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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए

Posted on 02 May 2017 by admin

शासकीय विभागों में ई-टेंडरिंग तथा ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली लागू किये जाने का फैसला
मंत्रिपरिषद ने शासकीय विभागों में ई-टेंडरिंग तथा ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली लागू किये जाने का फैसला लिया है। यह निर्णय वर्तमान सरकार के लोक-कल्याण संकल्प पत्र 2017 के ‘सभी सरकारी काॅन्ट्रैक्ट के लिए ई-टेंडरिंग व्यवस्था लागू की जायेगी‘ के वायदे के अनुरूप लिया गया है।
इस निर्णय के तहत प्रदेश के सभी शासकीय विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, विकास प्राधिकरणों, नगर निगमों, स्वायत्त शासी संस्थाओं, निकायों इत्यादि में एन.आई.सी. के ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफार्म का प्रयोग करते हुये सभी निर्माण कार्यो, सेवाओं, जाॅब वर्क, सामग्री क्रय के लिए ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली को लागू किया जाएगा। निर्माण कार्यो, सेवाओं, जाॅब वर्क, सामग्री क्रय के लिए निविदा प्रक्रिया मैनुअल विधि से संपादित की जाती है, उन निविदाओं को ई-प्रोक्योरमेंट एवं ई-टेंडरिंग के माध्यम से कराया जाना प्रत्येक विभाग के लिए अनिवार्य होगा।
संबंधित विभागों, उपक्रमों इत्यादि द्वारा ई-टेंडरिंग तथा ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली लागू करने हेतु आवश्यक हार्डवेयर, प्रशिक्षण, साॅफ्टवेयर कस्टमाईजेशन, डिजिटल सिग्नेचर आदि व्यवस्थायंे तीन माह में पूर्ण करायी जायेगी। निविदा शुल्क (टेण्डर फीस) के भुगतान तथा धरोहर राशि (ई.एम.डी) के भुगतान एवं वापसी की प्रक्रिया भी भौतिक प्रारूप में न करके आॅनलाइन व्यवस्था के माध्यम से की जायेगी।
ई-प्रोक्योरमेंट एवं ई-टेंडरिंग प्रणाली के अन्तर्गत विभिन्न कार्यवाहियां जैसे ई-रजिस्ट्रेशन, ई-कोडिंग, टेण्डर क्रियेशन, टेण्डर प्रकाशन, टेण्डर परचेज, सबमिशन, बिड-ओपनिंग आदि समस्त कार्य इलेक्ट्रानिक माध्यम से किये जायेंगे। सर्वाधिक प्रतिस्पर्धात्मक दरें प्राप्त करने के लिए अलग-अलग ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफार्म का प्रयोग करने के स्थान पर सभी विभागों द्वारा एन.आई.सी. द्वारा विकसित ई-प्रोक्योरमेंट प्लेटफार्म पर ई-प्रोक्योरमेंट किया जायेगा।
ई-प्रोक्योरमेंट के  बिड्स एवं डाटा की गोपनीयता, सुरक्षा तथा अनुरक्षण का दायित्व एन.आई.सी. का होगा। ई-प्रोक्योरमेंट प्रणाली में नियमों एवं प्रक्रियाओं में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा है, अपितु वर्तमान नियमों एवं प्रक्रियाओं के अन्तर्गत ही केवल इलेक्ट्रानिक मीडिया का उपयोग करते हुए टेण्डरिंग की कार्यवाही की जायेगी। स्टोर-परचेज रूल्स, टेण्डर रूल्स एवं तत्सम्बंधी अन्य नियम उक्त श्रेणियों की ई-टेंडरिंग में यथावत् लागू रहेंगे एवं इनमें, प्रचलित पेपर ट्राजेक्शन के स्थान पर मात्र इलेक्ट्रानिक माध्यम का प्रयोग करते हुए ई-टेंडरिंग/ई-प्रोक्योरमेंट की जायेगी।
आईटी एवं इलेक्ट्रानिक विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के अधीनस्थ यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड, पूर्ववत् प्रदेश में ई-टेंडरिंग/ई-प्रोक्योरमेंट लागू करने हेतु नोडल एजेन्सी होगी तथा ई-टेंडरिंग करने वाले विभागों/उपक्रमों इत्यादि को एन.आई.सी. लखनऊ तथा यूपीएलसी द्वारा आवश्यकतानुसार हैण्डहोल्डिंग सहायता प्रदान की जायेगी। ई-प्रोक्योरमेंट/ई-टंेडरिंग में प्रतिभाग करने वाले ठेकेदारों और विभागीय अधिकारियों एवं टेण्डर समिति के सदस्यों को डिजिटल सिग्नेचर प्राप्त करने होंगे। ये डिजिटल सिग्नेचर भारत सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी संस्था से लिये जा सकते हंै।
मंत्रिपरिषद द्वारा इस संबध में अन्य निर्णय लिए जाने हेतु मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
ज्ञातव्य है कि इस व्यवस्था के लागू होने से टेण्डर एवं ठेकेदारी प्रक्रिया में माफिया राज समाप्त होगा तथा कोई भी व्यक्ति कहीं से भी भयमुक्त होकर निविदा प्रक्रिया में आवेदन कर सकेगा। प्रतिस्पर्धा बढ़ने से विभागों को वस्तुओं एवं सेवाओं के क्रय के लिए न्यूनतम तथा विक्रय के लिए अधिकतम दरें प्राप्त होंगी। इससे इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ने से अधिकारियों पर से अवांछित दबाव समाप्त होगा। मैनुअल टेण्डर के तहत इनडेंट के प्रारम्भ से लेकर तुलनात्मक परिक्षण तक लगने वाले तीन माह के समय में कमी आयेगी तथा यह प्रक्रिया एक माह में पूरी हो सकेगी। टेण्डर प्रक्रिया के असफल प्रतिभागियों को स्वतः सूचना उनके ई-मेल पर मिल जायेगी। टेण्डर से संबंधित सभी प्रत्रावलियां ई-टेण्डर डाटा बेस पर सुरक्षित रहती है। इससे पांच-दस वर्षो के बाद भी टेण्डर से संबंधित किसी अभिलेख को देखा जा सकेगा।
गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट कोे पुनर्जीवित करने के लिए हिन्दुस्तान उवर्रक एवं रसायन लिमिटेड को भूमि के अन्तरण हेतु स्टाम्प शुल्क में छूट के प्रस्ताव को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट कोे पुनर्जीवित करने के लिए फर्टिलाइजर कारपोरेशन आॅफ इण्डिया लिमिटेड (एफ.सी.आई.एल.) से हिन्दुस्तान उवर्रक एवं रसायन लिमिटेड को भूमि के अन्तरण के लीज विलेख हेतु अनुमानित स्टाम्प शुल्क 210 करोड़ रूपये की छूट के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।
ज्ञातव्य है कि हिन्दुस्तान उवर्रक और रसायन लिमिटेड, एनटीपीसी, कोल इंडिया लिमिटेड तथा इंडियन आॅयल कारपोरेशन का संयुक्त उपक्रम है। भारत सरकार द्वारा दिनांक 13 जुलाई, 2016 को इस संयुक्त उपक्रम के द्वारा गोरखपुर स्थित उवर्रक प्लांट को पुनर्जीवित किये जाने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया है।
इस उवर्रक प्लांट को पुनर्जीवित करने के लिए 6500 करोड़ रूपये का निवेश होना प्रस्तावित है। इस निवेश से सम्पूर्ण क्षेत्र में आर्थिक विकास और अतिरिक्त निवेश होगा। उवर्रक प्लांट के पुनर्जीवित होने से बड़ी संख्या में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा। जिससे क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को विकास के अवसर प्राप्त होंगे। प्लांट के उत्पादन आरम्भ करने से उवर्रक आपूर्ति में सुगमता आयेगी जो इस क्षेत्र के किसानों के लिये लाभदायक सिद्ध होगी। उवर्रक उत्पादन से आपूर्ति में वृद्वि होने से देश में उवर्रक आयात में कमी आयेगी और विदेशी मुद्रा भण्डार की बचत होगी।
इस उवर्रक प्लांट की स्थापना फर्टिलाइजर कारपोरेशन आॅफ इण्डिया लिमिटेड (एफ.सी.आई.एल.) की विद्यमान भूमि के 630 एकड़ पर की जानी है। जिसका चिन्हांकन कर लिया गया है। यह भूमि फर्टिलाइजर कारपोरेशन आॅफ इण्डिया लिमिटेड से हिन्दुस्तान उवर्रक और रसायन लिमिटेड को 55 वर्ष की अवधि के लिए लीज पर दी जानी है।
उ0प्र0 जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास नियमावली, 2017 को प्रख्यापित करने की अनुमति
मंत्रिपरिषद ने खनन संक्रिया से प्रभावित व्यक्तियों एवं क्षेत्रों के विकास के लिए जनपदों में स्थापित जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास हेतु उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास नियमावली, 2017 को प्रख्यापित करने की अनुमति प्रदान कर दी है।
इसके तहत जिला खनिज फाउण्डेशन की निधि के 60 प्रतिशत फण्ड का उपयोग प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना के तहत उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र यथा-पेय जल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण उपाय, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, स्वच्छता, कौशल विकास पर खर्च किया जाएगा। इसके अलावा 40 प्रतिशत अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों यथा-भौतिक संरक्षण, सिंचाई आदि पर व्यय किया जाएगा। जिला खनिज निधि में पट्टा धारक द्वारा जमा की जाने वाली धनराशि राॅयल्टी के अतिरिक्त होगी और राॅयल्टी के एक तिहाई से अधिक नहीं होगी। न्यास की निधि में प्राप्त होने वाली धनराशि वाणिज्यिक राष्ट्रीयकृत बैंक में रखी जाएगी, जिसका संचालन सम्बन्धित खान अधिकारी व प्रबन्ध समिति द्वारा नामित सदस्य के संयुक्त हस्ताक्षर से किया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि जिला खनिज फाउण्डेशन की स्थापना 25 अप्रैल, 2017 को अधिसूचना के माध्यम से की गयी है। इस फाउण्डेशन की संरचना एवं क्रिया-कलाप हेतु उत्तर प्रदेश जिला खनिज फाउण्डेशन न्यास नियमावली, 2017 का प्रख्यापन किया जा रहा है। नियमावली के अनुसार फाउण्डेशन की निधि में मुख्य खनिज के प्रत्येक पट्टा धारक द्वारा खनिज की निकासी के सापेक्ष देय राॅयल्टी के ऐसे प्रतिशत की धनराशि, जिसका निर्धारण भारत सरकार द्वारा किया जाएगा एवं जो राॅयल्टी के अतिरिक्त होगा, जमा की जाएगी। इसी प्रकार उप खनिज के पट्टा धारकों द्वारा खनिज की निकासी के सापेक्ष देय राॅयल्टी के 10 प्रतिशत की धनराशि या ऐसी धनराशि, जो राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जाएगी, जिला खनिज फाउण्डेशन की निधि में जमा होगी।
उल्लेखनीय है कि खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जिला खनिज फाउण्डेशन की निधि के उपयोग सम्बन्धी निर्देश ‘प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना’ में दिए गए हैं।
उ0प्र0 माल और सेवा कर विधेयक, 2017’ के प्रारूप का अनुमोदन करते हुए विधान मण्डल में इसका पारण कराए जाने का निर्णय
प्रदेश में जी0एस0टी0 प्रणाली लागू किए जाने के उद्देश्य से मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर विधेयक, 2017’ के प्रारूप का अनुमोदन करते हुए विधान मण्डल में विधेयक को पुरःस्थापित किए जाने व इसका पारण कराए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है।

