Archive | साहित्य

मार्कण्डेय के निधन से साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति - मुलायम सिंह

Posted on 19 March 2010 by admin

लखनऊ - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव तथा राष्ट्रीय महासचिव श्री मोहन सिंह ने प्रख्यात कथाकार श्री मार्कण्डेय के निधन पर गहरा शोक जताते हुए कहा है कि उनके निधन से साहित्य जगत की अपूरणीय क्षति हुई है। सिंह ने अपनी श्रद्धांजलि में कहा कि ग्रामीण जीवन का उन्होंने यथार्थ चित्रण किया था। श्री मार्कण्डेय ने मुंशी प्रेमचन्द की कथा परम्परा को नई दिशा दी थी। उनकी कहानियां भारत ही नहीं, विदेशों में भी अनूदित होकर खूब पढ़ी जाती थीं। उनके निधन से हिन्दी साहित्य जगत में जो सूनापन हो गया है उसका भर पाना सम्भव नहीं।

प्रख्यात साहित्यकार मार्कण्डेय ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली से आजमगढ़ जाने से पूर्व रोहिणी सेक्टर स्थित आवास पर उन्होंने अन्तिम सांस ली। इलाज के लिए वह परिवार सहित यहीं रुके थे। वे करीब अस्सी वर्ष के थे।
उनके परिवार में पत्नी विद्यावती सिंह, एक बेटा और दो बेटियां हैं। बीते दिनों दोबारा कैंसर से पीड़ित होने पर इलाज के लिए उन्हें नई दिल्ली के राजीव गांधी कैंसर अस्पताल ले जाया गया था।

सिंह नें कहा कि श्री मार्कडेय प्रगतिशील उपन्यासकारों- कथाकारों में गिने जाते थे। नई पीढ़ी को उनकी कृतियों से विशे प्रेरणा मिलेगी। कितने ही युवा लेखकों को उन्होंने प्रोत्साहित किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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लखनऊ में टोयोटा क्यू वल्र्ड देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी

Posted on 23 January 2010 by admin

•    टोयोटा `क्यू´ वल्र्ड कार्यक्रम का लखनऊ में आयोजन
•    टोयोटा `क्यू´ वल्र्ड का देश के 10  शहरो में आयोजन होगा
•    4 माह का यह कार्यक्रम जनवरी से अप्रैल तक चलेगा
•    ग्राहक टोयोटा कांसेप्ट `एटियोस´ देख पाएंगे
•    टोयोटा कारों की रोमांचक श्रंखला पेश, टोयोटा की गुणवत्ता और तकनीक की शानदार प्रदर्शनी
•    टोयोटा कार श्रंखला को छूने और महसूस करने के साथ ग्राहकों का आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल तकनीक से परिचय

लखनऊ- टोयोटा किलोश्कर मोटर के टोयोटा क्यू वल्र्ड का आज लखनऊ में शुभारंभ हुआ। मोती महल गार्डन में आयोजित इस दो दिवसीय कार्यक्रम को देखने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। सभी वर्गो से यहां आए लोगों में टोयोटा की चिर प्रतीक्षित कॉम्पैक्ट कार `एटियोस´ के कांसेप्ट मॉडल को देखने का उत्साह देखते ही बनता था। पूरे लखनऊ में कार्यक्रम की चर्चा रही। कार के शौकीन लोगों और संभावित ग्राहकों ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।

एटियोस - वल्र्ड फस्र्ट, इण्डिया फस्र्ट, के साथ टोयोटा मॉस वाल्यूम सेगमेंट में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। ग्राहकों तक अधिकतम पहुंच कायम करने के लिए टोयोटा 2010 के अन्त तक अपने डीलर/सर्विस नेटवर्क में लगभग 150 नए डीलरों को जोड़ेगी। वर्तमान में यूपी में टोयोटा के 9 डीलर हैं और ग्राहकों तक बेहतर पहुंच के द्रष्टिकोण से 3 नए डीलर नेटवर्क से जोड़े जाएंगे। वर्तमान में इनोवा और कोरोला अल्टीस का यूपी बाजार पर क्रमश: 21 प्रतिशत, 34 प्रतिशत अधिकार है जबकि 44 प्रतिशत के साथ फाच्युर्नर बाजार का नेतृत्व कर रही है।

