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हमारे सैनिक कठिन परिस्थितियों में भी देश की सरहद की रक्षा करते हैं - राज्यपाल

Posted on 27 July 2017 by admin

शहीद का बलिदान ही राष्ट्र के लिए संजीवनी होती है - मुख्यमंत्री

dsc_0107 उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज कारगिल विजय दिवस के अवसर पर लखनऊ नगर निगम द्वारा ‘कारगिल शहीद स्मृति वाटिका’ में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा व प्रदेश सरकार के मंत्रीगण के साथ कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके परिजनों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में मंत्री श्री सुरेश खन्ना, मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, मंत्री डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी, मंत्री श्री बृजेश पाठक, राज्यमंत्री श्रीमती स्वाति सिंह, राज्यमंत्री श्री मोहसिन रज़ा, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री मनोज सिंह, नगर आयुक्त श्री उदयराज सिंह, पार्षदगण सहित कारगिल शहीदों के परिजन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, छात्र-छात्रायें व अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले तीन साल से वे लगातार कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यहाँ आते रहे हैं। इस बार मंच पर यह अंतर दिख रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमण्डल के सहयोगियों सहित उपस्थित हैं। राज्यपाल ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लखनऊ के सैनिक स्कूल का नाम परिवर्तित कर परमवीर चक्र से सम्मानित शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय के नाम पर किए जाने की घोषणा राज्य सरकार द्वारा की गई है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पूर्व सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य सहित अन्य लोगों ने मिलकर इस आशय का ज्ञापन उन्हें दिया था जिसको मुख्यमंत्री के पास भेजा गया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उचित समय पर योग्य निर्णय लिया है जो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री के इस निर्णय का भी समर्थन करते हैं कि सरकारी संस्थाओं का नाम शहीदों के नाम पर होगा तथा बच्चों की शिक्षा में ऐसे पाठ्यक्रम का समावेश किया जायेगा जिससे देशप्रेम की भावना पैदा हो।01-13
श्री नाईक ने कहा कि कारगिल के शहीदों ने सीने पर गोली खाकर देश के लिए बलिदान दिया है। हमारे देश की सेना दिन-रात जागकर देश की सेवा करती है। हिमालय जैसे दुरूह स्थानों पर जाना आसान काम नहीं है मगर हमारे सैनिक कठिन परिस्थितियों में भी देश की सरहद की रक्षा करते हैं। सीमाओं पर सैनिक जागते हैं तब हम चैन से अपने घर में सोते हैं। समाज पर सैनिकों का अहसान है। उन्होंने सुझाव दिया कि विशेष तिथियों में शहीदों पर आधारित कार्यक्रमों का सजीव प्रसारण हो जिसे पूरा देश देखे और प्रेरणा प्राप्त करे। बच्चों को बचपन से ही देशभक्ति की शिक्षा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने शहीदों से देशभक्ति के रास्ते पर चलने की प्रेरणा प्राप्त कर हमें देश के विकास की लड़ाई लड़ने के लिये आगे आना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्रीय एकता, अखण्डता और स्वाधीनता को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हमारे सैनिक बलिदान देते हैं। शहीद का बलिदान ही राष्ट्र के लिए संजीवनी होती है। युवाओं को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 1965 एवं 1971 की लड़ाई तो बहुतों को नहीं याद होगी लेकिन युवाओं ने कारगिल के युद्ध के बारे में जरूर देखा या सुना होगा। तत्कालीन सरकार का निर्णय कि शहीदों का अंतिम संस्कार उनके गृह जनपद में होगा, के कारण राष्ट्रभक्ति का नया जज्बा देखने को मिला। भारत का इतिहास शौर्य और शहादत का इतिहास है। भारत अगर स्वाधीन है तो जान की बाजी लगाने वालों के कारण ही स्वाधीन है। उन्होंने कहा कि कारगिल का यह युद्ध उसी स्वाधीनता को आगे बढ़ाने का पड़ाव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर जनपद के नगर निगम में शहीदों को समर्पित पार्क का निर्माण होगा तो युवा पीढ़ी को देश के इतिहास को जानने और समझने के साथ-साथ देशभक्ति की प्रेरणा प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि आजकल युवा सेना के बजाए मल्टी नेशनल कंपनी में सेवा करने को वरीयता दे रहे हैं। सेना से जुड़ने पर आने वाली पीढ़िया याद करती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लखनऊ सैनिक स्कूल का नाम कैप्टन मनोज पाण्डेय के नाम पर किया जायेगा तथा संस्थाओं का नाम कारगिल एवं सरहद पर शहीद होने वालों के नाम पर रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदनशील है तथा आश्वस्त किया कि सरकार शहीदों के परिवार के साथ है।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा व नगर विकास मंत्री श्री सुरेश खन्ना ने भी अपने विचार रखे।
इससे पूर्व राज्यपाल ने कारगिल विजय दिवस के अवसर पर मध्य कमान स्थित स्मृतिका जाकर अमर ज्योति पर पुष्प चक्र रखकर देश पर अपनी जान कुर्बान करने वाले शहीदों के सम्मान में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मध्य कमान के चीफ आफ स्टाफ ले0जनरल जगदीप कुमार शर्मा तथा जीओसी मेजर जनरल विनोद शर्मा, सहित सेना के जवान व शहीदों के परिजन भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने स्मृतिका में स्थापित कारगिल युद्ध स्तम्भ व भित्ति चित्र पर पुष्प अर्पित किए।
राज्यपाल ने इस अवसर पर पत्रकारों से अनौपचारिक बात करते हुए कहा कि कारगिल विजय दिवस अत्यन्त महत्व का दिवस है। जिन शहीदों के त्याग के कारण आज हम सुरक्षित महसूस करते हैं, देश का फर्ज बनता है कि उनका सम्मान करें तथा उनके परिजनों का ध्यान रखें। राज्यपाल ने स्मृतिका में रखी आगंतुक पुस्तिका में शहीदों को नमन करते हुये लिखा कि ‘कारगिल युद्ध में विजय दिलाने वाले शहीदों को प्रणाम। आपके कारण ही युद्ध में विजय प्राप्त हो सकी तथा सेना के सम्मान में वुद्धि हुई। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ सैनिक स्कूल को शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय का नाम दिया जाना सराहनीय निर्णय है। शहीद का नाम मिलने से स्कूल सर्वोत्तम बने ऐसी मेरी शुभकामनाएं। सबको प्रणाम। भारत माता की जय।’

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व्यवसाय का आधार विश्वास, विश्वसनीयता की कसौटी पर खरा उतरने पर बिजनेस बहुत लाभकारी हो सकता है

Posted on 23 July 2017 by admin

  • वर्तमान में रीयल इस्टेट के बिजनेस को लोगों के विश्वास पर खरा उतरने की बड़ी चुनौती
  • रीयल इस्टेट सेक्टर द्वारा योजनाओं को आधा-अधूरा छोड़ देना सबसे बड़ा संकट
  • प्रदेश में बिल्डर्स और बायर्स के बीच में बड़ी समस्या
  • बायर्स को पैसा अदा करने के बाद भी आवास नहीं मिल पा रहा है
  • संवाद से रास्ता न निकलने पर प्रदेश सरकार को सख्त कदम उठाना पड़ेगा
  • अनधिकृत कालोनियों के निर्माण बड़ी समस्या
  • प्रदेश में भारत सरकार के ‘रेरा’ एक्ट को लागू कर दिया गया है
  • एक्ट में आॅनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था, 26 जुलाई, 2017 को इसका पोर्टल भी लाॅन्च किया जाएगा
  • हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में ईमानदारी से काम करे तो विकास का लक्ष्य प्राप्त करना आसान
  • मुख्यमंत्री ने क्रेडाई की पत्रिका ‘पल्स’ का विमोचन किया
  • श्री शान्तनु गुप्ता की पुस्तक ‘द माॅन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’के कवर पेज का अनावरण भी मुख्यमंत्री ने किया
    मुख्यमंत्री क्रेडाई द्वारा आयोजित यू0पी0 अहेड काॅन्क्लेव में शामिल हुए