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सत्र 2017-18 के लिए वार्षिक स्थानांतरण नीति अनुमोदित

Posted on 02 May 2017 by admin

समस्त स्थानांतरण 30 जून, 2017 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे
स्थानांतरण हेतु अवधि के निर्धारण के लिए 31 मार्च, 2017 कट आॅफ डेट निर्धारित 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज यहां लोक भवन में सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में स्थानांतरण सत्र 2017-18 के लिए सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु वार्षिक स्थानांतरण नीति को अनुमोदित किया गया। इसके तहत व्यवस्था दी गई है कि शासन, विभागाध्यक्ष, मण्डल एवं जिला स्तर के समस्त स्थानांतरण 30 जून, 2017 तक पूर्ण कर लिए जाएंगे। स्थानांतरण करने हेतु अवधि के निर्धारण के लिए 31 मार्च, 2017 को कट आॅफ डेट निर्धारित की गई है।
नई स्थानांतरण नीति के अनुसार समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के ऐसे अधिकारियों के स्थानांतरण किए जा सकेंगे, जो जनपद में 03 वर्ष एवं मण्डल में 07 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर चुके हैं। समूह ‘ख’ के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागाध्यक्षों द्वारा किए जाएंगे। स्थानांतरण नीति के प्रावधानों से आच्छादित होने वाले प्रकरणों में 20 प्रतिशत की सीमा तक स्थानांतरण किए जा सकेंगे। समूह ‘ग’ के कार्मिकों का प्रत्येक 03 वर्ष के उपरान्त पटल परिवर्तन करने के प्रावधान किए गए हैं। दिव्यांगजन को स्थानांतरण नीति से मुक्त रखा गया है।
विभागीय आवश्यकता के दृष्टिगत स्थानांतरण नीति में विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त कर विचलन किए जाने का प्रावधान भी किया गया है। जनहित एवं प्रशासनिक दृष्टिकोण से मुख्यमंत्री द्वारा कभी भी किसी भी कार्मिक को स्थानांतरित किए जाने का आदेश दिया जा सकता है। 02 वर्ष में सेवानिवृत्त होने वाले समूह ‘ग’ के कार्मिकों को उनके गृह जनपद एवं समूह ‘क’ तथा ‘ख’ के कार्मिकों को उनके गृह जनपद को छोड़ते हुए इच्छित जनपद में तैनात करने पर विचार किया जा सकेगा। स्थानांतरण नीति में संशोधन की कार्रवाई मुख्यमंत्री से अनुमोदन प्राप्त कर किया जा सकेगा।
स्थानांतरण नीति में अन्य मार्गदर्शक सिद्धांतों के तहत स्पष्ट किया गया है कि संदिग्ध सत्यनिष्ठा वाले कार्मिकों की तैनाती संवेदनशील पदों पर कदापि न की जाए। मंदित बच्चों के माता-पिता की तैनाती अधिकृत सरकारी चिकित्सक के प्रमाण-पत्र के आधार पर विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर की जा सकेगी, जहां चिकित्सा की समुचित व्यवस्था उपलब्ध हो। समूह ‘क’ के अधिकारियों को उनके गृह मण्डल में तैनात नहीं किया जाएगा। सरकारी सेवकों के मान्यता प्राप्त सेवा संघों के अध्यक्ष/सचिव, जिनमें जिला शाखाओं के अध्यक्ष एवं सचिव भी सम्मिलित हैं, के स्थानांतरण उनके द्वारा संगठन में पद धारित करने की तिथि से 02 वर्ष तक नहीं किए जाएंगे। यदि स्थानांतरण किया जाना अपरिहार्य हो तो स्थानांतरण हेतु प्राधिकृत अधिकारियों से एक स्तर उच्च अधिकारी का पूर्वानुमोदन प्राप्त किया जाएगा। जिला शाखाओं के पदाधिकारियों के स्थानांतरण प्रकरणों पर जिला अधिकारी की पूर्वानुमति प्राप्त की जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने गोरखपुर मण्डल की कानून-व्यवस्था की समीक्षा की

Posted on 01 May 2017 by admin

थानों पर परिश्रमी, निष्ठावान तथा समर्पण भाव
से कार्य करने वाले पुलिस अफसरों को तैनात किया जाए, जो
कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण रख सकें: मुख्यमंत्री

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी प्रातः 9 से 11 बजे तक अपने
कार्यालय में उपस्थित रहकर जन समस्याएं सुनें और उनका
निस्तारण भी सुनिश्चित करें: योगी आदित्यनाथ

पुलिस अधिकारी अपने क्षेत्र, पुलिस चैकियों तथा थानों का नियमित निरीक्षण करें

गुण्डों, असामाजिक तत्वों एवं माफियाओं को चिन्हित कर
उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें, जिसमें जेल भेजना भी शामिल है

पुलिसकर्मी थाने पर आने वाले पीड़ित लोगों के साथ सद्व्यवहार करें: मुख्यमंत्री
cm-yogi-gorakhpur उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर में जी0डी0ए0 के सभागार में मण्डल की कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया कि थाने की बागडोर उसे दी जाए, जो परिणाम दे, चाहे वह उपनिरीक्षक हो या निरीक्षक। उन्होंने कहा कि थानों पर परिश्रमी, निष्ठावान तथा समर्पण भाव से कार्य करने वाले पुलिस अफसरों को तैनात किया जाए, जो कानून-व्यवस्था पर नियंत्रण रख सकंे।
मुख्यमंत्री ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से यह भी कहा कि वे प्रातः 9 से 11 बजे तक अपने कार्यालय में बैठकर जन समस्याएं सुनकर उनका निस्तारण सुनिश्चित करें और उसके बाद अपने क्षेत्र, पुलिस चैकियों तथा थानों का नियमित निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि जिन थानों पर आगंतुकों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं है, वहां आगन्तुक कक्ष बनाने के लिए जन सहयोग तथा विधायक निधि का उपयोग कर इसका निर्माण करवाएं। थाने पर आने वाले पीड़ित लोगों के साथ सद्व्यवहार करें और उनकी समस्याओं/शिकायतों को गंभीरता से सुनें तथा उनका निराकरण करें।
बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि गुण्डों, असामाजिक तत्वों एवं माफियाओं को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही करें, जिसमें जेल भेजना भी शामिल है। सभी पुलिसकर्मी निडर होकर न्यायोचित कार्य करें और किसी के दबाव में न आएं। उन्होंने यह भी कहा कि जनपद की प्रत्येक तहसील पर एक अग्निशमन केन्द्र और मुख्यालयों पर न्यूनतम 3 अग्निशमन केन्द्र बनाने के लिए शासन को अतिशीघ्र प्रस्ताव भेजें। बैठक में एण्टी रोमियो स्कवायड पर भी चर्चा हुई, जिस पर आई0जी0 पुलिस श्री मोहित अग्रवाल ने सुझाव दिया कि लड़कियों के स्कूलों के गेटों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरे लगाये जाएं। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि दीवारों पर यह सूचना कि ‘आप कैमरे की जद में हैं’ लिखी रहेगी। मुख्यमंत्री ने इस पर अपनी सहमति प्रदान की।
इस बैठक में पुलिस महा निरीक्षक गोरखपुर परिक्षेत्र श्री मोहित अग्रवाल सहित संबंधित पुलिस अधिकारी मौजूद थे।

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विकास परियोजनाओं में गति लाने के लिए समन्वय बनाकर कार्य करें वरिष्ठ अधिकारी: मुख्यमंत्री

Posted on 01 May 2017 by admin

मुख्यमंत्री ने स्कूलों में अध्यापकों की फोटो लगाने के निर्देश दिये

गोरखपुर में साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम को तत्काल लागू किया जाए

दुधारू जानवरों से दूध लेकर उन्हें सड़कों पर आवारा घूमने के लिए छोड़
देने वाले गोपालकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए

