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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 13.09.2017

Posted on 13 September 2017 by admin

(1) अत्यन्त ग़रीब व असहाय शरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति भारत सरकार से मानवता व इन्सानियत के नाते सहानुभूति का रवैया अपनाने की माँग, जो कि भारत की परम्परा रही है।
(2) साथ ही, विभिन्न राज्यों को भी इनके प्रति सख़्त रवैया अपनाने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा मजबूर नहीं किया जाना चाहिये: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी

नई दिल्ली, 13 सितम्बर 2017: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने पड़ोसी देश म्यांमार (पूर्व में बर्मा) में अशान्ति व हिंसा के कारण भारत में शरणार्थी बनकर पनाह लेने वाले हजारों अत्यन्त ग़रीब व असहाय रोहिंग्या मुसलमान परिवारों के प्रति संवेदना व सहानुभूति व्यक्त करते हुये भारत सरकार से माँग की है कि उनके प्रति मानवता व इन्सानियत के नाते सख़्त रवैया नहीं अपनाना चाहिये और ना ही राज्यों को इसके लिये मजबूर किया जाना चाहिये।
म्यांमार के सीमावर्ती राज्य में अशान्ति के कारण लाखों रोहिंग्या मुसलमानों ने बंगलादेश में शरण लिया है तथा कई हजार भारत के विभिन्न राज्यों में भी शरणार्थी बनकर रह रहे हैं, जिनके प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का रवैया पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होने के कारण असमंजस की स्थिति है, जिसके सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी केन्द्र सरकार से अपना स्टैण्ड स्पष्ट करने को कहा है।
ऐसी परिस्थिति में माननीय कोर्ट की कार्रवाई अपनी जगह, परन्तु भारत सरकार को इन शरणार्थियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर व्यवहार करना चाहिये जैसाकि भारत की परम्परा रही है।
साथ ही, म्यांमार व बंगलादेश की सरकार से वार्ता करके रोहिंग्या मुसलमानों के मामले को सुलझाने का प्रयास करना चाहिये ताकि उनका पलायन अपने देश में भी रुक सके।

जारीकत्र्ता:
बी.एस.पी. केन्द्रीय कार्यालय
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली - 110001

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राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने हिन्दी दिवस पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं

Posted on 13 September 2017 by admin

राज्यपाल ने कहा है कि हिन्दी लोकप्रिय भाषा है। राज्य में यह भाषा व्यापक रूप से प्रचलित है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान हिंदी भाषी राज्यों में अग्रणी है, इसलिए हिंदी के विकास का वाहक बनने का दायित्व हमारी जिम्मेदारी बन जाती है।
राज्यपाल ने कहा है कि ‘‘ हिंदी जन-जन की भाषा बने, जन मानस हिंदी को अपनाए, इसके लिए वर्तमान प्रयासों में तेजी लाते हुए नवीन प्रयोगों का सहारा लेकर जीवन के प्रत्येक कर्म में हिंदी की प्रतिष्ठा हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

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राज्यपाल से उत्तर प्रदेश के मंत्री की मुलाकात

Posted on 10 September 2017 by admin

राज्यपाल श्री कल्याण सिंह से शनिवार को यहां राजभवन में उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री श्री सतीश महाना ने मुलाकात की।
राज्यपाल श्री सिंह से श्री महाना की यह शिष्टाचार भेंट थी।

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निरक्षरता के खिलाफ जंग में षामिल हों

Posted on 08 September 2017 by admin

राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने अन्तरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर राजस्थान को सम्पूर्ण साक्षर करने का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण साक्षरता के लिए लोगों की सक्रिय भागीदारी की जरूरत है।

राज्यपाल ने प्रदेष के प्रत्येक षिक्षित नागरिक से निरक्षरता के खिलाफ जंग में शामिल होने की अपील की है।

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बी.एस.पी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 01.09.2017