press-411उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि व्यवसाय का आधार विश्वास है। विश्वसनीयता की कसौटी पर खरा उतरने पर बिजनेस बहुत लाभकारी हो सकता है। प्रदेश में व्यवसाय की अपार सम्भावनाएं हैं। लेकिन सफलता के लिए व्यवसाय और व्यवसायियों पर जनता का विश्वास आवश्यक है। वर्तमान में रीयल इस्टेट के बिजनेस को लोगों के विश्वास पर खरा उतरने की बड़ी चुनौती है। उन्होंने चुनौती में सफलता के लिए रीयल इस्टेट व्यवसायियों को अपनी शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां क्रेडाई (कन्फेडरेशन आॅफ रीयल इस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन्स आॅफ इण्डिया) द्वारा आयोजित यू0पी0 अहेड काॅन्क्लेव में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का 04 माह का अनुभव है कि प्रदेश में बिल्डर्स और बायर्स के बीच में बड़ी समस्या है। बिल्डर्स द्वारा जिनके आवास बनाए जा रहे हैं, उनका विश्वास खो देने पर व्यवसाय और सेवा कार्य दोनों पर असर होगा।
योगी जी ने कहा कि रीयल इस्टेट सेक्टर द्वारा योजनाओं को आधा-अधूरा छोड़ देना सबसे बड़ा संकट है। नोएडा व ग्रेटर नोएडा में यही समस्या सामने आ रही है। लगभग डेढ़ लाख बायर्स को पैसा अदा करने के बाद भी आवास नहीं मिल पा रहा है। रीयल इस्टेट सेक्टर के इस व्यवहार से विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयास पर कुछ बिल्डर्स ने सकारात्मक रुख अपनाया और आवास देने की समय-सीमा तय कर दी। जबकि कुछ बिल्डर्स कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। संवाद से रास्ता न निकलने पर प्रदेश सरकार को सख्त कदम उठाना पड़ेगा। उन्होंने बिल्डर्स से कड़ी कार्रवाई की स्थिति न उत्पन्न करने की अपील करते हुए कहा कि वे राज्य सरकार की भावनाओं को समझकर प्रदेश के विकास में अपना अंशदान दें।press-711
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दूसरी बड़ी समस्या अनधिकृत कालोनियों के निर्माण की है। विकासकर्ताओं द्वारा बिना बिजली, पानी, सड़क, सीवर, डेªेनेज आदि सुविधाओं का विकास किए कालोनियां बना दी जाती हैं। बाद में इन कालोनियों का नगर निगम अथवा विकास प्राधिकरण आदि संस्थाओं द्वारा अधिग्रहण कर इनके विकास के लिए अभियान चलाया जाता है। शहरी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के लिए आने वाला व्यक्ति बीमारी का शिकार हो जाता है और दोष सरकार पर आता है कि वह कुछ नहीं कर रही है। जबकि इन अनाधिकृत कालोनियों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर पूंजी की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति को रोके जाने की आवश्यकता है। इन समस्याओं के समाधान में क्रेडाई जैसी संस्था को आगे आना चाहिए।
योगी जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के वर्ष 2022 तक सभी को आवास मुहैया कराने के लक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रदेश सरकार अधिक से अधिक मकानों का निर्माण कराना चाहती है। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र में 48 लाख लोगों के पास अपने मकान नहीं हैं। इसी प्रकार शहरी इलाकों में भी बड़ी आबादी के पास मकान नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत आवास के लिए 01 लाख 20 हजार रुपए, स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय के लिए 12 हजार रुपए तथा स्वयं मजदूरी कर मकान बनाने पर लगभग 15 हजार रुपए की अतिरिक्त धनराशि देने की व्यवस्था है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 10 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य है, जिसमें से 06 लाख परिवारों को चिन्हित कर धनराशि का आवंटन भी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लिए राज्य सरकार ने 02 लाख आवासों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार द्वारा डेढ़ लाख रुपए तथा राज्य सरकार द्वारा 01 लाख रुपए, इस तरह कुल ढाई लाख रुपए की धनराशि दी जाती है। नगरीय विकास विभाग ने जो माॅडल आवास बनाए हैं, उनकी लागत लगभग 03 लाख 34 हजार रुपए आ रही है। इन आवासों में दो छोटे कमरे, अटैच किचन तथा लैटरिन बाथरूम की व्यवस्था है। इस प्रकार लाभार्थी को लगभग 01 लाख रुपए स्वयं लगाना है, जिसकी व्यवस्था बैंक के सस्ते दर पर कर्ज के माध्यम से भी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि रीयल इस्टेट सेक्टर द्वारा रुचि लेकर सहयोग करने पर यह लक्ष्य भी आसानी से पूरा किया जा सकता है।press-63
योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में भारत सरकार के ‘रेरा’ एक्ट को लागू कर दिया गया है। राज्य सरकार के इस फैसले में रीयल इस्टेट सेक्टर के सहयोग और समर्थन के लिए प्रसन्नता जताते हुए उन्होंने कहा कि इस एक्ट में आॅनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है। 26 जुलाई, 2017 को इसका पोर्टल भी लाॅन्च कर दिया जाएगा।
प्रदेश सरकार द्वारा पारित बजट में विभिन्न क्षेत्रों के लिए आवंटित धनराशि का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार बजट व्यवस्था एवं निर्धारित लक्ष्य के साथ काम कर रही है। इसके अलावा केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में विभिन्न शहरों को स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित करने का काम भी प्रगति में है। अमृत योजना के तहत भी शहरों में बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का काम चल रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ ही बुन्देलखण्ड के विभिन्न शहरों को एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की कार्रवाई प्रारम्भ की गई है। रीजनल कनेक्टिविटी के तहत प्रदेश के शहरों को जोड़ने की कार्य योजना को भी आगे बढ़ाया गया है। इससे प्रदेश में काम करने के बहुत अवसर पैदा हुए हैं।
योगी जी ने कहा कि वर्ष 2019 में प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक मेले अर्द्धकुम्भ का आयोजन हो रहा है। इस अवसर पर यहां 12 से 15 करोड़ लोग संगम स्नान के लिए आएंगे। विश्व परिदृश्य में उत्तर प्रदेश को प्रस्तुत करने का यह बड़ा मौका होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश दुनिया में राम, बुद्ध, कृष्ण, शिव के नाम से जाना जाता है। केन्द्र सरकार के स्वदेश दर्शन एवं प्रसाद योजना के तहत प्रदेश में रिलीजियस टूरिज्म के लिए तीर्थ स्थलों को विकसित करने हेतु युद्धस्तर पर काम प्रारम्भ किया गया है। प्रदेश में इको-टूरिज्म की सम्भावनाओं के दृष्टिगत तीव्र गति से काम किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे परियोजना के तहत गंगा जी और उसकी सहायक नदियों को सभी तरह के प्रदूषण से मुक्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। हर व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्र में ईमानदारी से काम करे तो विकास का लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो जाएगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि जन-धन खाता, विमुद्रीकरण, जी0एस0टी0 आदि से अर्थव्यवस्था को फायदा हुआ है। प्रदेश के औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर के लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 लागू की गई है। प्रदेश और केन्द्र सरकार समन्वय के साथ राज्य के समग्र विकास के लिए काम कर रही है। कार्यक्रम को क्रेडाई के नेशनल प्रेसीडेण्ट श्री जक्सय शाह, क्रेडाई यू0पी0 के चेयरमैन श्री एस0के0 गर्ग, अध्यक्ष श्री संजय सेठ ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने क्रेडाई की पत्रिका ‘पल्स’ का विमोचन किया तथा श्री शान्तनु गुप्ता द्वारा लिखी जा रही मुख्यमंत्री जी की बायोग्राफी ‘द माॅन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ के कवर पेज का अनावरण भी किया।
इस अवसर पर संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश खन्ना, वित्त मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री चेतन चैहान, प्राविधिक शिक्षा मंत्री श्री आशुतोष टण्डन, नागरिक उड्डयन मंत्री श्री नन्द गोपाल नन्दी, आवास राज्य मंत्री श्री सुरेश पासी सहित जनप्रतिनिधिगण, क्रेडाई के नेशनल चेयरमैन श्री गीताम्बर आनन्द, अन्य पदाधिकारी तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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प्रधानमंत्री जी द्वारा युवाओं के स्वावलम्बन एवं स्वरोजगार के लिए प्रारम्भ की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एक महत्वपूर्ण, महत्वाकांक्षी और सम्भावनाशील योजना: मुख्यमंत्री

Posted on 22 July 2017 by admin

राज्य सरकार कौशल विकास अभियान के माध्यम से अधिक से
अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध

राज्य सरकार का इस वर्ष 10 लाख युवाओं
को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य

विगत सरकारों की कार्य पद्धति के कारण राज्य के
अधिकतर निजी आई0टी0आई0 संस्थानों की गुणवत्ता खराब

परीक्षा पद्धति को सरल और प्रभावी बनाने के लिए आॅनलाइन
परीक्षा प्रणाली अपनाने के लिए कार्य किया जा रहा है

पहले चरण में राज्य सरकार सभी 18 मण्डल
मुख्यालयों पर हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल खोलेगी

दूसरे चरण में जिला मुख्यालयों पर
हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल स्कूल खोले जाएंगे

प्रधानमंत्री जी ने पहली बार अलग से कौशल विकास एवं
उद्यमशीलता मंत्रालय का गठन किया: केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री

जिन प्रखण्डों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नहीं हैं, राज्य सरकार की
अनुशंसा पर वहां पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएंगे

ट्रेनिंग आॅफ ट्रेनर्स प्रोग्राम में पूरा सहयोग किया जाएगा

मुख्यमंत्री और केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री की प्रेसवार्ता

