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वसीम रिज़वी ने बनाई ,इंडियन शिया आवामी लीग, पार्टी

Posted on 14 May 2018 by admin

नई दिल्ली उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने अपनी नई राजनतिक पारी खेलते हुऐ अपनी नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया है। उनकी राजनीतिक पार्टी का नाम है इंडियन शिया आवामी लीग। इसके साथ ही उन्होने अपनी पार्टी के 16 प्रदेश अध्यक्षों का भी इेलान कर दिया है।
नई दिल्ली के इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सहित देश के तमाम हिस्सों में शिया समुदाय के लागों को अल्पसंख्यकों में भी अल्पसंखक माना जाता है। इसीलिये केन्द्र और प्रदेश की सरकारों दुारा चलाई जाने वाली तमाम योजनाओं का हिस्सा शिया समुदाय के लोगों तक नहीं पहुँच नही पातीं है इसके लिये शिया समुदाय के लोगों को जागरूक करने और उनका हिस्सा उनको दिलाने के लिये और राजनीतिक रूप से शिया समुदाय के लोगों जाग्रत करने के लिये हमने एक राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला किया है क्योकि इससे पहले देश में शिया समुदाय के लोगों की अपनी कोई जमात या राजनीतिक पार्टी नहीं थी।
वसीम रिज़वी ने कहा कि हम देश में अमन और शांति का पैग़ाम लेकर जनता के बीच जाऐंगे और उन्हें बताऐंगे कि इस्लाम अमन और शांति का पैग़ाम सिखाता है और इसके लिये हमे किसी भी व्यक्ति के समुदाय या मज़हब से कोई वास्ता नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि हम देश में बढ़ती फिरका परस्ती और नफरत के खिलाफ है क्योकि हम देश में भाई चारा और अमन चाहते है।
एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा कि हमारी इस पार्टी का पहला काम शिया समुदाय के लोगों को उनकी खोई पहचान वापस दिलाना होगा। साथ ही उन्होने कहा कि चाहे वह राजनीतिक पहचान हो या सामाजिक पहचान। उन्होने कहा कि इस देश में शिया समुदाय किसी दुसरे समुदाय से कम या पीछे नहीं है लेकिन मुस्लिम समाज के दूसरे तबकों दुारा शिया समुदाय के हक को हड़प लेने की वजह से शिया समुदाय आज अपनी पहचान वापस पाने और अपने बच्चों के मुस्तकबिल को लेकर परेशान है और शिया समुदाय की इसी परेशानी को लेकर हमने पहल की है और मुझे उम्मीद है कि उत्तर प्रदेश से लेकर देश के हर प्रदेश में रहने वाले शिया समुदाय के लोग उनका साथ देंगे।
उन्होने शिया समुदाय के बड़े नेता मौलान कल्बे जव्वात पर निशाना साधते हुऐ कहा कि वह सिर्फ एक मौलाना है नेता नहीं साथ ही उन्होने यह भी कहा कि मौलानाओं का काम होता है धर्म प्रचार करना ना कि राजनीति करना। उन्होने कहा कि मैं चाहता हूँ कि मज़हब और राजनीति दो अलग अलग चीज़ें हैं और इन्हें अलग ही रहना चाहिये।
अपने उपर लगे आरोपों को लेकर उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने कहा कि मेरे उपर जो भी आरोप लगे थे मैं उनसे पूरी तरह बरी हो चुका हुँ और मैं शायद पहला ऐसा व्यक्ति हुँ जिसने बार बार कहकर अपने उपर लगे आरोपों की जांच करवायी और मैं अंततः बरी हो गया हुँ।
पार्टी के बनने के ऐलान के साथ ही वसीम रिज़वी ने अपनी पार्टी इंडियन शिया आवामी लीग की राष्ट्रीय कमेटी और 16 प्रदेशों के अध्यक्षों का भी ऐलान कर दिया। इंडियन शिया आवामी लीग में दो राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मौलाना शोएब काज़िम (लखनऊ) और नईम हसन बाकरी (दिल्ली) एक महासचिव हैदर आग़ा (गोआ) दो सचिव डा0 सैययद शाहीन आबिदी (कर्नाटक) और मीर आज़ाद मौहम्मद (जम्मू) एक खजांची अश्फाक़ हुसैन (फैज़ाबाद) इसके अलावा 8 राष्ट्रीय सदस्य भी बनाऐ है जिनमें ज़हीरुुल हसन (दिल्ली) कैसन अली बाक़री (मुरादाबाद उ0प्र0) विसाल मेंहदी बाक़री (नहटौर उ0प्र0) मौहम्मद ज़ामिन (बाराबंकी उ0प्र0) सैयद रफीकुल हसन रिज़वी (लखनऊ उ0प्र0) सैयद आज़ाद हसन जैदी (गुडगांव हरियाणा) हसन अली (सिरसी सम्भल उ0प्र0) तथा सैययद अली अशतर (लखनऊ उ0प्र0) हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश की कमान सम्भल उ0प्र0 निवासी चैधरी मौहम्मद उरूज़ आलम के हाथों में सौंपते हुऐ उन्हें उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया है।