विषाणु जनित बीमारी से किसी की मौत नहीं होनी चाहिए

स्वच्छता अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जाए

मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में विकास कार्यों सहित अन्य परियोजनाओं की समीक्षा की
cm-yogiउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज गोरखपुर के जी0डी0ए0 सभागार में विकास कार्यों एव अन्य परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ अधिकारियांे को निर्देशित किया कि वे आपसी समन्वय बनाकर कार्य करें ताकि विकास योजनाओं में गति आ सके। उन्होंने नगर आयुक्त को गोरखपुर में साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट स्कीम को तत्काल लागू करने के निर्देश दिये। उन्होंने उन गोपालकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये, जो दुधारू जानवरों से दूध लेकर उन्हें सड़कों पर आवारा घूमने के लिए छोड़ देते हैं। ऐसे गोपालकों को चिन्हित कर उनपर भारी जुर्माना लगाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने मण्डलायुक्त को निर्देश दिये कि वे अधिकारियों के साथ अतिशीघ्र मधुबलिया (महराजगंज) जाकर उस स्थल का निरीक्षण करें जहां काफी संख्या में आवारा गोवंश रखे जा सकते हैं। उन्होंने इसे संचालित करने के लिए समर्पित लोगों की टीम बनाने के निर्देश दिये।
बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में परिषदीय प्राईमरी तथा जूनियर हाईस्कूलों में गिरते शिक्षा के स्तर पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार शीघ्र ही इन सभी स्कूलों में अध्यापकों से लेकर प्रधान अध्यापकों की फोटो लगवाएगी और अधिकारियों को निर्देशित किया जायेगा कि वे अपने निरीक्षण के दौरान छात्र/छात्राओं से इस बात की जानकारी लें कि जिन अध्यापकों के फोटो स्कूल में लगे हैं वे पढ़ाने आते हैं या नहीं ? उन्होंने यह भी कहा कि संज्ञान में आया है कि कुछ सरकारी अध्यापक स्कूलों में अध्यापन कार्य नहीं करते हंै तथा अपने स्थान पर कम पैसे में किसी दूसरे व्यक्ति को पढ़ाने के लिए भेज देते हैं, ऐसे अध्यापकों के प्रति कठोर कार्यवाही की जाएगी।
मण्डलायुक्त ने गोरखपुर मण्डल के लिए मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू की गयी योजनाओं को बिन्दुवार प्रस्तुत किया। उन्होंने गोरखपुर फर्टिलाइजर फैक्ट्री के बारे में बताया कि एच0यू0आर0एल0 को चिलुआताल से पानी उपलब्ध कराने की अनुमति दी जा चुकी है। एफ.सी.आई0एल0 से एच.यू.आर.एल. के पक्ष में भूमि स्थानान्तरित करने हेतु राज्य सरकार से अनापत्ति प्रमाण पत्र अभी प्राप्त होना बाकी है। इसी प्रकार लीज डीड में देय स्टाम्प ड्यूटी माफ किये जाने हेतु भी राज्य सरकार की अनुमति चाहिए।
श्री योगी ने इण्डियन बाॅटलिंग प्लाण्ट, एम्स गोरखपुर की स्थापना एवं गन्ना संस्थान को स्थानान्तरित किये जाने के कार्य की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पिपराइच में नयी शुगर मिल पुरानी शुगर मिल के स्थान पर ही बनेगी इसलिए शेष बची जमीन पर गन्ना संस्थान अतिशीघ्र शिफ्ट किया जाए। उन्होंने गोरखपुर में रामगढ़ताल परियोजना में निर्माणाधीन बहुउपयोगी प्रेक्षागृह एवं सांस्कृतिक केन्द्र के परिसर में 250 सीट के एक अन्य आॅडिटोरियम, आर्ट गैलरी एवं मीडिया सेण्टर के निर्माण का निर्देश दिया। उन्होंने गोरखपुर हवाई अड्डे के सिविल टर्मिनल का नामकरण महा योगी गोरखनाथ एयरपोर्ट करने के साथ-साथ सिविल टर्मिनल के विस्तार पर भी चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने रामगढ़ताल एवं उसके समीप अवस्थापना एवं सौन्दर्यीकरण के विभिन्न कार्यों की समीक्षा करते हुए इसे सितम्बर तक पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने रामगढ़ताल में वाॅटर स्पोर्टस एक्टिविटी तथा रामगढ़ताल में सिल्ट निकालने तथा प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण हेतु कार्य को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जल निगम अपनी सुस्ती छोड़कर सक्रिय भूमिका अदा करे। उन्होंने आर0के0बी0के0 से पैडलेगंज तक बनने वाली सड़क पर गंभीरता से पहल करने एवं उसकी बाधाएं दूर करने के भी निर्देश दिये। प्राणि एवं जन्तु उद्यान के निर्माण पर भी चर्चा की गयी।
श्री योगी ने गोरखपुर वाराणसी मार्ग के निर्माण कार्य की चर्चा करते हुए निर्देश दिये कि बाघा गाढ़ा से सड़क निर्माण शुरू किया जाए और काम में तेजी लाई जाए। उन्होंने कालेसर से जंगल कौड़िया नये बाईपास (एन0एच0-29ई) सेक्शन के निर्माण की समीक्षा करते हुए इसे बरसात से पूर्व पूर्ण करने के निर्देश दिये। मोहद्दीपुर-गोरखनाथ मंदिर-जंगल कौड़िया फोरलेन सी0सी0 रोड के प्रस्ताव पर निर्देश दिये कि पहले बिजली के पोल को पूरी सड़क से शिफ्ट किया जाये फिर कार्य शुरू किया जाए। नन्दानगर रेलवे क्राॅसिंग अण्डरपास के निर्माण पर बढ़ती लागत पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने रेलवे और लो0नि0वि0 के अभियंताओं को निर्देश दिये कि कार्य को 6 माह के अन्दर पूरा किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सूरजकुण्ड एवं तरंग के पास अन्य अण्डरपास बनाने के लिए सर्वे करने के निर्देश दिये।
बैठक में श्री योगी ने नवीन गल्ला मण्डी की दुर्दशा पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मण्डी के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे व्यापारियों से जो टैक्स वसूलते हैं उसका उपयोग मण्डी में बिजली, सड़क, नाले-नालियों की सफाई, व्यापारियों की सुविधाओं तथा जलापूर्ति पर खर्च करें। उन्होंने मण्डी में चल रही चोरी पर भी नियंत्रण रखने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने पूर्वान्चल में विषाणु जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अधिकारियों को गंभीर प्रयास करने के निर्देश दिये। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इससे किसी व्यक्ति की मौत नहीं होनी चाहिए, इसकी रोकथाम के लिए अभी से हर संभव तैयारी शुरू कर दें। जिला चिकित्सालय से लेकर प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ केन्द्रों पर इस बीमारी के उपचार के लिए प्रबंध किया जाए, ताकि मेडिकल काॅलेज पर ज्यादा दबाव न पड़े। उन्होंने इन बीमारियों से रोकथाम के लिए व्यापक स्तर पर पूरे पूर्वान्चल में सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिये, जिसमें नालियों, नालों, पोखरों एवं तालाबों की सफाई भी शामिल है। उन्होंने बरसात के दिनों में लोगों से स्वच्छ पेयजल पीने और पानी को उबालकर ठंढा कर पीने के लिए भी जागरूक करने के निर्देश दिये।
श्री योगी ने राप्ती नदी के पूर्वी तट पर पक्का स्नान घाट बनाने का सुझाव दिया। बैठक में मौजूद प्रमुख सचिव सूचना एवं पर्यटन ने वरिष्ठ अधिकारियों को प्रारम्भिक सर्वे रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने बैठक में गोरखपुर मण्डल के विकास के लिए विभागीय योजनाओं की चर्चा की और उनपर केन्द्र से सहयोग लेने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को याद दिलाया कि उ0प्र0 में समस्त सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए 15 जून का समय निर्धारित किया गया है जिसमें लो0नि0वि0 के अलावा गन्ना विभाग, मण्डी, जिला पंचायत, नगर निगम, नगर पंचायतें, आर.ई.एस. आदि विभाग भी शामिल हैं जो अपनी सड़कों को इस तिथि तक गड्ढामुक्त कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने गन्ना मूल्य और गेहूं क्रय के मूल्यों को समय सीमा के अन्दर भुगतान कराने के निर्देश दिये।
बैठक में प्रमुख सचिव सूचना एवं पर्यटन, मण्डलायुक्त, आई0जी0 पुलिस, जिलाधिकारी, उपाध्यक्ष जीडीए, नगर आयुक्त, उप निदेशक सूचना सहित मण्डल के समस्त जिलाधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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‘नमामि गंगे परियोजना’ सिर्फ जल संरक्षण का ही नहीं बल्कि मानवता व सृष्टि संरक्षण का अभिनव कार्यक्रम है: मुख्यमंत्री

