बड़े भू-भाग को कृतार्थ किया। गुरू नानक देव जी ने जन सामान्य को अच्छाई, सत्संग, कीर्तन तथा भेदभाव रहित जीवन के लिए प्रेरित किया। गुरू नानक देव जी एक निर्भीक महात्मा थे। उन्होंने देशी राजाओं को उनकी निष्क्रियता के लिए धिक्कारा तो विदेशी आक्रान्ता बाबर को जाबर कहने का साहस भी दिखाया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गुरूनानक देव जी भक्ति की पराकाष्ठा थे। उनकी वाणियों की सच्चाई और लोक कल्याण का भाव आज भी हम सभी का मार्गदर्शन कर रहे हैं तथा सिख परम्परा उससे जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि सिख परम्परा का इतिहास अत्यन्त गौरवशाली है। इस परम्परा के त्याग और बलिदान की गाथा को विस्मृत नहीं किया जा सकता। खालसा पंथ का शुभारम्भ भेदभाव समाप्त करने के लिए हुआ था। गुरू परम्परा के संस्कारों का ही परिणाम है कि आज भी सिख समाज द्वारा संचालित लंगर में सभी जाति, मत, मजहब के लोगों का स्वागत होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आजादी की लड़ाई में भी सिखों का सराहनीय योगदान रहा है। आजाद भारत के विकास में भी इनका उल्लेखनीय योगदान है। पंजाब प्रान्त में कृषि का विकास इसका उदाहरण है। सिख समुदाय अपनी प्रतिभा और पुरुषार्थ तथा गुरू नानक देव जी के आशीर्वाद से सिख गुरूओं की परम्परा को आगे बढ़ा रहा है।
इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य श्री परमिन्दर सिंह, लखनऊ गुरूद्वारा प्रबन्ध कमेटी के प्रधान श्री राजेन्द्र सिंह बग्गा एवं अन्य सदस्य तथा जन समुदाय उपस्थित था।
Posted on 30 October 2018 by admin
राज्य सरकार के सतत प्रयासों से प्रदेश के
औद्योगिक विकास का सपना तेजी से साकार हो रहा है: मुख्यमंत्री
माह दिसम्बर, 2018 में 01 लाख करोड़ रु0 के
अन्य निवेश प्रस्तावों को मूर्त रूप दिया जाएगा
आकांक्षात्मक जनपदों में शामिल फतेहपुर जनपद में 250 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल
में निजी क्षेत्र में रेल पार्क की स्थापना सराहनीय और सम्भावनाओं से युक्त
प्रदेश के 08 जनपद आकांक्षात्मक जनपदों के सर्वांगीण
विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा रोडमैप तैयार किया गया है
रेल पार्क की स्थापना से फतेहपुर जनपद विकास की मुख्य धारा में शामिल होगा
राज्य में एम0एस0एम0ई0 सेक्टर की सम्भावनाओं को देखते हुए वर्तमान राज्य सरकार इस क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों को बेहतर अवसर उपलब्ध करा रही है
मुख्यमंत्री ने रेल पार्क के ‘लोगो’ का लोकार्पण तथा
रेल पार्क के थ्री डी माॅडल का अनावरण किया
रेल पार्क की स्थापना से जनपद फतेहपुर को
पहचान मिलेगी: केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री
जनपद फतेहपुर के रेल पार्क की भांति अन्य क्षेत्रों में भी
औद्योगिक पार्क विकसित किये जाएंगे: औद्योगिक विकास मंत्री
राज्य में अन्य स्थानों पर भी ऐसे पार्क स्थापित किये जाएंगे: मुख्य सचिव
जनपद फतेहपुर में स्थापित किया जा रहा रेल पार्क, प्राइवेट इण्डस्ट्रियल पार्क के रूप में प्रदेश का पहला पार्क: प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास
लखनऊ: 30 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार के सतत प्रयासों से प्रदेश के औद्योगिक विकास का सपना तेजी से साकार हो रहा है। 21 व 22 फरवरी, 2018 को लखनऊ में सम्पन्न यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट में 4 लाख 68 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। राज्य सरकार द्वारा इनमें से 60 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों को 29 जुलाई, 2018 को व्यावहारिक धरातल पर उतारा गया था। इसी प्रकार आगामी माह दिसम्बर, 2018 में और 01 लाख करोड़ रुपये के अन्य निवेश प्रस्तावों को भी मूर्त रूप दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी आज यहां इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित रेल पार्क इन्वेस्टर्स मीट के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने रेल पार्क के ‘लोगो’ का लोकार्पण तथा रेल पार्क के थ्री डी माॅडल का अनावरण भी किया। कार्यक्रम के दौरान रेल पार्क की परिकल्पना और भविष्य की सम्भावनाओं के सम्बन्ध में एक फिल्म का प्रदर्शन भी किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्य जनपदांे के मुकाबले मानव विकास सूचकांक में पीछे होने के कारण फतेहपुर जनपद को नीति आयोग द्वारा पूरे देश के चयनित 115 आकांक्षात्मक जनपदों मंे शामिल किया गया है। ऐसे जनपद में लगभग 250 एकड़ क्षेत्रफल में निजी क्षेत्र में रेल पार्क की स्थापना सराहनीय और सम्भावनाओं से भरी है। इस मीट में रेल पार्क में निवेश हेतु अब तक 2300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के 08 जनपद आकांक्षात्मक जनपदों की सूची में शामिल हैं। इन जनपदों के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा रोडमैप तैयार किया गया है। इन आठ जनपदों में से चार जनपदों में राजकीय मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की जा रही है। फतेहपुर जनपद में भी राजकीय मेडिकल काॅलेज का निर्माण कराया जा रहा है। मेडिकल काॅलेज आस-पास के क्षेत्र के विकास का महत्वपूर्ण कारक होता है। रेल पार्क की स्थापना भी इसी प्रकार की विकास गतिविधियों को बढ़ाने वाला कार्य है। उन्होंने भरोसा जताया कि इन संस्थाओं के निर्माण से फतेहपुर जनपद विकास की मुख्य धारा में शामिल हो जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश असीम सम्भावनाओं वाला राज्य है। प्रकृति और परमात्मा की इस पर अपार कृपा है। प्रदेश की 22 करोड़ की आबादी के योगदान से उत्तर प्रदेश विकास के मामले में चैथे स्थान से पहले स्थान पर आ सकता है। इसके लिए राज्य के युवाओं की क्षमता और ऊर्जा का पूरी तरह से उपयोग आवश्यक है। इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास नीति को रोजगार के साथ जोड़ा है। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों का भ्रमण करके वहां की क्षमताओं और आवश्यकताओं को देखा गया है। इसके पश्चात जनपदों के औद्योगिक विकास हेतु एम0एस0एम0ई0 सेक्टर को बढ़ावा देने वाली ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना लागू की गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। राज्य में इस सेक्टर की सम्भावनाओं को देखते हुए वर्तमान राज्य सरकार इस क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों को बेहतर अवसर उपलब्ध करा रही है। इस सम्बन्ध में आज की कैबिनेट की बैठक में ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के अन्तर्गत उद्यमियों को गुणवत्तापूर्ण उत्पादन तथा उत्पाद की ब्राण्डिंग और मार्केटिंग के लिए प्रस्ताव पारित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में कनेक्टिविटी की स्थिति अच्छी है। राज्य के औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने के लिए इसका और विस्तार किया जा रहा है। ईस्टर्न और वेस्टर्न फ्रेट काॅरिडोर प्रदेश में बड़े भू-भाग से गुजरेगा। पूर्वान्चल एवं बुन्देलखण्ड एक्सपे्रस-वे के निर्माण से कनेक्टिविटी की स्थिति और बेहतर हो जाएगी, जिससे आजादी के बाद से ही प्रदेश के पिछड़े रह गये क्षेत्र भी विकास की मुख्यधारा में शामिल हो जाएंगे। एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भी लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। पूर्व में, प्रदेश के केवल तीन हवाई अड्डे क्रियाशील थे। वर्तमान में प्रयागराज, आगरा और कानपुर भी कार्यशील हो गये हैं। उड़ान योजना के तहत 11 नये एयरपोर्ट का निर्माण कराया जा रहा है। अगले वर्ष तक कुशीनगर हवाई अड्डे को अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए कार्यशील कर दिया जाएगा। जेवर मंे नये अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की औद्योगिक विकास की सम्भावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए फोकस सेक्टर चिन्हित करके नीतियां बनायी गयी हैं। नीतियों के अनुरूप योजना बनाने से निवेशकों को निवेश में सरलता और लाभ होता है। निवेशकों की मदद के लिए सिंगल विण्डो पोर्टल संचालित है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय रेल मंत्री ने प्रदेश में रेल पार्क, माॅडर्न कोच फैक्ट्री का उत्पादन बढ़ाने, गोरखपुर में शेड निर्माण तथा झांसी में रेल कारखाने के निर्माण की बात कही थी। इससे रेल के क्षेत्र में राज्य में बड़ा निवेश आ रहा है। रेल यातायात सबसे किफायती, सुरक्षित तथा पर्यावरण हितैषी है। इस क्षेत्र में निवेश से पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि रेल पार्क की स्थापना से जनपद फतेहपुर को पहचान मिलेगी। इसके लिए मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश का चहुंमुखी विकास हो रहा है।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब औद्योगिक विकास के एक नये युग की शुरुआत हो गयी है। जनपद फतेहपुर के रेल पार्क की भांति अन्य क्षेत्रों में भी औद्योगिक पार्क विकसित किये जाएंगे। उन्होंने भरोसा जताया कि प्रदेश में निवेश करने वालों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं आने दी जाएगी।
मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिकीकरण एक नये चरण में पहुंच गया है। यह पार्क प्रदेश के उज्ज्वल औद्योगिक भविष्य का शुभ संकेत है। राज्य में अन्य स्थानों पर भी ऐसे पार्क स्थापित किये जाएंगे।
अपने स्वागत सम्बोधन में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास श्री राजेश कुमार सिंह ने बताया कि जनपद फतेहपुर में स्थापित किया जा रहा रेल पार्क, प्राइवेट इण्डस्ट्रियल पार्क के रूप में प्रदेश का पहला पार्क है। इस पार्क के अन्तर्गत स्थापित उद्यमों में लालगंज माॅडर्न रेल कोच फैक्ट्री के लिए पाटर््स बनाये जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्राइवेट इण्डस्ट्रियल पार्क नीति लायी गयी है। जनपद फतेहपुर में विकसित हो रहा रेल पार्क इस नीति के तहत विकसित किया जा रहा पहला पार्क है। इस पार्क की स्थापना से जनपद फतेहपुर के आस-पास के क्षेत्रों में इन्क्रीमेण्टल निवेश भी आएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ए0बी0ए0 इन्फ्राटेक प्रा0लि0 के चेयरमैन श्री अली खान ने कहा कि जनपद फतेहपुर में रेल पार्क की स्थापना भारतीय रेल, ए0बी0ए0 इन्फ्राटेक तथा उत्तर प्रदेश सरकार के त्रिपक्षीय करार के माध्यम से हो रही है। इसमें लगभग 2500 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। कार्यक्रम को रेलवे बोर्ड के सदस्य श्री राजेश अग्रवाल तथा लालगंज माॅडर्न कोच फैक्ट्री के जनरल मैनेजर श्री सुनीत शर्मा ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, औद्योगिक विकास राज्य मंत्री श्री सुरेश राणा, कारागार राज्य मंत्री श्री जय कुमार सिंह जैकी, कृषि राज्य मंत्री श्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह) सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारीगण, विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि, तथा बड़ी संख्या उद्यमी और निवेशक उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश की निजी औद्योगिक पार्क नीति के अन्तर्गत ए0बी0ए0 इन्फ्राटेक प्रा0लि0 द्वारा फतेहपुर में विकसित किए जाने वाले निजी रेल एन्सिलरी पार्क के विषय में निवेशकों के मध्य जागरूकता पैदा करने एवं पार्क में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से आज यहाँ इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में रेल पार्क इन्वेस्टर्स मीट आयोजित की गयी थी।