मुख्यमंत्री की केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री के साथ बैठक सम्पन्न
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा युवाओं के स्वावलम्बन एवं स्वरोजगार के लिए प्रारम्भ की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एक महत्वपूर्ण, महत्वाकांक्षी और सम्भावनाशील योजना है। ‘कोई भी अयोग्य नहीं है, केवल एक योजक की आवश्यकता है, जो मार्गदर्शन कर सके।’ प्रशिक्षण देकर कौशल विकास अभियान योजक का काम कर रहा है। राज्य सरकार कौशल विकास अभियान के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत अभी तक 06 लाख युवाओं का पंजीकरण हो चुका है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस वर्ष 10 लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराना है। अगले 05 वर्षों में प्रदेश सरकार 70 लाख नौजवानों को प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाएगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी के साथ एक प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तथा लगभग 2500 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं। निजी प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता और परीक्षा पद्धति पर कई प्रश्न हैं। परीक्षा पद्धति को सरल और प्रभावी बनाने के लिए आॅनलाइन परीक्षा प्रणाली अपनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। इससे बहुत ही कम अवधि में परीक्षा की प्रक्रिया पूरी करके परिणाम दिए जा सकेंगे। साथ ही, परीक्षा में होने वाली अवैध गतिविधियों पर भी नियंत्रण लग सकेगा।press-112
वाराणसी में साड़ी, मुरादाबाद में पीतल, भदोही में कालीन एवं दरी, कन्नौज में इत्र, फिरोजाबाद में चूड़ी आदि परम्परागत उद्योगों की चर्चा करते हुए योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लगभग प्रत्येक जनपद में कोई न कोई व्यवसाय पारम्परिक रूप से होता रहा है। मान्यता और उद्यमशीलता को महत्व न मिलने के कारण ये पारम्परिक व्यवसाय लगभग बंदी के कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि इन पारम्परिक उद्योगों को पुनर्जीवित करके ही लाखों कर्मियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। कौशल विकास का प्रशिक्षण इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अप्रशिक्षित ड्राइवरों के कारण बड़े पैमाने पर दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों की हर महीने असमय मृत्यु हो जाती है। इस समय लगभग 04-05 लाख प्रशिक्षित ड्राइवरों की आवश्यकता है। राज्य सरकार पहले चरण में सभी 18 मण्डल मुख्यालयों पर 05-05 एकड़ भूमि उपलब्ध कराकर हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल खोलेगी। दूसरे चरण में जिला मुख्यालयों पर ये स्कूल खोले जाएंगे।
प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि पूर्व में 23 मंत्रालयों के 50 विभागों द्वारा कौशल विकास का काम किया जाता था। प्रधानमंत्री जी ने पहली बार इसके लिए अलग कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय का गठन किया। राज्य सरकार भी इसी तर्ज पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के अधिकतर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता की कमी है। इसलिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग ने नये मानक जारी किए हैं।
श्री रूडी ने कहा कि गुणवत्तापरक प्रशिक्षण देने वाले राजकीय एवं निजी दोनों ही क्षेत्रों के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को केन्द्र और राज्य सरकार पूरी सहायता उपलब्ध कराएगी। उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद देते हुए श्री रूडी ने कहा कि राज्य सरकार ने कौशल विकास के लिए 150 करोड़ रुपए की धनराशि की बजट व्यवस्था की है। केन्द्र सरकार भी इसके लिए 200 करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी, जिससे कौशल विकास अभियान का प्रसार गांव-गांव तक किया जा सके। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की आवश्यकता को देखते हुए राज्य सरकार चरणबद्ध ढंग से 03 से 05 साल में हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल बनाएगी।
केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री ने कहा कि जिन प्रखण्डों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नहीं हैं, राज्य सरकार की अनुशंसा पर वहां पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। रोजगार मेलों का आयोजन पूरे देश में किया जाएगा। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में संचालित व्यवसायों को प्राथमिकता के आधार पर एन0सी0वी0टी0 मान्यता दी जाएगी। ट्रेनिंग आॅफ ट्रेनर्स प्रोग्राम में पूरा सहयोग किया जाएगा।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी की शास्त्री भवन में केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री एवं उनके विभागीय अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई। बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी ने यहां आकर भारत सरकार और राज्य सरकार की कौशल विकास योजनाओं का जिस प्रकार अवलोकन और मार्गदर्शन किया है, इससे युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के कार्यक्रम में और तेजी आएगी।press-32
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत सरकारों की कार्य पद्धति के कारण राज्य में संचालित अधिकतर निजी आई0टी0आई0 संस्थानों की गुणवत्ता खराब है। एक ही बिल्डिंग में कई-कई संस्थान संचालित हैं। इस पर रोक लगाने के निर्देश अधिकारियों को देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वे प्रदेश में कौशल विकास प्रशिक्षण के प्रति युवाओं की भावनाओं से उत्साहित हैं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल खोलने के सुझाव को स्वीकार करते हुए सभी जिलों में चरणबद्ध ढंग से ऐसे स्कूल खोलने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत स्थानीय परम्परागत व्यवसायों के प्रशिक्षण को शामिल करने हेतु भी अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में मानकों की जांच में राज्य सरकार केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय का पूरा सहयोग करेगी।
बैठक में केन्द्रीय मंत्री श्री रूडी ने प्रदेश में संचालित निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की गुणवत्ता में सुधार पर बल देते हुए उनका निरीक्षण कराकर रेटिंग बनाने और उसके बाद ही आर्थिक सहयोग देने की बात कही। बायोमेट्रिक मशीनों तथा टेªनिंग अण्डर डुअल सिस्टम हेतु सहायता मुहैया कराने के आश्वासन के साथ ही, उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक प्रशिक्षण देने वाले संस्थान चाहे वह राजकीय हों अथवा निजी, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। कौशल विकास मिशन द्वारा प्रशिक्षित प्रशिक्षणार्थियों के मूल्यांकन तथा प्रमाणीकरण का भी शीघ्र ही कराने का आश्वासन उन्होंने दिया।
इस अवसर पर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अधिकारियों ने एक प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया कि इस प्रशिक्षण सत्र में 26 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को क्रियाशील किया गया है, जिससे प्रशिक्षण क्षमता में 17,500 सीटों की वृद्धि हुई है। प्रदेश के राजकीय औद्योगिक संस्थानों में इस वर्ष के प्रशिक्षण सत्र में 07 नये रोजगारपरक व्यवसायों को प्रथम बार प्रारम्भ किए जाने की स्वीकृति दी गई है।
अधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया कि प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक तकनीक की मशीनों और उपकरणों की स्थापना करायी गयी है। साथ ही, स्मार्ट कक्षाओं, कम्प्यूटर लैब्स आदि की स्थापना के द्वारा प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार भी किया जा रहा है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों ने विभिन्न प्रतिष्ठित उद्योगों के साथ एम0ओ0यू0 भी किया है। बैठक में यह भी बताया गया कि गत 29 और 30 जून को गोरखपुर व बस्ती मण्डल के आई0टी0आई0 व कौशल विकास मिशन द्वारा प्रशिक्षित युवाओं के लिए आयोजित रोजगार मेले में 68 कम्पनियों ने भाग लेकर लगभग 05 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है।
इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री चेतन चैहान, केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता सचिव श्री के0पी0 कृष्णन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री शशि प्रकाश गोयल, सचिव श्री मृत्युंजय कुमार नारायण, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास सचिव श्री भुवनेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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प्रदेश के 70 प्रतिशत राशनकार्डों में एक लाभार्थी के आधार संख्या की फीडिंग काकार्य पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप अवशेष 30 प्रतिशत कार्य को भी आगामी 31 अक्टूबर, 2017 तक पूर्ण करा दिया जाये: मुख्य सचिव

Posted on 22 July 2017 by admin

प्रदेश के प्रत्येक राशनकार्ड में समस्त लाभार्थियों के आधार संख्या की फीडिंग का कार्य भी प्राथमिकता से पूर्ण कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियांे में तेजी लाई जाये: राजीव कुमार

प्रदेश के समस्त शहरी उचित दर दुकानों में स्थापित मच्व्ै  के माध्यम से ही लाभार्थियों के आधार पर वेलिडेशन द्वारा खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित हो: मुख्य सचिव
खाद्यान्न उठाने की सूचना सम्बन्धित राशन क्षेत्र के राशनकार्ड धारकों को भी  एस.एम.एस. के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराई जाये ताकि पात्र राशन
लाभार्थी समय से अपना राशन प्राप्त कर सकें: राजीव कुमार
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के 70 प्रतिशत राशनकार्डों में एक लाभार्थी के आधार संख्या की फीडिंग का कार्य पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप अवशेष 30 प्रतिशत कार्य को भी आगामी 31 अक्टूबर, 2017 तक पूर्ण करा दिया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक राशनकार्ड में समस्त लाभार्थियों के आधार संख्या की फीडिंग का कार्य भी प्राथमिकता से पूर्ण कराने हेतु आवश्यक कार्यवाहियांे में तेजी लाई जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त शहरी उचित दर दुकानों में स्थापित मच्व्ै  के माध्यम से ही लाभार्थियों के आधार पर वेलिडेशन द्वारा खाद्यान्न वितरण सुनिश्चित कराया जाये। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों की शिकायतों के अनुश्रवण हेतु स्थापित काॅलसेन्टर के टोल फ्री नम्बर-1800-180-0150 एवं 1967 में प्राप्त होने वाले शिकायतों को रिकार्ड कर निस्तारण कराने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराकर प्रगति से शिकायतकर्ता को भी अवगत कराया जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि उचित दर दुकानों पर सम्बन्धित कोटेदार द्वारा खाद्यान्न उठाने की सूचना सम्बन्धित राशन क्षेत्र के राशनकार्ड धारकों को भी एस.एम.एस. के माध्यम से सूचना उपलब्ध कराई जाये ताकि पात्र राशन लाभार्थी समय से अपना राशन सम्बन्धित दुकान से प्राप्त कर सके।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में खाद्य एवं रसद विभाग के कार्यों की समीक्षा कर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देेश दे रहे थे।
प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद श्रीमती निवेदिता शुक्ला वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के अन्तर्गत वर्तमान में चयनित समस्त अन्त्योदय  तथा पात्र गृहस्थी लाभार्थियों के राशन कार्ड डाटा का शत-प्रतिशत डिजिटाइजेशन कराया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अन्त्योदय योजनान्तर्गत 4094500 राशन कार्डों तथा वर्तमान में चयनित समस्त 29625583 पात्र गृहस्थी कार्डधारकों का डाटा डिजिटाइज करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि उचित दर की प्रदेश की कुल 79663 दुकानों का डाटा डिजिटाइजेशन करा दिया गया है।
प्रमुख सचिव, खाद्य एवं रसद आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के सुचारु रूप से क्रियान्वयन हेतु एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराइजेशन के अन्तर्गत सप्लाई चेन मैनेजमेन्ट पूर्ण रूप से लागू कराने हेतु विभिन्न सम्बन्धित अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सप्लाई चेन मैनेजमेन्ट के अन्तर्गत खाद्य आयुक्त कार्यालय से खाद्यान्न का आॅनलाइन आवंटन, जनपद स्तर पर पूर्ति निरीक्षक द्वारा दूकानवार आॅनलाइन आवंटन, जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा पूति निरीक्षक के माध्यम से किये गये आॅनलाइन आवंटन का सत्यापन कराते हुये आवंटन को लाॅक कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोटेदार हेतु आॅनलाइन ई-चालान डाउनलोड करने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई गयी है। उन्होंने बताया कि सप्लाई चेन मैनेजमेन्ट के अन्तर्गत अवशेष कार्यवाहियों को भी प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण कराया जा रहा है। प्रदेश के 3176 सार्वजनिक वितरण प्रणाली दुकानें निरस्त हैं जिनके स्थान पर नियमानुसार शीघ्र नई दुकानंे खोले जाने के निर्देश दिये गये।
खाद्य आयुक्त श्री अजय चैहान ने बताया कि आई.जी.आर.एस. के माध्यम से प्राप्त 7,712 संदर्भों में से 7,127 संदर्भों को निस्तारित कराकर अवशेष 585 लम्बित संदर्भों का निस्तारण भी प्राथमिकता से सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार आई.जी.आर.एस. के माध्यम से प्राप्त संदर्भों का निस्तारण लगभग 92 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के समस्त 6,745 पेट्रोल/डीजल पम्पों की जांच कराकर गड़बड़ी अथवा कमी पाये जाने वाले 539 पेट्रोल/डीजल पम्पों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराई गयी है।

