Posted on 24 December 2013 by admin
राष्ट्रपति ने एक संदेश में कहा कि क्रिसमस की खुशी के अवसर पर मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं । साथ ही प्रत्येक व्यक्ति के लिए शुभ क्रिसमस और समृद्ध नववर्ष की कामना करता हूं ।
मैं चाहता हूं कि विश्व में क्रिसमस के इस अवसर पर ईसा मसीह द्वारा मानव जाति के सामने रखे गए महान लक्ष्य का विस्तार हो । साथ ही बेथलेहम पर दिखने वाला सितारा एक बार फिर चमके तथा पृथ्वी पर शांति का मार्ग प्रशस्त हो और लोगों के बीच सद्भावना फैले।
आइयेए हम इस शुभ दिन पर ईसा मसीह के उस प्रेम और दया की शिक्षा का पुनरू आह्वान करें जो शताब्दियों से मानव जाति के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा है । प्रभु से प्रार्थना है कि उत्सव के इस मौके पर विश्व के सभी लोगों को वह मुक्त हस्त से आशीर्वाद दें ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 December 2013 by admin
सरकार ने किशोरी क्लबों का औपचारिक मूल्यांकन नहीं किया है। यूनीसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसारए 11727 किशोरी समूहए जिनमें 238000 लड़कियां हैंए असमए कर्नाटकए आंध्र प्रदेशए गुजरात एवं महाराष्ट्र राज्यों में प्रचालित हैं। यह जानकारी महिला और बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री ;स्वतंत्र प्रभारद्ध श्रीमती कृष्णा तीरथ ने लोकसभा में आज एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने केंद्रीय प्रायोजित स्कीम राजीव गांधी किशोरी सशक्तीकरण स्कीम – सबला वर्ष 2010.11 में प्रायोजिक आधार पर शुरू की। स्कीम में दो प्रमुख घटक पोषण एवं गैर.पोषण घटक शामिल हैं और यह सभी राज्योंध् संघ राज्य क्षेत्रों के 205 जिलों में क्रियान्वित की जा रही है।
सबला स्कीम के तहत आंगवाडी केंद्रों पर किशोरियों को जीवन कौशल शिक्षाए पोषण एवं स्वास्थ्य शिक्षाए अन्य सामाजिक कानूनी मुद्दों आदि पर अवसर प्रदान करने के लिए किशोरी समूह गठित किए गए है। देश में सबला के तहत 3ण्9 लाख किशोरी समूह प्रचालित हैं। स्कीम की शुरूआत से सबला के तहत राज्योंध्संघ राज्य क्षेत्रों को 1878ण्58 करोड़ रूपए निर्मुक्त किए जा चुके हैं। रिपोर्टों के अनुसार प्रतिवर्ष लगभग 100 लाख किशोरियों को स्कीम के अंतर्गत लाभ दिए जाते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 December 2013 by admin
मंत्रिमंडल ने भारत सरकार तथा राज्य सरकारों के मंत्रियों के लिए आचार संहिता में संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब आचार संहिता में एक नया अनुच्छेेद शामिल करने का प्रस्तामव किया गया है जो इस प्रकार हैरू
ष्2ण् पदभार संभालने के पश्चा त और जब तक भी मंत्री अपने पद पर आसीन रहें उन्हेंसरू.