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 11.04.2018

Posted on 11 April 2018 by admin

(1) वर्तमान में ख़ासकर दिनंाक 2 अप्रैल के ‘‘भारत बन्द‘‘ की आड़ में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयाइयों की अंधाधुंध गिरफ्तारी तथा उन पर अनेकों प्रकार की अन्य जुल्म-ज्यादती करने वाली बीजेपी व इनकी सरकारों को क्या कोई नैतिक हक बनता है कि वह इन वर्गों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती मनाये?
(2) यह विडम्बना नहीं तो और क्या है कि बीजेपी अब बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का नाम लेने की नाटकबाजी तो करती रहती हंैं, किन्तु उनके करोड़ों अनुयाइयों पर जातिवादी जुल्म-ज्यादती करने व इनके संवैधानिक व कानूनी अधिकारों को छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैै।
(3) परन्तु अब वे लोग अपनी सत्ता प्राप्ति के लिये काफी गम्भीर लगते हैं क्यांेकि वे जान गये हैं कि बीजेपी एण्ड कम्पनी के शासन में उन्हें गुलामी से मुक्ति तथा समता व न्याय का जीवन कभी भी नहीं मिल सकता है।
(4) बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती मनाने की नैतिकता प्राप्त करने के लिये श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को पहले सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने सम्बंधी संविधान संशोधन विधेयक को, जो राज्यसभा से पारित है, लोकसभा से भी पारित कराना चाहिये जो कि पिछले चार वर्षों से लम्बित पड़ा हुआ है, क्यों?: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 11 अप्रैल, 2018, दिन बुधवार: सरकारी भय व आतंक पैदा करने के बाद विभिन्न राज्यों में हजारों लोगों को इनके ‘‘भारत बन्द‘‘ की आड़ में गिरफ्तार करने तथा उन पर अनेकों प्रकार की अन्य जुल्म-ज्यादती करने वाली बीजेपी व इनकी सरकारों को क्या कोई नैतिक हक बनता है कि वह इन वर्गों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती मनाये?
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की असली पहचान उनके करोडों अनुयाइयों के दुःख-दर्द, सुख-चैन, उनकी जातिवाद से मुक्ति तथा उनके हित व कल्याण से पूरी तरह से जुड़ी हुई है जिसके लिये वे जीवन भर संघर्षरत रहे और जिसकी उपेक्षा व अनदेखी करके कोई भी सरकार सही मायने में ’’कल्याणकारी सरकार’’ हो ही नहीं सकती है। ऐसी सरकार हमेशा गरीब, मजदूर व जनविरोधी ही कहलायेगी क्योंकि वे ही बहुसंख्यक हैं और असली भारत हैं।
वोट के स्वार्थ की राजनीति करके सत्ता प्राप्त करने की कोशिश में धर्म का राजनीति में अनुचित इस्तेमाल, धार्मिक उन्माद व हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिकता फैलाना, आपस में नफरत व वैमन्सयता एवं जातिवादी बर्बर व्यवहार आदि बीजेपी सरकारों की ख़ास विशेषता रही है, परन्तु यह विडम्बना नहीं तो और क्या है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का नाम तो सरकारी मजबूरीवश लेते हैं तथा इनके नाम पर अन्य और भी नाटकबाजी भी करते हैं, किन्तु उनके करोड़ों अनुयाइयों पर जातिवादी जुल्म-ज्यादती करने तथा इनके संवैधानिक व कानूनी अधिकारों को छीनने व छिनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। क्या इसे ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व दलितों के प्रति प्रेम व स्नेह कहेंगे?
सुश्री मायावती जी ने कहा कि वैसे भी दलितों व पिछड़ों ने ऐसा सरकारी फर्जी व वक्ती प्रेम व पाखण्ड बहुत देखा है किन्तु अब वे संगठित होकर अपने कानूनी हक के लिये व खासकर जातिवादी अत्याचार-व्यवहार व भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष करना सीख गये हैं और उसके लिये सरकारी अन्याय-अत्याचार के रुप में जेल तक जाकर कीमत चुका रहे हैं।
परन्तु श्री नरेन्द्र मोदी की बीजेपी सरकार को यह समझ लेना चाहिये कि उनके संघर्ष व आकांक्षाओं को अब और ज्यादा दिनों तक दबाया व कुचला नहीं जा सकता है। अब वे लोग अपनी सत्ता को पाने के लिये काफी गम्भीर हैं क्यांेकि वे अच्छी तरह से जान गये हैं कि बीजेपी एण्ड कम्पनी के शासन में उन्हें गुलामी से मुक्ति तथा समता व न्याय का जीवन कभी भी नहीं मिल सकता है बल्कि वे सत्ताधारी मुटठीभर लोग इन बहुसंख्यक तबकों को हमेशा की तरह लाचार व गुलाम बनाये रखने की हीन, जातिवादी व सामन्ती मानसिकता त्यागने वाले नहीं हैं।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि खासकर उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश आदि बीजेपी शासित राज्यों में सरकारी भय, आतंक व गिरफ्तारी का ऐसा ताण्डव मचा हुआ है कि इस बार परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती भी लोग खुलकर मनाने के प्रति आशंकित है, जिसका तत्काल समाधान ज़रुरी है, ऐसी बी.एस.पी. की माँग हैं।
इसके अलावा बीजेपी व केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को दलितों की कोई भी बात करने व इनके गांवों में जाकर रात बिताने का ढोंग आदि करने के पहले इनको अपनी नेक नीयती व सत्यता का थोड़ा प्रमाण अवश्य देना चाहिये और इस क्रम में सबसे पहले दलित कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण से सम्बन्धित संविधान संशोधन विधेयक को, जो राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से पारित करना चाहिये जो काम श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में लगभग चार वर्षों से लम्बित पड़ा हुआ है। साथ ही एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून, 1989 को उसके मूल रुप में बहाल करने की तत्काल जरुरत है। केन्द्र सरकार अध्यादेश लाकर भी ऐसा कर सकती है। तभी इन्हें आगे चलकर परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की पवित्र जयन्ती को मनाने की नैतिकता प्राप्त हो पायेगी।

जारीकर्ता:
बी.एस.पी. केन्द्रीय कार्यालय
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली - 110001

