राष्ट्रभपतिए श्री प्रणब मुखर्जी ने भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय के उद्यम विभाग के सहयोग से भारतीय परिसंघए ;सीआईआईद्ध द्वारा आयोजित वैश्विक लोक उद्यम शिखर सम्मेेलन का आज विज्ञान भवन नई दिल्लीर में उद्घाटन किया।
राष्ट्रिपति ने कहा कि भारतीय लोक उद्यम हमारे देश के औद्योगिक परिदृश्यट के अभिन्नर अंग रहे हैं। इन्होंीने भारतीय उद्योग के प्रजनकों तथा भारतीय अर्थव्यदवस्थार की स्थिरता में सहयोग दिया है। औद्योगिक समुदाय के नेता एवं आदर्श नियोक्तान के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने कई प्रकार से योगदान दिया है। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को सबसे बड़ी चुनौती बाजारी ताकतों से जूझने के लिए अपनी प्रतिस्पेर्धात्म क शक्ति को बढ़ाना है। प्रबंधन को उच्चूतम पेशेवर स्तयर अपनाना होगा। इसे उत्पा्दकता तथा कार्यकुशलता के वैश्विक मानदंडों को पूरा करना होगा।
राष्ट्रसपति ने कहा कि सामाजिक विकास के अभिरक्षक होने के नाते सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों से उच्चपस्त र के सामाजिक सरोकार की अपेक्षा की गई है। यद्यपि केन्द्री य क्ष्ेांत्र के लोक उद्यम पहले से ही कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेषदारियां निभा रहे हैंए उन्हेंस कंपनीज अधिनियमए 2013 में दिए गये प्रावधानों को ध्या न में रखते हुए निजी क्षेत्र के अपने समकक्षों के लिए उदाहरण प्रस्तु त करने की जरूरत पड़ेगी।
इस अवसर पर केन्द्री य भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रीए श्री प्रफुल्लह पटेलए सी आई आई के अध्यनक्ष श्री एसण् गोपाल कृष्ण नए भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय के उद्यम विभाग के सचिव श्री ओण् पीण् रावतए लोक उद्यम की सी आई आई परिषद के अध्यमक्ष श्री बीण्पीण् राव एवं भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड के अध्य्क्ष एवं प्रबंध निदेशक भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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