शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं,
बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए खेलकूद आवश्यक
खेलकूद हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
विद्या भारती ने देश में संस्कार व परम्पराओं के साथ शिक्षा का
ऐसा माहौल तैयार किया है, जो देश के विकास के लिए आवश्यक
विद्या भारती द्वारा तैयार की गई खेल
प्रतिभाओं ने देश व विदेश में भारत का नाम रोशन किया
मुख्यमंत्री ने 31वें राष्ट्रीय खेलकूद समारोह-2018 को सम्बोधित किया
लखनऊ: 30 अक्टूबर, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की आधारशिला शिक्षा होती है। जैसी शिक्षा होती है, वैसे ही संस्कार होते हैं और जैसे संस्कार होते हैं, वैसे ही राष्ट्र के नागरिक होते हैं। हर काल खण्ड में शिक्षा व संस्कारों का विशेष महत्व रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है, इसमें खेलकूद, व्यायाम आदि भी शामिल हैं। बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ-साथ खेलकूद भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक विकास और संस्कार के बिना किसी भी बालक-बालिका का चतुर्दिक विकास सम्भव नहीं है। हमंे इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली का विकास करना है, जिसके द्वारा ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण हो सके, जो राष्ट्र भक्ति से ओत-प्रोत हो, शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हो और जीवन की चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सके।
मुख्यमंत्री जी ने यह विचार आज यहां विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित 31वें राष्ट्रीय खेलकूद समारोह-2018 को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विद्या भारती ने देश में संस्कार व परम्पराओं के साथ शिक्षा का ऐसा माहौल तैयार किया है, जो देश के विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि खेलकूद हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। विद्या भारती द्वारा तैयार की गई खेल प्रतिभाओं ने देश व विदेश में भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने खिलाड़ियों से आहवान किया कि खेल को खेल भावना से ही खेलना चाहिए। हार-जीत एक अलग विषय है। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी को गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया।
इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित, चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री चेतन चैहान, विद्या भारती के राष्ट्रीय महामंत्री डाॅ0 ललित बिहारी गोस्वामी व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।