इस अवसर पर टोयोटा के वरिष्ठ अधिकारीगण भी शामिल थे जिनमें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं मैनेजिंग कॉर्डिनेटर श्री मसातो कुरियामा, महाप्रबंधक (विपणन) श्री आशीश कुमार और महाप्रबंधक (विक्रय) श्रीशैलेश शेट्टी।dealer-principal-mr-sandeep-singh-deputy-managing-director-tkm-mr-sailesh-shetty-general-manager-sales-and-mr1

इस अवसर पर टोयोटा किलोश्कर मोटर के उप महाप्रबंधक (विपणन) श्री सन्दीप सिंह ने कहा, हम पूरे देश के कार के शौकीन लोगों और ग्राहकों को टोयोटा की गुणवत्ता और तकनीक से रू-ब-रू रखना चाहेंगे। इस अनुभव को महज एक महानगर के लोगों तक सीमित नहीं रखेंगे। हमारे लिए यह सुनहरा अवसर होगा जबकि हम पूरे देश के ग्राहकों की प्रत्यक्ष प्रतिक्रिया जान पाएंगे और उसके आधार पर मौजूदा उत्पादों एवं सेवाओं को बेहतर बना पाएंगे। इससे, जाहिर है, ग्राहकों को भी बेहतर सेवा मिल पाएगी। लखनऊ हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण बाजार है और हम यहां भावी विस्तार के लिए उत्सुक हैं। एटियोस कांसेप्ट मॉडल को पेश करने के साथ हमें उम्मीद है कि बहुत कम समय के अन्दर भारतीय बाजार के बड़े हिस्से पर हमारा अधिकार होगा।

हाल में आयोजित दिल्ली ऑटो एक्सपो में टोयोटा एटियोस के वल्र्ड प्रीमियर की शानदार सफलता के बाद टोयोटा की विश्व प्रसिद्ध गुणवत्ता और तकनीक को लखनऊ में पेश किया गया है। एटियोस के कांसेप्ट मॉडल पेश करने को लेकर उत्साहित ग्राहक अब अपने ही हर में इस कार के कांसेप्ट मॉडल को देख पाएंगे।

गौरतलब है कि एटियोस के वल्र्ड प्रीमियर और उसकी नवीनतम तकनीक देखने दिल्ली ऑटो एक्सपो में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी और अब टोयोटा क्यू वल्र्ड के जरिये कम्पनी ग्राहकों तक पहुंच कर उन्हें एटियोस का प्रत्यक्ष अनुभव देगी।

प्रदर्शनी में 11 गाड़ियों की एक शानदार श्रंखला शामिल थी। मजे की बात यह कि लोगों को टोयोटा कारों को छूने और महसूस करने का अभूतपूर्व अनुभव मिला। इस अवसर पर एटियोस की चर्चा रही। प्रदर्शनी में पेश गाड़ियां तीन थीम की प्रतीक दिखीं : पर्यावरण अनुकूल और भावी कार,कांसेप्ट कार और `टोयोटा कार श्रंखलाप्रदर्शनी में हाल में पेश एटियोस कांसेप्ट के अतिरिक्त टोयोटा की मौजूदा और भावी कार श्रंखला की कई मजेदार और रोमांचक गाड़ियां देखने को मिलीं जैसे :
•    हाल में पेश प्रायस - दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली हाइब्रीड कार
•    हाल में पेश प्रादो डीज़ल
•    एमपीवी सेगमेंट में सबसे पसन्दीदा कार - फाच्युर्नर और एसयूवी का हंशाह - लैण्ड क्रूज़र

प्रदर्शनी में आए ग्राहकों के लिए विशेश तौर पर मौज-मस्ती और मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।

चण्डीगढ़ और लखनऊ के बाद टोयोटा क्यू वल्र्ड देश के 8 अन्य हरों में देखने को मिलेगा जिनमें शामिल हैं मुम्बई, अहमदाबाद, पुणे, कोचीन, बंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कोलकाता। टोयोटा क्यू वल्र्ड कार्यक्रम 4 माह तक चलेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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मजदूरों को रोजगार की गारन्टी का प्रकाशन

Posted on 17 January 2010 by admin

भारत सरकार ने नरेगा (रोजगार गारन्टी अधिनियम) लागू करके भले ही सोंच लिया हो कि इससे गांव के लोगों की रोजी-रोटी की समस्या दूर की जा सकेगी सरकार की यह सोंच भी सम्भवत: सच होती यदि प्रदेश सरकारें अपने-अपने यहां नरेगा योजना ईमानदारी से लागू करती। वास्तव में नरेगा का भी वही हाल हुआ है जैसा कि अन्य सरकारी योजनाओं का होता आया है।