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक

Posted on 13 March 2018 by admin

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा दिनांक 9 मार्च से 11 मार्च तक नागपुर में संपन्न हुई। 1538 अपेक्षित प्रतिनिधियों में से 1461 प्रतिनिधि (95%) बैठक में उपस्थित रहें । अवध प्रांत से…48 प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। देश में प्रचलित विभिन्न भाषाएं व बोलियों के संरक्षण व संवर्धन के संबंध में एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रतिनिधियों द्वारा पारित किया गया। आज देश की अनेक भाषाएं और बोलियां विलुप्त हो चुकी हैं और कई का अस्तित्व संकट में है। इसलिए देश की विविध भाषाओं एवं बोलियों के संरक्षण व संवर्धन के समुचित प्रयास किए जाने अत्यंत आवश्यक हैं। हाल ही में डेक्कन हेराल्ड के छपे 18 फरवरी 2018 के अंक के अनुसार भारत की 40 बोलियां विलोपन की कगार पर हैं। भारत में 197 भारतीय भाषाएं और बोलियां संकटापन्न हैं। विगत 50 वर्षों में 250 भाषाएं या बोलियां पूर्णतः विलोपित हुई हैं। 2004 में किए गए एक वैश्विक आकलन में तो यह तक कह दिया गया कि वर्ष 2050 तक आज चलन में विद्यमान भाषाओं में से 90% भाषाएं और बोलियां विलुप्त हो सकती हैं। ऐसा अनुमान है कि प्रतिवर्ष 10 भाषाएं अथवा बोलियां विलुप्त हो सकती हैं। आज विश्व में 6,000 भाषायें व बोलियां बोली जा रही हैं जिनमें से आधे अपने अस्तित्व के लिए संघर्षरत हैं। यह भी अनुमान है कि मानव सभ्यता के इतिहास में 30,000 भाषाएं विलुप्त हो गई हैं। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बहुविध ज्ञान को अर्जित करने हेतु विश्व के विभिन्न भाषाओं को सीखने की समर्थक है। लेकिन भारत जैसे बहुभाषी देश में हमारी संस्कृति के संवाहक सभी भाषाओं के संरक्षण व संवर्धन को परम आवश्यक मानती है। प्रतिनिधि सभा सरकारों, स्वैच्छिक संगठनों, जनसंचार माध्यमों, पंथ संप्रदायों के संगठनों, शिक्षण संस्थानों व प्रबुद्धजनों सहित संपूर्ण समाज से आग्रह करती है कि हमारे दैनंदिन जीवन में भारतीय भाषाओं के उपयोग एवं उनके व्याकरण, शब्द चयन, लिपि आदि में परिशुद्धता सुनिश्चित करते हुए उनके संवर्धन का हर संभव प्रयास करें |
प्रेस वार्ता में संघ शाखाओं में पुरे देश के साथ अवध प्रान्त में हो रही वृद्धि पर भी प्रकाश डाला गया | देश भर में इस समय 58,962 तथा अवध प्रांत में 1,308 दैनिक शाखाएं चल रही हैं, जबकि भारत के अतिरिक्त विश्व के अन्य 41 देशों में 1,199 शाखाएं चल रही हैं जिसमें अरब के 6 देशों में भी 511 शाखाएं चलतीं हैं | प्रेस वार्ता को संघ के अवध प्रांत के सह प्रान्त कार्यवाह श्री प्रशांत भाटिया ने संबोधित किया | मंच पर साथ में अवध प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉ. अशोक दुबे भी उपस्थित थें |

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राज्यपाल श्री कल्याण सिंह पूर्णतः स्वस्थ

Posted on 05 March 2018 by admin

जयपुर 05 मार्च । राज्यपाल श्री कल्याण सिंह पूर्णतः स्वस्थ हैं। श्री सिंह अभी दिल्ली में हैैं। वे मंगलवार 6 मार्च को दिल्ली से अलीगढ़ जायेंगे। अलीगढ़ में 7 मार्च को श्री सिंह की पोती पूर्णिमा सिंह का विवाह समारोह है।
राज्यपाल श्री सिंह को बदलते मौसम के प्रभाव से सामान्य सर्दी-जुकाम होने पर सवाई मानसिंह अस्पताल, जयपुर द्वारा जाँच रिपार्ट में स्वाइन फ्लू पाॅजीटिव बताये जाने पर अपोलो अस्पताल, दिल्ली में पुनः जाँच कराई गई, जहाँ श्री सिंह को स्वाइन फ्लू नही पाया गया।
राज्यपाल श्री सिंह की नियमित स्वास्थ्य जाँच व उपचार का परामर्श अपोलो अस्पताल से लिया जाता है। एस.एम.एस. अस्पताल, जयपुर द्वारा दी गई जाँच रिपार्ट को गम्भीरता से लिया है एवं ऐसा किन परिस्थितियों में हुआ, इसकी उच्चस्तरीय जाँच कराये जाने हेतु राज्य सरकार से आग्रह किया गया है। जाँच के बाद अपोलो अस्पताल ने राज्यपाल श्री कल्याण सिंह को घर जाने की अनुमति दे दी है।

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बी.एस.पी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 23.02.2018

