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डिस्कवरी चैनल रिवील्डः द मेकिंग आॅप़फ रा.वन में भारत की सबसे दिलकश विज्ञान कथा फिल्मों में से एक के निर्माण के विवरणों को प्रस्तुत कर रहा है

Posted on 21 March 2012 by admin

shah-rukh-khan-in-making-of-ra रा.वन भारतीय सिनेमा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। ये एक बेहद महत्वाकांक्षी और महंगी विज्ञान कथा पिफल्मों में से है जिसमें विश्वस्तरीय विजुअल इपफैक्ट और एनिमेशन विजर्ड का प्रयोग किया गया है। इसने उच्च गुणवत्ता वाली वी एपफ एक्स पिफल्मों के निर्माण में भारत की महारत साबित कर दी है। डिस्कवरी चैनल अपने एक घंटे के कार्यक्रम रिवील्डः द मेकिंग आॅप़फ रा.वन में अब तक बनी सबसे शानदार पिफल्मों में से इस एक के निर्माण के बारे में बताने जा रहा है, एक घंटे के इस विशेष कार्यक्रम को शुक्रवार, 30 मार्च को रात 8 बजे दिखाया जाएगा। इस कार्यक्रम के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए राहुल जौहरी, सीनियर वाइस प्रैजिडैंट और जनरल मैनेजर - दक्षिण एशिया, डिस्कवरी नैटवक्र्स एशिया-पैसिपिफक ने कहा, ‘डिस्कवरी चैनल उच्च गुणवत्ता वाले ऐसे विविध् और विशेष कार्यक्रमों को प्रस्तुत करता है जो हर क्षेत्रा से ताल्लुक रखते हैं, इनमें विज्ञान और टैक्नाॅलाॅजी, खोज, एडवैंचर तथा अपने दर्शकों के मनोरंजन और ज्ञानवधर््न के लिए ऐसे कार्यक्रम होते हैं जिनमें गहराई से किया गया विश्लेषण नजर आता है और साथ ही अंतरंग दृश्य भी होते हैं। रिवील्डः द मेकिंग आॅप़फ रा.वन नामक यह कार्यक्रम दर्शकों को सिनेमा से जुड़ी एक यात्रा पर ले जाएगा और पिफल्मांकन की अनोखी तकनीकों के बारे में उन्हें बताएगा।’ शाहरूख खान का कहना था, ‘रा.वन एक अतिविशेष पिफल्म है। यह अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाली पिफल्में बनाने के प्रति भारतीय प्रतिभा के बढ़ते आत्मविश्वास और क्षमताओं को दर्शाती है। मैं खुश हूं कि डिस्कवरी चैनल उस एकदम अनोखी टैक्नाॅलाॅजी और पहले कभी न देखी गई अवधरणाओं को पेश करने जा रहा है जिनका इस्तेमाल रा.वन को बनाने के दौरान किया गया। दर्शक बहुत ही करीब से इस पूरी सृजन प्रक्रिया को देख पाएंगे और उसका आनंद ले पाएंगे। भारतीय पिफल्मों के हर प्रशंसक को यह कार्यक्रम अवश्य देखना चाहिए।’ रिवील्डः द मेकिंग आॅप़फ रा.वन कार्यक्रम भारत की एक बेहद जानी-मानी विज्ञान कथा पिफल्म के निर्माण के पीछे मौजूद विज्ञान पर से पर्दा उठाएगा, और दर्शक जान पाएंगे कि इस शानदार पिफल्म ने किस प्रकार अनेकों बाधओं को पार करके इस सपने को एक हकीकत में तब्दील किया है। इस कार्यक्रम में दिखाया जाएगा कि किस प्रकार बेहद शानदार एक्शन सीक्वैंस और स्पैशल इपफैक्ट्स को डिजाइन किया गया, किस प्रकार किरदारों के चेहरों-मोहरों और सैट के बारे में निर्णय लिया गया। पिफल्म के निर्देशक अनुभव सिन्हा ने कहा, ‘जब मैंने इस पिफल्म के स्पैशल इपफैक्ट्स पर काम करना शुरू किया तो मुझे पूरा भरोसा था कि हमारे पास इन्हें विजुअलाइज करने और अमली जामा पहनाने के लिए प्रतिभा मौजूद थी। डिस्कवरी चैनल का ये कार्यक्रम उस प्रतिभा और कड़ी मेहनत को दिखाता है जो भारत में बनी, तकनीकी तौर पर सबसे उन्नत पिफल्मों में से एक के निर्माण में लगी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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मैक्स ने ‘‘सारे हफ्ते लगे रहो…वीकेंड पर पड़े रहो‘‘ अभियान को किया तेज

