0 मनचाही शिक्षा थोपने वाले अभिभावकों के लिए सन्देश बनी फिल्म
0 छात्रों को अभिभावकों के दबाव में नहीं करनी चाहिए पढ़ाई रूचिपूर्ण हो पढ़ाई
0 फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग
सुलतानपुर - नगर स्थित नेशनल टाकीज में वर्षो बाद 3 इडिएट ने रौनक ला दी है। युवाओं के साथ शिक्षा जगत से जुडे़ लोगों में यह फिल्म अधिक पसन्द की जा रही है। इस फिल्म ने सिनेमा हाल के साथ मनोरंजन विभाग का राजस्व भी बढ़ा दिया है।
नेशनल सिनेमा घर के प्रबन्धक रज्जन ने बताया कि इस फिल्म को देखने के लिए इन दिनों युवाओं की भीड़ के साथ शिक्षा जगत से जुड़े लोग भी देखने आ रहे है। फिल्म देखने वालों ने बताया कि यह फिल्म खासकर उन लोगों के लिए प्रेणना प्रदान करेगी जो अपने बच्चों पर अपने मन की शिक्षा को थोपकर उससे शिक्षा ग्रहण करने को बाध्य करते हैं। आज कल सामान्य सा लोगों का विचार बन गया है कि उनका बच्चा इंजीनियरए डाक्टर अथवा आई.ए.एस. ,पी.सी.एस. ही बने। इसके लिए अभिभावक अपने बच्चों को बकायदा बाध्य करते हैं जबकि पढ़ाई जिस बच्चें को करनी है उसकी इच्छा जानने की जहमत नहीं की जाती है।
फिल्म में दर्शाया गया है कि छात्रों को उनकी रूचि के अनुसार क्षेत्र विशेष में पढ़ाई करने की पूरी छूट दी जानी चाहिए। साथ ही शिक्षकों के लिए भी सन्देश है कि किताबी कीड़ा बने रहने के बजाय शिक्षा के व्यवहारिक पक्ष पर भी ध्यान दिया जाय। किताब में लिखे अक्षरों को रट कर परीक्षा पास करना ही बड़ी बात नहीं है उसके मायने भी समझ में आने चाहिए। अन्यथा फिल्म के पात्र चतुर की तरह मंच से अर्थ का अनर्थ बोलेगें और हंसी का पात्र बनेगा। इसके अलावा पूरी फिल्म में हास्टल जीवन के वास्तविक स्थिति को दर्शाकर हंसाया गया है। अभिभावकों द्वारा अपनी मंशा को अपने बच्चों पर थोपने का जो नुकशान है उससे बचने का पूरा उपाय दर्शाया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
—————
–
Vikas Sharma
upnewslive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119