;एफद्ध लोकसेवा की राजनीतिक निष्प्क्षता बरकरार रखनी होगी और वे लोक सेवकों को ऐसा कोई भी कार्य करने को नहीं कहेंगे जो उनके कर्तव्यर तथा उत्तररदायित्वोंक के विपरीत हो।ष् केन्द्री सरकार के मंत्रियों के संबंध में मंत्रियों के लिए संशोधित आचार संहिता जारी करने की तिथि से ही तत्काअल प्रभाव से लागू हो जाएगी। राज्यं सरकार तथा केन्द्रं शासित प्रदेशों के मंत्रियों के संबंध में संशोधित आचार संहिता लागू करवाने के लिए उसे मुख्यिमंत्रियों को भेजा जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 14 December 2013 by admin
राष्ट्रभपतिए श्री प्रणब मुखर्जी ने भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय के उद्यम विभाग के सहयोग से भारतीय परिसंघए ;सीआईआईद्ध द्वारा आयोजित वैश्विक लोक उद्यम शिखर सम्मेेलन का आज विज्ञान भवन नई दिल्लीर में उद्घाटन किया।
राष्ट्रिपति ने कहा कि भारतीय लोक उद्यम हमारे देश के औद्योगिक परिदृश्यट के अभिन्नर अंग रहे हैं। इन्होंीने भारतीय उद्योग के प्रजनकों तथा भारतीय अर्थव्यदवस्थार की स्थिरता में सहयोग दिया है। औद्योगिक समुदाय के नेता एवं आदर्श नियोक्तान के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने कई प्रकार से योगदान दिया है। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को सबसे बड़ी चुनौती बाजारी ताकतों से जूझने के लिए अपनी प्रतिस्पेर्धात्म क शक्ति को बढ़ाना है। प्रबंधन को उच्चूतम पेशेवर स्तयर अपनाना होगा। इसे उत्पा्दकता तथा कार्यकुशलता के वैश्विक मानदंडों को पूरा करना होगा।
राष्ट्रसपति ने कहा कि सामाजिक विकास के अभिरक्षक होने के नाते सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से उच्चपस्त र के सामाजिक सरोकार की अपेक्षा की गई है। यद्यपि केन्द्री य क्ष्ेांत्र के लोक उद्यम पहले से ही कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेषदारियां निभा रहे हैंए उन्हेंस कंपनीज अधिनियमए 2013 में दिए गये प्रावधानों को ध्या न में रखते हुए निजी क्षेत्र के अपने समकक्षों के लिए उदाहरण प्रस्तु त करने की जरूरत पड़ेगी।
इस अवसर पर केन्द्री य भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रीए श्री प्रफुल्लह पटेलए सी आई आई के अध्यनक्ष श्री एसण् गोपाल कृष्ण नए भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय के उद्यम विभाग के सचिव श्री ओण् पीण् रावतए लोक उद्यम की सी आई आई परिषद के अध्यमक्ष श्री बीण्पीण् राव एवं भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के अध्य्क्ष एवं प्रबंध निदेशक भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 13 December 2013 by admin
नर्इ पीढ़ी-नर्इ सोच संस्था के प्रतिनिधि मंडल ने अरविंदर सिंह लवली (विधायक, गांधीनगर) का उनके निवास पर उन्हें जन्मदिन की बधार्इं दी। इस प्रतिनिधि मंडल के साथ संस्था के सरपरस्त व बिहार समाज समिति के संस्थापक श्री अब्दुल खालिक व कालोनी के कुछ जिम्मेदार मौजूद थे। इस प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने किया।
संस्था के संस्थापक व अध्यक्ष श्री साबिर हुसैन ने श्री अरविंदर सिंह लवली को फूलों का गुलदस्ता देकर उनको जन्मदिन व भारी बहुमत से गांधीनगर का विधायक चुने जाने पर बधार्इं दी व कहा कि उनकी आयु सौ वर्षो से अधिक हो और वह इसी प्रकार जनता की सेवा करते रहें।
उन्होंने कहा कि लवली जी ने जिस भी मंत्रालय को संभाला उसमें चार चांद लगा दिया और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाएगी वह उस पर उसी तरह काम करेंगे।