यह रेल एन्सीलरी पार्क 254 एकड़ क्षेत्रफल में माॅडर्न रेल कोच फैक्टरी, रायबरेली के निकट ही विकसित किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें से 216 एकड़ में रेल पार्क तथा 38 एकड़ में मूलभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी। फतेहपुर नगर से 16 किमी0 की दूरी पर प्रस्तावित रेल पार्क को विकसित किए जाने वाले स्थान का विशेष लाभ मिलेगा। यह माॅडर्न रेल कोच फैक्टरी, रायबरेली से मात्र 24 किमी की दूरी पर होगा जबकि लखनऊ हवाई-अड्डे से 100 किमी से भी कम दूरी पर स्थापित किया जाएगा। इस पार्क में समस्त बुनियादी ढांचे के साथ ही समुचित विद्युत व जल आपूर्ति, पार्किंग व 24 फीट चैड़ी सड़क सहित स्वास्थ्य केन्द्र आदि सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इस रेल पार्क में स्थापित इकाइयों में निर्मित उत्पाद रायबरेली में रेल कोच फैक्ट्री की क्षमता विस्तार की आवश्यकताओं की पूर्ति करेंगे। इस पार्क में अब तक लगभग 2300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
Posted on 30 October 2018 by admin
शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं,
बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद आवश्यक
खेलकूद हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
विद्या भारती ने देश में संस्कार व परम्पराओं के साथ शिक्षा का
ऐसा माहौल तैयार किया है, जो देश के विकास के लिए आवश्यक
विद्या भारती द्वारा तैयार की गई खेल
प्रतिभाओं ने देश व विदेश में भारत का नाम रोशन किया
मुख्यमंत्री ने 31वें राष्ट्रीय खेलकूद समारोह-2018 को सम्बोधित किया
लखनऊ: 30 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की आधारशिला शिक्षा होती है। जैसी शिक्षा होती है, वैसे ही संस्कार होते हैं और जैसे संस्कार होते हैं, वैसे ही राष्ट्र के नागरिक होते हैं। हर काल खण्ड में शिक्षा व संस्कारों का विशेष महत्व रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है, इसमें खेलकूद, व्यायाम आदि भी शामिल हैं। बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक विकास और संस्कार के बिना किसी भी बालक-बालिका का चतुर्दिक विकास सम्भव नहीं है। हमंे इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली का विकास करना है, जिसके द्वारा ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण हो सके, जो राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत हो, शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हो और जीवन की चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सके।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित 31वें राष्ट्रीय खेलकूद समारोह-2018 को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विद्या भारती ने देश में संस्कार व परम्पराओं के साथ शिक्षा का ऐसा माहौल तैयार किया है, जो देश के विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खेलकूद हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विद्या भारती द्वारा तैयार की गई खेल प्रतिभाओं ने देश व विदेश में भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने खिलाड़ियों से आहवान किया कि खेल को खेल भावना से ही खेलना चाहिए। हार-जीत एक अलग विषय है। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी को गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया।
इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री चेतन चैहान, विद्या भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डाॅ0 ललित बिहारी गोस्वामी व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
Posted on 29 October 2018 by admin
सांस्कृतिक जड़ें हमारे देश की आत्मा
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य
अतंर्राज्यीय बस सेवाओं को सुगम एवं सुदृढ़ बनाने हेतु
पारस्परिक समझौते पर हस्ताक्षर कार्यक्रम को सम्बोधित किया
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 51 प्रयागराज कुम्भ
शटल बसों व 03 सी0एन0जी0 बसों को झण्डी दिखाकर रवाना किया
मुख्यमंत्री ने नवीनीकृत जनता दर्शन हाल एवं
नवनिर्मित काॅन्फ्रेंस रूम का बटन दबाकर लोकार्पण किया
सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ : 29 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि वर्तमान प्रदेश सरकार लोगांे को बेहतर परिवहन सुविधा देने के लिए कृतसंकल्पित है। यात्राएं आदिकाल से विकास का प्रमुख कारक रही हैं। सांस्कृतिक जड़ें हमारे देश की आत्मा हैं। इसके दृष्टिगत देश, प्रदेश और समाज की प्रगति और विकास के लिए बेहतर परिवहन सेवाएं बहुत आवश्यक हैं। बेहतर परिवहन साधनों की वजह से आवागमन सरल और सहज होता है। परिवहन के साधनों से आर्थिक गतिविधियां तो सुगम होती ही हैं, साथ ही, सांस्कृतिक एकीकरण को भी बढ़ावा मिलता है।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां अपने सरकारी आवास पर उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्य के मध्य अतंर्राज्यीय बस सेवाओं को सुगम एवं सुदृढ़ बनाने उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड राज्यों के मध्य पारस्परिक समझौते पर हस्ताक्षर कार्यक्रम के अवसर पर व्यक्त किये। इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 51 प्रयागराज कुम्भ शटल बसों व 03 सी0एन0जी0 बसों को झण्डी दिखाकर रवाना भी किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत एक सम्प्रभु राज्य है, दो राज्यों के मध्य यह करार इस बात को सिद्ध भी करता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश साझी विरासत और परम्परा से जुड़े हैं। इन दोनांे राज्यों के मध्य धार्मिक एवं सामाजिक सम्बन्धों में काफी प्रगाढ़ता रही है। इसके साथ ही, दोनों राज्यों की शैक्षिक संस्थाओं एवं सांस्कृतिक धरोहरों में दोनों राज्यों के लोगों की पारस्परिक अभिरुचि भी असीम है। उन्होंने ने कहा कि यह परिवहन समझौता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करने