Posted on 02 September 2017 by admin

(1) बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी द्वारा मुस्लिम समाज के लोगों को ईद-उल-अज़हा (बकरईद) की तहेदिल से मुबारकबाद व शुभकामनायें।
(2) इस मौके पर हज के फर्ज की अदायेगी करने वाले मुस्लिम भाईयों-बहनों को ख़ास मुबारकबाद।
(3) इस मौके पर सरकारों की भी ज़िम्मेदारी बनती है कि देश के वर्तमान हालात् के मद्देनज़र सभी जगह शान्ति-व्यवस्था व आपसी भाईचारा एवं सद्भावना का माहौल बिगड़ने नहीं दे।

नई दिल्ली, 01 सितम्बर, 2017: बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने समस्त देशवासियों व मुस्लिम समाज के लोगों तथा ख़ासतौर से उत्तर प्रदेश के मुस्लिम समाज के छोटे-बड़े सभी उम्र के लोगों को ईद-उल-अज़हा (बकरईद) की दिली मुबारकबाद एवं शुभकामनायें दी हैं।
इस ईद की पूर्व संध्या पर आज जारी एक बयान में उन्होंने कहा कि ईद-उल-अज़हा का त्योहार अल्लाह की राह में कुर्बानी के जज़्बे का वह त्योहार है जिसकी बुनियाद हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने सैकड़ों वर्ष पहले रखी थी। हर वर्ष एक बार आने वाली ऐसी ईद-उल-अज़हा के लिये तमाम् सभी उम्र के मुस्लिम भाईयों-बहनों एवं बच्चांे-बच्चियों को तहेदिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद।
जैसाकि सर्वविदित है कि भारतीय मुसलमान व उनके खासकर दो त्योहार-ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अज़हा-समृद्ध भारतीय संस्कृति के सदियों से अभिन्न हिस्सा हंै। बी.एस.पी. का यह प्रयास सतत् जारी रहेगा कि भारतीय समाज के अन्य लोगों के साथ-साथ उनका भी जान-माल व मज़हब पूरी तरह से सुरक्षित रहे तथा भारतीय संविधान के प्रावधानों व उसकी सही मंशा के मुताबिक उनका जीवन भी ख़ुश व ख़ुशहाल बने तथा वे अमन-चैन के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें। इस मौके पर सरकारों की भी ज़िम्मेदारी बनती है कि देश के वर्तमान हालात् के मद्देनज़र सभी जगह शान्ति-व्यवस्था व आपसी भाईचारा एवं सद्भावना का माहौल बिगड़ने नहीं दे।
ईद का पवित्र त्योहार क़़ौमी एकता को मज़बूत करने के साथ ही गरीबों की मदद, समाज में सामाजिक सद्भाव तथा सह-अस्तित्व की भावना को भी बढ़ायेगा, ऐसी मेरी कामना है। अन्त में एक बार फिर ईद-उल-अज़हा की सबको दिली मुबारकबाद व शुभकामनायें तथा इस मौके पर हज के फर्ज की अदायेगी करने वाले मुस्लिम भाईयों-बहनों को ख़ास मुबारकबाद।

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राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को श्रीमद्भागवत गीता रहस्य भेंट की

Posted on 29 August 2017 by admin

29-08-2017राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने मंगलवार को उदयपुर के डबोक हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगवानी की।
राज्यपाल श्री सिंह ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को श्री बाल गंगाधर तिलक की कृति श्रीमद्भागवत गीता रहस्य, खादी का रूमाल और गुलाब का पुष्प भंेट कर भाव भीना स्वागत किया।