श्री अब्दुल खालिक ने कहा कि लवली जी ने जो काम बुलंद मसिजद के लिए किया है वह पहले नहीं हुआ था। हम उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी उसी तरह काम करेंगे जिस तरह काम करते आए हैं।
इस प्रतिनिधि मंडल में श्री अब्दुल खालिक (सरपरस्त), साबिर हुसैन (संस्थापक व अध्यक्ष), मो. रियाज़ (उपाध्यक्ष), अंजार (सचिव), शमीम हैदर (महासचिव), डा. आर अंसारी (कोषाध्यक्ष), मो. यामीन (ब्ल‚क अध्यक्ष बुलन्द मसिजद) और सज्जाद, नियामत आदि (सदस्य) व कालोनी के जिम्मेदार हाजी जाबिर हुसैन, जुबैर आज़म, मो. शोएब, मो. अंसार आदि लोग शामिल थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
भारत का संविधान देश के सभी नागरिकों के लिए बराबरीए आजादीए न्या य एवं आत्म सम्माशन सुनिश्चित करता है और इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निशक्त जनों समेत सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी समाज के निर्देश दिए है। विभिन्ना विषयों को लेकर संविधान में उल्लेिखित अनुसूचियों में निशक्तहजनों के शक्तिकरण की प्रत्यिक्ष जिम्मेेदारी राज्यत सरकारों को दी गई है। इस वजह से निशक्तयजनों के सशवक्तिकरण की प्राथमिक जिम्मेशदारी राज्यो सरकारों पर भी हैं। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार देश में विभिन्नश प्रकार के व्यायधियों से ग्रस्तै लोगों की संख्यास 2ण्19 करोड़ है जो देश की कुल आबादी का 2ण्13 प्रतिशत है। इनमें दृष्टिबाधिताए सुननेए बोलनेए चलने.फिरने में लाचार और मानसिक निशक्तवता से पीडि़त लोग शामिल हैं।
भारत श्श्एशिया प्रशांत में निशक्तबजनों की बराबरी और पूर्ण भागीदारी से जुड़े समझौतेश्श् पर हस्ताोक्षर कर चुका है। इसके अलावा भारत ने एक समावेशी बाधारहित और अधिकारयुक्तस समाज की दिशा में प्रयत्नरशील श्बिवाको मिलेनियम फ्रेमवर्कश्श् समझौते पर भी हस्ताुक्षर किये है। भारत ने निशक्त्जनों के अधिकारों और अस्मिता की सुरक्षा तथा उसे बढ़ावा देने के संयुक्तस राष्ट्रत सम्मेतलन पर भी हस्ता क्षर किये है और 1 अक्तूाबरए 2008 को इसका अनुमोदन किया था। देश में निशक्त्जनों के लिए वर्ष 2005 में एक राष्ट्रीाय नीति बनाई गई थी। इस नीति में मुख्ये ध्या्न विभिन्नए प्रकार की निशक्तंताओं को रोकनेए ऐसे लोगों के आर्थिक एवं भौतिक पुनर्वास के उपायों पर केंद्रित किया गया है। इस नीति को सरकार एवं अन्य एजेंसियों द्वारा क्रियान्वित किया जाना है। संयुक्तय राष्ट्रस के दिशा.निर्देशों के अनुसार विश्वो में प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीैय निशक्ततता दिवस मनाया जा रहा है।
निशक्त जनों के लिए राष्ट्री य संस्थातन
देश की निशक्तन आबादी की विभिन्नन समस्यांओं से कारगर तरीके से निपटने के लिए प्रत्येकक श्रेणी के निशक्त्जनों के लिए निम्ननलिखित राष्ट्रीएय संस्थाीनों की स्थापपना की गई है।
1ण् राष्ट्री य दृष्टिबाधिता संस्थाननए देहरादून
2ण् राष्ट्री य ओर्थोपेडिकली संस्थानन कोलकोता
3ण् अली यावर जंग राष्ट्री य बधिर संस्थाान मुबंई
4ण् राष्ट्री य मानसिक विकलांग संस्थाथनए सिकंदराबाद
5ण् राष्ट्री य पुनर्वासए प्रशिक्षण एवं शोध संस्थादनए कटक
6ण् शारीरिक विकलांग संस्था्नए नई दिल्ली
7ण् राष्ट्री य बहुव्यासधी सशक्तीशकरण संस्थाानए चेन्नसर्इ
