Archive | July 14th, 2020

उ0प्र0 मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाकर 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाने के निर्देश दिए

Posted on 14 July 2020 by admin

आर0टी0पी0सी0आर0 से 30 हजार टेस्ट, रैपिड एन्टीजन टेस्ट से 18-20 हजार तथा ट्रूनैट मशीन से 2-2.5 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं: मुख्यमंत्री

जनपद वाराणसी, बलिया, गाजियाबाद तथा झांसी में सैम्पल कलेक्शन में वृद्धि करें

स्वच्छता तथा सेनिटाइजेशन कोविड-19 के साथ-साथ वेक्टर जनित रोगों को भी रोकने में काफी सहायक

प्रत्येक शनिवार तथा रविवार को पूरे प्रदेश में स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन का विशेष अभियान चलाया जाय

नोडल अधिकारियों को मुख्यालय से अपने-अपने प्रभारी जनपद के कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश

पूरे प्रदेश में बाजारों की साप्ताहिक बन्दी शनिवार तथा रविवार को होगी साप्ताहिक बन्दी के दौरान बाजारों में स्वच्छता तथा सेनिटाइजेशन का विशेष अभियान संचालित किया जाए

जनपद वाराणसी, झांसी, कानपुर नगर, बरेली, देवरिया, गोरखपुर,  बलिया तथा आजमगढ़ में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश

अधिक संक्रमण वाले जनपदों में मेडिकल जांच के लिए मोबाइल टेस्टिंग वैन का उपयोग किया जाए

सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क के उपयोग को जीवनशैली का अंग बनाना होगा

स्वास्थ्य विभाग जनपदों में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से तथा चिकित्सा  शिक्षा विभाग सभी मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यों से नियमित संवाद रखे

लखनऊ: 13 जुलाई, 2020 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाकर 50 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आर0टी0पी0सी0आर0 से 30 हजार टेस्ट, रैपिड एन्टीजन टेस्ट से 18-20 हजार तथा ट्रूनैट मशीन से 2-2.5 हजार टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं। उन्होंने जनपद वाराणसी, बलिया, गाजियाबाद तथा झांसी में सैम्पल कलेक्शन में वृद्धि करने के निर्देश भी दिए हैं।   मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने प्रत्येक शनिवार तथा रविवार को पूरे प्रदेश में स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि स्वच्छता तथा सेनिटाइजेशन का कार्य कोविड-19 के साथ-साथ वेक्टर जनित रोगों को भी रोकने में काफी सहायक है। उन्होंने स्वच्छता तथा सेनिटाइजेशन के लिए जनपदवार नामित किए गए नोडल अधिकारियों को मुख्यालय से अपने-अपने प्रभारी जनपद के कार्यों की समीक्षा करने के निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सोमवार से शुक्रवार तक सभी बाजार खुलेंगे। केवल कन्टेनमेंट जोन की दुकानें नहीं खुलेंगी। शनिवार तथा रविवार को बाजार बन्द रहेंगे। इस प्रकार पूरे प्रदेश में बाजारों की साप्ताहिक बन्दी शनिवार तथा रविवार को होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि साप्ताहिक बन्दी के दौरान बाजारों में स्वच्छता तथा सेनिटाइजेशन का विशेष अभियान संचालित किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सर्विलांस टीम घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग करें। संदिग्ध लक्षणों वाले लोगों की मेडिकल टेस्टिंग की जाए। जांच में कोविड-19 से संक्रमित पाए गए लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था की जाए। अस्पतालों में वरिष्ठ चिकित्सक राउण्ड अवश्य करें। उन्होंने पुलिस बल को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी सावधानियां बरतने के निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री जी ने जनपद वाराणसी, झांसी, कानपुर नगर, बरेली, देवरिया, गोरखपुर, बलिया तथा आजमगढ़ में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिक संक्रमण वाले जनपदों में मेडिकल जांच के लिए मोबाइल टेस्टिंग वैन का उपयोग किया जाए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क के उपयोग को जीवनशैली का अंग बनाना होगा। इसके लिए लोगों को निरन्तर जागरूक करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि मास्क न पहनने पर प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही की जाए। कोविड-19 से सुरक्षा सम्बन्धी प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन कराया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को जनपदों में मुख्य चिकित्सा अधिकारियों तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को सभी मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यों से नियमित संवाद रखते हुए कार्यों की जानकारी प्राप्त करने के निर्देश भी दिए।

इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, स्वास्थ्य मंत्री श्री जय प्रताप सिंह, स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अतुल गर्ग, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री आलोक टण्डन, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास तथा पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल, अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री श्री आलोक कुमार एवं सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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विश्व बैंक पोषित नेशनल हाइड्रोलाॅजी परियोजना के क्रियान्वयन के लिए उ0प्र0 भूगर्भ जल विभाग को पूरे भारत में मिला प्रथम स्थान