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 20.08.2017

Posted on 21 August 2017 by admin

(1)     देश में आम धारणा के साथ-साथ अब तो आँकड़े भी साबित कर रहे हैं कि बीजेपी बडे़-बडे़ पूंजीपतियों व धन्नासेठों की व उन्हीं के धनबल से एवं उनके इशारे पर ही चलने वाली पार्टी है। इस कारण धन्नासेठों का प्रभाव व हस्तक्षेप देश की राजनीति में काफी बढा है जो लोकतंत्र के लिये खतरे की घण्टी है।
(2)     बीजेपी को वर्ष 2012.13 से 2015-16 के बीच हिसाब-किताब वाले कुल चन्दे का 92 प्रतिशत अर्थात लगभग 708 करोड़ रुपया बडे़-बडे़ पूंजीपतियों व धन्नासेठों से मिला। क्सा ऐसी पार्टी ग़रीब-हितैषी हो सकती है?
(3)     बीजेपी के जग-ज़ाहिर शाही चुनावी खर्चों से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव काफी प्रभावित हो रहा है। चुनाव आयोग भी इससे काफी ज्यादा चिन्तित। उसका कहना है कि, ’हर कीमत पर व हर हाल में चुनाव जीतना वर्तमान में राजनीति का नया मापदण्ड बन गया है’।
(4)    वैसे भी बीजेपी के भ्रष्टाचारों के भण्डाफोड़ अब हर राज्य में आम होते जा रहे हैं, शायद इसी भय से केन्द्र की सरकार ने अब तक ’’लोकायुक्त’’ तक भी नहीं बनाया है: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 20 अगस्त 2017: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ कहा कि देश के लोगों में जो आम धारणा है कि बीजेपी बडे़-बडे़ पूंजीपतियों व धन्नासेठों की व उन्हीं के धनबल से एवं उनके इशारे पर ही चलने वाली पार्टी है वह शत-प्रतिशत् सही है जिसे अभी-अभी प्रकाशित हुये अकाट्य आँकड़ों ने भी पूरी तरह से सही साबित कर दिया है।
इससे यह प्रश्न और भी ज्यादा महत्त्वपूर्ण व सामयिक हो जाता है कि ऐसी पार्टी व इस पार्टी की सरकार गरीब-हितैषी कैसे हो सकती है और साथ ही इससे यह प्रमाणित भी हो जाता है कि बीजेपी सरकारें एक के बाद एक जनविरोधी, किसान- विरोधी व धन्नासेट-समर्थक फैसले क्यों लेती जा रही है।
जैसाकि सर्वविदित है कि एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफाम्र्स (ए.डी.आर.) ने जो ताज़ा आँकडे़ एक बड़े कार्यक्रम में सार्वजनिक किये हैं उसके मुताबिक बीजेपी ने कुछ धन्नासेठों से वर्ष 2012-13 से वर्ष 2015-16 के बीच अपने हिसाब-किताब वाले कुल चन्दे का 92 प्रतिशत अर्थात लगभग 708 करोड़ रुपया लिया है। इस प्रकार अन्य श्रोतों से कितना आकूत धन लिया गया होगा, इसका अन्दाजा बीजेपी के शाही चुनावी खर्चों से आसानी से लगाया जा सकता है। वैसे भी उत्तर प्रदेश का लोक सभा व विधान सभा का आमचुनाव इस बात का गवाह है कि बीजेपी द्वारा यहाँ चुनाव किस शाह खर्चों के साथ लडा़ गया तथा रूपया किस प्रकार पानी की तरह बहाया कर जनता को हर प्रकार से वरग़लाने का काम किया गया।
इसके अलावा आज यह किसी से भी छिपा नहीं है कि जबसे बीजेपी एण्ड कम्पनी का प्रभाव देश की राजनीति में बढ़ा है तबसे बडे़-बडे़ पूंजीपतियों व धन्नासेठों ने बीजेपी को हर प्रकार से सहयोग व अधिक से अधिक चन्दा देकर भारतीय राजनीति व सरकार में अपना बेजा हस्तक्षेप काफी बढाया है, जिस कारण ही चुनाव काफी हद तक साम, दाम, दण्ड, भेद आदि हथकण्डों का खेल बनकर रह गया है। देश के लोकतंत्र को विकृत करने वाली इस बुराई से चुनाव आयोग सबसे ज्यादा चिन्तित लगता है।