Posted on 25 January 2012 by admin

हिन्दी फिल्मों और विशेष कार्यक्रमों का प्रसारण करने वाले भारत के सबसे लोकप्रिय चैनल मैक्स ने सप्ताहांत के दौरान दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों को प्रचारित करने के लिए अपने नए अभियान ‘‘सारे हफ्ते लगे रहो…वीकेंड पर पड़े रहो‘‘ को आॅन-ग्राउंड प्रसारित करने की योजना बनाई है। मैक्स ने इस संचार अभियान को हाल ही में अपने चैनल पर शुरू किया था। इस अभियान के माध्यम से मैक्स सप्ताहांत पर दिखाए जाने वाले कार्यक्रमों की दर्शक संख्या अधिक-से-अधिक बढ़ाना चाहता है।

‘‘सारे हफ्ते लगे रहो…. वीकेंड पर पड़े रहो‘‘ अभियान की शुरूआत मैक्स पर वीकेंड के दौरान प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों के प्रति दर्शकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए की गई थी। मैक्स पर सप्ताहांत के दौरान सदाबहार सुपरहिट फिल्मों का प्रसारण किया जाता है। वीकेंड प्रोग्राम्स को प्रोमोट करने के लिए टेलीविजन, सोशल मीडिया और आॅनलाइन मंच पर 3 श्रृंखलाओं को पेश किया गया था। ये तीनों हास्य विज्ञापन फिल्में केन्द्रीय संचार थीम पर आधारित थी और इसमें दिखाया गया था कि पूरे सप्ताह काम में व्यस्त रहने के बाद सप्ताहांत पर मैक्स पर दिखाई जाने वाली ब्लाॅकबस्टर फिल्मों को देखना, खुद को तरोताजा करने कर सबसे बेहतर उपाय है।

अब इस अभियान को आॅनग्राउंड (पर्दे से बाहर) शुरू करने के लिए मैक्स ने वीकेंड पर विभिन्न माॅल्स में विशिष्ट कार्यक्रमों को पेश करने की योजना बनाई है। इसके तहत 11 शहरों - मुंबई, दिल्ली, लखनऊ, चंडीगढ़, अहमदाबाद, इंदौर, नागपुर, जयपुर, वाराणसी, मेरठ और आगरा में स्थित माॅल में इस अभियान को शुरू किया जाएगा। इन सभी स्थानों पर मैक्स माॅल में एक बेडरूम/हाॅल सेटअप स्थापित करने जा रहा है। यहां पर एक टीवी स्क्रीन लगाई जाएगा, जिस पर दर्शक पूरे दिन आराम से बैठकर मैक्स पर प्रसारित होने वाली फिल्मों को देख सकेंगे। इसका उद्देश्य मैक्स पर वीकेंड के मनोरंजक कार्यक्रमों को प्रोमोट करना है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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लखनऊ से बाॅलीवुड नगरी तक का सफर

Posted on 29 May 2011 by admin

फिल्म भिन्डी बाज़ार की पटकथा मुम्बई स्थित एक बहु-चर्चित स्थान भिन्डी बाज़ार पर आधारित है। इस फिल्म में बड़े ही खूबसूरती के साथ कैसे एक भिन्डी बाज़ार नाम के इलाके में जेब-कतरो की ज़िदगी, उनके दिन-प्रतिदिन बढती ख्वाइशों एवं उसके अंज़ाम को निर्देशक ने बडे़ ही सटीकता एवं प्रत्यक्षता के साथ दर्शाया है।