Posted on 14 July 2020 by admin

प्रदेश में भूजल जल संचयन, संरक्षण तथा समुचित उपयोग के लिए  जन-जागरूकता जरूरी -जलशक्ति मंत्री

परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए जलशक्ति मंत्री ने की भूगर्भ  जल विभाग के अधिकारियों की सराहना

लखनऊ: 13 जुलाई, 2020 प्रदेश में भूजल संचयन प्रबंधन तथा गिरते भूजल स्तर को बचाने के लिए उ0प्र0 भूगर्भ जल विभाग के प्रयासों तथा नेशनल हाइड्रोलाॅजी परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा जून में जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। इसी प्रकार केरल को दूसरा तथा दामोदर रैली कारपोरेशन को तीसरा स्थान मिला है।  नेशनल हाइड्रोलाॅजी प्रोजेक्ट भारत सरकार की विश्व बैंक पोषित एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना के तहत एक राष्ट्रीय स्तर का जल सूचना केन्द्र विकसित किया जाना है। इस सेन्ट्रल सेक्टर स्कीम के तहत विभिन्न राज्यों एवं केन्द्र की कुल 49 क्रियान्वयन एजेन्सियां काम कर रही हैं।

यह जानकारी आज यहां प्रदेश के जलशक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग द्वारा भूजल संचयन एवं गिरते भूजल स्तर को बचाने के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है। उन्होंने पूरे देश में पहला स्थान प्राप्त करने के लिए भूगर्भ जल विभाग के अधिकारियों एवं कर्मियों की प्रशंसा की। उन्होंने भूगर्भ जल स्तर को बचाने तथा डार्क जोन में गये क्षेत्रों को पुनः मूलरूप में वापस लाने के लिए निरंतर कार्य किये जाने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री मा0 योगी आदित्यनाथ जी के कुशल मार्गदर्शन में परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के फलस्वरूप भूगर्भ जल विभाग को यह कामयाबी मिली है। उन्होंने अटल भूजल योजना को भी प्राथमिकता देने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश अब उत्तम प्रदेश बनने की राह की ओर चल पड़ा है।

डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने बताया की उत्तर प्रदेश एक विशाल जनसंख्या वाला प्रदेश है। इसके कई क्षेत्रों तथा विकास खण्डों में भूजल स्तर बहुत तेजी से गिरा है और कई विकास खण्ड डार्क जोन में चले गये हैं। इन विकास खण्डों को पुनः मूल स्वरूप में वापस लाना विभाग के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने यह भी बताया कि जल संचयन, प्रबंधन व सतही जल के बेहतर उपयोग के लिए सभी लोगों को जागरूक किये जाने की भी आवश्यकता है।

डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने बताया कि भारत सरकार एवं विश्व बैंक द्वारा नियमित रूप से नेशनल हाइड्रोलाॅजी परियोजना की माॅनीटरिंग की जाती है इसके आधार पर पूरे देश की रैंकिंग जारी की जाती है। गत वर्ष उत्तर प्रदेश की रैंकिंग 11 थी। उत्तर प्रदेश को नंबर-1 बनाने के लिए भूगर्भ जल विभाग की विभिन्न गतिविधियों की नियमित समीक्षा की गयी। इसके साथ ही एक सटीक रणनीति अपनाते हुए इस परियोजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित कराया गया, जिसके फलस्वरूप भारत सरकार द्वारा जारी ताजा रैंकिंग में उ0प्र0 भूगर्भ जल विभाग को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने उ0प्र0 भूगर्भ जल विभाग के अधिकारियों को इस रैंक को कायम रखते हुए और बेहतर किये जाने की अपील की।

नेशनल हाइड्रोलाॅजी परियोजना के संचालन से जुड़े तकनीकी पहलुओं की जानकारी देते हुए भूगर्भ जल निदेशक श्री वी0के0 उपाध्याय ने बताया कि नेशनल हाइड्रोलाॅजी परियोजना के अन्तर्गत भूगर्भ जल विभाग द्वारा मध्यम गहराई के 171 नं0 पीजोमीटर स्थापित किये गये हैं। विभाग के पास मौजूदा समय में 6000 उथले पीजोमीटर का नेटवर्क है।

श्री उपाध्याय ने बताया कि इन 1150 पीजोमीटर पर डिजीटल वाटर लेवल रिकार्डर लगाये गये हैं। इनके माध्यम से 12 घण्टे के अन्तराल पर रियल टाइप भूजल स्तर प्राप्त किये जा सकेंगे। जो भविष्य में भूजल आंकलन के लिए अत्यन्त उपयोगी होंगे। इसके माध्यम से सटीक भूजल स्तर से भूजल संसाधन आंकलन को और अधिक प्रमाणिक बनाया जा सकेगा। विभाग द्वारा घाघरा बेसिन व अन्य नदियों के जल में आर्सेनिक की मात्रा का अध्ययन भी कराया जा रहा है

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