चुनाव आयुक्त श्री ओ.पी.रावत द्वारा उसी ए.डी.आर. के कार्यक्रम में यह कहना कि ’’आचार संहिता को ताक पर रखकर हर कीमत पर चुनाव जीतना वर्तमान में राजनीति का नया मापदण्ड बन गया है’’, बीजेपी की चुनावी सफलताओं को खोखला बताकर यह साबित करता है कि बीजेपी वास्तव में ही मात्र 31 प्रतिशत वोटों वाली व चुनावी हथकण्डों वाली पार्टी है। देश में इस प्रकार की राजनीतिक गिरावट बहुत ही खतरनाक प्रकृति है जिसके लिये बीजेपी एण्ड कम्पनी के साथ-साथ जनता के प्रति अनुत्तरदायी आर.एस.एस. भी कम जिम्मेदार नहीं है और इसी कारण इन खतरो के बारे में बी.एस.पी. बार-बार लोगों को अगाह करती रहती है कि इस देश में वोट हमारा परन्तु राज तुम्हारा की गलती को सुधार करने की जरूरत है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि बडे़-बडे़ पूंजीपति व धन्नासेठ जिस प्रकार से निजी स्वार्थ में बीजेपी को अपना मानकर उस पर धनवर्षा करके खुद की अपनी तिजोरी और भी ज्यादा भरते चले जा रहे हैं उसका ही परिणाम है कि देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों, बेरोजगारों व अन्य मेहनतकश लोगों का जीवन और भी ज्यादा मुश्किल व संकटग्रस्त होता जा रहा है। इस वर्ग के लोग अपना खून-पसीना एक करके दिन-रात मेहनत करने में कोई कसर नही छोड़ते हैं, जबकि इसका फायदा, बीजेपी सरकार की गलत नीतियों व कार्यकलापों के कारण, मुट्ठी भर बड़े-बड़े पूंजीपति व धन्नासेठ आदि उठा ले जाते हैं, यह अत्यन्त ही दुःखद व दयनीय परिस्थिति है जिसका प्रतिरोध हर स्तर पर व्यापक देशहित व जनहित में बहुत जरूरी है। बी.एस.पी का संघर्ष इसी के विरूद्ध लगातार जारी हैं
सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी के बड़े-बड़े दावों में एक खोखला दावा यह भी है कि उसके 10 से 12 करोड़ सदस्य हैं। इससे यह प्रश्न उठता है कि बीजेपी को मिलने वाले चन्दों में उसके सदस्यों का अंशदान इतना कम अर्थात चार वर्षों में मात्र 63 करोड़ ही क्यों है? क्या इससे यह साबित नहीं होता है कि बीजेपी के आँकड़े फर्जी व बनावटी व खोखले हैं?
इतना ही नहीं बल्कि बीजेपी द्वारा पूरी तरह से बडे़-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के चुंगल में होने का ही परिणाम है कि देश के गरीबों व उपेक्षितों के हित व कल्याण की हर व्यवस्था चरमरा गई है। उनके हित की अनेकों कल्याणकारी योजनाओं पर सरकारी बजट लगातार कम होता जा रहा है और हर बड़ा निर्माण व बड़ी योजनायें जनहीत के विरूद्ध निजी क्षेत्र को सौंपी जा रहीं हैं।
इसके अलावा जिस प्रकार से बीजेपी के खिलाफ भ्रष्टाचार आदि के मामले लगातार उजागर हो रहे हैं फिर भी भ्रष्टाचारियों को हर प्रकार का खुला संरक्षण देकर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है, शायद इसी डर से मोदी सरकार ने केन्द्र में अब तक बहुचर्चित ’’लोकायुक्त’’ की नियुक्ति नहीं की है जबकि दस सम्बंध में नया कानून लगभग साढे तीन वर्ष पहले देश में लागू हो चुका है।
जारीकर्ता:
बी.एस.पी केन्द्रीय कार्यालय,
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली - 110001