Posted on 29 April 2017 by admin

  • इस कार्यक्रम से हर उस व्यक्ति को जुड़ना चाहिए जो विश्व मानवता के प्रति थोड़ा भी भाव रखता हो: योगी आदित्यनाथ
  • उ0प्र0 सरकार मध्य प्रदेश द्वारा नर्मदा को निर्मल एवं अविरल बनाये जाने के प्रयासों का अनुसरण ‘नमामि गंगे परियोजना’ को लागू करने में करेगी
  • विश्व की सभी सभ्यताएं नदियों के तटों पर पनपीं: मुख्यमंत्री
  • मानव ने अपने स्वार्थाें के चलते नदियों के किनारे बसी सभ्यताओं को नष्ट करना प्रारम्भ किया
  • मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश में आयोजित नर्मदा सेवा यात्रा एवं जनसंवाद कार्यक्रम को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल संरक्षण के लिए लागू की गयी ‘नमामि गंगे परियोजना’ की सफलता के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश आवश्यकता पड़ने पर मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘नमामि गंगे परियोजना’ सिर्फ जल संरक्षण का ही नहीं बल्कि मानवता व सृष्टि संरक्षण का अभिनव कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम से हर उस व्यक्ति को जुड़ना चाहिए जो विश्व मानवता के प्रति थोड़ा भी भाव रखता हो। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में ‘नमामि देवि नर्मदे’-नर्मदा सेवा यात्रा के तहत नर्मदा की जलधारा को निर्मल और अविरल बनाये जाने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज मध्य प्रदेश के जनपद डिण्डौरी में आयोजित नर्मदा सेवा यात्रा एवं जनसंवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान भी उपस्थित थे।
श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘नमामि गंगे परियोजना’ गंगा नदी की जलधारा को निर्मल और अविरल बनाये रखने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गयी है। इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये की एक वृहत परियोजना तैयार की गयी है, ताकि गंगा के साथ-साथ इसकी सहायक नदियों को साफ कर उनकी जलधारा को भी निर्मल और अविरल बनाया जा सके।
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श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों ने गंगा नदी के साथ-साथ अन्य नदियों को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया। वर्तमान प्रदेश सरकार के सामने अब इस परियोजना को मूर्तरूप देने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि आज यहां आने का मुख्य लक्ष्य यह देखना है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नर्मदा नदी को निर्मल और अविरल बनाने के कैसे प्रयास किये गये हैं, ताकि हम इनका उपयोग उत्तर प्रदेश में गंगा तथा इसकी सहायक नदियों की बेहतरी के लिए कर सकें और इसी तर्ज पर ‘नमामि गंगे परियोजना’ को आगे बढ़ा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के प्रति मध्य प्रदेश की जनता के उत्साह को देखकर वे अभिभूत हैं। इससे यह पता लगता है कि यहां के लोग नदियों से कितना प्रेम करते हैं और इनकी स्वच्छता, निर्मलता और अविरलता के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री 40 स्थानों पर स्वयं उपस्थित होकर 110 दिन पुरानी इस यात्रा को सफल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल हमारे जीवन का मूल आधार है। जल हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है यह पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के इस कथन कि ‘‘अगला विश्वयुद्ध जल को लेकर होगा’’ से स्पष्ट होता है।
श्री योगी ने कहा कि विश्व की सभी सभ्यताएं नदियों के तट पर पनपीं। हजारों वर्ष पुरानी हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और मध्य प्रदेश की महिष्मती सभ्यताएं नदियों के तट पर पनपीं। सिन्धु नदी के तट पर सिन्धु घाटी की सभ्यता पनपी। उन्होंने कहा कि मानव ने अपने स्वार्थाें के चलते नदियों के किनारे बसी सभ्यताओं को नष्ट करना प्रारम्भ किया। इसके चलते हमारी 7 प्रमुख नदियों गंगा, यमुना, सरस्वती, गोमती, सरयू इत्यादि में से सरस्वती नदी विलुप्त हो गयी। आज भारत के पुरातत्व विशेषज्ञ सैटेलाइट के माध्यम से इसके उद्गम और अन्त स्थल का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो दूरदर्शी होते हैं, वे आने वाली पीढ़ियों की चिन्ता करते हुए ‘नमामि गंगे’ जैसी परियोजना लागू करते हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी नमामि देवि नर्मदे योजना के तहत नर्मदा सेवा यात्रा अभियान का प्रारम्भ इसी उद्देश्य से किया गया है। भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है, परन्तु हमारी आस्था हमें जोड़े रखती है। इनमें नदियों का बहुत बड़ा योगदान है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की जीवन रेखा है और इसके संरक्षण के लिए यहां की सरकार द्वारा उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। यह जल संरक्षण की एक वृहत योजना है।
श्री योगी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि आज नर्मदा की धारा निर्मल व अविरल है। इसके दोनों तटों पर वाटिकाएं स्थापित की जा रही हैं। साथ ही, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना की जा रही है, ताकि कृषि आधारित गतिविधियों को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि ‘नमामि देवि नर्मदे’ की तर्ज पर ही उत्तर प्रदेश में ‘नमामि गंगे परियोजना’ चलायी जाएगी और गंगा की सहायक नदियों यमुना, गोमती, सरयू, राप्ती, गण्डक इत्यादि को भी निर्मल व स्वच्छ बनाया जाएगा।
मध्य प्रदेश के विकास पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व मध्य प्रदेश एक बीमारू और गरीब राज्य था, परन्तु आज यह नयी बुलन्दियों को छू रहा है। यह राज्य गेहूं उत्पादन में अग्रणी है। कृषि उत्पादन तथा प्रति व्यक्ति आय के क्षेत्र में भी यह अग्रणी राज्यों में से एक है। इस प्रदेश में आज नये-नये कृषि प्रयोग हो रहे हैं। आज यहां सिंचाई के नये साधन मौजूद हैं। सड़कों के मामले में मध्य प्रदेश बहुत आगे है। पिछले वर्ष उज्जैन में कुम्भ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिससे सभी श्रद्धालु बहुत प्रसन्न थे। कुम्भ के दौरान क्षिप्रा नदी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में लागू कल्याणकारी योजनाओं तथा विद्युत से सम्बन्धित परियोजनाओं का अध्ययन करने के लिए टीमें भेजी गयी हैं।