फिल्म भिन्डी बाज़ार के कलाकार एवं सदस्य:- फिल्म भिन्डी बाज़ार के निर्देशक अंकुश भट्ट है जिन्होनें अपनी पहली फिल्म से ही बाॅलीवुड जगत को अपनी ओर आकर्षित किया है। वैसे तो जेब कतरो पर पहले भी कई फिल्म बनी है लेकिन इस फिल्म में जेब कतरो के मैकेनिज्म को दिखाया गया है कि किस तरह जेब कतरे चोरी को अंजाम देते है और इसके 100 से भी ज्यादा तरीके फिल्म में दिखाये गये है। इस फिल्म के निर्माता करन अरोरा है जोकि लंदन के रहने वाले है मगर हिन्दुस्तान की मिट्टी से पूरी तरह जुडे है। शायद इसीलिए जल्द ही हाॅलीवुड अभिनेत्री/गयिका शकीरा को लेकर बाॅलीवुड में एक फिल्म काली का निर्माण करने वाले है। फिल्म भिन्डी बाज़ार के लेखक ग़ालिब असद़ भोपाली है जो कि अपने समय के बड़े ही मशहूर लेखक ज़नाब असद़ भोपाली जी के पुत्र है।

फिल्म भिन्डी बाज़ार के मुख्य पात्रों में के.के. मेनन, प्रशान्त नारायनन, जैकी श्राफ, दीप्ति नवल, पवन मल्होत्रा, पीयूष मिश्रा, चक दे गर्ल शिल्पा शुक्ला, श्वेता वर्मा (शाहरूख ख़ान के करीबी रिश्तेदार) है। इस फिल्म में हाॅलीवुड अभिनेत्री/गायिका जेनिफर लोपेज़ की बहन कैटरीना लोपेज़ ने एक हाॅट गाने ’‘तान के सीना हो जा कमीना‘’ से बालीवुड में अपनी दस्तक दी है जो कि अभी से सभी के जुबान पर छा चुका है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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संदीप-सूर्या का लखनऊ से बाॅलीवुड नगरी तक का सफर

Posted on 29 May 2011 by admin

नवाबों के शहर लखनऊ की सरज़मी से ताल्लुक रखने वाले संदीप-सूर्या का अपने शुरूआती दिनों में लखनऊ के भातखण्ड़े संस्थान एवं कई अन्य संगीत संस्थानों से काफी जुड़ाव रहा। लगभग 06 साल पहले बाॅलीवुड नगरी की ओर रूख़ करने वाले संदीप-सूर्या ने बाॅलीवुड में एक सफल संगीतकार बनने का लक्ष्य तय किया लेकिन शुरू-शुरू में संदीप-सूर्या को बाॅलीवुड नगरी उस तरह रास नहीं आई जैसा उन्होनें चाहा था मगर अथक प्रयासो, कठिन परिश्रम एवं अपने जुझारूपन के साथ-साथ हार न मानने का जज्ब़ा उन्हें बाॅलीबुड नगरी में अपनी पहली मंज़िल जल्द ही पाने में मद्दगार साबित हुई।

शुरूआती दौर में ही संदीप-सूर्या ने देश की शीर्ष म्यूज़िक कम्पनी टी-सीरीज़, टाइम्स म्यूजिक और फ््रैकफिन म्यूज़िक के म्यूजिक एलबम के साथ अपने करीयर की शुरूआत की।

संदीप-सूर्या दोनों ही लखनऊ के एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते है। संदीप ने गायकी को अपना रास्ता चुनते हुए शास्त्रीय संगीत में शिक्षा प्राप्त की एवं सूर्या ने पाश्चात संगीत की ओर रूख किया। संदीप और सूर्या की मुलाकात म्यूजिक के सिलसिले में एक-दूसरे से हुई।