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मा0 मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं ‘‘सबका साथ-सबका विकास’’ की अवधारणा को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेश के सतत् विकास हेतु उत्तर प्रदेश सरकार एवं नीति आयोग भारत सरकार द्वारा ‘‘ऐक्शन प्लान फाॅर उत्तर प्रदेश’’ तैयार

Posted on 22 July 2017 by admin

प्रदेश में कुपोषित बच्चों, शिक्षा क्षेत्र में ड्राप आउट्स को कम करने, गर्भवती माताओं  के बच्चों के लिये विशेष सुविधाओं सहित शिशु एवं मातृत्व मृत्यु दर को कम करने हेतु विशेष कार्य योजना बनाकर अभियान चलाकर समय-समय पर माॅनिटरिंग भी होगी सुनिश्चित
ऐक्शन प्लान को प्रदेश में प्रभावी ढं़ग से लागू कराये जाने हेतु 08 सेक्टरों यथा-पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास एवं पेयजल, स्वच्छता, सिंचाई एवं जल संसाधन, उद्योग तथा कृषि के समूह गठित कर विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञों को किया गया सम्मिलित
ऐक्शन प्लान के क्रियान्वयन हेतु नीति आयोग के अधिकारियों, ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों एवं परामर्शदाताओं सहित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन एवं ‘‘सबका साथ-सबका विकास’’ की अवधारणा को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेश के सतत् विकास हेतु उत्तर प्रदेश सरकार एवं नीति आयोग भारत सरकार द्वारा ‘‘ऐक्शन प्लान फाॅर उत्तर प्रदेश’’ तैयार किया गया है। ऐक्शन प्लान को उत्तर प्रदेश में प्रभावी ढं़ग से लागू कराये जाने हेतु 08 सेक्टरों यथा-पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास एवं पेयजल, स्वच्छता, सिंचाई एवं जल संसाधन, उद्योग तथा कृषि के अधिकारियों एवं विशेषज्ञ की संयुक्त कार्यकारी समिति गठित कर विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ ख्याति प्राप्त विषय विशेषज्ञों को सम्मिलित किया गया है। उत्तर प्रदेश में कुपोषित बच्चों, शिक्षा क्षेत्र में ड्राप आउट को कम करने, गर्भवती माताओं के बच्चों के लिये विशेष सुविधाओं सहित शिशु एवं मातृत्व मृत्यु दर को कम करने हेतु विशेष कार्य योजना बनाकर अभियान चलाकर समय-समय पर माॅनिटरिंग भी सुनिश्चित कराई जायेगी।
आज योजना भवन में एक्शन प्लान के क्रियान्वयन हेतु नीति आयोग के अधिकारियों, ख्याति प्राप्त विशेषज्ञों एवं परामर्शदाताओं सहित प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में नीति आयोग, भारत सरकार के श्री आदिल जैनुल, चेयरमैन, क्यू.सी.आई., श्री अनिल श्रीवास्तव, डायरेक्टर जनरल, डी.एम.ई.ओ, श्री आलोक कुमार, सलाहकार (स्टेट प्लान-यूपी), सुश्री मनिन्दरकौर द्विवेदी, सलाहकार (एच.आर.डी.), श्री अशोक कुमार जैन, सलाहकार (ग्राम्य विकास), श्री जे.पी. मिश्रा, सलाहकार (कृषि), श्री जितेन्द्र कुमार, सलाहकार, श्री राकेश रंजन, सीनियर कन्सल्टेन्ट, श्री अमित खेड़ा, पार्टनर, मैकेन्जी एण्डी कम्पनी उपस्थित थे।
प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की गति को और अधिक तेज करने हेतु एक्शन प्लान को तेजी एवं पारदर्शिता के साथ लागू कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के विकास का प्रभाव देश की प्रगति हेतु सार्थक प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा चिन्हित क्षेत्रों में किसी अन्य प्रदेश अथवा सम्बन्धित संस्था अथवा विशेषज्ञ द्वारा किये गये विशेष कार्य से अवगत कराया जाये ताकि किये गये कार्यों एवं विशेषज्ञ के अनुभव का लाभ प्रदेश के त्वरित विकास हेतु लिया जा सके।
मा0 मंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अपने सम्बोधन में प्रदेश के समन्वित विकास हेतु विभिन्न विभागों के मध्य कन्वर्जेन्स पर बल दिया। साथ ही नीति आयोग द्वारा इस विषय में राज्य को सहयोग किये जाने की पहल का स्वागत किया गया। उन्होंने अपने सम्बोधन में डैशबोर्ड बनाये जाने का स्वागत करते हुए सभी क्षेत्रों में प्रोजेक्ट अवधारणा को अपनाये जाने तथा परियोजना प्रबन्धन इकाई (च्डन्) बनाये जाने का सुझाव दिया गया।
श्री आदिल जै़नुल, अध्यक्ष, क्यू.सी.आई., ने अपने प्रस्तुतिकरण में प्रदेश के लिये आउटकम मानीटरिंग की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कार्यक्रमों के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिये मुख्यतः 04 तत्वों आकांक्षा, निष्पक्षता, संकल्पशक्ति एवं दूरदर्शिता (कमेपतमए ंिपतदमेेए ूपससपदहदमेे तथा ंितेपहीजमकदमेे) को आधार बनाने पर बल दिया गया। इसके साथ ही उनके द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के लिये तैयार किये गये डैश बोर्ड पर भी प्रकाश डाला गया।
श्री राकेश रंजन, वरिष्ठ सलाहकार, नीति आयोग द्वारा मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नीति आयोग के विचारों को प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों ंमें विकास के पहल की प्रतिबद्धता की सराहना की गयी। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में व्याप्त विषमताओं की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए अपेक्षा की गयी किइन क्षेत्रों में अभी और अधिक प्रयास किये जाने की आवश्यकता होगी।
गठित 08 समूहों द्वारा चयनित विषयों पर पृथक-पृथक विचार किया गया। समूहों द्वारा विभिन्न क्षेत्रांे में त्वरित विकास की दिशा में सुझाव दिये गये।
बैठक के अंत में गठित 08 समूहों द्वारा मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुतिकरण किया गया। समूहों से अपेक्षा की गयी कि दिये गये सुझावों को अंगीकृत करते हुए समूह की रिपोर्ट 20 अगस्त, 2017 तक तैयार करा ली जाये ताकि सम्बन्धित क्षेत्र के त्वरित विकास हेतु सुझावों कोे अमल में लाते हुये प्रदेश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाया जा सके।

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मुख्यमंत्री ने विधानसभा में राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित श्री राम नाथ कोविंद को बधाई दी

Posted on 22 July 2017 by admin

उपेक्षित और वंचित वर्गों के प्रति श्री कोविंद की
संवेदनशीलता उनके व्यक्तित्व की पहचान: मुख्यमंत्री
pressउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने श्री रामनाथ कोविंद जी को देश का राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई दी है। निर्वाचित राष्ट्रपति को बधाई देने हेतु विधानसभा में आज प्रस्तुत एक प्रस्ताव पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जमीन से जुड़े श्री कोविंद जी का व्यक्तित्व बहुआयामी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक प्रखर समाजसेवी, कुशल अधिवक्ता तथा सांसद के रूप में उपेक्षित और वंचित वर्गों के प्रति उनकी संवेदनशीलता, उनके व्यक्तित्व की पहचान है। स्वच्छ छवि व कार्य कुशलता उन्हें देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद हेतु निर्वाचन में सहायक साबित हुई।
योगी जी ने कहा कि श्री कोविंद का जन्म प्रदेश के कानपुर देहात जनपद के ग्राम परौंख में हुआ था। उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए देश की सेवा की। संयुक्त राष्ट्र संघ में देश का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही उन्होंने महासभा को सम्बोधित भी किया। अपनी निष्पक्षता के कारण बिहार के राज्यपाल के रूप में वे सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में समान रूप से लोकप्रिय थे।