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मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को अपने-अपने विभाग का श्वेतपत्र जारी करने के निर्देश दिए

Posted on 28 April 2017 by admin

सभी मंत्री अपने तथा प्रभार वाले जनपदों का भ्रमण कर
केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करें: मुख्यमंत्री

मंत्रियों को जिला अस्पतालों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्रों का भ्रमण कर चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ
की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के निर्देश

भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनायी जाए

भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार कार्मिकों को चेतावनी देकर छोड़ने के बजाय उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए

सभी नगरीय निकाय बरसात से
पूर्व नालों की सफाई सुनिश्चित कराएं

जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को प्रातः
09ः00 से 11ः00 बजे तक जनता के लिए उपलब्ध रहने के निर्देश

मुख्यमंत्री स्वयं अधिकारियों से लैण्ड लाइन
फोन द्वारा वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करेंगे

मंत्री स्वयं तहसील दिवस में उपस्थित होकर
जनता की समस्याओं का समाधान कराएं

मुख्यमंत्री आवास पर जन-सुनवाई के लिए जिन जनपदों से अधिक आवेदन प्राप्त होंगे, वहां के अधिकारियों से पूछताछ की जाएगी

ऊर्जा मंत्री ने मुख्यमंत्री के निर्देशों की जानकारी मीडिया को दी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मंत्रिमण्डलीय सहयोगियों को अपने-अपने विभागों की स्थिति की विस्तृत जानकारी देते हुए श्वेतपत्र जारी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विभागों द्वारा किए गए प्रस्तुतिकरण के दौरान दिए गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराने का आग्रह करते हुए कहा है कि इस सम्बन्ध में पुनः 100 दिनों के बाद अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की जाएगी तथा जनता के लिए रिपोट कार्ड भी जारी किया जाएगा। उन्होंने सभी विभागों से निर्धारित एजेंडा पर गम्भीरता से काम करने का निर्देश देते हुए कहा है कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्यमंत्री के इन निर्देशों की जानकारी देते हुए प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकांत शर्मा ने आज यहां शास्त्री भवन में मीडिया को बताया कि दिनांक 27 अप्रैल, 2017 को सभी विभागों का प्रस्तुतिकरण सम्पन्न हो गया। प्रस्तुतिकरण के माध्यम से विभागों की कार्य प्रणाली, संचालित परियोजनाओं की अद्य्तन स्थिति एवं 100 दिनांें में विभाग द्वारा किए जाने वाले कार्यों के सम्बन्ध में विभागीय कार्योजना की जानकारी प्राप्त हुई। इससे राज्य सरकार को यह भी जानकारी मिली कि किस विभाग में क्या सुधार अपेक्षित है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों को निर्देशित किया है कि वे अपने तथा प्रभार वाले जनपदों का भ्रमण कर केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं की समीक्षा करें। साथ ही, जनपदों में संचालित विकास एवं कल्याणकारी कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण कर लाभार्थियों से सीधे फीडबैक भी प्राप्त करें, ताकि योजनाओं के सम्बन्ध में तथ्यात्मक जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की कई योजनाओं की चर्चा राजधानी में तो है परन्तु दूर-दराज के क्षेत्रों में उन पर कोई कार्य नहीं हो रहा है। मण्डल एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अब इन योजनाओं में किसी भी प्रकार की शिथिलता सहन नहीं की जाएगी।
श्री योगी ने मंत्रियों से यह भी अपेक्षा की है कि वे अपने जिले के साथ-साथ जिन जनपदों के प्रभारी मंत्री बनाये गये हैं, वहां जनहित से जुड़े कार्यों का स्थलीय आकस्मिक निरीक्षण भी करें। विद्युत, सड़क, सिंचाई, पेयजल व्यवस्था के निरीक्षण के साथ-साथ किसानों से सम्बन्धित कार्यों जैसे गेहूं एवं आलू क्रय केन्द्रों पर पहुंचकर यह देखा जाए कि राज्य सरकार के आदेशों का अनुपालन किया जा रहा है या नहीं। इसके साथ ही, कानून-व्यवस्था की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्य प्रणाली में भारी सुधार को रेखांकित करते हुए कहा है कि शिक्षकों की उपस्थिति, छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं एवं शिक्षा की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जाए। उन्होंने प्रभारी मंत्रियों से जिला अस्पतालों, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वाथ्य केन्द्रों का भ्रमण कर मरीजों से बातचीत करने तथा चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए कहा है।
सरकार के प्रवक्ता एवं ऊर्जा मंत्री श्री शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों से स्पष्ट तौर पर कहा है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनायी जाए। भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार कार्मिकों को केवल चेतावनी देकर कतई न छोड़ा जाए, बल्कि उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराकर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करायी जाए। मंत्रीगण यह भी सुनिश्चित करें कि विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं को विद्युत विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा गम्भीरता से लेते हुए उन पर तत्काल कार्रवाई की जाए। सभी गांवों में रोस्टर के अनुसार विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। आंधी एवं तूफान के कारण यदि कहीं विद्युत तार टूटने या खम्बा गिरने के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है तो उसे युद्ध स्तर पर रीस्टोर किया जाए।
श्री योगी ने प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों को स्वच्छता एवं जलापूर्ति पर विशेष ध्यान देने की अपेक्षा की है। उन्होंने सभी नगर आयुक्तों से स्वच्छता पर विशेष अभियान चलाने तथा पाॅलिथीन एवं प्लास्टिक के कप-प्लेट आदि के वैकल्पिक उपयोग पर लोगों का सहयोग प्राप्त करने के लिए कहा है, जिससे नालियों को चोक होने से बचाया जा सके। साथ ही, सभी नगरीय निकायों से यह सुनिश्चित कराने के लिए भी कहा गया है कि बरसात से पूर्व सभी नालों की सफाई प्रत्येक दशा में कर ली जाए, जिससे नगरों की जल निकासी व्यवस्था ठीक हो सके। इसी प्रकार जिलाधिकारियों के माध्यम से गांवों की स्वच्छता पर भी काम करने के लिए कहा गया है। इस मामले में जिलाधिकारी ग्राम प्रधान का सहयोग प्राप्त कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।
जनता की समस्याओं के समधान के लिए जन-सुनवायी पर विशेष ध्यान देने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि मंत्रियों द्वारा जनपद भ्रमण के दौरान यह भी फीडबैक प्राप्त किया जाए कि जन-सुनवायी के लिए की गई व्यवस्था का जिला प्रशासन द्वारा कड़ायी से अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है या नहीं। सभी जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से अपने कार्यालय में प्रातः 09ः00 से 11ः00 बजे तक जनता के लिए उपलब्ध रहने का निर्देश देते हुए कहा गया है कि मुख्यमंत्री स्वयं इन अधिकारियों को लैण्ड लाइन पर फोन कर वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करेंगे। अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की गई है कि वे कैम्प कार्यालय की व्यवस्था तत्काल समाप्त कर अपने कार्यालय में उपस्थित रहें, जिससे जनता को उनसे मिलने में सहूलियत हो। थाना दिवस पर थाना प्रभारी एवं तहसील दिवस पर तहसील प्रभारी द्वारा जनता की समस्याओं को सुनकर तत्परता से उनका समाधान सुनिश्चित कराया जाए। आवश्यकतानुसार मंत्री स्वयं तहसील दिवस में उपस्थित होकर जनता से सीधा संवाद कर उनकी समस्या का समाधान करें।