संदीप-सूर्या ने अलग-अलग संगीत कला में शिक्षा प्राप्त की जोकि फिल्म भिन्डी बाज़ार के संगीत में विविधता को परिलक्षित करती है फिल्म के सभी गाने पूर्णतया एक दूसरे से भिन्न है। संगीत में विभिन्नता के कारण फिल्म के गानों में भी, गायको की भी भिन्नता देखने को मिलती है जहाॅ अक्कड-बक्कड गाने को पश्चात संगीत को ध्यान में रखते हुए सूरज जगन ने अपनी आवाज दी है वही फिल्म के दूसरे गाने आ जा रे पिया को चर्चित सूफियाना गायक कैलाश खेर ने अपनी आवाज से संजोया है। इसके आलावा म्यूजिक के बाजार में आते ही लोगों में लोकप्रिय हो चुके गाना तान के सीना हो जा कमीना को शिवानी कश्यप ने अपनी आवाज दी है एवंम कितनी बातें है गाने को अपनी अलग आवाज के लिए मशहूर गायक रूप कुमार राठौर जी ने गाया है। वहीं दूसरी ओर सामाज़ में व्याप्त गरीबी और अमीरी के बीच के अंतर पर कटाक्ष करने वाले गाने मालदार की जेब गरीब की जिंदगी…को प्रतिभाशाली गायक तोची रैना ने अपनी आवाज़ दी है। संगीत में ट्विीस्ट देने के लिए संदीप-सूर्या ने फिल्म के मुख्य किरदार प्रशान्त नारायनन से भी गाना गवाया है और गायको की श्रेणी में संदीप गोस्वामी ने गायिका श्वेता पंडित के साथ एक ड्वेट गाना भी गाया है।

संदीप-सूर्या के संदीप गोस्वामी अब पूरी तरह से मुम्बई में रहते है लेकिन उनका लखनऊ से जुड़ाव होने का एक मुख्य कारण उनकी समाज सेवी संस्था पाॅम इण्डिया भी है। जिसको संदीप पिछले 03 वर्षो से लखनऊ से बडी ही उत्सुकता से संचालित कर रहे है। संदीप के अनुसार वो अपनी जिन्दगी के ख्वाबों को संगीत एवं इस संस्था के सहयोग से संजोना चाहते है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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देखिये डिमॉलिशन मैन केवल यूटीवी ऐक्शन पर!

Posted on 16 November 2010 by admin

चैनल : यूटीवी ऐक्शन
नाम : डिमॉलिशन मैन
दिनांक : 21 नवंबर 2010
रात्रि : रात्रि 8.45 बजे

demoकथासार: वर्ष 1996 में जम चुका (फ्रोजेन) एक सजायाफ्ता हत्यारा फीनिक्स 21 वीं शताब्दी में सशर्त रुप से पिघल कर सक्रिय हो उठता है। एक अपराध मुक्त समाज में शारीरिक रुप से सक्रिय होने के बावजूद भी फीनिक्स अपना हिंसक क्रोधोन्माद बरकरार रखता है और कोई भी शक्स उसके ऊपर लगाम नहीं लगा पाता। स्पार्टन नामक पुलिस अधिकारी ने फीनिक्स को 1996 में गिरफ्तार किया था तथा वह एक ऐसे अपराध के लिये अतिशीतित रुप से जम गया था, जो उसने किया ही नहीं था। इस बार पुलिस महकमा फीनिक्स को पुन: गिरफ्तार करने हेतु हताशापूर्ण मन:स्थिति में स्पार्टन की मदद करने के लिये आगे आता है।

देखिये यूटीवी ऐक्शन इस रविवार 21 नवंबर 2010 को रात्रि 8.45 बजे और कुछ वास्तविक ऐक्शन का आनन्द उठाइये !