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भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने 4 अगस्त, 2017 को नई दिल्ली में भेंट की

Posted on 04 August 2017 by admin

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति

Posted on 27 July 2017 by admin

(1)    राष्ट्रपति पद की शपथ लेने पर श्री रामनाथ कोविंद को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें हंै, परन्तु अच्छा होता कि अगर वे आज राजघाट जाकर गाँधीजी को फूल अर्पित करने के साथ-साथ संसद परिसर में लगी भारतीय संविधान के निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर भी अपने श्रद्धा के कुछ फूल अर्पित कर देते, जिनकी वजह से ही आज वे देश के राष्ट्रपति बन पाये हैं।
(2)    वर्तमान में गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य कई और राज्य भी काफी बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैं।
ऽ    ऐसी स्थिति में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को केवल गुजरात का ही नहीं बल्कि अन्य और बाढ़-पीड़ित राज्यों का भी पूरा-पूरा ध्यान रखना चाहिये।
ऽ    क्योंकि अब वे गुजरात के मुख्यमन्त्री नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के प्रधानमन्त्री हैं: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश एवं पूर्व सांसद, सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2017: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश एवं पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ कहा कि श्री के. आर. नारायणन के बाद देश के दूसरे दलित समाज के राष्ट्रपति बनने वाले श्री रामनाथ कोविंद को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें हैं, परन्तु अच्छा होता कि अगर वे आज अपने शपथ ग्रहण के दिन राजघाट जाकर गाँधीजी को फूल अर्पित करने के साथ-साथ संसद परिसर में लगी भारतीय संविधान के निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर भी अपने श्रद्धा के कुछ फूल अर्पित कर देते, जिनकी वजह से ही आज वे देश के राष्ट्रपति बन पाये हैं।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि संसद परिसर में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की लगी प्रतिमा या फिर सेन्ट्रल हाल में लगे इनके फोटो-चित्र पर भी, उन्हें पुष्प अर्पित नहीं करना एक ऐसा संकेत है, जो बीजेपी व इनके एन.डी.ए. एण्ड कम्पनी की अम्बेडकर-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रदर्शित करता है, जिस पर देश के दलितों की खास नजर है।
वैसे तो श्री रामनाथ कोविंद अपने राजनैतिक जीवनकाल में बीजेपी व  आर.एस.एस. की संकीर्ण व जातिवादी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं परन्तु सरकार में आने के बाद गाँधीजी व बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का नाम लेतेे रहने की अब यह आम परम्परा बन चुकी है और आज यह काम श्री रामनाथ कोविंद ने भी किया।
परन्तु श्री रामनाथ कोविंद से यह उम्मीद नहीं की जा सकती थी कि वे गाँधीजी के साथ-साथ बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को भी अपने श्रद्धा के फूल नहीं चढ़ायेंगे। उन्हें आज बाबा साहेब डा. अम्बेडकर को भी अपने श्रद्धा के फूल जरूर अर्पित करने चाहिये थे और अन्य किसी से तो नहीं किन्तुु दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति से तो यह उम्मीद की ही जा सकती है कि वह बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के जीवन संघर्ष व उनके बलिदानों के प्रति हमेशा ही कृतज्ञ रहेगा।
इसके साथ ही, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिये कि वे आज अगर राष्ट्रपति के पद पर आसीन हो पायें हैं, तो उसकी सबसे बड़ी देन परमपूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की है और फिर उनके बाद, इनकी मूवमेन्ट को आगे गति देने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी व बी.एस.पी. की है, जिसने बीजेपी को दलित समाज के व्यक्ति को देश का राष्ट्रपति बनाने के लिये मजबूर कर दिया है।
इसके अलावा इन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य कई और राज्य भी काफी बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैं। ऐसी स्थिति में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को केवल गुजरात का ही नहीं बल्कि अन्य और बाढ़-पीड़ित राज्यों का भी पूरा-पूरा ध्यान रखना चाहिये। क्योंकि अब वे गुजरात के मुख्यमन्त्री नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के प्रधानमन्त्री हैं।
इसके साथ ही बाढ़-पीड़ित लोगों की हर स्तर पर पूरी-पूरी मदद भी की जानी चाहिये। इतना ही नहीं बल्कि इस मामले में कोई भी पक्षपात नहीं होना चाहिये, अर्थात गैर-बीजेपी शासित राज्यों की भी केन्द्र सरकार को बिना पक्षपात के हर स्तर पर, पूरी-पूरी मदद करनी चाहिये।

बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 25.07.2017

(1)    राष्ट्रपति पद की शपथ लेने पर श्री रामनाथ कोविंद को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें हंै, परन्तु अच्छा होता कि अगर वे आज राजघाट जाकर गाँधीजी को फूल अर्पित करने के साथ-साथ संसद परिसर में लगी भारतीय संविधान के निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर भी अपने श्रद्धा के कुछ फूल अर्पित कर देते, जिनकी वजह से ही आज वे देश के राष्ट्रपति बन पाये हैं।
(2)    वर्तमान में गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य कई और राज्य भी काफी बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैं।
ऽ    ऐसी स्थिति में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को केवल गुजरात का ही नहीं बल्कि अन्य और बाढ़-पीड़ित राज्यों का भी पूरा-पूरा ध्यान रखना चाहिये।
ऽ    क्योंकि अब वे गुजरात के मुख्यमन्त्री नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के प्रधानमन्त्री हैं: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश एवं पूर्व सांसद, सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2017: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश एवं पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ कहा कि श्री के. आर. नारायणन के बाद देश के दूसरे दलित समाज के राष्ट्रपति बनने वाले श्री रामनाथ कोविंद को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें हैं, परन्तु अच्छा होता कि अगर वे आज अपने शपथ ग्रहण के दिन राजघाट जाकर गाँधीजी को फूल अर्पित करने के साथ-साथ संसद परिसर में लगी भारतीय संविधान के निर्माता परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर भी अपने श्रद्धा के कुछ फूल अर्पित कर देते, जिनकी वजह से ही आज वे देश के राष्ट्रपति बन पाये हैं।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि संसद परिसर में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की लगी प्रतिमा या फिर सेन्ट्रल हाल में लगे इनके फोटो-चित्र पर भी, उन्हें पुष्प अर्पित नहीं करना एक ऐसा संकेत है, जो बीजेपी व इनके एन.डी.ए. एण्ड कम्पनी की अम्बेडकर-विरोधी सोच व मानसिकता को प्रदर्शित करता है, जिस पर देश के दलितों की खास नजर है।
वैसे तो श्री रामनाथ कोविंद अपने राजनैतिक जीवनकाल में बीजेपी व  आर.एस.एस. की संकीर्ण व जातिवादी विचारधारा का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं परन्तु सरकार में आने के बाद गाँधीजी व बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का नाम लेतेे रहने की अब यह आम परम्परा बन चुकी है और आज यह काम श्री रामनाथ कोविंद ने भी किया।
परन्तु श्री रामनाथ कोविंद से यह उम्मीद नहीं की जा सकती थी कि वे गाँधीजी के साथ-साथ बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को भी अपने श्रद्धा के फूल नहीं चढ़ायेंगे। उन्हें आज बाबा साहेब डा. अम्बेडकर को भी अपने श्रद्धा के फूल जरूर अर्पित करने चाहिये थे और अन्य किसी से तो नहीं किन्तुु दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति से तो यह उम्मीद की ही जा सकती है कि वह बाबा साहेब डा. अम्बेडकर के जीवन संघर्ष व उनके बलिदानों के प्रति हमेशा ही कृतज्ञ रहेगा।
इसके साथ ही, उन्हें यह नहीं भूलना चाहिये कि वे आज अगर राष्ट्रपति के पद पर आसीन हो पायें हैं, तो उसकी सबसे बड़ी देन परमपूज्य बाबा साहेब डा. अम्बेडकर की है और फिर उनके बाद, इनकी मूवमेन्ट को आगे गति देने वाले मान्यवर श्री कांशीराम जी व बी.एस.पी. की है, जिसने बीजेपी को दलित समाज के व्यक्ति को देश का राष्ट्रपति बनाने के लिये मजबूर कर दिया है।
इसके अलावा इन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य कई और राज्य भी काफी बुरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हैं। ऐसी स्थिति में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को केवल गुजरात का ही नहीं बल्कि अन्य और बाढ़-पीड़ित राज्यों का भी पूरा-पूरा ध्यान रखना चाहिये। क्योंकि अब वे गुजरात के मुख्यमन्त्री नहीं हैं, बल्कि पूरे देश के प्रधानमन्त्री हैं।
इसके साथ ही बाढ़-पीड़ित लोगों की हर स्तर पर पूरी-पूरी मदद भी की जानी चाहिये। इतना ही नहीं बल्कि इस मामले में कोई भी पक्षपात नहीं होना चाहिये, अर्थात गैर-बीजेपी शासित राज्यों की भी केन्द्र सरकार को बिना पक्षपात के हर स्तर पर, पूरी-पूरी मदद करनी चाहिये।

