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उत्तर प्रदेश को मोटे अनाज के उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये ’’कृषि कर्मण एवार्ड’’ से राष्ट्रपति ने पुरस्कृत किया

Posted on 17 January 2013 by admin

राष्ट्रपति भवन के कम्युनिटी हाल में कल आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने कृषि उत्पादन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले राज्यों को पुरस्कृत किया, जिसमें उत्तर प्रदेश को मोटे अनाज में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के फलस्वरूप ’’कृषि कर्मण एवार्ड’’ दिया गया। इस पुरस्कार को प्रदेश शासन की ओर से कृषि मंत्री, श्री आनन्द सिंह एवं कृषि निदेशक, श्री देव मित्र सिंह ने प्राप्त किया। पुरस्कार के अंतर्गत प्रदेश को ट्राफी तथा एक करोड़ रूपये की नकद धनराशि प्राप्त हुयी। मोटे अनाज के उत्पादन एवं उत्पादकता में प्रदेश ने वर्ष 2010-11 के सापेक्ष 10.30 प्रतिशत एवं 11.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जिसके कारण प्रदेश को वर्ष 2011-12 में ’’कृषि कर्मण पुरस्कार’’ दिया गया है।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश में मोटे अनाजों के उत्पादन में कुल खाद्यान्नों के उत्पादन एवं उत्पादकता में भी वर्ष 2011-12 में वर्ष 2011 की तुलना में क्रमशः   6.44 एवं 4.58 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त की है। इसी वर्ष में प्रदेश में दलहन उत्पादन में भी अब तक सर्वोच्च वृद्धि क्रमशः 19.10 प्रतिशत उत्पादन में एवं 10.27 प्रतिशत उत्पादकता में दर्ज की है।
पुरस्कार वितरण समारोह में प्रदेश के जनपद फर्रूखाबाद एवं जनपद आगरा के एक-एक कृषक को भी उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रशस्ति-पत्र एवं एक-एक लाख रूपये की नकद राशि से राष्ट्रपति ने पुरस्कृत किया। राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री शरद पवार एवं केन्द्रीय राज्य कृषि मंत्री श्री तारिक अनवर सहित विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं विभिन्न राजनेता भी सम्मिलित हुये।
इस उपलब्धि के लिये कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं प्रदेश के प्रगतिशील कृषकों को बधाई देते हुये कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह ने यह अपेक्षा की है कि कृषि विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी और लगन एवं निष्ठा से कार्य कर अगले वर्ष और अच्छी उपलब्धि प्राप्त करें और उत्तर प्रदेश को सर्वोच्च पुरस्कार दिलाने में सहयोग प्रदान करेंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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बहुजन समाज पार्टी केन्द्रीय कार्यालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति

Posted on 15 January 2013 by admin

बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष व बी.एस.पी. संसदीय दल की चेयरपर्सन एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी का 57वां जन्मदिन, देश भर में ‘‘जन-कल्याणकारी दिवस’’ के रूप में गरीबों, मजलूमों व असहाय लोगों की विभिन्न प्रकार से मदद करने की कार्यक्रम के साथ सम्पन्न। साथ ही,    बी.एस.पी. की ‘‘ब्लू बुक’’ मेरे संघर्षमय जीवन एवं बी.एस.पी. मूवमेन्ट का सफरनामा-भाग-8 एवं इसके अंग्रेजी संस्करण ‘A Travelogue of My Struggle-Ridden Life and BSP Movement-Volume-8’’ का विमोचन।

यू.पी.ए. की देशी व विदेशी पूँजीपति-समर्थक तथा गरीब एवं आमजन विरोधी गलत आर्थिक व नकारात्मक नीतियों के बावजूद एन.डी.ए. द्वारा यू.पी.ए. को पूरा-पूरा जीवन दान दिये जाने से देश में आमजन-विरोधी महौल के फलस्वरूप बी.एस.पी. देश की जनता के सामने एक मात्र ‘‘बेहतर, कारगर, स्वच्छ व ठोस एवं सिद्धान्तवादी विकल्प’’: सुश्री मायावती जी