यूटीवी ऐक्शन के विषय में
यूटीवी ऐक्शन उन चैनलों में से एक है, जो यूटीवी के स्वामित्व में हैं, जैसे यूटीवी बिन्दास, यूटीवी वल्र्ड मूवीज और यूटीवी मूवीज। यह चैनल हिन्दी में डब की गई रोमांचक हॉलीवुड फिल्मों का प्रसारण करता है। इसके अतिरिक्त इस चैनल पर बॉलीवुड की नई ऐक्शन फिल्में भी प्रसारित की जाती हैं। महानगरों एवं अन्य शहरों में रहने वाले दर्शकों के बीच यह काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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इस्लाम बेगुनाहों को कत्ल करने की इजाजत नहीं देता - शाहरूख

Posted on 22 January 2010 by admin

लखनऊ- मुस्लिम बच्चों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा ग्रहण करना चाहिए और अरबी उर्दू के साथ मौजूदा तरक्की की पढ़ाई को जरूर प्राप्त करना चाहिए। इस्लाम बेगुनाहों को कत्ल करने की कभी इजाजत नहीं देता।

उक्त बातें देश भर से आये चुनिन्दा लगभग 20 सहाफी के बीच सिने अभिनेता शाहरूख खान ने अपने बान्द्रा (मुम्बई) स्थित मन्नत आवास पर कही।

उर्दू सहाफियों से एक आसान मुलाकात मेंश्री खान ने कहा कि खासकर मुस्लिम समाज की जो पूरी दुनिया में गलत तस्वीर पेश की जा रही है उससे खासे नाराज दिखे। उन्होंने कहा कि समाज के एक दो लोग अगर खराब हैं तो उससे पूरे मुस्लिम समाज को जोड़कर देखना गलत है। मसलन कोई ईसाई अगर खराब है तो क्या पूरी ईसाई कौम खराब है, कोई हिन्दू खराब है तो क्या पूरी हिन्दू कौम खराब है। उन्होंने कहा कि जेहाद पर जो बातें की जाती है और जो बताई जाती हैं जेहाद के माने यह बताया जाता है कि कत्ल करना इस्लाम में है। इस्लाम बेगुनाहों को कत्ल करने की कभी इजाजत नहीं देता। इस्लाम अमन व शान्ति का मजहब है उन्होंने यह भी कहा कि मोहम्मद साहब ने मुस्लिम समाज की पढ़ाई पर काफी जोर दिया था और कहा था कि अगर पढ़ाई के लिए चीन जाना हो तो भी जाओ। इसका मतलब यह है कि पढ़ाई के लिए या इल्म हासिल करने के लिए वतन भी छोड़ना पड़े तो वतन को छोड़ो और अपनी शिक्षा से अपनी व देश की तरक्की करो।

शाहरुख खान ने खासकर मुस्लिम बच्चों से कहा कि अगर अरबी उर्दू पढ़ते हो तो उसके साथ-साथ नई टेक्नोलॉजी की पढ़ाई जरूर करें - अल्लाह मियां को याद रखें और कालेज भी जाए।

श्री खान ने अपनी नई फिल्म माई नेम इज खान की चर्चा करते हुए कहा कि यह फिल्म ऐसी है जो हिन्दू-मुस्लिम दोनों किरदारों को पर्दे पर उतारती है। उन्होंने कहा कि इस फिल्म का टाइटिल पहले खान रखना चाहते थे लेकिन यह टाइटिल मनोज कुमार साहब के पास रजिस्टर्ड था इस वजह से इस फिल्म का नाम माई नेम इज खान रखना पड़ा। जबकि मेरा स्वयं का किरदार है कि जरा से दबा कर व हकला कर मैं कई बार माई नेम इज खान कहता हूं। माई नेम इज खान करन जौहर की पिक्चर है जो मेरे अच्छे दोस्तों में से हैं और हम लोगों ने इस पर काफी मेहनत की है।