ये सभी संस्थाान नई.नई खोजों और ऐसे लोगों की क्षमता में विकास से जुडे प्रशिक्षण कार्यक्रमों और सेवा प्रदान करने जैसे कार्यक्रमों के लिए मुख्यो रूप से जिम्मेादार है। निशक्त्जनों के लिए देश के पांच समग्र क्षेत्रीय केंद्रों – श्रीनगरए लखनऊए भोपालए सुंदरनगर और गुवाहाटी में क्षेत्रीय पुनर्वास केंद्र हैं। ये केंद्र विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए निशक्ताजनों को व्या पक प्रशिक्षण देकर तथा उनके पुनर्वास में मदद करते है। रीढ़ की हड्डी की चोट के कारण तथा हड्डियों एवं मांसपेशियों में विभिन्नप व्यामधियों से ग्रस्त् लोगों के लिए मोहालीए कटकए जबलपुर और बरेली में चार क्षेत्रीय पुनर्वास केंद्र ऐसे लोगों को बेहतर सेवाएं दे रहे हैं ताकि वे अपना जीवन आत्मंसम्मा न से जिये और दूसरों पर आश्रित न हो। कानपुर स्थित कृत्रिम बांह निर्माण निगम एएलआईएमसीओ सावर्जनिक क्षेत्र का निकाय है जो निशक्तकजनों के लिए सहायक उपकरण बनाने में संलग्नि है। यहां तैयार किये जाने वाले उत्पातदों को भारतीय मानक संस्थाान द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करना जरूरी है। इन उत्पातदों का विपणन क्षेत्रीय विपणन केंद्रों. कोलकोताए मुबंईए चेन्नाईए भुवनेश्वगर और दिल्ली् द्वारा किया जाता है। इसके अलावा राष्ट्री य संस्था.नों और स्वै छिक संगठनों की भी इनमें मदद ली जाती है।
वित्तीीय सहायता
राष्ट्री य विकलांगता वित्त् एवं विकास निगम श्एनएचएफडीसीश् विकलांगजनों को आर्थिक रूप से आत्म निर्भर बनाने के लिए उन्हेंी ऋण सुविधाएं प्रदान करने में शीर्ष स्त र का वित्तीकय संस्था न है। राज्यभ सरकारोंध्संघशासित प्रदेशों और गैर.सरकारी संगठनों द्वारा अधिकृत विभिन्न् एजेंसियों के माध्य।म से अनुदान राशि वितरित की जाती है। यह निगम स्नानतक एवं उच्चं शिक्षा के लिए ऋण सहायता उपलब्धअ कराता है। इसके अलावा यह उनकी तकनीकी एवं व्याषपारिक कौशल के उन्नयनए उनकी उत्पा दन इकाईयों के बेहतर प्रबंधन में भी सहायता करता है। केंद्र सरकार विकलांगजनों के लिए सहायक उपकरणों एवं मशीनों की खरीद के लिए एक सहायता योजना क्रियान्वित कर रही हैं। इस योजना का मुख्यं लक्ष्य जरूरतमंद निशक्तयजनों को उनके काम में आने वाले बेहतरए टिकाऊए वैज्ञानिक रूप से निर्मित उपकरणों की खरीद में सहायता करना है जिससे उनके भौतिक सामाजिक एवं मानसिक पुनर्वास को बढ़ावा मिल सके और वे अपनी विकलांगता के प्रभाव को कम करते हुए अपनी आर्थिरक समताओं में वृद्धि कर सके। यह योजना एजेंसियों जैसे स्वैतछिक संगठनोंए सामाजिक न्या्य एवं आधिकारिक मंत्रालय के तहत राष्ट्री य संस्थाेनों एएलआईएमसीओए जिला परिषदोंए जिला ग्रामीण विकास एजेंसियों के द्वारा लागू की जाती है। इस तरह के कार्यों में जुड़ी क्रियान्वजयन एजेंसियां सहायक उपकरणों एवं मशीनों की खरीदारी उनके निर्माण एवं वितरण के लिए अनुदान राशि उपलब्धक कराती है। इस योजना में ऐसे लोगों के चिकित्साए सर्जरी भी शामिल हैं ताकि इसके बाद उनमें इस तरह के उपकरण अथवा कृत्रिम अंग बखूबी लगाए जा सके।
कानूनी उपाय
सर्वोच्चप न्या यालय के निर्देश
सर्वोच्चप न्या यालय ने हाल ही में एक ऐतिहासिक फैसले में सरकार को निशक्तजजनों को आवंटित किए गए तीन प्रतिशत आरक्षण को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। सर्वोच्चज न्याियालय ने सरकार को यह भी निर्देश दिए हैं कि वह निशक्तद.जनों के मानवीय अधिकारों की रक्षा करे और सार्वजनिक स्था नों और दफ्तरों में उनके लिए बाधारहित माहौल को सुनिश्चिमत बनाया जाए।
निशक्तजजन अधिनियमए 1995