Posted on 23 February 2018 by admin

(1) करोड़ों-अरबों रुपया खर्च करके ’इन्वेस्टर्स समिट’ कराना वर्तमान में एक ऐसा फैशन हो गया है जिसके नाम पर बीजेपी सरकारें सरकारी धन पानी की तरह बहाती हैं जबकि जनता के इसी गाढ़ी कमाई के धन से ग़रीबों, किसानों व बेरोज़गार युवाओं को काफी राहत व जनता के असली हित व कल्याण के अनेक महत्त्वपूर्ण काम तत्काल किये जा सकते थे।
(2) ’इन्वेस्टर्स समिट’ महंगाई व बेरोज़गारी आदि की ज़बर्दस्त जनसमस्याओं व सरकार की अन्य विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बांटने का एक माध्यम बनने के साथ-साथ बीजेपी की सरकारों द्वारा यह खाओ-पकाओ का एक नया साधन भी बन गया लगता है।
(3) अगर उत्तर प्रदेश में अपराध-नियंत्रण व क़ानून-व्यवस्था की स्थिति अच्छी होगी तभी यहाँ उद्योग-धंधे आयेंगे परन्तु वर्तमान हालात में तो ऐसा नहीं लगता है कि प्राइवेट निवेशक यहाँ आने में कोई ख़ास रूचि रखते हैं।
(4) इन्वेस्टर्स समिट के लिये निवेशकों को आमंत्रित करने से पहले क़ानून-व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त करके उत्तर प्रदेश में सुरक्षा का अच्छा वातावरण पैदा करे।
(5) चाहे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार हो या उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार इन पर जनता का अब भरोसा नहीं के बराबर ही रह गया है क्योंकि इनकी वादाखिलाफियों की सूची काफी लम्बी होती चली जा रही है। बीजेपी नेताओं की बातों व वायदों पर अब जनता कैसे भरोसा करे?: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 23 फरवरी 2018: ’इन्वेस्टर्स समिट’ अर्थात उद्योगपतियों का सम्मेलन आयोजित कराना वर्तमान में एक ऐसा फैशन हो गया है जिसके नाम पर ख़ासकर बीजेपी सरकारें सरकारी धन पानी की तरह बहाती हैं जबकि जनता के इसी गाढ़ी कमाई के धन से ग़़रीबों, मजदूरों व बेरोजगार युवाओं को बड़ी राहत व जनता के असली हित व कल्याण के अनेक महत्त्वपूर्ण काम तत्काल किये जा सकते थे। साथ ही इससे लाखों किसानों के सर से कर्ज की मुक्ति मिल सकती थी।
इसके अलावा हाल के अनुभवों को देखकर जनता को यह लगने लगा है कि वास्तव में ’इन्वेस्टर्स समिट’ लोगों को काफी ज्यादा सताने वाली महंगाई व बेरोज़गारी आदि की जबर्दस्त जनसमस्याओं व सरकार की अपनी अन्य घोर विफलताओं पर से लोगों का ध्यान बांटने का एक माध्यम बनने के साथ-साथ बीजेपी की सरकारों द्वारा यह खाओ-पकाओ का एक अच्छा साधन भी बन गया लगता है।
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुये ’इन्वेस्टर्स समिट’ पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि महाराष्ट्र आदि कई अन्य राज्यों के बाद अब उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार पर भी ’इन्वेस्टर्स समिट’ का बुख़ार चढ़ गया है और इसे ही सबसे बड़ी जनसेवा व विकट जनससमयाओं का हल मानकर पूरी सरकार ही इसमें काफी व्यस्त रही है तथा सरकारी धन को भी पानी की तरह इसके प्रचार व प्रसार पर बेहिसाब-किताब ख़र्च किया गया है जबकि यह एक सर्वव्यापी सच है कि जिस भी देश व प्रदेश में अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था की हालत अच्छी नहीं होती है वहाँ कोई भी उद्योगपति उद्योग-धंधा लगाना घाटे का सौदा समझता है।
अगर प्रदेश में अपराध नियंत्रण व क़ानून-व्यवस्था की स्थिति सही होगी तभी यहाँ उद्योग-धंधे आयेंगे परन्तु वर्तमान हालात में तो ऐसा नहीं लगता है कि प्राइवेट निवेशक यहाँ आने में कोई खास रूचि लेंगे। इसलिये इस बात की पूरी आशंका है कि जनता की गाढ़ी कमाई का अरबों रूपया खर्च करके हुआ यह ’इन्वेस्टर्स समिट’ राजनीतिक अखाड़ेबाजी के साथ-साथ ’’शो बाजी’’ ही मात्र बनकर रह जायेगा तथा सरकार कई लाख करोड़ रूपये के एम.ओ.यू. ;डमउवतंदकनउ व िन्दकमतेजंदकपदहद्ध के हस्ताक्षर होने का ढिंढोरा पीटकर जनता को फिर से वरग़लाने का प्रयास कर रही है क्योंकि एम.ओ.यू. की हैसियत अब एक सादे काग़ज से ज़्यादा कुछ भी नहीं रह गया है। एक उद्योगपति बीजेपी नेताओं को खुश करने के लिये आखिर एक साथ कितने बीजेपी- शासित राज्य में कारखाने लगायेंगा?
इसीलिए उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार को अन्य बीजेपी सरकारों का अंध अनुसरण करके कई सौ करोड़ों रूपये फिजूल में खर्च करके ’इन्वेस्टर्स समिट’ करने से पहले प्रदेश की कानून-व्यवस्था को खूब चुस्त-दुरूस्त करके उत्तर प्रदेश में सुरक्षा का अच्छा वातावरण पैदा करना चाहिये था। वैसे भी क्या केवल सैकड़ों पुलिस इन्काउन्टरों के बल पर कानून-व्यवस्था की स्थिति को बेहतर किया जा सकता है?
इसके साथ ही ज्यादातर स्वयं बीजेपी के लोगों द्वारा ही उत्पन्न किये जा रहे जंगलराज व माफियाराज को समाप्त करने की ईमानदार कोशिश करने के क्रम में सख्त कानूनी कदम उठाये, ना कि अपने मंत्री व नेताओं पर से आपराधिक मुकदमों को वापस लेने का गलत व गै़र-कानूनी प्रयास लगातार करती रहे। बीजेपी सरकार द्वारा अपने नेताओं पर से मुकदमा वापसी की नीति से उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बदतर स्थिति सुधरने वाला नहीं है बल्कि इससे और ज्यादा बिगडे़गा ही।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि बेहतर कानून-व्यवस्था के माध्यम से आमजनता के जान-माल व मज़हब की सुरक्षा करना सरकार की पहली संवैधानिक ज़िम्मेदारी होती है, जिसमें बीजेपी की सरकारें बुरी तरह से विफल साबित हो रही हंै क्योंकि इनकी नीयत व नीति दोनों में ही नफरत, हिंसा, साम्प्रदायिकता व जातिवाद की ज़हर निहित है। इन अभिशापों आदि से मुक्त होने के कारण ही बी.एस.पी. की चार बार यहाँ उत्तर प्रदेश में रही सरकार अपराध-नियंत्रण व कानून-व्यवस्था तथा जनहित व विकास के मामले में अति-उत्तम सरकार रही और जिस दौरान पूरा उत्तर प्रदेश हिंसा, जातिवाद व दंगा-मुक्त प्रदेश बना हुआ था।
उन्होंने कहा कि चाहे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार हो या प्रदेश की बीजेपी सरकार इन पर उत्तर प्रदेश की जनता का अब भरोसा नहीं के बराबर ही रह गया लगता है क्योंकि इनकी वादाखिलाफियों की सूची काफी लम्बी होती चली जा रही है। ग़रीब परिवार के लोगों को विदेशों में जमा कालाधन को वापस लाकर 15 से 20 लाख रुपये देने का सन् 2014 के लोकसभा आमचुनाव का श्री नरेन्द्र मोदी का लुभावना वायदा अब भी लोगों के मन-मस्तिष्क में कुरेदता रहता है जबकि इनकी सरकार का समय समाप्त होकर अब नया लोकसभा का आमचुनाव आने वाला है। देश व प्रदेश की जनता बीजेपी नेताओं की बातों व वायदों पर अब कैसे भरोसा कर सकती है?