प्रवक्ता द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री आवास पर जन-सुनवाई के लिए जिन जनपदों से अधिक आवेदन प्राप्त होंगे, वहां के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से इसके सम्बन्ध में सीधी पूछताछ की जाएगी और यह भी माना जाएगा कि उक्त जनपद में जन-सुनवाई एवं समस्याओं के समाधान की व्यवस्था ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि किसी घटना पर वरिष्ठ अधिकारियों से मौके पर तत्काल पहुंचकर जरूरी कदम उठाने एवं मुख्यमंत्री कार्यालय को भी अवगत कराने की अपेक्षा की गई है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे जनता की समस्याओं का तत्परता से समाधान कराएं। उन्होंने जिलाधिकारियों को तहसीलों एवं पुलिस अधीक्षकों को थानों का आकस्मिक निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए हैं।

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मुख्यमंत्री ने जनता की समस्याओं को सुना

Posted on 28 April 2017 by admin

समस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया
मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने प्रतिदिन की भांति आज भी अपने सरकारी आवास पर जनता की समस्याओं को सुना। प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों से आए लोगों ने अपनी विभिन्न समस्याओं से सम्बन्धित आवेदन पत्र मुख्यमंत्री को स्वयं दिए। मुख्यमंत्री ने जनता को उनकी शिकायतों पर शीघ्र कार्यवाही का आश्वासन दिया तथा अधिकारियों को जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए।
uttar-pradesh-yogi-cm1जनपद उन्नाव से आये श्री रविन्दर आजाद ने मुख्यमंत्री से अपने गांव के तालाब की सफाई और सौन्दर्यीकरण का अनुरोध किया। फतेहपुर निवासी श्री कन्धई गिरि ने स्वयं द्वारा बनवाए गये मन्दिर में पेयजल की व्यवस्था का अनुरोध श्री योगी से किया। जनपद जौनपुर के श्री कैलाश नाथ ने जमीनी विवाद का निस्तारण कराने तथा जौनपुर के ही सीजनल अमीन श्री जसवन्त कुमार श्रीवास्तव ने नौकरी में स्थायीकरण का अनुरोध मुख्यमंत्री से किया।
इनके अलावा भी काफी बड़ी संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अपनी-अपनी समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने सभी मामलों में प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए। अधिकांश प्रार्थना पत्र आर्थिक सहायता, कृषि पट्टे, विद्युत आपूर्ति, आवास आवंटन, पेयजल, अवैध कब्जे, पेंशन, राजस्व, भू-अभिलेखों में अनियमितता, शादी अनुदान, नौकरी तथा निजी इलाज आदि से सम्बन्धित थे।

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मुख्यमंत्री ने कुपवाड़ा में सैनिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया

Posted on 28 April 2017 by admin

कानपुर निवासी शहीद कैप्टन आयुष यादव के परिजनों को
30 लाख रु0 की आर्थिक सहायता की घोषणा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने बृहस्पतिवार को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा में सेना के कैम्प पर हुए हमले में सैनिकों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इस हमले में शहीद हुए प्रदेश के कैप्टन आयुष यादव के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए शहीद के परिवार के लिए 30 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।

ज्ञातव्य है कि जम्मू और कश्मीर राज्य के कुपवाड़ा में हुए इस हमले में कानपुर निवासी कैप्टन आयुष यादव शहीद हो गए थे।

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ग्रामीण अभियंत्रण विभाग निर्माण/अनुरक्षण कार्याें में ई-टेण्डरिंग व्यवस्था लागू करे: मुख्यमंत्री

Posted on 28 April 2017 by admin

ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा निर्मित सड़कों को हर हाल में
15 जून तक गड्ढामुक्त कर दिया जाए

मंत्रिगण एवं वरिष्ठ अधिकारी सड़कों के गड्ढामुक्त
कार्य की प्रगति का मौके पर सत्यापन करें

बरसात का मौसम खत्म होने के बाद सितम्बर माह से
सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए पुनः अभियान चलाया जाएगा

सरकार सड़कों को गड्ढामुक्त कर प्रदेश के लोगों को आवागमन
के लिए उत्कृष्ट सड़कें शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध कराएगी

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों को पी0डब्ल्यू0डी0
को हस्तांतरित की जाने वाली सड़कांे को गड्ढामुक्त करने के
उपरान्त ही हैण्डओवर करने के निर्देश दिये