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ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक के मेट्रो के अवशेष कार्यों को प्राथमिकता से निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराते हुये आम जनता को आवागमन हेतु मेट्रो सेवा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने हेतु काॅमर्शियल संचालन हेतु कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से क्लीयरेंस प्राप्त करने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाये: मुख्य सचिव

Posted on 22 July 2017 by admin

मेरठ एवं आगरा में मेट्रो संचालन हेतु प्रस्तावित डी0पी0आर0 का परीक्षण कराकर अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र करायें, गोरखपुर में आम नागरिकों को मेट्रो रेल द्वारा सफर की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु यथाशीघ्र डी0पी0आर0 बनाकर प्रस्तुत किया जाये: राजीव कुमार

dsc_4302मेट्रो परियोजना की प्रस्तावित लागत को कम करने हेतु विभिन्न उपायों का उपयोग कर आवश्यक कदम प्राथमिकता से उठाये जायें: मुख्य सचिव
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार ने निर्देश दिये हैं कि लखनऊ मेट्रो के प्रथम चरण में निर्माणाधीन ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग तक के अवशेष कार्यों को प्राथमिकता से निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराते हुये आवश्यकतानुसार अनापत्ति प्रमाण पत्र एवं स्वीकृतियां प्राप्त करते हुये आम जनता को आवागमन हेतु मेट्रो सेवा यथाशीघ्र उपलब्ध कराने हेतु काॅमर्शियल संचालन हेतु कमिश्नर रेलवे सेफ्टी से क्लीयरेंस प्राप्त करने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाये। उन्होंने प्रदेश के अन्य शहरों में मेट्रो का संचालन कराने हेतु प्रस्तावित कार्य योजनाओं में तेजी लाकर अवशेष कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण कराना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने मेरठ एवं आगरा में मेट्रो संचालन हेतु प्रस्तावित डी0पी0आर0 का परीक्षण कराकर अग्रिम कार्यवाही यथाशीघ्र कराने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में आम नागरिकों को मेट्रो रेल द्वारा सफर की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु यथाशीघ्र डी0पी0आर0 बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में निर्मित होने वाले मेट्रो की परियोजना की प्रस्तावित लागत को कम करने हेतु विभिन्न उपायों का उपयोग कर आवश्यक कदम प्राथमिकता से उठाये जायें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना की बैठक कर कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेट्रो परियेाजनाओं में नाॅन-फेयरबाॅक्स रेवेन्यू को बढ़ाने हेतु वैकल्पिक संसाधनों को चिन्हित करने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आर0आर0टी0एस0) की प्रगति की जानकारी प्राप्त कर शीघ्र क्रियान्वित कराये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही कराने के निर्देश दिये।
प्रबन्ध निदेशक मेट्रो रेल काॅर्पोरेशन श्री कुमार केशव ने बताया कि लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के प्राथमिक सेक्शन (ट्रांसपोर्ट नगर से चारबाग) में सिविल एवं सिस्टम्स के अधिकांश कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस सेक्शन पर रोलिंग स्टाॅक के ट्रायल्स का कार्य पूर्ण होकर रेल मंत्रालय से स्वीकृति प्राप्त की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस सेक्शन पर रेवन्यू आॅपरेशन प्रारंभ किये जाने हेतु अन्तिम गतिविधि के रूप में कमिशनर रेलवे सेफ्टी से क्लीयरेंस प्राप्त करने हेतु दिनांक 09.06.2017 को आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जा चुका है।
श्री कुमार केशव द्वारा बताया गया कि लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के नार्थ-साउथ काॅरिडोर के अवशेष सेक्शन में निर्माण कार्य लक्ष्य के अनुरूप प्रगति पर है। इस सेक्शन पर निर्माण कार्यों को त्वरित गति से पूर्ण कराते हुये मेट्रो का संचालन निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि कानपुर, वाराणसी मेट्रो रेल परियोजनाओं की डी0पी0आर0 राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित कर केन्द्र सरकार को स्वीकृति हेतु प्रेषित की जा चुकी है जबकि मेरठ व आगरा की डी0पी0आर0 तैयार है तथा इस पर राज्य सरकार का अनुमोदन प्राप्त किया जाना है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर व इलाहाबाद मेट्रो की डी0पी0आर0 को तैयार किये जाने का कार्य प्रगति पर है।
बैठक में प्रमुख सचिव, आवास श्री मुकुल सिंघल, प्रमुख सचिव, औद्योगिक विकास श्री आलोक सिन्हा, सचिव वित्त श्री मुकेश मित्तल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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प्रदेश सरकार ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के अन्त्योदय से प्रेरित होकर गांव, गरीब, दलित, महिला, युवा को समर्पित बजट प्रस्तुत किया

Posted on 21 July 2017 by admin

राज्य सरकार का बजट आम आदमी के विश्वास,
आकांक्षाओं और उम्मीदों का प्रतीक

‘सबका साथ, सबका विकास’ की मूल अवधारणा पर आधारित है यह बजट

राष्ट्र नवरचना के कार्यों का शुभारम्भ ग्रामीण अंचल से होना चाहिए

इस बजट से प्रदेश का किसान राजनीति का केन्द्र बिन्दु बन रहा है

योजनाओं का उद्देश्य लोक कल्याण होना चाहिए, लोक लुभावन नहीं

बेहतर वित्तीय अनुशासन एवं प्रबन्धन, अनावश्यक खर्चों वाली योजनाओं को बन्द करके तथा फिजूलखर्ची पर रोक लगाकर यह बजट सम्भव हुआ

पूर्ववर्ती सरकार का केन्द्र सरकार के साथ समन्वय न होने के कारण न तो विकास हो रहा था और न ही किसानों, मजदूरों, गरीबों, नौजवानों, महिलाओं, बालिकाओं को केन्द्र की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा था

किसी को भी कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं, प्रदेश सरकार की
नीति है कि निर्दोषों को छेड़ेंगे नहीं और दोषियों को छोड़ेंगे नहीं

राज्य सरकार अपराधियों के साथ ही अपराधियों के संरक्षणकर्ताओं को
भी कानून के दायरे में ले आने के लिए कानून बनाएगी

प्रदेश सरकार यू0पी0पी0सी0एस0 की वर्ष 2012 से अब तक
की सभी नियुक्तियों की सी0बी0आई0 से जांच कराएगी