जारीकर्ता:
बी.एस.पी. केन्द्रीय कार्यालय
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली - 110001

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उत्तर प्रदेष के मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ नई दिल्ली में विदेष मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती सुषमा स्वराज से भेंट करते हुए

Posted on 18 February 2018 by admin

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बी.एस.पी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 18-02-2018

Posted on 18 February 2018 by admin

(1) प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की नाक के नीचे 20 हज़ार करोड़ रूपये का बैंक महाघोटाला हो गया और सरकार सोती रही, यह कैसी जनहितैषी सरकार?
(2) साथ ही श्री मोदी द्वारा देश को दिये गये इस आश्वासन का क्या हुआ कि ना खायेंगे और ना खाने देंगे?
(3) तथा जनधन योजना के अन्तर्गत करोड़ों ग़़रीबों व मेहनतकश लोगों की गाढ़ी कमाई का हजारों करोड़ रूपया क्या अपने चहेते उद्योगपतियों व धन्नासेंठों को ग़बन करने के लिये ही सरकारी बैंकों में जमा कराया गया था?
(4) क्या ’अच्छे दिन’ लाने व विदेशों से कालाधन वापस लाकर ग़रीब परिवारों में 15 से 20 लाख रूपये बांटने की तरह वे आश्वासन देश की सवा सौ करोड़ आमजनता को ठगने के लिये बीजेपी सरकार की केवल जुमलेबाजी मात्र थी?
(5) केवल बड़ी-बड़ी बातें ही नहीं इस सनसनीखेज बैंकिंग महाघोटाले के लिये श्री मोदी सरकार तत्काल अपनी ज़िम्मेदारी स्वीकार करते हुये, जो भी दोषी लोग है तो उनके ख़िलाफ सख़्त कार्रवाई करे ताकि बैंकिंग व्यवस्था में जनता का विश्वास बहाल हो सके?
(6) देश में आर्थिक महाघोटालों व अर्थव्यवस्था में मज़बूती के दावों के बावजूद रोज़गार के अवसर उपलब्ध नहीं होने आदि से यह साफ तौर पर लगता है कि श्री मोदी सरकार में सरकारी व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 18 फरवरी 2018: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार की नाक के नीचे 20 हज़ार करोड़ रूपये से अधिक का बैंक महाघोटाला हो गया और सरकार सोने का बहाना करती रही, जिससे दो अह्म प्रश्न उठते हैं कि श्री मोदी द्वारा देश को दिये गये इस आश्वासन का क्या हुआ कि ना खायेंगे और ना खाने देंगे तथा दूसरा यह कि जनधन योजना के अन्तर्गत करोड़ों ग़रीबों व मेहनतकश लोगों की गाढ़ी कमाई का रूपया क्या अपने चहेते उद्योगपतियों व धन्नासेंठों को ग़बन करने के लिये ही सरकारी बैंकों में जमा कराया गया था?
साथ ही क्या ’अच्छे दिन’ लाने व विदेशों से कालाधन वापस लाकर ग़रीब परिवारों में 15 से 20 लाख रूपये बांटने की तरह वे आश्वासन देश की सवा सौ करोड़ आमजनता को ठगने के लिये बीजेपी सरकार की केवल जुमलेबाजी थी?
अभी हाल में ही कुछ सच्चे देशभक्तों द्वारा पर्दाफाश किये जाने पर काफी बड़ा करीब 12 हजार करोड़ रूपये का बैंकिंग घोटाला पकड़े जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार का क्या इसे ही अपना गुड गर्वेइन्स मानेगी की उसके चहेते उद्योगपतिगण देश के धन को लूटकर और बड़े धन्नासेठ बनते रहे और फिर भी बीजेपी सरकार उन्हें अपने गोद में बैठाये फिरती रही?
वास्तव में श्री मोदी सरकार एक तरफ अपनी अलोकतांत्रिक सोच के हिसाब से काम करते हुये देश को ’विपक्ष-मुक्त’ बनाने के लिये ई.डी. सी.बी.आई. व आयकर विभाग आदि सरकारी मशीनरी का खुलकर दुरूपयोग करती रही जबकि दूसरी तरफ इनके धन्नासेठ प्रियपात्रों के लिये सरकार द्वारा बेईमानी व अनैतिकता के हर दरवाजे़ खोल दिये गये। इस प्रकार देश में जनहित व जनकल्याण की संवैधानिक ज़िम्मेदारी को पूरी तरह से भुलाकर धन्नासेठों के लिये ही पलक-पावड़े बिछाने का काम श्री मोदी सरकार द्वारा किया जाता रहा है और अन्ततः इसका नतीजा यह हुआ है कि धन्नासेठों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है तथा गरीब, किसान व बेरोजगार युवागण हर प्रकार से मोहताज का जीवन जीने को मजबूर हो रहे हैं।
सी.बी.आई के मुताबिक ज्यादातर घोटाला सन् 2017-18 अथार््त चालू वर्ष में हुआ है तो क्या इस सनसनीखेज बैंकिंग महाघोटाले के लिये श्री नरेन्द्र मोदी सरकार कोई ज़िम्मेदारी अपने ऊपर लेकर इसके मुख्य दोषियों के ख़िलाफ सख़्त कार्रवाई करने की हिम्मत रखती है ताकि बैंकिंग व्यवस्था में जनता का विश्वास बहाल हो सके?
इसके अलावा आखिर क्या कारण है कि देश में अरबों-खरबों रूपयों का घोटाला करने वाले धन्नासेठों जैसे ललित मोदी, विजय माल्या व नीरव मोदी एण्ड कम्पनी आदि के लोगों को बड़ी आसानी से देश छोड़कर विदेश भाग जाने दिया जाता है? क्या श्री मोदी सरकार व बीजेपी एण्ड कम्पनी ऐसे जघन्य अपराधों में भी यही जवाब देगी कि हम चुनाव जीत रहे हैं इसलिये ऐसे कामों के लिये भी जनता का समर्थन हमें प्राप्त है?
सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस प्रकार की देश लूट की घटनाओं से यह साफ तौर पर स्पष्ट है कि देश में नई टेकनोलोजी व आधार कार्ड आदि का इस्तेमाल केवल ग़रीबों, मज़दूरों, छोटे व्यापारियों, किसानों आदि को हर प्रकार से परेशान करने के लिये ही किया जा रहा है जबकि बड़े-बड़े उद्योगपति व धन्नासेठों आदि को हर प्रकार से देश को लूटने की छूट दे दी गयी है।
अगर ऐसा नहीं होता तो विभिन्न स्तर पर श्री नरेन्द्र मोदी सरकार व बीजेपी एण्ड कम्पनी के लोगों को ख़ासकर इस बैंकिग महाफ्राड के बारे में काफी कुछ मालूम होने के बावजूद समय पर समुचित कार्रवाई क्यों नहीं की गयी? लोग पूछ रहे हैं कि ऐसी सरकारी कार्रवाई का क्या लाभ जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत? क्या बीजेपी एण्ड कम्पनी अपने पास से इस गबन व घोटाले की भरपाई करेगी? कम से कम श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को चाहिये कि सरकार के स्तर पर तुरन्त ही ज़िम्मेदारी तय करे तथा प्रथम दृष्टया दोषी के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करे।
इस प्रकार के आर्थिक महाघोटालों व अर्थव्यवस्था मे मजबूती के बीजेपी सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं होने आदि से यह साफ तौर पर लगता है कि श्री नरेन्द्र मोदी सरकार में सरकारी व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और इस अपनी घोर व घातक विफलता पर से लोगों का ध्यान बांटने के लिये ही धार्मिक मुद्दे व धार्मिक व साम्प्रदायिक उन्माद आदि फैलाने का काम देश भर में बीजेपी व आर.एस.एस. एण्ड कम्पनी द्वारा किया जा रहा है, परन्तु जनता अब इनकी ये सब राजनैतिक तिकड़म व पैंतरेबाजी आदि को खूब अच्छी तरह से समझने लगी है और इनके इन बहकावों में नहीं आ रही है।