भारत-पाकिस्तान सीमा पर गोली-बारी की घटनाओं के साथ-साथ अपने देश की सीमायें पूरे तौर से सुरक्षित ना होने की वजह से आतंकवादियों व अन्य अपराधिक तत्वों के घुसपैठ के कारण भी, समय-समय पर अपने देश को काफी ज्यादा ‘जानी-माली’ नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिससेे अपने देश की जनता का बेहद दुःखी व चिन्तित होना भी स्वभाविक, इन्हें रोकने के लिये केन्द्र सरकार को इस सम्बन्ध में सभी प्रकार के कारगर उपाय करने की बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी की माँग
बी.एस.पी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) एवं चेयरपर्सन, बी.एस.पी. संसदीय दल एवं पूर्व मुख्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ एक प्रेस कान्फ्रेंस को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर करीब एक घन्टे तक अपनी बात रखने के साथ-साथ मीडिया कर्मियों द्वारा विभिन्न विषयों पर पूछे गयेे सवालों का जवाब भी काफी विस्तार से दिया, जिनमें भारत-पाकिस्तान के बीच वर्तमान तनाव, तमिलनाडु राज्य में दलितों पर जुल्म-ज्यादती और बी.एस.पी. द्वारा उसका विरोध एवं यू.पी.ए. और एन.डी.ए. से सम्बन्धित मामले प्रमुख हैं।
आज की प्रेस कान्फ्रेस में मीडिया कर्मियों की भारी भीड़ को सम्बोधित करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि, सबसे पहले मैं आप सभी लोगों को नये-वर्ष की हार्दिक शुभ-कामनायें देती हूँ। इसके साथ ही, आज के विषय से सम्बन्धित वैसे आप लोगों को यह विदित है कि आज मेरा 57वां जन्म-दिन है और आज 15 जनवरी के दिन को हमारी पार्टी के लोग पूरे देशभर में विभिन्न स्तर पर इसे ‘जन-कल्याणकारी दिवस‘ (Peoples welfare Day) के रूप में मनाते हैं, जिसके तहत् पार्टी के कार्यकर्तागण विशेष कार्यक्रम आयोजित करके अपनी क्षमता के हिसाब से अपने क्षेत्र के ‘‘गरीब, पीडि़त, असहाय व विकलांग‘‘ आदि जरूरतमन्द लोगों की विभिन्न रूपों में मदद करते हैं और इसी ही पैटर्न पर उत्तर प्रदेश में बी.एस.पी. की सरकार के दौरान भी सरकारी स्तर पर मेरा जन्म-दिन मनाया जाता रहा है। अर्थात् इस दिन मेरी सरकार के समय में, हजारों करोड़ रूपयों की लागत वाली अनेकों ‘जन-कल्याणकारी‘ योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण आदि करके, प्रदेश में गरीब एवं जरूरत लोगांे को  भारी तादाद् में लाभान्वित किया गया है, जिनमें से ज्यादातर योजनाओं को अब प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार ने राजनैतिक द्वेष के कारण बन्द कर दिया है।
इसके साथ ही, आप लोग इस बात से भी भली-भाँति अवगत हैं कि ‘‘बी.एस.पी. एक राजनैतिक पार्टी के साथ-साथ एक मूवमेन्ट भी है‘‘, जिस कारण मेरे जन्म-दिन के शुभ अवसर पर ‘‘बी.एस.पी. मूवमेन्ट‘‘ से सम्बन्धित मेरे द्वारा लिखित पुस्तक, जिसका नाम ‘‘मेरे संघर्षमय जीवन एवं बी.एस.पी. मूवमेन्ट का सफरनामा‘‘ है, इसका हर वर्ष प्रकाशन करके, आज के दिन ही इस पुस्तक को रिलीज भी किया जाता है। इस पुस्तक में खासतौर से पिछले एक वर्ष में बी.एस.पी. की मूवमेन्ट के रास्ते में आने वाली सभी प्रकार की चुनौतियों और उनका सामना किये जाने के लिए उठाये गये विशेष कदमों के साथ-साथ ‘‘सामाजिक परिवर्तन‘‘ के क्षेत्र में पार्टी मूवमेन्ट की सफल भूमिका आदि के, एक वर्ष का भी लेखा-जोखा होता है। हालांकि इस पुस्तक को हमारी पार्टी के लोग ज्यादातर बी.एस.पी. की ‘‘ब्लू बुक‘‘ के नाम से भी जानते हैं।
इतना ही नहीं बल्कि इस पुस्तक के महत्व के बारे में यहाँ मैं यह भी कहना चाहती हूँ कि ‘‘जिस समाज या मूवमेन्ट का अपना इतिहास नहीं होता है, तो वह समाज पूरेतौर से आगे तरक्की नहीं कर सकता है‘‘ और यह बात वास्तव में, मैंने अपने पूर्वजों से ही सीखी है, जिनका यह कहना था कि किसी भी समाज या मूवमेन्ट के इतिहास को केवल जिन्दा व बरकरार ही नहीं रखना है, बल्कि उसे सुरक्षित भी रखना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही, इस सन्दर्भ में वैसे आप लोगों को यह भी मालूम है कि अपने देश में जातिवादी मानसिकता के तहत् चलकर, अब तक किस प्रकार से यहाँ दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में  जन्में महान् सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से ‘‘महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, पेरियार जी, बाबा साहेब    डा. भीमराव अम्बेडकर एवं मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि‘‘ की हर स्तर पर ‘‘उपेक्षा‘‘ की गयी है।
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हिन्दुस्थान समाचार के संरक्षक श्रीकांत जोशी का मुंबई में निधन

Posted on 09 January 2013 by admin

_dsc6843हिन्दुस्थान समाचार के संरक्षक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री श्रीकान्त जोशी जी का आठ जनवरी को प्रातः पांच बजे मुंबई में निधन हो गया। वह 76 साल के थे। श्री जोशी पिछले कई दिनों से स्वशन संबंधी बिमारी से पीड़ित थे। मंगलवार सुबह सीने में दर्द होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था, जहां रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गयी। श्री जोशी के निधन से हिन्दुस्थान समाचार सहित आरएसएस को गहरी छति पहुंची है। उनके निधन पर आरएसएस, भाजपा सहित कई सामाजिक व राजनीतिक संगठनों से शोक व्यक्त किया।
कुछ दिन पहले श्री जोशी को चिकित्सा के लिये केरल गये थे। उसके बाद नागपुर में चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया था जहां सभी रिपोर्ट सामान्य बताई गयी थी। अभी दो दिन पहले ही श्री जोशी विश्राम के लिये दो दिन पहले ही दिल्ली से मुम्बई पहुंचे थे। मंगलवार सुबह सीने में दर्द के बाद अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गयी। मुम्बई के पितृछाया संघकार्यालय में उनके पार्थिव शरीर को अन्तिम दर्शन के लिये रखा गया है। दाह संस्कार आज ही सायं चार बजे मुम्बई में ही होगा।

संक्षिप्त जीवन परिचय
श्रीकान्त शंकरजोशी जी का जन्म 21 दिसम्बर 1936 को महाराष्ट्र के रत्नागिरी ज़िले के देवरुख गांव में हुआ था। श्रीकांत जोशी अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद वह उच्च शिक्षा के लिये मुम्बई में आये। मुम्बई विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र और अर्थशास्त्र से स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने जीवन बीमा निगम में कार्य करना शुरु किया।