शाहरूख ने कहा कि किसी के नाम में सरनेम खान लगा होता है तो उसे हर जगह रोका जाता है मेरा किरदार इस फिल्म में एक रिजवान खान नाम के लड़के का है जिसके नाम के आगे खान होने के कारण एअरपोर्ट पर रोक दिया जाता है कि कहीं वह आतंकवादी तो नहीं।

शाहरुख ने यह भी बताया कि मैं 7 फरवरी को लखनऊ भी आ रहा हूं और इसी बीच अलीगढ़ जाने की भी बात कही। शाहरुख खान लखनऊ से गये डेढ़ दर्जन पत्रकारों से अपनी बात बड़े ही खुलूस और मोहब्बत से अपने घर पर रखी।

शाहरुख ने कहा कि काजोल बहुत ही अच्छी अदाकारा हैं और वे अच्छी ढंग से अपने किरदार को इतनी आसानी से अदा कर देती हैं यही उनका बडप्पन है। शाहरुख ने कहा इस फिल्म को लोग जरूर देखें यह आतंकवादियों पर फिल्म नहीं है, यह एक अलग स्टोरी पर आधारित फिल्म है।

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3 इडिएट फिल्म से लौटी सिनेमा घर की रौनक

Posted on 18 January 2010 by admin

0 मनचाही शिक्षा थोपने वाले अभिभावकों के लिए सन्देश बनी फिल्म
0 छात्रों को अभिभावकों के दबाव में नहीं करनी चाहिए पढ़ाई रूचिपूर्ण हो पढ़ाई
0 फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग

सुलतानपुर - नगर स्थित नेशनल टाकीज में वर्षो बाद 3 इडिएट ने रौनक ला दी है। युवाओं के साथ शिक्षा जगत से जुडे़ लोगों में यह फिल्म अधिक पसन्द की जा रही है। इस फिल्म ने सिनेमा हाल के साथ मनोरंजन विभाग का राजस्व भी बढ़ा दिया है।3-idiat-2

नेशनल सिनेमा घर के प्रबन्धक रज्जन ने बताया कि इस फिल्म को देखने के लिए इन दिनों युवाओं की भीड़ के साथ शिक्षा जगत से जुड़े लोग भी देखने आ रहे है। फिल्म देखने वालों ने बताया कि यह फिल्म खासकर उन लोगों के लिए प्रेणना प्रदान करेगी जो अपने बच्चों पर अपने मन की शिक्षा को थोपकर उससे शिक्षा ग्रहण करने को बाध्य करते हैं। आज कल सामान्य सा लोगों का विचार बन गया है कि उनका बच्चा इंजीनियरए डाक्टर अथवा  आई..एस. ,पी.सी.एस. ही बने। इसके लिए अभिभावक अपने बच्चों को बकायदा बाध्य करते हैं जबकि पढ़ाई जिस बच्चें को करनी है उसकी इच्छा जानने की जहमत नहीं की जाती है।

फिल्म में दर्शाया गया है कि छात्रों को उनकी रूचि के अनुसार क्षेत्र विशेष में पढ़ाई करने की पूरी छूट दी जानी चाहिए। साथ ही शिक्षकों के लिए भी सन्देश है कि किताबी कीड़ा बने रहने के बजाय शिक्षा के व्यवहारिक पक्ष पर भी ध्यान दिया जाय। किताब में लिखे अक्षरों को रट कर परीक्षा पास करना ही बड़ी बात नहीं है उसके मायने भी समझ में आने चाहिए। अन्यथा फिल्म के पात्र चतुर की तरह मंच से अर्थ का अनर्थ बोलेगें और हंसी का पात्र बनेगा। इसके अलावा पूरी फिल्म में हास्टल जीवन के वास्तविक स्थिति को दर्शाकर हंसाया गया है। अभिभावकों द्वारा अपनी मंशा को अपने बच्चों पर थोपने का जो नुकशान है उससे बचने का पूरा उपाय दर्शाया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695

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Vikas Sharma
upnewslive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

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