जारीकर्ता:
बी.एस.पी केन्द्रीय कार्यालय,
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली - 110001

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राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित हुए राज्यपाल

Posted on 25 July 2017 by admin

पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से हुई शिष्टाचार भेंट

img-20170725-wa0023 उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज देश के 14वें राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत की। शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से मिलकर बधाई दी। राज्यपाल आज ही सुबह लखनऊ से शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित होने के लिए दिल्ली गए थे।
श्री नाईक ने आज पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी से उनके आवास 10, राजाजी मार्ग जाकर भेंट की और उन्हें अपनी वार्षिक कार्यवृत्त ‘राजभवन में राम नाईक 2016-17’ की प्रति भेंट की। भेंट के दौरान दोनों ने अपनी पुरानी यादें ताजा की। पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने राज्यपाल की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी कार्यपद्धति अन्य राज्यपालों के लिए एक मिसाल है। यदि सभी लोग संवेदनशीलता से दायित्व का निर्वहन करें तो निश्चित रुप से एक नई कार्य संस्कृति निर्माण होगी जो जनहित में लाभदायी होगी।
राज्यपाल ने प्रणब मुखर्जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके सानिध्य में बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने कहा कि उन्हें वह दिन आज भी याद है जब वे उत्तर प्रदेश के राज्यपाल नियुक्त हुए थे और शपथ लेने से पहले राष्ट्रपति भवन शिष्टाचार भेंट करने आए थे। चलते समय श्री मुखर्जी ने भारत के संविधान की प्रति देते हुए यह कहा था कि ‘‘अब आपको इसी के अनुसार उत्तर प्रदेश में काम करना है।’’ श्री नाईक ने बताया कि श्री प्रणब मुखर्जी से उनकी पहली मुलाकात 1989 में हुई थी जब वे लोकसभा के सदस्य थे और श्री मुखर्जी वित्त राज्यमंत्री थे। उन्होंने यह भी बताया कि श्री प्रणब मुखर्जी के साथ लोकसभा में लम्बे समय तक काम करने का अवसर मिला, जिसमें कभी वह सत्ता पक्ष में रहे और कभी श्री नाईक सत्ता पक्ष में रहे, लेकिन संबंध सदैव सौहार्दपूर्ण रहे।

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