विधान सभा में बजट 2017-18 की सामान्य चर्चा में मुख्यमंत्री का सम्बोधन
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट अन्त्योदय को ध्यान में रखकर बनाया गया है। अभी तक का सबसे बड़ा यह बजट गांव, गरीब, दलित, महिला, युवा को समर्पित है। वर्ष 2017-18 के इस बजट में किसानों, दुर्बल वर्ग, महिलाओं, बालिकाओं, बुजुर्गों और युवा वर्ग के कल्याण और सशक्तिकरण पर विशेष बल दिया गया है, जिसका स्वागत प्रदेश के हर वर्ग ने किया है। राज्य सरकार का बजट आम आदमी के विश्वास, आकांक्षाओं और उम्मीदों का प्रतीक है। यह बजट किसी एक समुदाय या वर्ग के तुष्टीकरण की नहीं, बल्कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की मूल अवधारणा पर आधारित है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां विधान सभा में बजट 2017-18 की सामान्य चर्चा पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सौभाग्य की बात है कि अन्त्योदय के प्रणेता पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मशती वर्ष में राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनती है और यह बजट प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी कहते थे कि कुछ लोगों की मनमानी को लोकतंत्र नहीं कहते। राष्ट्र की नवरचना में आम लोगों के योगदान को लोकतंत्र कहते हैं। राष्ट्र नवरचना के कार्यों का शुभारम्भ ग्रामीण अंचल से होना चाहिए। 25 सितम्बर, 2017 को प्रदेश सरकार भारत सरकार के साथ पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मशती वर्ष पर होने वाले कार्यक्रमों में भागीदार बनेगी। इसी श्रंखला में प्रदेश सरकार ने मुगलसराय नगर और वहां के जंक्शन का नाम पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के नाम पर रखा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में राज्य के 86 लाख लघु एवं सीमान्त किसानों के 36,000 करोड़ रुपए के फसली ऋण को माफ करने का फैसला लिया। यह फैसला बहुत चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि प्रदेश का खजाना खाली था। एफ0आर0बी0एम0 की सीमा पार होने के कारण प्रदेश की विश्वसनीयता संकट में थी। बजट में बिना कोई अतिरिक्त कर लगाए या ऋण लिए किसानों के फसली ऋण को माफ करने के लिए अपने संसाधनों से बजट व्यवस्था हेतु वित्त मंत्री की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य को स्वावलम्बी एवं आत्मनिर्भर बनाने के दृष्टिगत यह फैसला लिया गया है।
योगी जी ने कहा कि इस बजट से प्रदेश का किसान राजनीति का केन्द्र बिन्दु बन रहा है। विगत वर्षों में किसान राजनीति का एजेण्डा नहीं बन पाया। राजनीति का केन्द्र बिन्दु जाति व परिवार बना। इसने राज्य के ताने-बाने का छिन्न-भिन्न कर दिया। इस राजनीति के कारण प्रदेश विकास की दौड़ में काफी पीछे चला गया। इसलिए जनता ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार को चुना और प्रदेश सरकार ने पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के अन्त्योदय से प्रेरित होकर गांव, गरीब, दलित, महिला, युवा को समर्पित बजट प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट को संतुलित रूप से प्रस्तुत करने के साथ ही, सभी की सहभागिता का प्रयास किया गया है। कृषि एवं सम्बद्ध कार्यों हेतु 67 हजार 682 करोड़ 61 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष के बजट से 37 हजार 910 करोड़ 76 लाख रुपए अधिक है। भारत एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था वाला देश है, उत्तर प्रदेश इसकी आत्मा है। प्रदेश के ग्रामीण विकास हेतु राज्य सरकार ने 18 हजार 222 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है, जो गत वर्ष से 7 प्रतिशत अधिक है। पंचायती राज हेतु गत वर्ष से 30 प्रतिशत अधिक की बजट व्यवस्था की गई है।
योगी जी ने कहा कि शिक्षा की योजनाओं हेतु विगत वर्ष 49 हजार 807 करोड़ रुपए की व्यवस्था थी, जबकि वर्तमान बजट में 62 हजार 350 करोड़ 78 लाख रुपए की व्यवस्था की गई है। छात्रवृत्ति योजना के लिए गत वर्ष से 4 प्रतिशत अधिक बजट व्यवस्था है। प्राविधिक शिक्षा के लिए 679.30 करोड़ रुपए तथा व्यावसायिक शिक्षा के लिए 994.55 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष की तुलना में क्रमशः 2 प्रतिशत एवं 18 प्रतिशत अधिक है।
युवाओं के कौशल विकास के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने नया मंत्रालय गठित करके कौशल विकास पर ध्यान दिया है। इसके तहत युवाओं को विभिन्न व्यवसायों की विधिवत टेªनिंग प्रदान की जाती है। राज्य सरकार ने कौशल विकास हेतु प्रशिक्षण के लिए 150 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की है, जो विगत वर्ष की तुलना में ढाई गुना अधिक है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस वर्ष 10 लाख नौजवानों को कौशल विकास से जोड़कर रोजगार प्रदान करना है। इसके लिए 6 लाख से अधिक नौजवानों का पंजीकरण भी हो चुका है। अगले 05 वर्षों में प्रदेश सरकार 70 लाख नौजवानों का कौशल विकास कर रोजगार मुहैया कराएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के लिए विगत वर्ष
6,974.34 करोड़ रुपए की व्यवस्था थी, जबकि वर्ष 2017-18 के बजट में
7,194.57 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। नगर विकास की योजनाओं, जिनमें अवस्थापना सुविधाओं के विकास की योजनाएं हैं, के लिए वर्ष 2016-17 में 8,267.80 करोड़ रुपए की व्यवस्था थी, जबकि वर्ष 2017-18 में 13,189.01 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की व्यवस्था के लिए गत वर्ष 2100 करोड़ रुपए की व्यवस्था थी, जबकि वर्तमान बजट में 3800 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल एवं विन्ध्य क्षेत्र में सर्फेस वाॅटर आधारित ग्रामीण पेयजल योजना के लिए 2800 करोड़ रुपए की व्यवस्था है।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश की सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए 3,972 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 24 प्रतिशत अधिक है। हवाई पट्टियों के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार रीजनल कनेक्टीविटी के लिए एक महानगर को दूसरे से हवाई सेवा से जोड़ने के लिए काम कर रही है। प्रदेश सरकार जेवर में इण्टरनेशनल एयरपोर्ट बना रही है। आगरा के हवाई अड्डे को अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। लखनऊ के एयरपोर्ट का भी विस्तार किया जा रहा है। साथ ही, इलाहाबाद, गोरखपुर, वाराणसी के हवाई अड्डों के बारे में भी कार्य प्रगति पर है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है। मात्र 100 दिन के अन्दर 64 रेस्क्यू वैन संचालित करने के साथ ही, ‘181’ नम्बर जारी कर महिला सुरक्षा के प्रति नई जागरूकता पैदा करने का काम राज्य सरकार ने किया है। वर्ष 2017-18 के बजट में महिला एवं बाल विकास योजनाओं के लिए गत वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक की बजट व्यवस्था की गई है। निराश्रित विधवाओं के भरण-पोषण अनुदान हेतु 1129.78 करोड़ रुपए की व्यवस्था है, जो गत वर्ष की तुलना में 77 प्रतिशत अधिक है। अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं हेतु 23690.86 करोड़ रुपए की व्यवस्था है, जो गत वर्ष की तुलना में 5 प्रतिशत अधिक है। वृद्धावस्था एवं किसान पेंशन योजना के लिए गत वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक की बजट व्यवस्था है। इसी प्रकार दिव्यांगों के भरण-पोषण अनुदान के लिए 550 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत अधिक है। पुलिस के लिए 16,116.75 करोड़ रुपए की व्यवस्था है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है।
योगी जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार का केन्द्र सरकार के साथ कोई समन्वय न होने के कारण न तो विकास हो रहा था और न ही प्रदेश के किसानों, मजदूरों, गरीबों, नौजवानों, महिलाओं, बालिकाओं को केन्द्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ही मिल पा रहा था। सौभाग्य से केन्द्र और प्रदेश में समान विचारधारा की सरकार होने के कारण अब प्रदेश सरकार इसका पूरा लाभ उठाने जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार का 03 वर्ष का कार्यकाल देश की आजादी के इतिहास का स्वर्णकाल कहा जाएगा। प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि आम नागरिकों को स्वावलम्बन एवं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाना चाहिए। इसलिए योजनाओं का उद्देश्य लोक कल्याण होना चाहिए, लोक लुभावन नहीं। लोक लुभावन नारे कुछ समय के लिए अच्छे लग सकते हैं, लेकिन किसी का कल्याण नहीं कर सकते। प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री जी से प्रेरणा प्राप्त कर केन्द्र सरकार की सभी योजनाआंें का लाभ प्रदेशवासियों को दिलाने के लिए तत्पर है।
योगी जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार केन्द्रीय सड़क निधि (सी0आर0एफ0) के तहत केन्द्र सरकार से प्राप्त धनराशि को भी अन्य योजनाओं पर खर्च कर लेती थी। यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट न मिलने के कारण इसके तहत और धनराशि नहीं मिल पाती थी। वर्तमान राज्य सरकार समय पर यूटीलाइजेशन सर्टिफिकेट प्रस्तुत कर केवल सी0आर0एफ0 के तहत केन्द्र सरकार से 10 हजार करोड़ रुपए की धनराशि लेकर आयी है। इससे शहरों की भांति गांव के लोगों के लिए भी अच्छी और चैड़ी सड़कंे सुलभ हांेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित योजनाओं के लिए प्रदेश सरकार ने अपने अंश की बजट व्यवस्था की है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के लिए 968.57 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन हेतु 900 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष की तुलना में 12 गुना ज्यादा है।
योगी जी ने कहा कि ‘स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना’ के तहत स्वच्छ शौचालयों के निर्माण हेतु 3,255 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। ‘स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) योजना’ के अन्तर्गत 1000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो गत वर्ष से 67 प्रतिशत अधिक है। पूर्ववर्ती सरकार का स्वच्छता से कोई लेना-देना ही नहीं था। गंगा जी के किनारे 1627 गांवों को ओ0डी0एफ0 करना था, लेकिन पिछली सरकार द्वारा इसमें कोई रुचि नहीं ली गई। स्वच्छता की रैंकिंग में 100 गन्दे शहरों में प्रदेश के 52 शहर शामिल थे। यह विरासत हमें मिली है। वर्तमान राज्य सरकार ने 100 दिन के अन्दर गंगा जी के किनारे स्थित 1627 गांवों को ओ0डी0एफ0 घोषित किया है। प्रदेश के 02 जनपद ओ0डी0एफ0 घोषित किए जा चुके हैं। सभी से सहयोग की अपील करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार 31 दिसम्बर, 2017 तक प्रदेश के 30 जिलों को ओ0डी0एफ0 घोषित करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2990.88 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु 4500 करोड़ रुपए तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु 3000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 100 दिन के अन्दर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 6 लाख परिवारों का रजिस्ट्रेशन किया है। इस साल योजना के तहत 10 लाख आवास दिए जाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 2 लाख आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। इस प्रकार दोनों योजनाओं के तहत इस वर्ष 12 लाख आवास पात्र परिवारों को मुहैया कराए जाएंगे। आवासों को सूची के अनुसार दिया जाएगा और इसमंे किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा।