_dsc6744संघ परिचय
जीवन बीमा में कार्य करने के दौरान वह मुम्बई में ही संघ के प्रचारक शिवराज तेलंग के संपर्क में आये। उन्हीं की प्रेरणा से नौकरी से त्यागपत्र देकर 1960 में पूरा समय संघ कार्य को समर्पित कर प्रचारक बन गये। प्रारम्भ में प्रचारक के नाते नान्देड गये, कुछ समय महाराष्ट्र में काम करने के बाद श्री जोशी को 1963 में संघ कार्य हेतु असम भेजा गया। विषम परिस्थियों में वह निरन्तर पच्चीस साल तक वहां संगठन को गति प्रदान किया। प्रारम्भ में तेजपुर के विभाग प्रचारक फिर शिलांग के विभाग प्रचारक बने। इस दौरान श्रीजोशी 1971 से 1987 तक असम के प्रान्त प्रचारक रहे। 1987 में उन्हें तत्कालीन सरसंघचालक माननीय बाला साहेब देवरस जी के सहायक का उत्तरदायित्व दिया गया। 1997 से 2004 तक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख का दायित्व संभालने के बाद उन्हें 2004 में संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य बनाया गया।

हिन्दुस्थान समाचार की पुनरसंरचना
श्रीकांत जोशी के प्रयासों से 2002 में मूर्च्छित हो चुकी भारतीय भाषाओं की एक मात्र संवाद समिति हिन्दुस्थान समाचार को पुनः सक्रिय करने का उपक्रम प्रारम्भ किया। यह संवाद समिति 1975 के आस-पास सरकारी हस्तक्षेप के कारण बंद हो गई थी। जब जोशी जी ने इस समिति को पुनर्जीवित करने के प्रयास प्रारम्भ किये तो पत्रकारिता जगत में बहुत लोग कहते सुनें गये कि यह कार्य असम्भव है। लेकिन जोशी जी ने अपने संगठन कौशल और कार्य कुशलता से कुछ ही वर्षों में ही इस असम्भव कार्य को ही सम्भव कर दिखाया। उनके अथक परिश्रम से गत् एक दशक में इस संवाद समिति ने न केवल अपना विस्तार किया अपितु भारत सहित विदेशों में भी अपनी धाक जमाने में सफल रही। उनकी प्रेरणा से आज भारत सहित मारिशस, नेपाल, त्रिनिनाड, थाईलैण्ड सहित कई देशों में इस संवाद समिति के ब्यूरो कार्यालय सफलता पूर्वक चल रहे हैं। आज देश के तीन सौ से अधिक समाचार पत्र इस संवाद समिति की सेवा से लाभान्वित हो रहे हैं।

_dsc6973निधन पर शोक
हिन्दुस्थान समाचार के संरक्षक व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्रीकांत जोशी के निधन पर भाजपा सहित तमाम राजनीतिक व सामाजिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। प्रख्यात अर्थशास्त्री व क्षेत्र संघ चालक डा. बजरंग लाल गुप्त ने निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि श्री जोशी अपनी सहज, सरल व गंभीर व्यक्तित्व के कारण हजारों कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत रहे। उनके निधन से आरएसएस ने एक अत्यन्त तेजस्वी प्रचारक को खो दिया।

डा. बजरंग गुप्त ने कहा कि श्री जोशी उन प्रचारकों में थे जिन्होंने विषम परिस्थितियों में भी कार्य कर अपनी उर्जा से संगठन को नया आयाम दिया। पूर्वोत्तर राज्य में लंबे समय तक प्रचारक रहकर उन्होंने संघ कार्य को मजबूती प्रदान की। इसके अलावा उनके ही प्रयास से विभिन्न कारणो से बंद हो चुकी भारत की एक मात्र बहुभाषी संवाद समिति हिन्दुस्थान समाचार पुनर्जीवित हुई और समाचार जगत में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त की। उनके अध्ययन, विवेचन औऱ विश्लेषण ने कार्यकर्ताओं और सहयोगियों को जो उर्जा प्रदान की है उससे सहारा लेकर हम अपने कार्यों को और अधिक गति प्रदान करने के लिए सन्नत होंगे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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नौ राज्यों के विधानसभा चुनावों की युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरु

Posted on 02 January 2013 by admin

भारतीय जनता पार्टी इस वर्ष होने वाले नौ राज्यों के विधानसभा चुनावों की युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरु कर दी हैं। आज पार्टी मुख्यालय(नई दिल्ली) में केन्द्रीय चुनाव प्रबन्धन एवं समन्वय की बैठक में अगले दो महीनों में होने वाले कर्नाटक, मेघालय, नागालैण्ड, त्रिपुरा और उसके बाद दिल्ली, मध्यप्रेदश, छत्तीसगढ़ राजस्थान, मिजोरम के चुनावों  उसकी तैयारियों की समीक्षा एवं चर्चा हुई।
भाजपा उपाध्यक्ष एवं केन्द्रीय चुनाव प्रबन्धन एवं कार्यक्रम के प्रभारी श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि इस वर्ष होने वाले नौ राज्यों के विधासभा चुनाव महत्वपूर्ण है, बूथस्तर पर चुनावी तैयारियां शुरु हो चुकी हैं, पार्टी के प्रदेश एवं केन्द्रीय नेता इन सभी चुनावी राज्यों में उक्त राज्यों में चुनावी तैयारियों में कार्यकर्ताओं का सहयोग एवं समीक्षा कर रहे हैं।
श्री नकवी ने बताया कि केन्द्र सरकार के सौतेले व्यवहार कांग्रेस की नकारात्मक राजनीति एवं केन्द्र की नीतियों के चलते बेलगाम मंहगाई के बाबजूद भाजपा शासित राज्यों ने लोगों को ‘‘डेवलपमेन्ट की डोर,, से जोडा, सुशासन एवं विकास का शानदार काम किया, वहीं कांग्रेस शासित राज्यों ने केन्द्र के बेहिसाब पैकेज, अन्धाधुन्द विशेष योजनाओं, पानी की तरह जनधन की लूट के बावजूद लोगों तक उसका लाभ नहीं पंहुचा, भ्रष्टाचार, घोटालों एवं जनधन की लूट होती रही। यह तमाम मुद्दे चुनावों में रहेंगें। इन राज्यों में कांगे्रस की केन्द्र सरकार की जनविरोधी एवं देश के हितो के खिलाफ उठाये गये कदम भी मुद्दा होगा।
श्री नकवी ने बताया कि इन नौ चुनावी राज्यों, तीन राज्यों, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं कर्नाटक में भाजपा की सरकार है जबकि पांच राज्यों दिल्ली, राजस्थान, मेघालय, नागालैण्ड, मिजोरम में कांग्रेस और त्रिपुरा में वामपंथी सत्ता में हैं। इन चुनावी राज्यों में चुनावी तैयारियों, बूथ स्तर की चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था, एवं विधानसभा वार-क्षेत्र, राज्य वार मुद्दों पर चर्चा हेतु इस महीने से केन्द्रीय नेता दौरा, बैठकें करेंगें।
श्री नकवी ने कहा कि जिन राज्यों में हम सत्ता में हैं वहां अपने अच्छे कामों, विकास, सुशासन के बल पर पुनः सरकार बनाने का लक्ष्य एवं जिन राज्यों में कांग्रेस सरकार चला रही है, उनके कुशासन से लोगों को मुक्ति दिलाने के संकल्प के साथ पार्टी चुनाव के मैदान में उतरेगी।
श्री नकवी ने कहा कि महंगाई बेरोजगारी, खुदरा बाजार में विदेशी निवेश एवं कांग्रेस व केन्द्र सरकार की गरीब विरोधी नीतियां प्रमुख मुद्दा होंगी। केन्द्र सरकार के भ्रष्टाचार, घोटालों के चलते देश ‘‘उदारवाद से उधारवाद,, के रास्ते पर खड़ा हो गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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नहरों एवं राजकीय नलकूपों से किसानों को मुफ्त सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया

Posted on 28 December 2012 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने संकल्प के अनुरूप नहरों एवं राजकीय नलकूपों से किसानों को मुफ्त सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। इसके अलावा वर्षों से अधूरी सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए लगभग
shivpal-yadav20 हजार करोड़ रुपए के निवेश से 4 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित कर प्रदेश में दूसरी हरित क्रान्ति लाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रतिनिधि के रूप में आज नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आहूत राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद की छठी बैठक में मुख्यमंत्री के विचारों से अवगत कराते हुए प्रदेश के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने राष्ट्रीय जल नीति, 2012 में संशोधन किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शहरीकरण, औद्योगीकरण, बदलते मौसम चक्र तथा भूगर्भ जल के गिरते स्तर जैसे वर्तमान परिदृश्य की चुनौतियों के दृष्टिगत राष्ट्रीय जलनीति, 2012 में संशोधन किया जाना जरूरी है। राष्ट्रीय जलनीति के मसौदे के अधिकांश प्रस्तावों से राज्य सरकार की सहमति जताते हुए उन्होंने कहा कि नीति के प्रस्तर 2.1 में जल के संबंध में कानून बनाये जाने की बात कही गयी है, जो एक संवेदनशील विषय है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस विषय पर केन्द्र सरकार द्वारा सामान्य मार्गदर्शी सिद्धान्त ही तय करना समीचीन होगा।
सिंचाई मंत्री ने भारतीय भोगाधिकार अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन के संबंध में वृहद सामाजिक परिदृश्य को ध्यान में रखने का सुझाव दिया। उन्होंने प्रत्येक खेत और घर तक पानी पहुंचाने की सार्वजनिक व्यवस्था पूरी होने तक इस अधिनियम में संशोधन से पूर्व राज्यों से और अधिक विचार-विमर्श करने की जरूरत पर बल दिया। प्रदेश में 74,000 किमी लम्बी नहर प्रणाली, 29,600 राजकीय नलकूप, 273 पम्प कैनाल एवं 65 जलाशयों के अतिरिक्त निजी नलकूपों व अन्य साधनों से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य सरकार अंतर्राष्ट्रीय मानक के अनुरूप जल उपयोग क्षमता में वृद्धि, न्यूनतम जल संसाधन की मांग और आपूर्ति के लिए वैज्ञानिक विधि आधारित नियोजन, बाढ़ प्रबन्धन में आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग, कृषि, पेयजल तथा उद्योग में उपयोग के लिए अपशिष्ट जल का पुनः उपयोग और नदियों को प्रदूषण से बचाने जैसे अनेकों उपाय कर रही है। उन्होंने भारत सरकार से सक्रिय सहयोग की जरूरत बताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा समग्र भूगर्भ जलनीति तैयार की जा रही है।
श्री यादव ने सरयू परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किये जाने पर आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शारदा, शारदा सहायक की समेकित क्षमता पुनस्र्थापना परियोजना को भी राष्ट्रीय परियोजना में शामिल किया जाना चाहिए। इससे लगभग 35 जिलों की सिंचाई व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा सकेगा। उन्होंने ऊपरी गंगा-यमुना समेकित क्षमता पुनरोद्धार योजना को भी राष्ट्रीय परियोजना घोषित किये जाने की जरूरत बतायी। उन्होंने सूखाग्रस्त विन्ध्य क्षेत्र एवं नक्सल प्रभावित जनपद सोनभद्र की कनहर सिंचाई परियोजना की स्वीकृति शीघ्र जारी करने तथा प्रदेश की राष्ट्रीय परियोजनाओं एवं ए0आई0बी0पी0 पोषित अन्य सभी सिंचाई परियोजनाओं का केन्द्रांश तत्काल अवमुक्त करने का अनुरोध किया। बुन्देलखण्ड पैकेज के अन्तर्गत 05 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने हेतु 1240 करोड़ रुपए के अतिरिक्त पैकेज एवं नहरों पर सौर ऊर्जा उत्पादन की योजनाओं हेतु 200 करोड़ रुपए की सहायता से सम्बन्धित धनराशि तत्काल अवमुक्त किये जाने की भी मांग की। उन्होंने वृहद् एवं मध्यम सिंचाई योजनाओं तथा बाढ़ नियंत्रण की परियोजनाओं की स्वीकृति प्रक्रिया में समयावधि को कम करने तथा बाढ़ परियोजनाओं की पूर्ण धनराशि राज्य सरकारों को एकमुश्त अवमुक्त करने का अनुरोध किया।
श्री यादव ने सिंचाई हेतु आवश्यक जल की कमी को पूरा करने, बाढ़ की समस्या के निदान के लिए टिहरी बांध जलाशय को पूरी क्षमता से भरने, रेणुका बांध, किसाऊ बांध, लखवाड़-व्यासी बांध परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा कराये जाने तथा नेपाल के साथ पंचेश्वर, नेमुरे एवं करनाली बांधों का निर्माण प्रारम्भ किये जाने हेतु केन्द्र सरकार के हस्तक्षेप की आवश्यकता बताई। गंगा-यमुना की अविरल एवं निर्मल धारा बनाये रखने के लिए समग्र प्रयास किये जाने, बारहवीं पंचवर्षीय योजना में प्रदेश की नदियों में जल उपलब्धता बढ़ाये जाने के लिए हाईड्रोलाॅजिकल सर्वेक्षण एवं अध्ययन कराने तथा केन-बेतवा लिंक योजना के क्रियान्वयन हेतु समयबद्ध कार्यवाही किये जाने की जरूरत बतायी।
बैठक में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत, प्रदेश के प्रमुख सचिव सिंचाई श्री दीपक सिंघल, अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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बारहवीं पंचवर्षीय योजना में मूल ढांचागत सुविधाओं के विकास को वरीयता प्रदान करते हुए 8.5 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया

Posted on 28 December 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रधानमंत्री डाॅ0 मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में आहूत राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना में मूल ढांचागत सुविधाओं के विकास को वरीयता प्रदान करते हुए 8.5 प्रतिशत विकास दर प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि कृषि के लिए 4.9, उद्योग के लिये 7.1 तथा सेवा क्षेत्र के लिए 10.9 प्रतिशत की विकास दर प्राप्त करने के लिए लगभग 16.70 लाख करोड़ रूपये निवेश की आवश्यकता होगी। राज्य सरकार द्वारा हाल ही में किये गये प्रयासों से निवेश में इजाफा होगा। यदि भारत सरकार का सकारात्मक सहयोग प्राप्त हुआ तो राज्य सरकार इस लक्ष्य को अवश्य प्राप्त कर लेगी।
up-cm-in-new-delhiमुख्यमंत्री ने इस बात पर चिन्ता व्यक्त की कि बारहवीं पंचवर्षीय योजना में जहां केन्द्र हेतु सकल बजटरी सपोर्ट में वृद्धि की गई है, वहीं दूसरी ओर राज्यों को केन्द्रीय सहायता के रूप में मिलने वाली सकल बजटरी सपोर्ट में कमी कर दी गयी है। इससे राज्यों की विकास योजनाएं प्रभावित होंगी। राज्यों के वित्तीय संसाधन पहले ही सीमित हैं, जिन्हें एफ0आर0बी0एम0 एक्ट के माध्यम से और भी सीमित कर दिया गया है। उन्हांेने आग्रह किया कि राज्यों को भी केन्द्र की भांति अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए एफ0आर0बी0एम0 में फलेक्सीबिलिटी दी जानी चाहिए।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करते हुए ऐसे सभी कार्यकलापों को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिनसे उत्पादन के साथ-साथ उत्पादकता में भी वृद्धि हो। उन्होंने देश में दूसरी हरित क्रान्ति लाने की चर्चा करते हुए कहा कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने ऊसर, बीहड़, बंजर एवं जल भराव की समस्याग्रस्त भूमि को सुधार कर खेती योग्य बनाने की योजना शुरु की है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा गन्ना मूल्य 170 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है, जबकि राज्य सरकार ने चीनी मिलों को होने वाली सकल आय तथा किसानों की गन्ना उत्पादन की लागत को दृष्टिगत रखते हुए किसानों को उचित मूल्य देने के उद्देश्य से राज्य समर्थित मूल्य 280 रुपए प्रति कुन्तल निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस निर्णय से गन्ना किसानों को लगभग 21,500 करोड़ रुपए का भुगतान प्राप्त होगा।
मुख्यमंत्री ने कृषि विकास के लिए किसानों को सस्ते दर पर ऋण मुहैया कराने की मांग करते हुए कहा कि कृषि विविधीकरण के क्षेत्रों में राज्य सरकार ने 10 प्रतिशत से अधिक विकास दर प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रबन्ध किए हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से नयी तकनीक उपलब्ध कराने, अवस्थापना सुविधाओं के विस्तार तथा विपणन समर्थन पर विशेष बल दिये जाने का आग्रह किया। प्रदेश में 90 प्रतिशत से अधिक लघु एवं सीमांत श्रेणी के किसानों की संख्या को  दृष्टिगत रखते हुए उन्होंने केन्द्र सरकार से डीजल के दामों में वृद्धि न करने का अनुरोध किया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति में सुधार और नलकूपों के लिए बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु स्वतंत्र फीडर लाइन योजना के लिए केन्द्र से वित्त पोषण किये जाने के लिए सहयोग की अपेक्षा भी की।
श्री यादव ने बताया कि प्रदेश में सुदृढ़ अवस्थापना व्यवस्था की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए लखनऊ से आगरा तक आठ लेन प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सभी जिला मुख्यालयों को चार लेन सड़कों से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश में सड़क नेटवर्क को सुदृढ़ करते हुए लखनऊ से बहराइच होते हुए नेपाल सीमा पर रुपईडीहा तक तथा गोरखपुर से वाराणसी सड़क को चार लेन करने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने भारत सरकार से सहयोग की अपेक्षा की है। उन्होंने राज्य में पर्यटन विकास की असीम सम्भावनाओं के दृष्टिगत कुशीनगर तथा आगरा के निकट अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा स्थापित करने में केन्द्र की भागीदारी आवश्यक बताई।
इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा बताया गया कि औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने और अपेक्षित निवेश जुटाये के लिए राज्य सरकार ने अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति, 2012 बनायी है, जिसमें पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्रों में पूंजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्राविधान किये गये है। अवस्थापना सुविधाओं के विकास में निजी क्षेत्र की सहभागिता को इस नीति का प्रमुख अंग बनाया गया है। उन्होंने बताया कि विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगभग 16000 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत क्षमता सृजित करने की परियोजनाओं पर कार्य शुरु कर दिया गया है, परन्तु कोयले की व्यवस्था न होने के कारण इन परियोजनाओं में प्रगति नहीं हो पा रही है। इसी प्रकार निजी क्षेत्र में स्थापित होने वाली 7 विद्युत परियोजनाओं हेतु कोयला आवंटन के अनुरोध पर भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने निजी क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए केन्द्र सरकार द्वारा तत्काल कोयला आवंटन की व्यवस्था करने की मांग की।
श्री यादव ने शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्रों के विकास पर विशेष ध्यान देने का आग्रह करते हुए कहा कि देश को साक्षर बनाने के लिए विशेष प्रयास किये जाएं। उन्होंने विभिन्न वर्गों के जरूरतमंद विद्यार्थियों के लिए बिना किसी भेदभाव के छात्रवृत्ति की व्यवस्था करने का अनुरोध किया ताकि सभी वर्गों के लोग विकास प्रक्रिया में सम्मिलित हो सकंें। रायबरेली में एम्स की स्थापना के लिए राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराने के निर्णय की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल तथा रूहेलखण्ड क्षेत्र में भी एम्स जैसे संस्थान स्थापित किये जाने चाहिए। उन्होंने जापानी इंसेफलाइटिस की रोकथाम के लिए गम्भीर प्रयास करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इसके समाधान के लिए समग्र बहुआयामी, समयबद्ध योजनाएं लागू की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए मेडिकल रिसर्च, सम्पूर्ण चिकित्सीय कवरेज के साथ-साथ चिकित्सीय व सामान्य नगरीय अवस्थापना सुविधाओं हेतु शत-प्रतिशत तकनीकी एवं वित्तीय सहायता केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश में कैंसर इलाज के लिए आधुनिकतम चिकित्सालय खोलने में केन्द्र सरकार से सहयोग की अपेक्षा करते हुए एड्स कन्ट्रोल के लिए भारत सरकार द्वारा प्रदेश को दी जा रही आर्थिक एवं तकनीकी सहायता में भी बढ़ोत्तरी की जरूरत बतायी।
मुख्यमंत्री ने व्यवसायिक शिक्षा को नई दिशा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि आई0टी0आई0, पाॅलीटेक्निक कालेजों की संख्या एवं स्तर में आमूल चूल परिवर्तन किया जाए। उन्होंने राज्य की व्यापकता एवं जनसंख्या के दृष्टिगत कम से कम दो और इण्डियन इंस्टीट्यट आॅफ टेक्नाॅलाॅजी (आई0आई0टी0) स्थापित किये जाने की मांग की। महिला सशक्तिकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि प्रदेश में ‘कन्या विद्या धन योजना’, ‘हमारी  बेटी उसका कल योजना’ तथा ‘पढ़ें बेटियां, बढ़े बेटियां योजना’ लागू की गयी है। इसके अतिरिक्त छात्र-छात्राओं में कम्प्यूटर शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ाने के लिए हाईस्कूल पास बच्चांें को निःशुल्क टैबलेट पी0सी0 तथा कक्षा 12 उत्तीर्ण बच्चों को निःशुल्क लैपटाॅप उपलब्ध कराये जाने की महत्वाकांक्षी योजना प्रारम्भ की गयी है। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा गरीबों को राहत देने के लिए रानी लक्ष्मी बाई पेंशन योजना भी शुरु की गयी है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी की वजह से नौजवानों के गिर रहे मनोबल को बनाये रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 1000 रुपए प्रतिमाह की दर से बेरोजगारी भत्ता दिये जाने की व्यवस्था की गयी है।
श्री यादव ने केन्द्र पुरोनिधानित योजनाओं पर गठित श्री बी0के0चतुर्वेदी समिति की संस्तुतियों को स्वीकार करते हुए तत्काल लागू किये जाने की मांग की। उन्होंने बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल तथा मध्य उत्तर प्रदेश की विशिष्ट भौगोलिक, आर्थिक एवं सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए इनके त्वरित विकास के लिए विशेष व्यवस्था किये जाने का अनुरोध भी किया। उन्होंने बुन्देलखण्ड क्षेत्र हेतु स्वीकृत पैकेज को नाकाफी बताते हुए इस क्षेत्र के पिछड़ेपन को राष्ट्रीय समस्या के रूप में स्वीकार करते हुए समुचित संसाधन उपलब्ध कराये जाने की अपेक्षा की।
बैठक में विभिन्न प्रदेशों के मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्रीगण सहित उत्तर प्रदेश योजना आयोग के उपाध्यक्ष श्री नवीन चन्द्र बाजपेयी, मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री राकेश गर्ग, प्रमुख सचिव वित्त श्री आनन्द मिश्रा, प्रमुख सचिव योजना श्री संजीव नायर, स्थानिक आयुक्त उ0प्र0 श्री नीरज कुमार गुप्ता आदि उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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चौ0 चरण सिंह जी का जन्म दिवस किसान दिवस के रूप में मनायेंगे