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भारत के माननीय राष्ट्र पति की पावन उपस्थिति में राष्ट्रापति भवन में एलपीजी की पंचायत का आयोजन

Posted on 13 February 2018 by admin

13 फरवरी 2018, नई दिल्लीस : आज भारत के माननीय राष्ट्रीपति, श्री राम नाथ कोविंद की पावन उपस्थिति में राष्ट्र पति भवन में एक एलपीजी पंचायत का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्री धर्मेंद्र प्रधान,माननीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस,कौशल विकास तथा उद्यमशीलता केंद्रीय मंत्री के साथ विभिन्ना निर्वाचन क्षेत्रों की महिला सांसद, विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्ति, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय एवं तेल विपणन कंपनियों के के वरिष्ठ् अधिकारी भी उपस्थित थे ।

sm8_2481गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाले परिवारों की 104 महिलाओं, जिन्हेंत प्रधान मंत्री उज्जरवला योजना से लाभ मिला है, को देश के 27 राज्योंन से अपने जीवन में आने वाले बदलाव के अनुभवों को साझा करने के लिए इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया ।

इस अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए भारत के राष्ट्र पति ने प्रधान मंत्री उज्जकवला योजना के आरंभ होने के 21 माह के अंदर ही 3.4 करोड़ से अधिक ग्राहकों के नामांकन पर अपनी प्रसन्न ता व्य क्तज की। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है |

उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य, कल्याण और सशक्तिकरण के माध्यम से सामाजिक न्याय अग्रिम करने के प्रयासों के लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय को बधाई दी। उन्हें विश्वास जताया कि उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी पंचायतों का आयोजन बहुत उपयोगी साबित होगी।
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माननीय राष्ट्रपति ने कहा कि प्रदूषणकारी ईंधन के उपयोग से ग्रामीण गरीब परिवारों की महिलाएं खराब स्वास्थ्य की शिकार हो रही हैं | इस योजना ने महिलाओं को इस खतरे से बाहर आने तथा स्वस्थ और खुशहाल जीवन जीने में में मदद की है | माननीय राष्ट्रपति आगे कहा कि एक स्वच्छ और स्वस्थ रसोई, महिलाओं का सामाजिक-आर्थिक समावेश में शामिल होना, समय की अधिक उपलब्धता प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभ में से कुछ हैं ।
इस अवसर पर श्री प्रधान ने कहा कि प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देश्य सिर्फ एलपीजी कनेक्शन वितरित करना ही नहीं है, बल्कि उन महिलाओं द्वारा सामना किए जा रहे स्वास्थ्य संबन्धित खतरों को कम करना है जो अभी भी खाना पकाने के लिए पारंपरिक ईंधन का उपयोग कर रही हैं। पीएमयूवाई के तहत 3.4 करोड़ कनेक्शन जारी करने के साथ ही, हम समय सीमा के भीतर 8.0 करोड़ कनेक्शन के संशोधित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध हैं।

आगे बोलते हुए उन्हों ने कहा कि एलपीजी पंचायत , लाभार्थियों के साथ बातचीत करने तथा उनके अनुभवों का इस्तेमाल करते हुए उज्ज्वला के आसपास एक स्थायी और व्यवहार्य आंदोलन की शुरूआत करने के लिए एक ज्ञान आधार बनाने के लिए एक मंच के रूप मंध कार्य रही है । इन बैठकों से एलपीजी के सुरक्षित और नियमित उपयोग की जरूरत की पुन: पुष्टि होगी।