मुख्यमंत्री के समक्ष ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का प्रस्तुतिकरण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां शास्त्री भवन में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग का प्रस्तुतिकरण के दौरान निर्देश दिये कि इस विभाग द्वारा कराये जा रहे विभिन्न कार्याें में ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू की जाए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा निर्मित करायी गयी सड़कों को हर हाल में 15 जून, 2017 तक गड्ढामुक्त कर दिया जाए। उन्होंने मंत्रिगण तथा लोक निर्माण, ग्रामीण अभियंत्रण तथा पंचायती राज विभागों के प्रमुख सचिव/सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों को गड्ढामुक्त कार्य की प्रगति को मौके पर जाकर सत्यापन करने के लिए कहा।
श्री योगी ने कहा कि बरसात का मौसम खत्म होने के बाद सितम्बर माह से सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए पुनः अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि सड़कों को गड्ढामुक्त कर प्रदेश की जनता को आवागमन के लिए अच्छी सड़कें शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध करायी जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में अच्छी सड़कों की बहुत बड़ी भूमिका है। ऐसे में हम प्रदेश की अवस्थापना सुविधाओं में सबसे प्रमुख इस सुविधा को अनदेखा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि सड़कों के अनुरक्षण/निर्माण कार्य में गुणवत्ता हर हाल में सुनिश्चित की जाए।
प्रस्तुतिकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिये कि पी0डब्ल्यू0डी0 को हस्तांतरित की जाने वाली सड़कांे को पहले गड्ढामुक्त किया जाए। तत्पश्चात उन्हें हस्तांतरित किया जाए। इसका अनुपालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों को गड्ढामुक्त करने की दिशा में अनुरक्षण की राशि से उन्हें पैच फ्री करवाना सुनिश्चित किया जाए।
ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतिकरण के दौरान श्री योगी को विभाग द्वारा कराये जा रहे मुख्य निर्माण कार्याें जैसे-प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्मित कराये जा रहे ग्रामीण सम्पर्क मार्गाें तथा अन्य योजनाओं के तहत करवाए जा रहे भवन एवं मार्ग निर्माण कार्याें के विषय में विस्तृत जानकारी दी गयी।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत त्रिस्तरीय गुणवत्ता नियंत्रण का अवलोकन करने के पश्चात अन्य योजनाओं के गुणवत्ता नियंत्रण के विषय में भी जानकारी ली। उन्होंने शासन के अधीन गठित टेक्निकल आॅडिट सेल में विशेषज्ञों को शामिल करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत आगामी 100 दिनों के लिए निर्धारित लक्ष्यों को समय से पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने अन्य योजनाओं के तहत कराये जा रहे निर्माण कार्याें के लिए निर्धारित 100 दिन के लक्ष्यों को भी समय से पूरा करने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा सहित मंत्रिमण्डल के अन्य सदस्य तथा वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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आगामी 100 दिनों में अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकास खण्डों हेतु मास्टर रिचार्ज प्लान बनाने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराते हुए 190 तालाबों का पुनरुद्धार एवं 95 चेकडेमों का निर्माण प्रत्येक दशा में कराया जाना सुनिश्चित किया जाए: मुख्यमंत्री

Posted on 28 April 2017 by admin

सामाजिक संस्थाओं एवं आम नागरिकों का सहयोग प्राप्त कर

तालाबों का पुनरुद्धार एवं चेक डेमों का निर्माण आवश्यकतानुसार
ग्राम पंचायतों में कराने हेतु अभियान चलाया जाए

बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बांदा, हमीरपुर एवं जालौन की
समग्र्र प्रबंधन कार्य योजना प्राथमिकता से तैयार करायी जाए

बुन्देलखण्ड में वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्षित 14 सामूहिक नलकूप, 159 ग्राउण्ड वाटर रिचार्जिंग चेकडैम, 116 तालाबों का निर्माण सहित 1208 नए डमवेल का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में पूर्ण कराने हेतु कार्य योजना बनायी जाए

प्रत्येक जनपद में आवश्यकतानुसार 100-100 चेक डैम बनाए
जाने हेतु व्यापक कार्य योजना बनायी जाए: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री के समक्ष लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग का प्रस्तुतिकरण
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि आगामी 100 दिनों में अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकास खण्डों हेतु मास्टर रिचार्ज प्लान बनाने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित कराते हुए 190 तालाबों का पुनरुद्धार एवं 95 चेकडेमों का निर्माण प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाए। सामाजिक संस्थाओं एवं आम नागरिकों का सहयोग प्राप्त कर तालाबों का पुनरुद्धार एवं चेक डेमों का निर्माण आवश्यकतानुसार ग्राम पंचायतों में कराने हेतु अभियान चलाया जाए। जनपद झांसी में भूजल सेना का गठन हो जाने के फलस्वरूप अन्य 10 जनपदों में भी भूजल सेना का गठन आगामी 100 दिनों में सुनिश्चित कराया जाए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र के जनपद बांदा, हमीरपुर एवं जालौन की समग्र्र प्रबंधन कार्य योजना प्राथमिकता से तैयार करायी जाए।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश आज शास्त्री भवन में लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग के प्रस्तुतिकरण के समय दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राउण्ड वाटर मैनेजमेंट कमेटी तथा विकास खण्ड स्तर पर ब्लाॅक ग्राउण्ड वाॅटर मैनेजमेंट पंचायत कमेटी का गठन कर ग्राम पंचायतवार वाॅटर सिक्योरिटी प्लान बनाया जाए। भूजल संसाधन आकलन के आधार पर ग्राउण्ड वाॅटर प्रोटेक्शन जोन्स का सीमांकन एवं विनियमन कराने के साथ-साथ कूपों/बोरिंगों का भी रजिस्ट्रेशन कराने के कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित कराए जाएं। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्षित 14 सामूहिक नलकूप, 159 ग्राउण्ड वाॅटर रिचार्जिंग चेकडैम, 116 तालाबों के निर्माण सहित 1208 नये डमवेल का निर्माण कार्य निर्धारित अवधि में मानक के साथ पूर्ण कराने हेतु विस्तृत कार्य योजना बनायी जाए।
श्री योगी ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जल संसाधनों का समग्र प्रबंधन सुनिश्चित कराने हेतु जन सहभागिता को प्रोत्साहित करते हुए लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। बुन्देलखण्ड के पठारी क्षेत्र में सतह की अत्यधिक ढलान होने के कारण लगभग 85 प्रतिशत वर्षा जल को नदी, नालों से बहकर बेकार जाने से रोकने के लिए जल संचय के एकीकृत प्रयासों के माध्यम से रोक कर सतही जल संग्रहण एवं भूजल रिचार्ज को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि रिमोट सेन्सिंग विधा के आधार पर विकास खण्ड मानचित्र पर ग्रामवार वाॅटर सेक्टर सीमांकन कर भूजल रिचार्ज हेतु प्रभावकारी एवं अप्रभावकारी क्षेत्रों को चिन्हित कराकर आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 05 वर्षों में अतिदोहित, क्रिटिकल, सेमी क्रिटिकल से प्रभावित 217 विकास खण्डों तथा बुन्देलखण्ड एवं विंध्याचल क्षेत्र के पठारी क्षेत्र के प्रभावित 54 विकास खण्डों अर्थात कुल प्रभावित 271 विकास खण्डों के लिए आवश्यक भूजल संचयन/संरक्षण संरचनाएं बनाकर संतृप्त करने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि भूजल रिचार्ज हेतु भूजल रिचार्ज मास्टर प्लान योजनान्तर्गत विभिन्न विभागों की योजनाओं में तालमेल स्थापित कर राज्य भूजल संचयन मिशन युद्धस्तर पर चलाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रत्येक जनपद में आवश्यकतानुसार 100-100 चेक डैम स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आम नागरिकों के सहयोग से बनाए जाने हेतु व्यापक कार्य योजना बनायी जाए।

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