(1) अत्यन्त ग़रीब व असहाय शरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों के प्रति भारत सरकार से मानवता व इन्सानियत के नाते सहानुभूति का रवैया अपनाने की माँग, जो कि भारत की परम्परा रही है।
(2) साथ ही, विभिन्न राज्यों को भी इनके प्रति सख़्त रवैया अपनाने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा मजबूर नहीं किया जाना चाहिये: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी
नई दिल्ली, 13 सितम्बर 2017: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने पड़ोसी देश म्यांमार (पूर्व में बर्मा) में अशान्ति व हिंसा के कारण भारत में शरणार्थी बनकर पनाह लेने वाले हजारों अत्यन्त ग़रीब व असहाय रोहिंग्या मुसलमान परिवारों के प्रति संवेदना व सहानुभूति व्यक्त करते हुये भारत सरकार से माँग की है कि उनके प्रति मानवता व इन्सानियत के नाते सख़्त रवैया नहीं अपनाना चाहिये और ना ही राज्यों को इसके लिये मजबूर किया जाना चाहिये।
म्यांमार के सीमावर्ती राज्य में अशान्ति के कारण लाखों रोहिंग्या मुसलमानों ने बंगलादेश में शरण लिया है तथा कई हजार भारत के विभिन्न राज्यों में भी शरणार्थी बनकर रह रहे हैं, जिनके प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का रवैया पूरी तरह से स्पष्ट नहीं होने के कारण असमंजस की स्थिति है, जिसके सम्बन्ध में माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी केन्द्र सरकार से अपना स्टैण्ड स्पष्ट करने को कहा है।
ऐसी परिस्थिति में माननीय कोर्ट की कार्रवाई अपनी जगह, परन्तु भारत सरकार को इन शरणार्थियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर व्यवहार करना चाहिये जैसाकि भारत की परम्परा रही है।
साथ ही, म्यांमार व बंगलादेश की सरकार से वार्ता करके रोहिंग्या मुसलमानों के मामले को सुलझाने का प्रयास करना चाहिये ताकि उनका पलायन अपने देश में भी रुक सके।
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