कार्यक्रम के दौरान, 5 पीएमयूवाय लाभार्थियों ने अपने व्य क्तिगत अनुभव साझा करते हुए अपने परिवार में एलपीजी का उपयोग शुरू होने के बाद अपने जीवन पर आए गहरे असर के बारे में बताया। ऐसा ही एक अनुभव साझा करते हुए पीएमयूवाय छतीसगढ़ की एक लाभार्थी, सुश्री नारायणी बाई साहू ने बताया कि “…आप समय को नहीं खरीद सकते परन्तु उज्ज्वला खरीद कर समय बचा सकते है …” | उन्होंाने बताया कि भोजन पकाने से बचने वाले खाली समय में उन्होने कपड़े सिलने का काम सीखा और इससे होने वाली आमदनी का एलपीजी रिफिल के वित्तपोषण और बच्चों की शिक्षा में उपयोग हो रहा है।
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एलपीजी पंचायत एक सामुदायिक बैठक है जो आपस में एलपीजी उपभोक्ताीओं के मेलजोल के एक प्लेसटफॉर्म के तौर पर कार्य करता है, यहां आपस में एक दूसरे की जानकारी से सीखा जाता है, वे अपने अनुभव साझा करते हैं, साथ ही एलपीजी के सुरक्षित उपयोग के प्रति लोगों को संवेदनशील करता है । लगभग 100 एलपीजी उपभोक्तााओं को एक साथ लाकर उन्हें एक अंत: क्रियात्मरक प्लेाटफॉर्म पर विचारों के आदान प्रदान की सुविधा देकर उन्हें एलपीजी के सुरक्षित तथा स्थाकयी उपयोग के बारे में चर्चा करने का मौका मिलता है, वे इसके लाभों तथा भोजन पकाने और महिला सशक्ती करण के लिए स्विच्छ‍ ईंधन के उपयोग के बीच संबंध के बारे में जानते हैं। साथ ही इससे उपभोक्तााओं को एलपीजी पारिस्थितिक तंत्र के विभिन्नए हिस्से‍दारों के साथ उपभोक्तासओं को मिलने का अवसर भी प्रदान किया जाता है, जैसे ओएमसी अधिकारी, वितरक, मैकेनिक और डिलिवरी मैन, जो उनके प्रश्नों और शंकाओं का समाधान करते हैं।

एलपीजी पंचायतें नए एलपीजी प्रयोक्तााओं को कुछ जारी योजनाओं के बारे में भी दोबारा जानकारी देने के फोरम के रूप में उपयोग की जाएंगी, जैसे मुद्रा, स्टैंुड अप इंडिया, सुकन्याा समृद्धि योजना, राष्ट्री य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), ताकि इन कार्यक्रमों के लाभ पाने के लिए उन्हें प्रोत्साहन दिया जा सके।

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बी.एस.पी. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति-दिनांक 12.02.2018

Posted on 12 February 2018 by admin

(1) इलाहाबाद में की गई एक होनहार दलित एल.एल.बी. के छात्र की निर्मम हत्या यह गहरे दुःख व चिन्ता का विषय। पीड़ित परिवार के लोगांे से मिलने हेतु उत्तर प्रदेश बी.एस.पी. स्टेट यूनिट के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री श्री रामअचल राजभर को इलाहाबाद भेजा।
(2) सदियों से शोषित-पीड़ित दलित समाज जिसमें आज़ादी के लगभग 70 वर्षों के बाद भी उच्च शिक्षा नाम मात्र की ही है एक होनहार एल.एल.बी. छात्र की हत्या पूरे समाज के लिये ही बड़े दुःख व चिन्ता की बात है। इससे पूरा समाज आहत हुआ है।
(3) बीजेपी की संकीर्ण, जातिवादी व नफरत की राजनीति के कारण उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश का माहौल काफी ज़्यादा दूषित व हिंसक है। सर्वसमाज के ख़ासकर लिखे-पढ़े युवक रोजगार आदि नहीं मिल पाने के कारण कुण्ठा का शिकार हैं: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।

नई दिल्ली, 12 फरवरी 2018: इलाहाबाद में दलित लाॅ छात्र की निर्मम हत्या पर गहरा दुःख व्यक्त व संवेदना व्यक्त करते हुये बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि ऐसे सदियों से शोषित-पीड़ित दलित समाज, जिसमें आज़ादी के लगभग 70 वर्षों के बाद भी उच्च शिक्षा नाम मात्र की ही है, के एक होनहार एल.एल.बी. छात्र की हत्या पूरे समाज के लिये ही बड़े दुःख व चिन्ता की बात है। इस घटना से पूरा समाज आहत हुआ है।
वास्तव में इलाहाबाद में दलित छात्र की इस प्रकार की नृशंस हत्या उत्तर प्रदेश बीजेपी शासन में कोई यह अकेली नई घटना नहीं है बल्कि ऐसी दर्दनाक घटनायें लगातार ही घटित हो रही हैं और उसके लिये कोई और नहीं बल्कि बीजेपी की संकीर्ण, जातिवादी व नफरत की राजनीति पूरी तरह से दोषी है जिस कारण ही उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में ही माहौल काफी ज़्यादा दूषित व हिंसक है। सर्वसमाज के ख़ासकर लिखे-पढ़े युवक रोजगार आदि नहीं मिल पाने के कारण कुण्ठा का शिकार हैं और जिस कारण विभिन्न प्रकार के अपराध हर स्तर पर लगातार बढ़ रहे हैं तथा समाज का तानाबाना भी बिखऱ रहा है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि दिलीप सरोज नामक जिस छात्र की हत्या अकारण ही खुलेआम कर दी गयी है उस परिवार की भरपाई किसी रूप में भी नहीं हो सकती है, फिर भी परिवार को सान्तवना की सख़्त जरूरत है जिसके लिये उन्होंने बी.एस.पी. उत्तर प्रदेश यूनिट के अध्यक्ष व पूर्व मंत्री श्री रामअचल राजभर को स्थानीय बी.एस.पी. पार्टी यूनिट के लोगों के साथ जाकर परिवार से मिलने का निर्देश दिया है ताकि उनकी यथासम्भव मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को भी दोषियों को सख़्त सज़ा देने के साथ-साथ पीड़ित परिवार की भी जरूर मदद करनी चाहिये।