फरवरी 1996 से निशक्ताजन ;समान अवसरए अधिकार सुरक्षा एवं पूरी भागीदारीद्ध अधिनियमए 1995 के नाम से एक विस्तृ्त कानून लागू किया गया है। इस कानून में केंद्रीय व राज्यर दोनों स्त5रों पर शिक्षा रोजगार एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसे पुनर्वास के निवारण व प्रोत्सारहन संबंधी पहलुओंए बाधारहित माहौल के निर्माणए निशक्तनजनों के लिए पुनर्वास सेवाओं के प्रावधानए संस्थाधगत सेवाओं और सहयोगी सामाजिक सुरक्षा युक्तियों जैसे बेरोजगारी भत्ता और शिकायतों के निपटान के प्रावधान है। निशक्तहजनों के बारे में मुख्य आयुक्तत निशक्तरजन ;समान अवसरए अधिकार सुरक्षा एवं पूरी भागीदारीद्ध अधिनियमए 1995 की धारा 57 के अंतर्गत नियुक्तं किए गए एक महत्वरपूर्ण वैधानिक अधिकारी हैं। मुख्यध आयुक्तय के कार्यों और कर्तव्योंज में निशक्तनजनों के लिए राज्य आयुक्तोंा के कामों का ताल.मेल बनाए रखनाए केंद्र सरकार द्वारा दिए गए अनुदानों के उपयोग पर निगरानी रखनाए निशक्तोजनों को दिए गए अधिकारों एवं सुविधाओं की रक्षा के लिए कदम उठाना और निशक्तोजनों को अधिकारों से वंचित रखे जाने पर की गई शिकायतों पर गौर करना शामिल है। मुख्या आयुक्त निशक्तिजनों के लिए बने किसी नियम. कानून को लागू न किए जाने पर इस मामले का स्वितरू संज्ञान ले सकते है और गवाहों को बुलानेए उनका पता लगानेए पुनरू पूछताछ और किसी प्रकार के दस्ता वेजों को पेश करने संबंधी नागरिक न्याूयालय के अधिकार रखते है। निशक्त जनों के लिए राष्ट्री य न्या स ऑटिज़्ंमए सेरीब्रल पल्सीाए मानसिक विकलांगता और विभिन्ना प्रकार की व्याकधियों संबंधी अधिनियमए 1999 के अंतर्गत स्थातपित की गई एक वैधानिक संस्थाऔ है।
इस न्यानस का मुख्यं उद्देश्यप ऐसी व्यााधियों से ग्रस्त। व्यकक्तियों को जहां तक संभव हो सकेए आत्मनिर्भरता से जीने के समर्थ व सशक्त बनानाए आवश्य कता आधारित सेवाएं प्रदान करने वाले संगठनों के पंजीकरण के लिए सहयोग बढ़ाने और आवश्य कता पड़ने पर निशक्ताजनों के कानूनी संरक्षक नियुक्तढ करने की प्रक्रिया शुरू करना है।
भारतीय पुनर्वास परिषद
भारतीय पुनर्वास परिषद 1992 के भारतीय पुनर्वास परिषद अधिनियम के अंतर्गत स्था पित की गई एक वैधानिक संस्था9 है। यह परिषद पुनर्वास के क्षेत्र में विभिन्नत प्रकार के पेशेवरों के लिए प्रशिक्षण नीतियां व कार्यक्रम विधिवत रूप से तैयार करने व विशेष शिक्षा का दायित्वं संभालता है। इसके कार्यों में देशभर में सारे प्रशिक्षण संस्था नों में विभिन्नक स्तररों पर प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को नियंत्रित करनाए पारस्पतरिक आधार पर देश में व देश के बाहर निशक्त्जनों के पुनर्वास के क्षेत्र में प्रशिक्षण पाठ्यक्रम चलाने वाले संस्थाेनोंध्विश्विविद्यालयों को मान्यतता प्रदान करनाए पुनर्वास और विशेष शिक्षा के क्षेत्र में शोध को प्रोत्सााहन देनाए पुनर्वास के क्षेत्र में मान्याता प्राप्तर योग्येताएं रखने वाले पेशेवरों के लिए एक केंद्रीय पुनर्वास पंजीकरण प्रक्रिया का रख.रखाव और विकलांगता के क्षेत्र में काम कर रही संस्था ओं के सहयोग से पुनर्वास शिक्षा कार्यक्रमों को जारी रखने को प्रोत्सा हन देना है।;पसूकाद्ध
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
केंद्र सरकार ने सातवें केंद्रीय वित्त् आयोग के गठनए इसके विचारार्थ विषयों और रिपोर्ट सौंपने की संभावित समय.सीमा से जुड़ी प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसकी रिपोर्ट उपलब्धट होने पर ही इसके प्रभावी होने की तिथि का पता लगेगा। वित्त मंत्रालय में राज्यध मंत्री श्री नमो नारायण मीणा ने आज लोकसभा में एक प्रश्न् के लिखित उत्तरर में यह जानकारी दी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 07 December 2013 by admin
