राज्य सरकार कौशल विकास अभियान के माध्यम से अधिक से
अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध
राज्य सरकार का इस वर्ष 10 लाख युवाओं
को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य
विगत सरकारों की कार्य पद्धति के कारण राज्य के
अधिकतर निजी आई0टी0आई0 संस्थानों की गुणवत्ता खराब
परीक्षा पद्धति को सरल और प्रभावी बनाने के लिए आॅनलाइन
परीक्षा प्रणाली अपनाने के लिए कार्य किया जा रहा है
पहले चरण में राज्य सरकार सभी 18 मण्डल
मुख्यालयों पर हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल खोलेगी
दूसरे चरण में जिला मुख्यालयों पर
हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल स्कूल खोले जाएंगे
प्रधानमंत्री जी ने पहली बार अलग से कौशल विकास एवं
उद्यमशीलता मंत्रालय का गठन किया: केन्द्रीय कौशल विकास मंत्री
जिन प्रखण्डों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नहीं हैं, राज्य सरकार की
अनुशंसा पर वहां पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएंगे
ट्रेनिंग आॅफ ट्रेनर्स प्रोग्राम में पूरा सहयोग किया जाएगा
मुख्यमंत्री और केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री की प्रेसवार्ता
मुख्यमंत्री की केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री के साथ बैठक सम्पन्न
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा युवाओं के स्वावलम्बन एवं स्वरोजगार के लिए प्रारम्भ की गई प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एक महत्वपूर्ण, महत्वाकांक्षी और सम्भावनाशील योजना है। ‘कोई भी अयोग्य नहीं है, केवल एक योजक की आवश्यकता है, जो मार्गदर्शन कर सके।’ प्रशिक्षण देकर कौशल विकास अभियान योजक का काम कर रहा है। राज्य सरकार कौशल विकास अभियान के माध्यम से अधिक से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत अभी तक 06 लाख युवाओं का पंजीकरण हो चुका है। राज्य सरकार का लक्ष्य इस वर्ष 10 लाख युवाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार उपलब्ध कराना है। अगले 05 वर्षों में प्रदेश सरकार 70 लाख नौजवानों को प्रशिक्षित कर रोजगार दिलाएगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी के साथ एक प्रेसवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 286 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान तथा लगभग 2500 निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं। निजी प्रशिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता और परीक्षा पद्धति पर कई प्रश्न हैं। परीक्षा पद्धति को सरल और प्रभावी बनाने के लिए आॅनलाइन परीक्षा प्रणाली अपनाने के लिए कार्य किया जा रहा है। इससे बहुत ही कम अवधि में परीक्षा की प्रक्रिया पूरी करके परिणाम दिए जा सकेंगे। साथ ही, परीक्षा में होने वाली अवैध गतिविधियों पर भी नियंत्रण लग सकेगा।
वाराणसी में साड़ी, मुरादाबाद में पीतल, भदोही में कालीन एवं दरी, कन्नौज में इत्र, फिरोजाबाद में चूड़ी आदि परम्परागत उद्योगों की चर्चा करते हुए योगी जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के लगभग प्रत्येक जनपद में कोई न कोई व्यवसाय पारम्परिक रूप से होता रहा है। मान्यता और उद्यमशीलता को महत्व न मिलने के कारण ये पारम्परिक व्यवसाय लगभग बंदी के कगार पर पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि इन पारम्परिक उद्योगों को पुनर्जीवित करके ही लाखों कर्मियों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है। कौशल विकास का प्रशिक्षण इसमें बड़ी भूमिका निभा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अप्रशिक्षित ड्राइवरों के कारण बड़े पैमाने पर दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों की हर महीने असमय मृत्यु हो जाती है। इस समय लगभग 04-05 लाख प्रशिक्षित ड्राइवरों की आवश्यकता है। राज्य सरकार पहले चरण में सभी 18 मण्डल मुख्यालयों पर 05-05 एकड़ भूमि उपलब्ध कराकर हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल खोलेगी। दूसरे चरण में जिला मुख्यालयों पर ये स्कूल खोले जाएंगे।
प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि पूर्व में 23 मंत्रालयों के 50 विभागों द्वारा कौशल विकास का काम किया जाता था। प्रधानमंत्री जी ने पहली बार इसके लिए अलग कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय का गठन किया। राज्य सरकार भी इसी तर्ज पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के अधिकतर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता की कमी है। इसलिए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना के लिए कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग ने नये मानक जारी किए हैं।