Posted on 20 December 2012 by admin

राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना ंिसह चैहान ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया  कि 23 दिसम्बर को किसान मसीहा चै0 चरण सिंह जी का जन्म दिवस राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ता किसान दिवस के रूप में मनायेंगे।
श्री सिंह ने बताया कि 23 दिसम्बर को पूरे प्रदेश में कार्यकर्ता हवन, गोष्ठी, अस्पतालों में फल वितरण करके तथा युवा रालोद के कार्यकर्ता रक्त दान करके चै0 साहब को श्रद्धांजलि देंगे इसके साथ ही मलिन बस्तियों में श्रम दान करके सफाई अभियान भी चलाया जायेगा।
इसी क्रम में 23 दिसम्बर को प्रदेश मुख्यालय पर सुबह 8.00 बजे चै0 साहब की प्रतिमा के सामने हवन करने के पश्चात् समस्त पदाधिकारी व कार्यकर्ता चै0 चरण सिंह अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अडड्ा अमौसी लखनऊ पहुेंचेगे जहां 11 बजे भारत सरकार के नागरिक उडड्यन मंत्री तथा राष्ट्रीय लोकदल राष्ट्रीय अघ्यक्ष मा0 चै0 अजित सिंह जी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री किसान मसीहा श्रद्धेय चै0 चरण सिंह जी की प्रतिमा का अनावरण करने के पश्चात् कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करेंगे। उनके साथ में राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद मा0 श्री जयन्त चैधरी जी भी रहेंगे।
श्री सिंह ने आगे बताया कि लखनऊ आने के पूर्व राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री मा0 चै0 अजित सिंह जी सुबह 8 बजे दिल्ली में किसान घाट पर सर्व धर्म प्रार्थना सभा मेें भाग लेंगे तथा 10.00 बजे संसद के सेन्ट्रल हाल में स्थापित श्रद्धेय चै0 चरण सिंह जी के चित्र पर माल्यार्पण करेंगे।
यह जानकारी राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता प्रो0 के0के0 त्रिपाठी ने दी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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रेलवे की बुनियादी सुविधाओं में सुधार हेतु मांग की

Posted on 12 December 2012 by admin

मथुरा से लोकसभा सांसद श्री जयन्त चैधरी (राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय लोकदल) ने 10 दिसम्बर को माननीय रेल मंत्री श्री पवन कुमार बंसल से मुलाकात कर मथुरा जनपद में रेलवे की बुनियादी सुविधाओं में सुधार हेतु मांग की है। मथुरा जनपद में रेलवे नेटवर्क के अन्दर कुछ प्रमुख शहरों को जोड़ने वाली छोटी-छोटी दूरियों के अनेक मिसिंग लिंक हैं। इनके निर्माण से मथुरा जनपद में रेल कनेक्टिविटी में व्यापक सुधार होगा। उन्होंने रेल मंत्री के साथ अपनी मुलाकात के दौरान मथुरा जनपद में नए रेल रूट के निर्माण हेतु निम्नलिखित मांगों पर विशेष बल दिया-

ऽ    मथुरा-अलीगढ़ (70 किमी) वाया राया, मांट, सुरीर, नौहझील, बाजना; कोसी-जाजमपट्टी (60 किमी) वाया बरसाना-नन्दग्राम-गोवर्धन, पैंठा, सौंख; राया-हाथरस वाया सादाबाद (40 किमी); हल्दौर-धामपुर वाया नाठौर (30 किमी) के बीच नए रेल मार्गों का निर्माण मिसिंग लिंक के रूप में और सामाजिक-आर्थिक कारणों से किया जाना है।
ऽ    अलीगढ़ जंक्शन से रेलगाडि़यों को दिल्ली-हावड़ा लाइन पर मथुरा तथा आगे की ओर डाइवर्ट करने के प्रावधान के लिए हाथरस जंक्शन (उत्तर मध्य रेलवे) को हाथरस शहर (उत्तर पूर्व रेलवे) से जोड़ते हुए बाईपास लाइन (8 किमी)।
ऽ    यद्यपि मथुरा को विश्वस्तरीय स्टेशन घोषित किया जा चुका है, किंतु काम अभी तक आरम्भ नहीं हुआ है
ऽ    मथुरा में नए बस स्टैंड और दिल्ली-मथुरा रेलवे लाइन पर भूतेश्वर में रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) में ड्रेनेज संबंधी गंभीर समस्या का समाधान रेनवाटर हारवेस्टिंग या पानी की पंपिंग के जरिए किए जाने की आवश्यकता है।
ऽ    भूतेश्वर रेलवे स्टेशन का पुननिर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना है।
ऽ    मथुरा अलीगढ़ लाइन पर गेट नं. 541 के बदले पर रेलवे अंडर ब्रिज की संस्वीकृति तथा निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना है।
ऽ    दिल्ली आगरा रूट पर कोसीकलां में जबलपुर और नई दिल्ली के बीच परिचालित श्रीधाम एक्सप्रेस (12191 तथा 12192) तथा उदयपुर और हजरत निजामुद्दीन के बीच परिचालित मेवाड़ एक्सप्रेस (12963 तथा 12964) के अप और डाउन स्टाॅपेज मुहैया कराए जाने हैं।
ऽ    मुख्य रेलवे स्टेशन पर तथा मथुरा-दिल्ली के बीच परिचालित ट्रेनों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से पर्याप्त संख्या में जीआरपी/आरपीएफ कार्मिकों की तैनाती।