नरेगा में अधिकतर जगहों पर रोजगार के इच्छुक सभी ग्रामीणों का पंजीकरण नहीं हुआ जिनका पंजीकरण हुआ है उनमें से अधितर को निर्धारित 100 दिन का रोजगार नहीं मिला जिन्हें रोजगार मिला है पूरा भुगतान नहीं मिला है अनेक मजदूरों के जॉब कार्ड प्रभावशाली लोगों ने अपने यहां रख रखे हैं।

इन सब बाधाओं के अलावा योजना का बेहतर लाभ न उठा पाने का मुख्य कारण योजना की बारीक जानकारी न होना है। भले ही किसी परिवार को जॉब कार्ड मिल गया हो किन्तु उन्हें लिखित में रोजगार मांगना जरूरी हैं। जब तक काम नहीं मांगेगें, तब तक नरेगा में काम नहीं मिलेगा। बारीक जानकारी न होने के कारण मजदूर इस बात को नहीं जानते हैं। जिसका सरकारी कर्मचारी फायदा उठाते हैं और शिकायत होने पर काम न मांगने की बात कह कर बच जाते हैं। इसी प्रकार नरेगा में अनेक बारीकियां हैं जिन्हें ग्राम प्रधानों, रोजगार सेवकों, निगरानी पर्यवेक्षकों, सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ मजदूरों को जानना आवश्यक हैं।

इस कमी को श्री शिव प्रसाद भारती ने मजदूरों को रोजगार की गारन्टी पुस्तक लिखकर दूर किया है। जिसका प्रकाशन रोजगार सूचना एवं मार्ग दर्शन गाजियाबाद ने किया है। पुस्तक में नरेगा के अन्र्तगत ग्रमीणों के रोजगार पाने के अधिकार व अन्य जानकारी सामान्य भाषा में विस्तार से दी  गई है। पंजीकरण के बाद जॉब कार्ड के आधार पर सौ दिन रोजगार की मॉग 15  दिन में रोजगार न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता की मांग तथा यदि अभी तक किसी परिवार का पंजीकरण नहीं हुआ तो कैसे कराया जा सकता है जैसी अनेक उपयोगी जानकारी पुस्तक में दी गई हैं। nrega1narega2

पुस्तक मजदूरों के अलावा नरेगा लागू करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों, ग्राम प्रधानों, रोजगार सेवकों, निगरानी पर्यवेक्षकों के लिये विशेष उपयोगी होगी । पुस्तक का मूल्य मात्रा 25/-रू0 मजदूरों को ध्यान में रख कर निर्धारित किया गया है जो उचित प्रतीत होता है।

लेखक                      -    श्री शिव प्रसाद भारती
प्रकाशक                   -    रोजगार सूचना एवं मार्गदर्शन
32, सुचिता काम्पलेक्स, अम्बेडकर रोड, गाजियाबाद    201001
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695

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Vikas Sharma
upnewslive.com
E-mail :editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

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मेरे संघर्षमय जीवन एवं बी.एस.पी. मूवमेन्ट का सफ़रनामा का विमोचन

Posted on 15 January 2010 by admin

लखनऊ- बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री कुमारी मायावती जी की, स्व-लिखित पुस्तक मेरे संघर्षमय जीवन एवं बी.एस.पी. मूवमेन्ट का सफ़रनामा, भाग-टß व इसका अंग्रेज़ी संस्करण आज यहाँ उनके 54वें जन्मदिन के शुभ अवसर पर 5, कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर आयोजित एक सादे किंतु आकर्षक समारोह में विमोचन किया गया। यह पहला अवसर है जब इस पुस्तक के हिंदी व अंग्रेज़ी संस्करण का विमोचन एक साथ हुआ है। इससे पूर्व इस पुस्तक के चार खण्ड हिंदी व अंग्रेज़ी में जारी हो चुके हैं जिसके हिंदी के प्रथम दो खण्डों का विमोचन मान्यवर श्री कांषीराम जी के कर-कमलों द्वारा दिनांक  15 जनवरी सन् 2006 को हुआ था।