केन्द्री य वाणिज्ये और उद्योग मंत्री तथा भारतीय रंगभेद विरोधी आंदोलन के पूर्व अध्य क्ष श्री आनन्दय शर्मा ने श्री नेल्सरन मंडेला के निधन पर गहरा दुख व्य क्तक किया है। अपने शोक संदेश में उन्होंऔने कहारूश्श्दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के दौर के समापन के बाद के प्रथम राष्ट्र पति नेल्सखन मंडेला के निधन से हम सभी को गहरा दुख पहुंचा है। उनके निधन से विश्वर ने स्वालधीनता और मानव गरिमा का महान प्रतीक खो दिया है। वे एक ऐसे नेता थेए जिन्होंकने दुनिया भर में भेदभाव और दमन के शिकार लाखों लोगों में आशाए साहस और हिम्मत का प्रसार किया । उन्होंपने रंगभेद के अभिशाप के विरुद्ध दक्षिण अफ्रीकी जनता के साहसपूर्ण संघर्ष का नेतृत्व किया और नृशंस रंगभेदी शासन का तख्ता पलट सुनिश्चित किया।
श्री मंडेला में अपने उद्देश्ये के प्रति अपार दृढ़ताए अपने साहस के प्रति अटूट विश्वानस और अथाह नम्रता थी। कई वर्षों तक कालकोठरी में बंद रहने सहित दशकों की कैद के बावजूद वे अपने विकट संघर्ष के प्रति दृढ़निश्च य के साथ संकल्पकबद्ध रहें। गैर.रंगभेदी लोकतांत्रिक दक्षिण अफ्रीका के प्रथम राष्ट्रनपति होने के नाते उन्हों ने सच्चा ई और सुलह के मार्ग का अनुसरण करते हुए दशकों की रंगभेदी तानाशाही और हिंसा से आहत लोगों के जख्मोंा पर मरहम लगाया। वे सच्चें नायक और युवाओंए कार्यकर्ताओं तथा स्वााधीनता सेनानियों की कई पीढि़यों के प्रेरणास्रोत थें। उनके निधन ने विश्वा को बेहद दुख से भर दिया है और ये दिन एक युग के अंत का प्रतीक है। इतिहास श्री मंडेला के संघर्ष और बलिदान को आदर से याद करेगा। जिन सिद्धांतों का उन्हों ने समर्थन कियाए वे आने वाली पीढि़यों को निरंतर प्रेरित करते रहेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 07 December 2013 by admin
भारत सरकार ने दक्षिणी अफ्रीका के भूतपूर्व राष्ट्र पति डॉण् नेल्सकन आर मंडेला जिनका पांच दिसंबर ;बृहस्पीतिवारद्धए 2013 को देहांत हो गया हैए के सम्मायन में 6 से 10 दिसंबर 2013 तक पांच दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। राजकीय शोक के दौरान देश भर में 6 से 10 दिसंबर 2013 तक राष्ट्रीाय ध्व्ज झुका रहेगा और किसी तरह के सरकारी समारोह आयोजित नहीं किये जाएंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 07 December 2013 by admin
हाल में लागू किये गये कंपनी अधिनियमए 2013 के प्रावधानों के अधीन गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ;एसएफआईओद्ध को वैधानिक दर्जा प्रदान किया गया है। कंपनी अधिनियमए 2013 के कई अन्य प्रावधान भी गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय को जांच कार्यों के संचालन में और भी अधिक प्रभावकारी और सक्षम बनाएगा। ऐसे कार्यालय के क्रियाकलाप में सुधार लाने के उद्देश्य से नई प्रौद्योगिकी और कुशल कामगारों को शामिल करने के लिए भी कदम उठाये गये हैं। कार्पोरेट कार्यमंत्री श्री सचिन पायलट ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि उनके मंत्रालय में एसएफआईओ द्वारा संचालित जांचों के विवरणों की निगरानी की जाती है और आवश्यकतानुसार समुचित निर्देश और सहायता उपलब्ध कराई जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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