श्री रूडी ने कहा कि गुणवत्तापरक प्रशिक्षण देने वाले राजकीय एवं निजी दोनों ही क्षेत्रों के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को केन्द्र और राज्य सरकार पूरी सहायता उपलब्ध कराएगी। उत्तर प्रदेश सरकार को धन्यवाद देते हुए श्री रूडी ने कहा कि राज्य सरकार ने कौशल विकास के लिए 150 करोड़ रुपए की धनराशि की बजट व्यवस्था की है। केन्द्र सरकार भी इसके लिए 200 करोड़ रुपए उपलब्ध कराएगी, जिससे कौशल विकास अभियान का प्रसार गांव-गांव तक किया जा सके। उन्होंने कहा कि ड्राइवरों की आवश्यकता को देखते हुए राज्य सरकार चरणबद्ध ढंग से 03 से 05 साल में हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल बनाएगी।
केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री ने कहा कि जिन प्रखण्डों में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नहीं हैं, राज्य सरकार की अनुशंसा पर वहां पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएंगे। रोजगार मेलों का आयोजन पूरे देश में किया जाएगा। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में संचालित व्यवसायों को प्राथमिकता के आधार पर एन0सी0वी0टी0 मान्यता दी जाएगी। ट्रेनिंग आॅफ ट्रेनर्स प्रोग्राम में पूरा सहयोग किया जाएगा।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी की शास्त्री भवन में केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री एवं उनके विभागीय अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई। बैठक में अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राजीव प्रताप रूडी ने यहां आकर भारत सरकार और राज्य सरकार की कौशल विकास योजनाओं का जिस प्रकार अवलोकन और मार्गदर्शन किया है, इससे युवाओं का कौशल विकास कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के कार्यक्रम में और तेजी आएगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत सरकारों की कार्य पद्धति के कारण राज्य में संचालित अधिकतर निजी आई0टी0आई0 संस्थानों की गुणवत्ता खराब है। एक ही बिल्डिंग में कई-कई संस्थान संचालित हैं। इस पर रोक लगाने के निर्देश अधिकारियों को देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वे प्रदेश में कौशल विकास प्रशिक्षण के प्रति युवाओं की भावनाओं से उत्साहित हैं। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में हेवी वेहिकल ड्राइवर टेªनिंग स्कूल खोलने के सुझाव को स्वीकार करते हुए सभी जिलों में चरणबद्ध ढंग से ऐसे स्कूल खोलने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने कौशल विकास प्रशिक्षण के तहत स्थानीय परम्परागत व्यवसायों के प्रशिक्षण को शामिल करने हेतु भी अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में मानकों की जांच में राज्य सरकार केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय का पूरा सहयोग करेगी।
बैठक में केन्द्रीय मंत्री श्री रूडी ने प्रदेश में संचालित निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान की गुणवत्ता में सुधार पर बल देते हुए उनका निरीक्षण कराकर रेटिंग बनाने और उसके बाद ही आर्थिक सहयोग देने की बात कही। बायोमेट्रिक मशीनों तथा टेªनिंग अण्डर डुअल सिस्टम हेतु सहायता मुहैया कराने के आश्वासन के साथ ही, उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक प्रशिक्षण देने वाले संस्थान चाहे वह राजकीय हों अथवा निजी, उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा। कौशल विकास मिशन द्वारा प्रशिक्षित प्रशिक्षणार्थियों के मूल्यांकन तथा प्रमाणीकरण का भी शीघ्र ही कराने का आश्वासन उन्होंने दिया।
इस अवसर पर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के अधिकारियों ने एक प्रस्तुतिकरण के दौरान बताया कि इस प्रशिक्षण सत्र में 26 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को क्रियाशील किया गया है, जिससे प्रशिक्षण क्षमता में 17,500 सीटों की वृद्धि हुई है। प्रदेश के राजकीय औद्योगिक संस्थानों में इस वर्ष के प्रशिक्षण सत्र में 07 नये रोजगारपरक व्यवसायों को प्रथम बार प्रारम्भ किए जाने की स्वीकृति दी गई है।
अधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया कि प्रदेश के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधुनिक तकनीक की मशीनों और उपकरणों की स्थापना करायी गयी है। साथ ही, स्मार्ट कक्षाओं, कम्प्यूटर लैब्स आदि की स्थापना के द्वारा प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार भी किया जा रहा है। प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों ने विभिन्न प्रतिष्ठित उद्योगों के साथ एम0ओ0यू0 भी किया है। बैठक में यह भी बताया गया कि गत 29 और 30 जून को गोरखपुर व बस्ती मण्डल के आई0टी0आई0 व कौशल विकास मिशन द्वारा प्रशिक्षित युवाओं के लिए आयोजित रोजगार मेले में 68 कम्पनियों ने भाग लेकर लगभग 05 हजार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया है।
इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री चेतन चैहान, केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता सचिव श्री के0पी0 कृष्णन, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री शशि प्रकाश गोयल, सचिव श्री मृत्युंजय कुमार नारायण, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास सचिव श्री भुवनेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।