योगी जी ने कहा कि ‘अटल मिशन फाॅर रिज्यूवनेशन एण्ड अर्बन ट्रांसफाॅर्मेशन (अमृत)’ योजना के तहत प्रदेश के 61 शहर चयनित हैं। इन शहरों में पेयजल, सीवरेज और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए भारत सरकार से योगदान किया जाना है। प्रदेश सरकार ने अमृत योजना के लिए बजट में 2000 करोड़ रुपए की व्यवस्था की है, जो गत वर्ष की तुलना में दोगुना है। इसी प्रकार स्मार्ट सिटी योजना के तहत 1500 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले डेढ़ गुना है। त्वरित ग्रामीण विद्युतीकरण कार्यक्रम के लिए गत वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत अधिक तथा सर्व शिक्षा अभियान के तहत गत वर्ष की तुलना में 27 प्रतिशत अधिक धनराशि की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार सभी 75 जिलों को बिना भेदभाव के बिजली मुहैया करा रही है। हर जिला मुख्यालय पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालय और बुन्देलखण्ड में 20 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे समान रूप से बिजली आपूर्ति की जा रही है। इसी प्रकार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क बिजली कनेक्शन की व्यवस्था की गई है। पूर्ववर्ती सरकार 01 वर्ष में 5000 ट्रांसफाॅर्मर नहीं बदल पायी, जबकि वर्तमान राज्य सरकार ने 100 दिन में 8000 से ज्यादा ट्रांसफाॅर्मर बदले और उनकी क्षमता बढ़ाई है। प्रदेश के अन्दर हर तबके को बिजली मुहैया कराने के लिए ‘पावर फाॅर आॅल’ के लिए एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किए गए हैं। 100 दिन में 18 हजार से अधिक छोटे-बड़े मजरों का विद्युतीकरण कराया गया है। राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में 48 घण्टे और शहरी क्षेत्र में 24 घण्टे में खराब ट्रांसफाॅर्मर बदलने के लिए टोल फ्री नम्बर जारी किया है।
योगी जी ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी को समान रूप से बिजली मुहैया करा रही है। देवा शरीफ और महादेवा दोनों को बिना भेदभाव के बिजली दी जा रही है। शाहजहांपुर को 24 घण्टे बिजली मिल रही है, तो रामपुर को भी 24 घण्टे बिजली देने की व्यवस्था की गई है। यही लोकतंत्र है, इसी को लोकतंत्र कहते हैं। चन्द लोगों की मनमानी लोकतंत्र नहीं होता। पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी ने ऐसे ही लोकतंत्र की बात की थी। और मनमानेपन की भत्र्सना की थी।
मुख्यमंत्री जी ने सभी जनप्रतिनिधियों से सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ जनता तक पहुंचाने के लिए प्रयास करने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य सरकार स्कूली बच्चों को यूनिफाॅर्म, बैग, किताबें, जूते-मोजे देने का काम कर रही है। विधायकगण भी इस कार्य में सहयोग दें। एक-एक विद्यालय को गोद लेकर उसे आदर्श विद्यालय बनाएं, जिससे उन स्कूलों के दिन बहुर सकें और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला बच्चा भी अपने को गौरवान्वित महसूस कर सके। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में गरीब, किसान व मजदूर का बच्चा ही पढ़े यह नहीं होना चाहिए। अच्छा होगा कि नेताओं के बच्चे भी वहां पढ़ें। इसकी शुरुआत आप सभी को करनी चाहिए। मुख्यमंत्री जी ने फसली ऋण मोचन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना में भी विधायकगण से सहभागी बनने की अपील करते हुए कहा कि इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता आएगी।
वित्त मंत्री की सराहना करते हुए योगी जी ने कहा कि बजट में राजकोषीय घाटे को जी0डी0पी0 के 2.97 प्रतिशत के अन्दर रखा गया है, जो निर्धारित सीमा के अन्दर है। यह पिछले वर्ष के 3.01 प्रतिशत से भी कम है। बजट में 12 हजार 278 करोड़ रुपए की बचत भी की गई है। बेहतर वित्तीय अनुशासन एवं प्रबन्धन, अनावश्यक खर्चों वाली योजनाओं को बन्द करके तथा फिजूलखर्ची पर रोक लगाकर यह बजट सम्भव हुआ है। इससे जनता का विश्वास बहाल हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में जंगलराज और अराजकता का माहौल पैदा कर दिया गया था। वर्तमान राज्य सरकार विरासत में मिली इस अराजक व्यवस्था से सख्ती से निपटेगी। किसी को भी कानून को हाथ में लेने की अनुमति नहीं है। प्रदेश सरकार की नीति है कि निर्दोषों को छेड़ेंगे नहीं और दोषियों को छोड़ेंगे नहीं। पुलिस को शत-प्रतिशत एफ0आई0आर0 दर्ज करने का आदेश दिया गया है। शत-प्रतिशत एफ0आई0आर0 दर्ज होंगी, अगर कोई नहीं करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गत वर्ष की तुलना में हत्या, रोड होल्ड-अप तथा दहेज उत्पीड़न की घटनाओं में कमी आयी है। राज्य सरकार अपराधियों के साथ ही अपराधियों के संरक्षणकर्ताओं को भी कानून के दायरे में ले आने के लिए इस सत्र में अथवा अगले सत्र में कानून बनाएगी। प्रदेश के हर नागरिक को जीने का अधिकार है। उनके इस अधिकार में खलल डालने का प्रयास करने वालों का राज्य सरकार जीना हराम कर देगी।
योगी जी ने कहा कि पुलिस में डेढ़ लाख पद खाली हैं। राज्य सरकार 03 साल के अन्दर ये डेढ़ लाख पद भरेगी। इसके लिए एकदम पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी। भर्तियां किसी जाति, मत या मजहब के आधार पर नहीं होंगी। इस व्यवस्था के अन्तर्गत इस वर्ष 33 हजार 200 पुलिस कर्मियों की भर्ती होगी, जिसमें 30 हजार पुलिस काॅन्सटेबल और 3200 सब-इंस्पेक्टर हांेगे। विगत 10 वर्षों में कोई ऐसी नियुक्ति नहीं हुई है, जिस पर उंगली न उठी हो। पूर्ववर्ती सरकार ने यू0पी0पी0सी0एस0 की परीक्षा पर भी विश्वसनीयता के प्रश्न पैदा कर दिए हैं। राज्य सरकार यू0पी0पी0सी0एस0 की वर्ष 2012 से अब तक की सभी नियुक्तियों की सी0बी0आई0 से जांच कराने जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अवैध बूचड़खानों को संचालित नहीं होने देगी। एन0जी0टी0 और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध किसी को भी चलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार ने कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू की है। खनन के क्षेत्र में भी यह व्यवस्था लागू की जा रही है। इससे राजस्व के साथ रोजगार भी बढ़ेगा। जिन लोगों ने बालू, मौरंग और गिट्टी के दाम बढ़ा रखें हैं, राज्य सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि जो भी आम जनता का शोषण करेगा, गरीबों के हितों पर कुठाराघात करेगा, विकास की योजनाओं में बाधक बनेगा, राज्य सरकार उसके खिलाफ सख्ती से पेश आएगी।
योगी जी ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के अन्दर रोजगार सृजन के लिए नई औद्योगिक और निवेश नीति लागू की है। उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक राज्य था। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में इस उद्योग की स्थिति खस्ता हो गई। राज्य सरकार के प्रयास से अब स्थिति बदल रही है। पिछले साल गन्ना उत्पादक किसानों को 13000 करोड़ रुपए का भुगतान कराया गया था। राज्य सरकार ने 100 दिन के समय में 23000 करोड़ रुपए का भुगतान गन्ना किसानों को कराया है। शेष 2000 करोड़ रुपए के भुगतान के लिए भी नोटिस जारी की जा चुकी है। गन्ना किसानों के भुगतान के साथ ही नई चीनी मिलों को लगाने का काम भी प्रदेश सरकार कर रही है। प्रदेश में चीनी उद्योग को पुनस्र्थापित करने के लिए गोरखपुर के पिपराइच, बस्ती, रसड़ा, मझोला, शाहजहांपुर में चीनी मिलों पर काम हो रहा है। बागपत की रमाना चीनी मिल के विस्तारीकरण की योजना भी है। चीनी के साथ सेकेण्ड जेनरेशन एथनाॅल उत्पादन के लिए भी सरकार काम कर रही है। इससे किसानों को पुआल और बगास का पैसा भी मिलने लगेगा। थर्ड जेनरेशन के 04 प्लाण्ट जिनमें प्रत्येक की कीमत 1200 करोड़ रुपए होगी, को पूरब, पश्चिम, मध्य और बुन्देलखण्ड में लगाने का प्रयास है। इससे ग्रीन डीजल और पेट्रोल का निर्माण बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के डिजीटल इण्डिया कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार प्रदेश में नई तकनीक को बढ़ावा दे रही है। इससे प्रशासन को जवाबदेह, पारदर्शी व कुशल बनाने में मदद मिलेगी। राज्य सरकार ई-आॅफिस और ई-हाॅस्पिटल की व्यवस्था को बढ़ावा दे रही है। इससे जनता को चिकित्सा सुविधा प्राप्त करने में मदद मिलेगी। राज्य ने पिछले 15 वर्ष में जो सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक अपमान झेला है, उसके निराकरण के लिए प्रदेश सरकार स्वदेश दर्शन और प्रसाद योजना में बौद्ध, रामायण, कृष्णा एवं आध्यात्मिक सर्किट के तहत काम कर रही है। दुनिया की सबसे प्राचीनतम नगरी काशी के विकास के लिए 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था बजट में की गई है। इसके अलावा, अयोध्या, काशी, मथुरा, देवीपाटन, गोरखपुर, कुशीनगर, श्रावस्ती, कपिलवस्तु, नैमिषारण्य, शाकुम्भरी आदि जितने भी ऐसे स्थल हैं, के विकास के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्प है।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बजट प्राविधान किया है। प्रयागराज में वर्ष 2019 में होने वाले अर्द्धकुम्भ के लिए 500 करोड़ रुपए की बजट व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रयागराज कुम्भ को एक ऐसे इवेण्ट के रूप में दुनिया के सामने प्रस्तुत किया जाए कि पूरी दुनिया प्रदेश के इस गौरवशाली सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ झूमती भी दिखाई दे। मेला विकास बोर्ड बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रयागराज में कुम्भ, अर्द्धकुम्भ तथा हर साल माघ मेला ही नहीं होगा, बल्कि अन्य त्योहारों में लोग यहां बड़े पैमाने पर आते हैं। राज्य सरकार बोली एवं भाषाओं के विकास के लिए भी प्रतिबद्ध है। भोजपुरी, अवधी, बुन्देलखण्डी, ब्रज आदि लोक भाषाओं, लोक कला, लोक संस्कृति, लोक कार्यक्रम के विकास के लिए भी बजट प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार ने अयोध्या में अखण्ड रामलीला के साथ ही सरयू आरती को फिर से आरम्भ कराया है। चित्रकूट, मथुरा, वृन्दावन और अन्य धर्म स्थलों के लिए भी व्यवस्था की गई है।