वाला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अतर्राष्ट्रीय परिवहन का बढ़ावा देने का काम भी कर रही है। इसके दृष्टिगत नेपाल तक भी बस सेवा संचालित है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परिवहन विभाग को पी0पी0पी0 माॅडल पर काम करने की आवश्यकता है। इससे जहां आमजन को बेहतर परिवहन सेवायें मिल सकेंगी वहीं परिवहन विभाग का भी लाभांश बढ़ेगा। उन्हांेने कहा कि परिवहन विभाग को पुलिस व लोक निर्माण विभाग के साथ समन्वय कर यातायात से जुड़े जागरुकता के कार्यक्रम चलाने चाहियें। इससे सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संवाद लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। संवाद समाधान का सबसे अच्छा रास्ता है। उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के मध्य कई विवाद थे, उन सभी विवादों का निस्तारण विराट सोच का परिणाम है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने नवीनीकृत जनता दर्शन हाल एवं नव निर्मित काॅन्फ्रेंस रूम का बटन दबाकर लोकार्पण किया।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के सकरात्मक रुख के कारण यह समझौता सम्भव हो सका। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का उत्तर प्रदेश से धार्मिक, आर्थिक, सामाजिक व भावनात्मक नाता है।
उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि वर्तमान सरकार परिवहन सुविधाओं की बेहतरी के लिए लगातार काम कर रही है। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की संकल्पना को साकार करने के लिए संकल्पित है।
इससे पूर्व, उत्तराखण्ड सरकार के सचिव परिवहन श्री शैलेश बगौली और उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव परिवहन सुश्री आराधना शुक्ला ने मुख्यमंत्री के समक्ष अभिलेखों का आदान-प्रदान किया।
इस मौके पर प्रदेश सरकार के मंत्री श्री आशुतोष टंडन, श्री एस0पी0 सिंह बघेल, डाॅ0 महेन्द्र ंिसंह, श्री मोहसिन रजा, श्री नन्दगोपाल गुप्ता नंदी, श्री मन्नू लाल कोरी तथा उत्तराखण्ड के परिवहन मंत्री श्री यशपाल आर्य, उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के अध्यक्ष श्री संजीव सरन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, सहित शासन-प्रशासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
ज्ञातव्य है कि इस समझौते से दिल्ली-ऋषिकेष, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-कोटद्वार, दिल्ली-हल्द्वानी, दिल्ली-हरिद्वार, मथुरा-हरिद्वार, आगरा-सहारनपुर-देहरादून, आगरा-मेरठ-ऋषिकेश, मुरादाबाद-हल्द्वानी, मुरादाबाद-हरिद्वार-सहारनपुर,अलीगढ़-हल्द्वानी, बरेली-हरिद्वार, लखनऊ-देहरादून, कानपुर-ऋषिकेश, बहराईच- रूपैडिहा-हरिद्वार, वाराणसी-लखनऊ-बरेली-हरिद्वार, मथुरा-जयपुर -मथुरा-हरिद्वार, दिल्ली- मुरादाबाद-बनबसा-महेन्द्रनगर(नेपाल), आदि स्थान सीधे बस सेवाओं से जुड़ जाएंगे। इस समझौते के तहत 216 मार्गों पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड राज्य में प्रतिदिन कुल 13,9071 किमी0 तथा उत्तराखण्ड राज्य परिवहन निगम द्वारा उत्तर प्रदेश के 335 मार्गों पर प्रतिदिन कुल 252592 किमी0 का संचालन किया जाएगा।
Posted on 28 October 2018 by admin
‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के
क्रियान्वयन में बजट की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी
देश के अन्य राज्य भी ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ को
मान्यता दे रहे हैं और अपने यहां ऐसी योजना शुरू कर रहे हैं
मुख्यमंत्री जी ने 10 हस्त शिल्पियों को ‘टूल किट’ तथा
10 उद्यमियों को ऋण धनराशि का प्रतीकात्मक चेक वितरित किया
11 हजार 755 हस्त शिल्पियों को बैंकों के माध्यम से
01 हजार करोड़ रुपए से अधिक की ऋण राशि उपलब्ध करायी
‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से
01 लाख 65 हजार से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा गया
मुख्यमंत्री ने अमेजन के माध्यम से अच्छा कार्य करने वाले ‘एक
जनपद-एक उत्पाद’ योजना के उद्यमियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया
मुख्यमंत्री ने ‘चिकनकारी व जरी-जरदोजी’
पर केन्द्रित एक कैटलाॅग का विमोचन किया
‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से 02 वर्षों में एमएसएमई क्षेत्र
में बड़ा बदलाव आएगा: लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री
मुख्यमंत्री ने ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के तहत
‘चिकनकारी व जरी-जरदोजी’ पर आयोजित समिट को सम्बोधित किया
सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊ : 28 अक्टूबर, 2018
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ओ0डी0ओ0पी0) योजना के द्वारा राज्य सरकार ने प्रदेश के परम्परागत उत्पाद एवं उद्यमिता को आगे बढ़ाने के अपने वायदे को पूरा किया है। इस योजना की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें कम पूंजी निवेश से बेहतर रोजगार की भरपूर सम्भावना है। प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना को हर सम्भव सहयोग प्रदान करेगी। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के लिए बजट व्यवस्था की गई है। इस योजना के क्रियान्वयन में बजट की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्य भी इस योजना को मान्यता दे रहे हैं और अपने यहां ऐसी योजना शुरू कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां अवध शिल्प ग्राम में ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के तहत ‘चिकनकारी व जरी-जरदोजी’ पर आयोजित समिट में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर 100 से अधिक हस्तशिल्पियों और उद्यमियों को ‘टूल किट’ वितरित की गई। मुख्यमंत्री जी ने 10 हस्त शिल्पियों को ‘टूल किट’ तथा 10 उद्यमियों को ऋण धनराशि के प्रतीकात्मक चेक वितरित किए। साथ ही, अमेजन पर अच्छा कार्य करने वाले उद्यमियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने ‘चिकनकारी व जरी-जरदोजी’ के ऊपर एक कैटलाॅग का विमोचन भी किया। इस अवसर पर ओ0डी0ओ0पी0 योजना के सम्बन्ध में जानकारी देने वाली एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जनपद का कोई न कोई विशिष्ट उत्पाद है। यह पारम्परिक उत्पाद उस जिले की पहचान भी है और स्थानीय जनता के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी। इन उत्पादांे को बढ़ावा देकर प्रत्येक जनपद के आर्थिक विकास को गति दी जा सकती है और नौजवानों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के बड़े अवसर भी। इसे ध्यान में रखकर ही प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के संचालन का निर्णय लिया था तथा प्रथम उत्तर प्रदेश दिवस समारोह के अवसर पर 24 जनवरी, 2018 को इसका शुभारम्भ किया गया। इस योजना की पहली समिट का उद्घाटन राष्ट्रपति महोदय द्वारा किया गया। इस मौके पर 04 हजार से अधिक उद्यमियों को 01 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण वितरित किया गया था। आज इस मौके पर 11 हजार 755 हस्त शिल्पियों को बैंकों के माध्यम से 01 हजार करोड़ रुपए से अधिक की ऋण राशि उपलब्ध करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यहां पर आयोजित ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ समिट में चिकनकारी व जरी-जरदोजी के हस्तशिल्प से जुड़े 08 जनपदों की प्रदर्शनी आयोजित की गई है। प्रदेश का हर जनपद किसी न किसी विशिष्ट उत्पाद से जुड़ा हुआ है। राज्य सरकार द्वारा इन सभी को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के तहत हस्त शिल्पियों को ऋण भी सुलभ कराए जा रहे हैं। हस्त शिल्पियों को क्यूसीआई, एमेजन आदि की मदद से मार्केट भी सुलभ कराया जा रहा है। मार्केट से सीधे जुड़ने के कारण हस्त शिल्पियों की स्थिति में बड़ा सुधार हुआ है। साथ ही, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को भी बड़ा फायदा हुआ है।
‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना को सफलता से लागू करने के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी तथा मुख्य सचिव की प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि योजना के लागू होने के बाद से 02 बड़ी समिट आयोजित की गई हैं। हर जनपद इससे सम्बन्धित समिट के आयोजन के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि योजना के लागू होने के बाद से इसके माध्यम से 01 लाख 65 हजार से अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हस्त शिल्पियों को ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना से जोड़ने के लिए उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। प्रशिक्षित हस्त शिल्पियों और उद्यमियों को टूल किट के साथ प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया जा रहा है। यह प्रमाण-पत्र हस्त शिल्पी की कुशलता, कार्य एवं उत्पाद के लिए प्रमाण है। उन्होंने कहा कि परम्परागत हस्त शिल्पियों और उद्यमियों को उत्पादन एवं मार्केटिंग के लिए प्रोत्साहित करने हेतु मुद्रा, स्टैण्ड-अप, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना आदि से भी सहायता दी गई है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने कहा कि 24 जनवरी, 2018 को शुभारम्भ के पश्चात ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। योजना के माध्यम से 01 वर्ष में 01 लाख 65 हजार लोगों को रोजगार दिया गया है। योजना के माध्यम से हस्त शिल्पियों, कारीगरों तथा उद्यमियों की क्षमता संवर्धन पर बल दिया जा रहा है। उन्हें भरपूर आमदनी हो, इसके लिए उत्कृष्ट किस्म के टूल भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। क्षमता और गुणवत्ता से इन्हें राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भागीदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि योजना के तहत यह दूसरा कार्यक्रम है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने विश्वास जताया कि आगामी 02 वर्षों में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के माध्यम से एमएसएमई क्षेत्र में बड़ा बदलाव आएगा।
कार्यक्रम में अपने स्वागत सम्बोधन में मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि यह समिट चिकनकारी व जरी-जरदोजी से जुड़े 08 जिलों के हस्त शिल्पियों के लिए आयोजित की गई है। इसमें विशेषज्ञों के सत्र आयोजित किये गये हंै। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग के लिए भी सत्र आयोजित किया गया है। भविष्य में भी इसी प्रकार के विशिष्ट व्यवसायों के सम्बन्ध में समिट का आयोजन किया जाएगा। अमेजन द्वारा विभिन्न जिलों में हस्त शिल्पियों तथा उद्यमियों की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी गई है तथा 150 से अधिक उद्यमियों को आॅन बोर्ड भी कर दिया गया है। इससे प्रदेश का उत्पाद पूरे विश्व में पहुंचेगा। आइकिया से बरेली और सहारनपुर के काष्ठ कला के उद्यमियों को जोड़ने का कार्य हो रहा है। उन्होंने बताया कि इस समिट में बायर्स और डिजाइनर्स को भी आमंत्रित किया गया है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल आॅफ हैण्डीक्राफ्ट के एमडी श्री राकेश ने कहा कि भारत सेे लगभग 23 हजार करोड़ रुपए के हैण्डीक्राफ्ट का निर्यात होता है, जिसमें उत्तर प्रदेश की भागीदारी 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक की है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना से प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि होने के साथ ही स्थानीय रूप से रोजगार में भी बढ़ोत्तरी होगी। देश के अन्य राज्य भी इस योजना को लागू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना में उत्तर प्रदेश को बड़ी बढ़त है, क्योंकि यहां पर उत्पादों की संख्या काफी ज्यादा है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योजना की सफलता के लिए पैकेजिंग, डिजाइनिंग में नवाचार की जरूरत पर बल दिया।
‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना से जुड़ी फर्नीचर एवं होम फर्निशिंग में कार्यरत स्वीडन की कम्पनी आइकिया, आॅनलाइन मार्केटिंग कम्पनी अमेजाॅन के प्रतिनिधियों ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। कार्यक्रम के अंत में आयुक्त एवं निदेशक, उद्योग श्री के0 रवीन्द्र नायक ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री जी ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री श्री मन्नूलाल कोरी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, अपर मुख्य सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री भुवनेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Posted on 25 October 2018 by admin
सुरेन्द्र अग्निहोत्री लखनऊ: दिनांक 25 अक्टूबर, 2018
प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृशि है। कृशि एवं संबंधित क्षेत्र न केवल जीवन यापन का साधन मुहैया कराते हैं बल्कि प्रदेष की 67.68 प्रतिषत आबादी के भी रोजगार का साधन है। कृशि का प्रदेष की डी0जी0पी0 में 25.5 प्रतिषत योगदान है तथा राश्ट्रीय स्तर पर 14 प्रतिषत है। प्रदेष की अर्थव्यवस्था में कृशि को महत्ता देते हुए भारत सरकार एवं प्रदेष सरकार द्वारा सन 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए संकल्पित है। इसी परिपेक्ष में उत्तर प्रदेष में पहली बार कृशि कुम्भ-2018 का आयोजन दिनांक-26, 27 एवं 28 अक्टूबर 2018 को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, तेलीबाग, लखनऊ के परिसर में किया जा रहा है जिसमें अन्तर्राश्ट्रीय कृशि सम्मेलन, प्रदर्षनी तथा वृहद किसान मेले का आयोजन सम्मिलित है जिसमें प्रदेष के 75 जनपदों के 1.00 लाख से अधिक किसान,ं कृशि विषेशज्ञ, छात्र, कृशि क्षेत्र में कार्य करने वाले उद्यमी, अधिकारी एवं नीति नियामक आदि भाग ले रहे हैं।
कृशि कुम्भ का उदघाटन दिनंाक-26 अक्टूबर 2018 को प्रातः 10.00 बजे देष के यषस्वी प्रधानमंत्री मा0 श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से किया जायेगा जिसमें प्रदेष के मा0 मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ जी एवं भारत सरकार के कृशि मंत्री मा0 श्री राधामोहन सिंह, केन्द्रीय कृशि राज्य मंत्री मा0 श्रीमती कृश्णा राज, डा0 प्रेम कुमार, मा0 कृशि मंत्री, बिहार, डा0 सुबोध उनियाल, मा0 कृशि मंत्री, उत्तराखण्ड तथा प्रदेष के पशुपालन, उद्यान, दुग्ध विकास सहित कृशि से जुड़े अन्य विभागों के मा0 मंत्रीगण, मा0 राज्य मंत्रीगण सहभागी होंगे। कृशि कुम्भ में कृशि क्षेत्र में तकनीकी दृश्टि से काफी विकसित विष्व के 02 देष जापान एवं इजराइल सहयोगी देष के रूप में भाग ले रहे हैं।
कृशि कुम्भ में आयोजित हो रहे तकनीकी अन्तर्राश्ट्रीय सेमिनार में 14 सत्र निर्धारित किए गए हैं जो निम्नवत् हैं-
ऽ इण्डो इजराइल पार्टनरषिप के अन्तर्गत सस्टनेबल एण्ड इक्वीटेबल डेवलपमेन्ट एण्ड डिलीवरी आफ सर्विसेज सत्र के अन्तर्गत डा0 के0 वी0 राजू, आर्थिक सलाहकार, मा0 मुख्यमंत्री, उ0प्र0 सरकार अध्यक्ष होंगे तथा श्री दान अल्लूफ, मषाव, इजराइल दूतावास, सह-अध्यक्ष होंगे। इस सत्र में पानी एवं कृशि निवेषों के उचित एवं प्रभावी उपयोग, मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन तथा प्राकृतिक संसाधनों के प्रभावी उपयोग, मानव एवं अन्य संसाधनों का सर्वाधिक उचित उपयोग एवं प्रबन्धन आदि पर विस्तृत चर्चा होगी।
ऽ दूसरा सत्र एग्रीकल्चर पालिसी एण्ड रिफार्म फार हायर एण्ड सस्टेन फारमर्स इनकम के अध्यक्ष श्री एस0 के0 पटनायक एवं डा0 सुरेन्द्र मोहन्ती, निदेषक, आई0एफ0पी0आर0आई0 सह-अध्यक्ष होंगे। इसमें कृशि संबंधी नीतियों, नियमों एवं उनके सुधार, कृशि निवेष जिसमें बीज, उर्वरक, पशुपालन एवं व्यापार नीति बाॅस/टिम्बर/बैम्बू के प्रोत्साहन आदि पर चर्चा होगी। कृशि निवेषों के निदान हेतु जैव उर्जा एवं एथेनाल उत्पादन एवं अन्य विभागों से कृशि क्षेत्र में योजनाओं के कन्वर्जेन्स पर विचार किया जायेगा।
ऽ तीसरा सत्र इन्टीग्रेटेट फार्मिग सिस्टम, आर्गेनिंक फार्मिंग पर होगा जिसमें एग्रोक्लाइमेटिक जोन के आधार पर फसलोत्पादन, वर्शा आधारित क्षेत्र में टिकाऊ खेती एवं अधिक उत्पादन तथा किसानों की आय बढ़ाने हेतु आर्गेनिक खेती एवं आई0एफ0एस0 माडल को प्रोत्साहित करना एवं कृशि विकास योजना आदि पर चर्चा की जाएगी। इस सत्र के अध्यक्ष श्री संजय भूसरेड्ी, प्रमुख सचिव, गन्ना, उत्तर प्रदेष तथा डा0 ए0एस0 पंवार, निदेषक, आई0सी0ए0आर0, मेरठ सह-अध्यक्ष होंगे।
ऽ चैथे सत्र में दूसरे दिन ट्रेड पाॅलिसी एण्ड एक्सपोर्ट प्रमोषन के अध्यक्ष डा0 के0वी0 राजू, आर्थिक सलाहकार, मा0 मुख्यमंत्री,उ0प्र0 तथा सह-अध्यक्ष श्री सुखवीर गर्ग, प्रमुख सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, उ0प्र0 सरकार होंगे। इसमें कृशि संबंधी आयात कम करने तथा निर्यात को बढ़ावा देने , किसानों के हित का संरक्षण, प्रदेष में अधिक मात्रा में उत्पादन होने वाली फसलों के अतिरिक्त उत्पादन तथा मांग के सापेक्ष कम उत्पादन होने वाले कृशि उत्पादों के अन्तर्राज्यीय व्यवसाय आदि पर चर्चा होगी।
ऽ पाॅचवा सत्र कृशि उत्पादन का विपणन तथा कृशि व्यवसाय के प्रोत्साहन पर आधारित होगा जिसमें कृशि उत्पादों के विपणन हेतु मण्डियों का क्षमता उन्नयन, लाभकारी कृशि मूल्य, बाजार मूल्यों के उतार-चढ़ाव को कम करना, कृशि उत्पादन की मांग एवं मूल्य विशयक भविश्यवाणी तथा पूर्व में ही सूचना उपलब्ध कराने की तकनीकी का विकास, कृशि बाजारों का आधुनिकीकरण, वेल्यूचेन एवं मेनेजमेन्ट आदि पर विचार विमर्ष किया जायेगा।