श्री जयन्त चैधरी ने उपरोक्त मांगों के संबंध में बताया कि मथुरा की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रांगिकता को देखते हुए रेलवे की बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया जाना चाहिए। प्रतिवर्ष देश-विदेश से लाखों पर्यटक इस शहर में आते हैं। इसके अलावा युवा सांसद ने कहा है कि बेहतर रेल सुविधाओं से अधिक संख्या में पर्यटक आकर्षित होंगे और रेल राजस्व में भी वृद्धि होगी तथा इन सुविधाओं से स्थानीय जनता निश्चित रूप से लाभांवित होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार श्री खुशवंत सिंह को सम्मानित किया

Posted on 12 December 2012 by admin

khuswant-sign-with-up-cm-akhilesh-yadavउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि वरिष्ठ पत्रकार, सुप्रसिद्ध चिन्तक व उपन्यासकार श्री खुशवंत सिंह ने अपनी लेखनी द्वारा लोगों को बहुत से अनभिज्ञ पहलुओं से रूबरू कराया। सर्वधर्म सम्भाव को बढ़ावा देने के लिए श्री खुशवंत सिंह के योगदान को काफी अहम बताते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्री सिंह ने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को नयी राह दिखाई तथा युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित किया।
khuswant-sign-with-up-cm-akhilesh-yadav2jpgमुख्यमंत्री ने आज नई दिल्ली के सुजान सिंह पार्क स्थित श्री खुशवंत सिंह के आवास जाकर उन्हें आॅल इण्डिया माइनाॅरिटी फोरम फार डेमोक्रेसी के तत्वावधान में शाल, प्रशस्ति-पत्र तथा बुके देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर संस्था के प्रमुख श्री अम्मार रिजवी उपस्थित थे। अपनी पहचान बनाने वाले अल्पसंख्यक वर्ग के लोगों को सम्मानित करने का प्रयास करने के लिए मुख्यमंत्री ने श्री अम्मार रिजवी की सराहना भी की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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एन.एच.-24 एवं एन.एच.-58 के चौड़ीकरण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया

Posted on 12 December 2012 by admin

भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गाजियाबाद से सांसद श्री राजनाथ सिंह ने आज लोकसभा में शून्यकाल के दौरान एन.एच.-24 एवं एन.एच.-58 के चैड़ीकरण का मुद्दा प्रमुखता से उठाया।
शून्यकाल में बोलते हुए श्री सिंह ने कहा कि वे सदन का ध्यान दो ऐसे महत्वपूर्ण राजमार्गों (एन.एच.-24 एवं एन.एच.-58) की तरफ आकर्षित करना चाहते है जो दिल्ली और उनके संसदीय क्षेत्र गाजियाबाद समेत पूरे उत्तर भारत को सड़क मार्ग से जोड़ते है।
‘‘ये दोनों राजमार्ग सिर्फ आवागमन के लिए ही नहीं बल्कि भारत-पाकिस्तान एवं भारत-चीन की सीमा पर आपात स्थिति के दौरान सैन्य रसद पहुंचाने के सबसे महत्वपूर्ण राजमार्ग भी हैं’’, श्री सिंह ने कहा।
एन.एच.-24 एवं एन.एच.-58 के व्यापारिक एवं सामरिक महत्व को रेखांकित करते हुए श्री सिंह ने आगे कहा ‘‘यह दोनों राजमार्ग देश की राजधानी दिल्ली में भी खाद्य पदार्थों, दूध, फल, सब्जी इत्यादि पहुंचाने के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है परन्तु इन दोनों राजमार्गों पर आए दिन भंयकर जाम की समस्या बनी रहती है।’’
जाम की भीषण स्थिति पर चिंता जताते हुए श्री सिंह ने कहा, ‘‘प्रतिदिन लाखों लोग इन दोनों राजमार्गों पर यात्रा करते है मगर आए दिन लगने वाले तीन-चार घंटे के ट्रैफिक जाम के कारण यात्रियों के लिए यात्रा एक यंत्रणा बन कर रह जाती है।’’
एन.एच.-24 एवं एन.एच.-58 के चैड़ीकरण की मांग करते हुए श्री सिंह ने कहा, कि ‘‘सरकार ने इस बाबत कई बार आश्वासन दिया मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। आखिर सरकार कब तक खाली आश्वासनों की घुट्टी पिलाती रहेगी?’’
श्री सिंह ने एन.एच.-24 एवं एन.एच.-58 को तत्काल 8 लेन किए जाने की मांग करते हुए सरकार से इन दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों के चैड़ीकरण की योजना के मौजूदा ैजंजने त्मचवतज की मांग भी की।
कार्य प्रारंभ होने में ढिलाई बरतने पर सरकार को घेरते हुए श्री सिंह ने कहा कि सरकार अविलम्ब इस प्रोजेक्ट पर कार्य प्रारंभ करे और इसकी जानकारी सदन को दे कि यह कार्य कब प्रारंभ होगा और कब तक पूरा होगा?
चैड़ीकरण की योजना को दीर्घकालीन नजरिए से बनाए जाने का सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि यह काम अगले चालीस-पचास वर्षों की आधारभूत संरचना के विकास को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। इस दृष्टि से 8 लेन की सड़क बनाते समय उसके सभी ‘अलाईड फीचर्स’ जैसे कलवर्ट, अंडरपास और जल निकासी की भी पूरी व्यवस्था होनी चाहिए।’’
शून्यकाल के बाद श्री राजनाथ सिंह ने भूतल परिवहन मेंत्री डाॅ. सी.पी. जोशी से व्यक्तिगत रूप से भेंट की और इस विषय की अलग से चर्चा की। भूतल परिवहन मंत्री ने श्री सिंह को बताया कि वे आज ही इस प्रोजेक्ट की जानकारी मंत्रालय से लंेंगे और उन्होंने इस विषय में ठोस कार्रवाई करने का भी आश्वासन दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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sa@upnewslive.com

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