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राज्य सरकार डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं बचाव के लिए ठोस एवं कारगर कार्यवाही कर रही है

Posted on 21 July 2017 by admin

डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं बचाव

हेतु जिला टास्क फोर्स समिति का गठन

सभी सरकारी अस्पतालों को डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों के उपचार एवं औषधि की निःशुल्क व्यवस्था के लिए दिशा-निर्देश जारी

डेंगू के मरीजों की सहायता हेतु अस्पतालों में ‘फीवर हेल्प डेस्क’ स्थापित

प्रत्येक विद्यालय के एक शिक्षक को हेल्थ एजुकेटर नियुक्त किया गया, जिसे डेंगू से रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है

डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए
प्रदेश में पहली बार बजट में 20 करोड़ रु0 की व्यवस्था

जनजागरण कार्यक्रम ‘हर रविवार-मच्छर पर वार’ को
सफल बनाने में पूर्ण सहयोग देने की अपील

राज्य सरकार डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं बचाव के लिए सभी प्रकार की ठोस एवं कारगर कार्यवाही कर रही है। यह जानकारी आज यहां देते हुए चिकित्सा सचिव श्रीमती वी0 हेकाली झिमोमी ने बताया कि जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है, जो जिला स्तर पर विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित कर डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम हेतु कार्यवाही कर रही है।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम एवं बचाव हेतु दिनांक 9 नवम्बर, 2016 को नोटिफिकेशन जारी कर इसे ‘नोटिफियेबल डिजीज’ घोषित कर दिया गया है, जिसके तहत अब निजी चिकित्सालयों, निजी नर्सिंग होम्स एवं निजी पैथालाॅजी को डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों से ग्रस्त मरीजों की सूचना जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी को देनी अनिवार्य होगी, सूचना न देने पर सम्बन्धित के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाएगी।
प्रदेश सरकार डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों के उपचार एवं औषधि की निःशुल्क व्यवस्था के लिए प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों/चिकित्सालयों को दिशा-निर्देश जारी कर चुकी है। सभी जिला अस्पतालों में 10 बेड व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 5 बेड मच्छरदानी युक्त आरक्षित किए गए हैं। इसके अलावा, लखनऊ में भी 300 बेड आरक्षित किए गए हैं। प्रदेश के सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों के साथ बैठक कर भारत सरकार की गाइड लाइन्स के अनुसार डेंगू व अन्य वेक्टर जनित रोगों का इलाज करने की व्यवस्था की जानकारी दी जा रही है।
डेंगू के मरीजों को सुविधा एवं सहायता हेतु सभी अस्पतालों में ‘फीवर हेल्प डेस्क’ स्थापित की गई हैं। डंेगू रोग की पुष्टि हेतु विशिष्ट जांच (एलाइजा) के लिए प्रदेश में 37 एस0एस0एच0 लैब भी स्थापित हैं। डंेगू के गम्भीर मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होने पर 39 ब्लड कम्पोनेन्ट सेपरेशन यूनिट द्वारा प्लेटलेट्स उपलब्ध करायी जा रही हैं। गम्भीर मरीजों को उच्चीकृत केन्द्रों तक ले जाने हेतु निःशुल्क ‘108’ एम्बुलेन्स सेवा उपलब्ध करायी गई है।
प्रदेश के हर संवेदनशील शहर एवं गांव में रोस्टर बनाकर मच्छरों को मारने हेतु लार्वीसाइडल का छिड़काव व फाॅगिंग करायी जा रही है, जिसे और व्यापक किया जा रहा है। अन्य सम्बन्धित विभागों द्वारा भी उनके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित किए गए कार्याें के अनुसार कार्यवाही की जा रही है, जैसे-शिक्षा विभाग द्वारा प्रत्येक विद्यालय के एक शिक्षक को हेल्थ एजुकेटर नियुक्त किया जा रहा है, जिसे जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी के माध्यम से डेंगू से रोकथाम के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।
यह हेल्थ एजुकेटर अपने स्कूल में बच्चों को इस रोग से बचाव व नियंत्रण की शिक्षा हर रोज प्रार्थना सभा में देगा तथा मच्छरों के काटने से बचाव हेतु पूरे शरीर को ढँकने वाले कपडे़ पहनने का परामर्श भी देगा। नगर विकास विभाग द्वारा शहर में एकत्रित कूड़े की सफाई, नाले-नालियों की सफाई तथा जल निगम/जल संस्थान द्वारा स्वच्छ पेयजल का वितरण सुनिश्चित कराने की कार्यवाही की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से ‘प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण’ योजना के अन्तर्गत 12 से 14 जून, 2017 तक प्रदेश के सभी जनपदों के डेंगू, चिकनगुनिया एवं वेक्टर जनित रोगों से सम्बन्धित 85 चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है। इन प्रशिक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जनपद में इसी प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाकर स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारियों तथा अन्य निजी चिकित्सालयों के चिकित्सकों को प्रशिक्षित करें।
स्वास्थ्य विभाग एवं स्वैच्छिक संस्था ‘पाथ’ द्वारा 15 से 21 जून, 2017 तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर जिला मलेरिया अधिकारियों एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।
डेंगू एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों की रोकथाम के लिए प्रदेश में पहली बार इस वित्तीय वर्ष में राज्य बजट में 20 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, जिससे मानव संसाधन की कमी को दूर करते हुए प्रदेश में 13 एस0एस0एच0 लैबों की स्थापना की जाएगी तथा 08 ब्लड कम्पोनेन्ट सेपरेशन यूनिटों की स्थापना का कार्य भी प्रारम्भ किया जाएगा। साथ ही, कार्यक्रम मंे बेहतर संचालन हेतु आने वाली समस्त कमियों को दूर किया जाएगा।
इसके अलावा, सभी जनपदों में रैपिड रिस्पाॅन्स टीमों का भी गठन किया जा चुका है। इन टीमों का मुख्य कार्य डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोग के मरीजों के घर जाकर मच्छरों के लार्वा का पता लगाना और उनको नष्ट करते हुए परिवार के सदस्यों को संक्रमण से बचाव की जानकारी देना है। जनता को डेंगू से रोकथाम एवं बचाव के लिए दैनिक समाचार पत्रों, रेडियो, हैण्डबिल, होर्डिंग, गोष्ठी एवं जनसम्पर्क जैसे संचार माध्यमों की मदद ली जा रही है।
सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही इन सुविधाओं की प्रगति के अनुश्रवण एवं तकनीकी परामर्श देने हेतु प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक ’उच्च स्तरीय समिति’ तथा प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में ’तकनीकी सलाहकार समिति’ का गठन किया जा चुका है तथा इन समितियों द्वारा क्रमशः 14 जुलाई, 2017 एवं 04 जुलाई, 2017 को सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर उनके द्वारा किए जा रहे कार्याें की समीक्षा की गई है और उन्हें आवश्यक निर्देश दिए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त सर्वाेच्च स्तर पर स्वास्थ्य मंत्री द्वारा भी समय-समय पर इस सम्बन्ध में समीक्षा बैठक कर अधिकारियों को मार्गदर्शन एवं निर्देश दिए जा रहे हैं।
चिकित्सा सचिव ने डेंगू तथा अन्य वेक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए जनता से अपील की है कि स्वयं को मच्छरों से काटने से बचाने हेतु पूरी बांह की शर्ट, फुल पैण्ट, मोजे अर्थात पूरे शरीर को ढँकने वाले कपड़े पहने। साथ ही, प्रत्येक सप्ताह निष्प्रयोज्य पानी बदले, जैसे-कूलर का पानी, गमले और फ्रिज के नीचे की ट्रे का पानी, कबाड़ व टूटे बर्तनों में भरा पानी या अन्यत्र किसी रूप में भरे पानी को समाप्त करें तथा छत के ऊपर पानी की टंकी का ढक्कन ठीक से अवश्य बन्द रखें। इसके अलावा, उन्होंने प्रत्येक रविवार को ‘ड्राई डे’ के रूप में मनाने तथा राज्य सरकार द्वारा जनजागरण कार्यक्रम ‘हर रविवार-मच्छर पर वार’ को सफल बनाने में पूर्ण सहयोग प्रदान करने की भी अपील की है। उन्होंने इस सम्बन्ध में लोगों से अपने पड़ोसियों को भी जागरूक करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि डेंगू के मच्छर साफ जल में ही अण्डे देते हैं, जो विकसित होकर 02 सप्ताह में पूर्ण मच्छर का रूप ले लेते हैं। ऐसे में यदि छत पर, कूलर में, फ्रिज व गमलों के नीचे लगाई जाने वाली प्लेट आदि में एकत्रित जल को जमा न होने दिया जाए और सप्ताह के अन्त में जमा पानी को हटाकर इसे पोंछ दिया जाए, तो मच्छरों को पनपने का अवसर ही नहीं मिलेगा।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी 17 जुलाई, 2017 को लखनऊ में विधान भवन के तिलक हाल में राष्ट्रपति पद के निर्वाचन हेतु मतदान करते हुए।

Posted on 18 July 2017 by admin

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