ऽ छठा सत्र कृशि क्षेत्र में विज्ञान तकनीकी, इन्फार्मेषन टैक्नालाॅजी तथा स्टार्टअप्स पर आधारित होगा जिसमें कृशि की उत्पादकता बढ़ाने के संबंध में कीट एवं बीमारियों, पर्यावरण परिवर्तन, सूखे एवं बंजर क्षेत्र, फसल चक्र, फ्यूचर फार्मिंग जीएम जीन एडेंटिंग, रिमोट सेन्सिंग टेक्नालाॅजी आदि के व्यावसायिक उपयोग पर विचार विमर्ष किया जायेगा। इसके अध्यक्ष डा0 ए0के0 सिंह उप महा निदेषक, प्रसार, आई0सी0ए0आर नई दिल्ली होगें।
ऽ सातवा सत्र बुन्देलखण्ड क्षेत्र में कृशि के विकास की रणनीति पर केन्द्रित होगा। डा0 सुषील सोलोमन, कुलपति, कृशि विष्वविद्यालय, कानपुर इसके अध्यक्ष होंगे। बुन्देलखण्ड में पानी एवं अन्य निवेषों का उचित उपयोग, मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन, कृशि विविधीकरण, वर्शा आधारित बुन्देलखण्ड के लिए उपयुक्त वारानी खेती एवं अन्य कृशि तकनीको का उचित प्रयोग, मृदा एवं जल संरक्षण तकनीकी, पषु एवं दुग्ध उत्पादन में वृद्धि पर चर्चा होगी।
ऽ आठवा सत्र पूर्वी उत्तर प्रदेष के किसानों की आय दोगुनी करने के लिए औद्यानिक फसलों को प्रोत्साहित करना होगा। इस सत्र के श्री देवेष चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव, कृशि, भारत सरकार अध्यक्ष तथा डा0 ए0के0 सिंह उप महानिदेषक, उद्यान सह-अध्यक्ष होंगे। इस सत्र में औद्यानिक क्षेत्र में फसल प्रबन्प्धन को बढ़ावा देकर विभिन्न फसलों की उत्पादकता बढ़ाने, सब्जियों की खेती, फलो एवं फूलों की खेती के उत्पादन को प्रोत्साहित करना, पूर्वी उत्तर प्रदेष के किसानों के लिए नए फसल चक्र तथा पोस्ट हार्वेस्ट प्रबन्धन का सुझाव देने के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेष में बाढ़ एवं सूखे की स्थिति में उत्पादन की रणनीति पर विचार विमर्ष किया जायेगा।
ऽ नवें सत्र में पशुपालन, दुग्ध, मुर्गी पालन तथा मत्स्य पालन को बढ़ावा देने से संबंधित होगा जिसमें इनके अधिक उत्पादन, उत्पादकता, संसाधनों के विकास तथा विस्तार के साथ ही गैर उपयोगी पशुओं के आर्थिक उपयोग पर चर्चा की जाएगी। डा0 के0एम0एल0 पाठक कुलपति, पशु विज्ञान विष्वविद्यालय, मथुरा अध्यक्ष तथा डा0 गया प्रसाद, कुलपति, कृशि विष्वविद्यालय, मेरठ सह-अध्यक्ष होगे।
ऽ दसवे सत्र में कृशि क्षेत्र पर पर्यावरण परिवर्तन एवं उसके प्रभाव पर चर्चा की जायेगी जिसमें पर्यावरण परिवर्तन के फलस्वरूप उत्पन्न स्थिति में लधु एवं सीमान्त कृशकों के लिए उपयुक्त प्रबन्धन तकनीकी पर विचार किया जायेगा। बदलती परिस्थितियों के दृश्टिगत जैविक एवं अजैविक कारकों तथा एकीकृत फसल प्रणाली के विकास के साथ ही उत्तर प्रदेष में विपरीत पर्यावणीय स्थितियों के लिए उपयुक्त तकनीकी के विकास पर विचार किया जायेगा, जिसमें डा0 जे0एस0 संधू, कुलपति कृशि विष्वविद्यालय फैजाबाद अध्यक्ष होंगे तथा डा0 यू0एस0 सिंह, निदेषक अन्तर्राश्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, वाराणसी सह-अध्यक्ष होगे।
ऽ ग्यारहवा सत्र किसानों के लिए पूंजी निवेष एवं संस्थागत वित्त पोशण व्यवस्था पर आधारित होगा जिसके अन्तर्गत किसानों को सरकारी एवं निजी क्षेत्र के वित्त पोशण, कृशि क्षेत्र में निजी निवेष बढ़ाने, कम अवधि एवं लम्बी अवधि के ऋण उपलब्ध कराना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मौसम आधारीय फसल बीमा योजना आदि विशयों पर विचार किया जायेगा। डा0 ए0के0 सिंह, मुख्य महाप्रबन्धक, नाबार्ड इसके अध्यक्ष होंगे।
ऽ बारहवा सत्र कृशि उत्पादों की खरीदारी, भण्डारण एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली पर आधारित होगा। डा0 प्रभात कुमार, कृशि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0 इसके अध्यक्ष तथा सह-अध्यक्ष श्रीमती निवेदिता षुक्ला वर्मा, प्रमुख सचिव, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग होंगी जिसमें कृशि उत्पादों की खरीदारी, विपणन, भण्डारागृहों की व्यवस्था तथा विघायन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की वर्तमान स्थिति एवं किसानों की आय वृद्धि के लिए आवष्यक सुधार, राश्ट्रीय कृशि बाजार-ई-नाम आदि पर विचार किया जायेगा।
ऽ तेरहवा सत्र खासकर किसानों पर आधारित होगा जिसमें किसानों के अनुभव के आधार पर ज्ञान के आदान-प्रदान पर चर्चा की जाएगी। श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव, कृशि इस सत्र के अध्यक्ष एवं श्री आषीश भूटानी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना सह-अध्यक्ष होंगे। इसमें कृशि क्षेत्र में अभिनव प्रयोगों से संबंधित विभिन्न किसानों की सफलता की कहानियाॅ, उर्वरक प्रयोग, नई फसल प्रणाली, कृशि यंत्रीकरण और उनके लाभों एवं अन्य सम सामयिक विशयों पर किसानों से सीधी चर्चा की जाएगी।
ऽ चैदहवा एवं आखिरी सत्र लाभकारी कृशि हेतु भारत एवं जापान सहयोग पर आधारित होगा। इसके अन्तर्गत कृशि के क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों को न्यूनतम क्षति पहुॅचाते हुए कृशि क्षेत्र में वर्टिकल प्राडक्सन को बढ़ावा देना, उ0प्र0 के सीमान्त कृशकों के लिए उपयुक्त यंत्रीकरण, गुणवत्तायुक्त उत्पादन हेतु रासायनिक निवेषों का न्यूनतम प्रयोग तथा प्रसंस्कृत कृशि उत्पादों में पोशक तत्वों की उपलब्धता आदि पर विचार विमर्ष होगा जिसमें श्री सुधीर एम0 बोबडे प्रमुख सचिव, पश्ुपालन अध्यक्ष तथा डा0 टेटसुआ यूइटाके, प्रथम सचिव, कृशि एवं खाद्य, जापान दूतावास सह-अध्यक्ष होंगी।
इन सभी सत्रों में कृशकों की सीधी भागीदारी होगी तथा उनसे विचार विमर्ष होगा।
“कृषि कुम्भ” में उन्नत कृषि यंत्रों से सम्बन्धित विभिन्न कम्पनियाॅ जैसे-जानडियर, लैण्डफोर्स दशमेश, शक्तिमान, इस्कार्ट, सोनालिका, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, वी0एस0टी0 टिलर, बेरी उद्योग तथा टैफे आदि कम्पनियों द्वारा उन्नत कृषि यंत्रों की प्रदर्शनियाॅ लगाई जा रही है।