बी.एस.पी. की `ब्लू बुक´ के नाम से जानी जाने वाली इस पुस्तक के पाँचवे भाग के 1100 से अधिक पृश्ठों में सुश्री मायावती जी ने एक जनवरी 2009 से 31 दिसम्बर, 2009 की अवधि के दौरान देष में बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) तथा उत्तर प्रदेश में उनके नेतृत्व वाली बी.एस.पी. की चौथी सरकार को पेष आने वाली चुनौतियों, संघर्षो, सफलताओं तथा उनकी सरकार द्वारा आम जनता के हित में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों एवं उनके कल्याण व विकास हेतु किये गये कार्यों के साथ-साथ अच्छे शासन से सम्बंधित विभिन्न आदेशो-निर्देशो एवं उनके क्रियान्वयन का तिथिवार लेखा-जोखा संजोया गया है।

इस पुस्तक को अत्यंत विष्वस्नीय बनाने हेतु, इस `सफ़रनामा´ के 5वें भाग में भी, पूर्व में जारी किये गये इसके अन्य भागों की ही तरह, घटना-प्रधान चित्रों, लेखों एवं अन्य सरकारी दस्तावेज़ों को सम्मिलित किया गया है।
इस सफ़रनामा के बारे में सुश्री मायावती जी लिखती हैं कि यहसफ़रनामा कोई शिकवा-शिकायत का इंद्राज नहीं है, बल्कि सच्चाई को आम हिंदुस्तानी जुबान में एक सीधे-साधे सत्य  की तरह पे करने की कोषि की गई है। इस प्रकार घटनाक्रमों को उनकी समग्र वास्तविकता में ही पाठकों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है।
अपने जन्मदिन के सम्बंध में सुश्री मायावती जी अपने सफ़रनामा में लिखती हैं कि हर वर्ष 15 जनवरी को मनाया जाने वाला उनका जन्मदिन दे की आम जनता और उसमें से भी ख़ासकर दे के दलितों व पिछड़ों एवं अन्य समाज में से ग़रीबों एवं असहाय लोगों के हितों की रक्षा के लिये तत्पर बी.एस.पी. मूवमेन्ट को समर्पित होता है, लेकिन समाज के ग़रीब एवं कमज़ोर वर्गों की विरोधी, पूँजीपतियों की हितैशी हमारी विरोधी पार्टियों, ख़ासकर कांग्रेस और बी.जे.पी. तथा इनकी सहयोगी पार्टियों को यह पसंद नहीं है और इसी कारण इन पार्टियों ने, एक सोची-समझी राजनीतिक साज़िष के तहत ख़ासकर उनके जन्मदिन को हमेषा ही विवादित बनाने की कोषिष की है। लेकिन पिछले वर्श तो इन विरोधी पार्टियों ने अति कर दी थी, जिस कारण इस वर्ष अर्थात् सन् 2010 में अपने जन्मदिन को आर्थिक सहयोग दिवस के तौर पर मनाने की परम्परा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है। और अब इस जन्मदिन को मेरी पार्टी व सरकार जन-कल्याणकारी दिवस के रूप में मना रही है।

साथ ही, उत्तर प्रदे में 16 वर्षो के बाद सन् 2007 में पूर्ण बहुमत वाली बी.एस.पी. की स्थायी सरकार के गठन का उल्लेख करते हुये सुश्री मायावती लिखती हैं कि जनता ने बी.एस.पी. को उत्तर प्रदेष में स्थायी सरकार बनाने का जो मौक़ा दिया उससे प्रतिपक्ष की सभी विरोधी पार्टियाँ एक जुट हो कर बी.एस.पी. के खिलाफ और अधिक शड्यंत्रकारी बन गईं। प्रतिपक्ष की सभी पार्टियाँ ख़ासकर कांग्रेस, भाजपा और सपा ने मिलकर, भारत अमेरिका परमाणु-डील मुद्दे पर संसद में केंद्र सरकार के विष्वास प्रस्ताव के दौरान, मुझे प्रधानमंत्री नहीं बनने देने के लिये अंदरूनी मिलीभगत की। और यही सब कुछ मार्च-मई सन् 2009 में हुये लोकसभा के आम चुनाव में भी जारी रखा। मक़सद सिर्फ एक था कि देष की राजनीति में अपनी अलग पहचान एवं अपनी अमिट छाप बनाने वाली एक `दलित की बेटी´ को किसी भी क़ीमत पर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर ना बैठने दिया जाये। क्योंकि हमारी विरोधी पार्टियों ख़ासकर कांग्रेस पार्टी को यह अच्छी तरह से मालूम है कि केंद्र में एक बार बी.एस.पी. के नेतृत्व में सरकार बन जाने के बाद कांग्रेस पार्टी की उसी प्रकार से छुट्टी हो जायेगी जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में मेरे नेतृत्व में बी.एस.पी. की सरकार बन जाने के बाद से, देश के सबसे बड़े व महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश से कांग्रेस पार्टी की छुट्टी हो गई है और उनके विधायकों की संख्या 403 सदस्यीय विधानसभा में मात्र 20 रह गई है।