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हजारों वर्षों का पौराणिक इतिहास जानने पहुंचे

Posted on 06 February 2018 by admin

राजनीति के कार्यक्रमों से इतर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की रूचि संस्कृति, इतिहास और सामाजिक जीवन के विविध पक्षों पर भी रहती हैं। 5 फरवरी 2018 को जैसे ही राजनीति की व्यस्तता से उन्हें तनिक फुरसत मिली वे सूरत में चारधाम मंदिर जाने के लिए व्यग्र हो उठे। मुझे बड़ा आश्चर्य हुआ जब अखिलेश जी ने कहा कि महाभारत के यशस्वी पात्र कर्ण के अंतिम संस्कार स्थल पर चलना हैं। उन्होंने कर्ण के बारे में ‘मृत्युंजय‘ नामक एक पुस्तक का भी जिक्र किया। श्री शिवा जी सावंत लिखित कर्ण का यह जीवनवृŸा उन्हांेंने पढ़ा था। 05-02-a
कर्ण का उल्लेख महान योद्धा और दानवीर के रूप में होता है। महाभारत के युद्ध में कर्ण के शौर्य की कहानियां पसरी पड़ी हैं। कर्ण अर्जुन के समानांतर शस्त्रों का ज्ञाता था। रणभूमि में घायल कर्ण को श्रीकृष्ण ने आशीर्वाद दिया था ‘‘जब तक सूर्य, चन्द्र, तारे और पृथ्वी रहेंगे, तुम्हारी दानवीरता का गुणगान तीनों लोगों में किया जाएगा। संसार में तुम्हारे समान महान दानवीर न तो हुआ है और न कभी होगा।‘‘
अपनी प्रतिद्धंदिता में अर्जुन कर्ण को हेय समझते थे। उन्हें यह ज्ञात नहीं था कि कर्ण उनके बड़े भाई है। कर्ण की दानशीलता की ख्याति सुनकर इंद्र उनके पास कुंडल और कवच मांगने गए थे। कर्ण ने इंद्र की साजिश समझते हुए भी उनको कवच कुंडल दानकर दिए थे। जब कर्ण घायल थे श्रीकृष्ण और अर्जुन कर्ण के पास ब्राह्मण बनकर पहुंचे और उससे दान मांगने लगे। कर्ण ने कहा इस समय और कुछ तो है नहीं, सोने के दांत हैं, कर्ण ने उन्हें ही तोड़कर भेंट किया। श्रीकृष्ण ने कहा यह स्वर्ण जूठा। तो कर्ण ने अपने धनुष से बाण मारा तो वहां गंगा की तेज जलधारा निकल पड़ी उससे दांत धोकर कर्ण ने कहा अब तो ये शुद्ध हो गए। श्रीकृष्ण ने तभी कर्ण को कहा था कि ‘‘तुम्हारी यह बाण गंगा युग युगों तक तुम्हारा गुणगान करती रहेगी।‘‘
यह तो पृष्ठभूमि की कथा है। अखिलेश जी गुजरात के सूरत में चारधाम मंदिर, तीन पŸो का वट वृक्ष का हजारों वर्षों का पौराणिक इतिहास जानने पहुंचे। तापी कुरान में कहा गया है कि जब कुरूक्षेत्र युद्ध में दानेश्वर कर्ण घायल होकर गिरे तो कृष्ण ने उनकी अंतिम इच्छा पूछी थी। कर्ण ने कहा- द्वाारिकाधीश मेरी अंतिम इच्छा है कि तुम्ही मेरा अंतिम संस्कार, एक कुंमारी भूमि पर करना। सूरत के प्रमुख समाजसेवी वेलजी भाई नाकूम के साथ राजेंद्र चौधरी को लेकर अखिलेश जी सूरत में तापी नदी, जिसे क्वांरी माता नदी भी कहा जाता है, के किनारे पहुंचे जहां कर्ण का मंदिर है। तापी नदी में जलकुम्भी और गंदगी देखकर अखिलेश जी दुःखी हुए। इसी नदी के किनारे कर्ण का अंतिम संस्कार हुआ था।
चारधाम मन्दिर के महंत गुरू श्री बलरामदास के उŸाराधिकारी महंत श्री विजय दास जी ने बताया कि जब कृष्ण भगवान और पांडवों ने सब तीर्थधाम करते हुए तापी नदी के किनारे कर्ण का शवदाह किया तब पांडवों ने जब कुंवारी भूमि होने पर शंका जताई तो श्रीकृष्ण ने कर्ण को प्रकट करके आकाशवाणी से कहलाया कि अश्विनी और कुमार मेरे भाई हैं। तापी मेरी बहन हैं। मेरा कंुवारी भूमि पर ही अग्निदाह किया गया है। पांडवों ने कहा हमें तो पता चल गया परंतु आने वाले युगों को कैसे पता चलेगा तब भगवान कृष्ण ने कहा कि यहां पर तीन पŸो का वट वृ़क्ष होगा जो ब्रह्मा, विष्णु, और महेश के प्रतीक रूपी होंगे।
अखिलेश जी स्तब्ध शून्य में ताकते हुए देर तक उस कुंवारी भूमि पर कुछ समय खड़े रहे। उस दानवीर कर्ण के लिए उनके पास कोई षब्द नहीं थे। धीरे-धीरे अनासक्त भाव से आगे बढ़े तो एक बड़ा जनसमूह अखिलेश जी के अभिनंदन के लिए खड़ा था। गीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को स्थितप्रज्ञ होने के लक्षण बताए थे। गांधी जी ने उसे अनासक्तियोग का नाम दिया था। एक बड़े महाभारत ने बहुत कुछ गंवाया पर कर्म के धर्म का पालन तो करना ही होता है।

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