पशुपालन विभाग द्वारा गाय की गिर, साहीवाल, हरियाना, थरपारकर, गंगातीरी, भैंस की भदावरी एवं मुर्रा, बकरी की बर्बरी, जमुना पारी तथा बीटल, भेड़ की नाली एवं मुजफ्फर नगरी पोल्ट्री क्षेत्र में कडक नाथ, असील, ग्रामप्रिया, श्रीनिधि तथा चैबरौ और व्यवसायिक रूप से अण्डा उत्पादन हेतु व्हाइट लेग हार्न और जापानी बटेर आदि प्रजातियाॅ प्रदर्शित की जायेगी साथ ही हरे चारे के उत्पादन के लिए बरसीम, जई, नैपियर घास, मक्का, लोबियाॅ, गिनीघास, सहजन, मीठी ज्वार, अजोला, हाईप्रोटीन युक्त अजोला आदि के उत्पादन सम्बन्धी प्रदर्शन भी आयोजित किए गये है। इसके साथ ही दर्शाया गया है कि एक ही खेत से चारा उत्पादन के लिए मक्का़लोबियाॅ, नैपियर घास़ग्वार, गिनी ग्रास़लूसर्न आदि को अपनाकर इस प्रकार पशुओं के लिए पूरे वर्ष हरा चारा प्राप्त किया जा सकता है।
किसानों की आय वृद्वि के लिए मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत फसल प्रणाली के अन्तर्गत मत्स्य पालन हेतु तालाब तथा धान के साथ मत्स्य पालन करने की तकनीक को भी दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त एक्वेरियम हेतु रंगीन मछलियों के साथ ही प्रदेश में उत्पादित होने वाली कत्ला, रोहॅू, नयन, ग्रास कार्प, कामन कार्प तथा पंगेशियस प्रजाति के मछलियों के भी प्रदर्शन किये जा रहें है। तालाब में मत्स्य पालन के लिए बायोफिल्टर से पानी को छानकर बार-बार उपयोग करने की दृष्टि से रिसर्कुलेेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम का भी प्रदर्शन मत्स्य विभाग द्वारा किया जा रहा है।
उद्यान विभाग द्वारा कृषि को लाभकारी बनाने के उद्देश्य से फलो, फूलो की विभिन्न प्रजातियों के साथ ही वर्टिकल फार्मिंग, हाइड्रोपानिक्स, एक्वापानिक्स तथा माइक्रो सिंचाई पद्वति विषयक प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे है।
कृषि विभाग द्वारा प्रदेश के लघु एवं सीमान्त कृषकों की छोटी जोतों को लाभकारी उद्यम बनाने के उद्देश्य से एकीकृत फसल प्रणाली विषयक प्रदर्शन विशिष्ट रूप से दर्शाया गया है कि एक एकड़ खेत में मक्का की खेती, शिमला मिर्च एवं अन्य सब्जियों की खेती, तालाब तथा केला और पपीतें की खेती के साथ ही पशुपालन कर किस प्रकार किसान की सभी आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है और कृषि को लाभकारी बनाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त भूमि संरक्षण जैविक खेती, हरी खाद, परम्परागत खेती, सोलर पम्प, सामाजिक वानिकी आदि विषयक प्रदर्शनियाॅ स्थापित की गयी है।
रेशम विभाग द्वारा शहतूत एवं अर्जुन के वृक्षारोपण से रेशम कीट पालन तथा रेशम उत्पादन की पद्वतियों को दर्शाती प्रदर्शनी आयोजित की गयी है। इसके अतिरिक्त मेलें में सरकारी एवं निजी क्षेत्रों के लगभग 400 से अधिक स्टाल लगाये जा रहे है जिसमें कृषि एवं विभिन्न क्षेत्रों में विकसित नवीनतम् तकनीकी गुणवत्तायुक्ता कृषि निवेश, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि विपणन की ई-मार्केटिंग पद्वति की जानकारी भी किसानों को प्राप्त होगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों तथा अन्य शोध संस्थानों के भी स्टाल लगाये जा रहे है जिनके द्वारा किसानों को नवीनतम् एवं लाभकारी कृषि की तकनीकी की जानकारी प्राप्त होगी। कहना न होगा कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित यह कृषि कुम्भ भारत सरकार और राज्य सरकार की किसानों की आय सन् 2022 तक दोगुनी करने की दिशा में गम्भीर प्रतिबद्वता का परिचायक है। जिससे प्रेरित होकर प्रदेश के किसान अपनी खेती को लाभकारी बनाते हुए अपने आय वृद्वि करने में सक्षम हो सकेंगे।
Posted on 23 October 2018 by admin
मुख्यमंत्री के इस निर्णय से इन पेंशन योजनाआंे के
तहत 14 लाख 21 हजार 539 नये लाभार्थी लाभान्वित होंगे
लखनऊ: 23 अक्टूबर, 2018
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपदवार सर्वेक्षण में पति की मृत्यु के उपरान्त निराश्रित महिलाओं को पेंशन, वृद्धावस्था/किसान पेंशन तथा दिव्यांगजन पेंशन के तहत पाये गये पात्र एवं छूटे हुए/वंचित लाभार्थियों को योजना से लाभान्वित किये जाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार गरीबों और बेसहारा लोगों के हित में कार्य कर रही है।
उल्लेखनीय है कि जनपदों के भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री जी को यह जानकारी मिली थी कि इन योजनाओं के तहत काफी संख्या में पात्र लोग लाभान्वित होने से वंचित रह गये हैं। जिसके क्रम में मुख्यमंत्री जी ने ग्राम सभा की बैठक के दौरान ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनका सत्यापन करने के उपरान्त लाभान्वित करने के निर्देश दिए थे।
जनपदवार सर्वेक्षण में 3 लाख 96 हजार 269 निराश्रित महिलाओं को चिन्हित किया गया है, जिन्हें निराश्रित पेंशन से लाभान्वित किया जाएगा। इसी प्रकार वृद्धावस्था/किसान पेंशन के तहत 09 लाख 4 हजार 609 को चिन्हित किया गया है, जिन्हें वृद्धावस्था/किसान पेंशन से लाभान्वित किया जाएगा। दिव्यांगजन पेंशन के तहत 01 लाख 20 हजार 661 लाभार्थियों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें दिव्यांगजन पेंशन योजना से लाभान्वित किया जाएगा।
इन सभी पेंशन योजनाओं के तहत चिन्हित 14 लाख 21 हजार 539 नये लाभार्थियों के फाॅर्म भरवाकर उनका सत्यापन करने के उपरान्त पात्र पाये गये सभी व्यक्तियों को योजना का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा।
Posted on 23 October 2018 by admin
मुख्यमंत्री सोमवार एवं बृहस्पतिवार को शास्त्री भवन तथा मंगलवार,
बुधवार एवं शुक्रवार को लोक भवन स्थित अपने कार्यालय में शासकीय कार्य सम्पादित करेंगे
लखनऊ: 23 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने शास्त्री भवन तथा लोक भवन स्थित अपने कार्यालय में शासकीय कार्यों के सम्पादन हेतु दिवस निर्धारित किए हैं।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री जी सोमवार एवं बृहस्पतिवार को शास्त्री भवन तथा मंगलवार, बुधवार एवं शुक्रवार को लोक भवन स्थित अपने कार्यालय में शासकीय कार्य सम्पादित करेंगे।