साथ-ही-साथ बी.एस.पी. की राश्ट्रीय अध्यक्ष अपनी पुस्तक में कहती हैं कि इसे देष की राजनीति का एक दुर्भाग्य नहीं तो और क्या कहा जायेगा कि एक तरफ परिवारवाद एवं विरासत की राजनीति को बिना रोक-टोक ही नहीं बल्कि बढ़-चढ़ कर प्रोत्साहित किया जाता है और दूसरी तरफ सर्वसमाज के हित को लेकर संघर्श व कुबानियों तथा गुड गवनेन्स के बल पर भारतीय राजनीति में आगे बढ़ने वाली एक एक दलित की बेटी के खिलाफ विभिन्न विरोधी पार्टियों द्वारा मौक़ापरस्त अनैतिक गठबंधन कर लिया जाता है और साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डों का इस्तेमाल करके हर बार देश में आम जनता की चाहत को कुचलने का प्रयास किया जाता है।

और जहाँ तक उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के पास ज़िला गौतम बुद्ध नगर के नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तथा राष्ट्रीय महत्व वाले स्मारकों, स्थलों, पार्कों एवं विश्वविद्यालय के निर्माण का मामला है, कांग्रेस पार्टी तथा केंद्र में उसके नेतृत्व वाली सरकार को यह सब ऐतिहासिक महत्व वाले कार्य क़तई पसंद नहीं आ रहे हैं तथा वे इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं जिस कारण कांग्रेस पार्टी के लोग, आम जनता के हित एवं इस्तेमाल के इन स्मारकों/स्थलों को भी अपने राजनीतिक प्रतिरोध का माध्यम बनाकर, सरकारी तंत्र के दुरुपयोग के साथ-साथ कोर्ट में भी इनका तीव्र विरोध कर रहे हैं। आम जनता इन निर्माणों को अपने लिये उपयोगी समझती है और इनका भरपूर लाभ और आनंद उठा रही है, इसलिये उनके बीच विरोधी पार्टियों के इन नेताओं की दाल नहीं गल पाती है, लेकिन राजनीतिक साज़िश के तहत, इन निर्माण कार्यों का कोर्ट में विरोध इतना तीव्र होता है कि उसकी दूसरी मिसाल मिलनी मुश्किल है, परंतु मैं समझती हूँ कि इसमें हैरानी की कोई बात नहीं होनी चाहिये। यह स्वाभाविक ही है कि हमारी सरकार ने अपने अल्पकाल के शासनकाल में ही विकास और जनोपयोग के जो भव्य निर्माण करवाये हैं उनकी दूसरी मिसाल अपने देश के स्वतंत्रता के बाद के इतिहास में मिलनी बहुत मुश्किल है। हमारी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में कराये गये ऐतिहासिक निर्माण कार्य वास्तव में कांग्रेस पार्टी को एक चैलेन्ज की तरह से चुभते और खटकते होंगे, क्योंकि आज़ादी के बाद एकछत्र राज करने के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने यहाँ ऐसा कुछ भी नहीं किया जिस पर आम जनता अपने आपको सहज व गौरवािन्वत महसूस कर सके।

अपने जीवन संघर्षो तथा बी.एस.पी. मूवमेन्ट का सफ़रनामा कलमबंद करने की सार्थकता पर प्रकाष डालते हुये सुश्री मायावती जी पुस्तक की प्रस्तावना में लिखती हैं, वैसे यह सब बातें मैं इसलिये लिख कर बता पा रही हूँ क्योंकि सुबह-सवेरे उठकर कुछ लिखने-पढ़ने का मेरा सौक़ काफ़ी पुराना है। यही कारण है कि बी.एस.पी. मूवमेन्ट से सम्बंधित काफी दस्तावेज़ात आज पार्टी के ख़ज़ाने में हैं, जिनकी आज अपनी अहमियत है तथा आने वाले कल में भी इनकी और ख़ास अहमियत होगी इससे क़तई इन्कार नहीं किया जा सकता है।

जन्मदिन के शुभ अवसर पर आयोजित इस पुस्तक विमोचन समारोह में प्रदेष कबीना के वरिष्ठ मंत्रीगण, सांसद, विधायक, वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

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