‘नमामि गंगे परियोजना’ सिर्फ जल संरक्षण का ही नहीं बल्कि मानवता व सृष्टि संरक्षण का अभिनव कार्यक्रम है: मुख्यमंत्री

Posted on 29 April 2017 by admin

  • इस कार्यक्रम से हर उस व्यक्ति को जुड़ना चाहिए जो विश्व मानवता के प्रति थोड़ा भी भाव रखता हो: योगी आदित्यनाथ
  • उ0प्र0 सरकार मध्य प्रदेश द्वारा नर्मदा को निर्मल एवं अविरल बनाये जाने के प्रयासों का अनुसरण ‘नमामि गंगे परियोजना’ को लागू करने में करेगी
  • विश्व की सभी सभ्यताएं नदियों के तटों पर पनपीं: मुख्यमंत्री
  • मानव ने अपने स्वार्थाें के चलते नदियों के किनारे बसी सभ्यताओं को नष्ट करना प्रारम्भ किया
  • मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश में आयोजित नर्मदा सेवा यात्रा एवं जनसंवाद कार्यक्रम को सम्बोधित किया

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जल संरक्षण के लिए लागू की गयी ‘नमामि गंगे परियोजना’ की सफलता के लिए उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश आवश्यकता पड़ने पर मिलकर कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि ‘नमामि गंगे परियोजना’ सिर्फ जल संरक्षण का ही नहीं बल्कि मानवता व सृष्टि संरक्षण का अभिनव कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम से हर उस व्यक्ति को जुड़ना चाहिए जो विश्व मानवता के प्रति थोड़ा भी भाव रखता हो। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि उनके नेतृत्व में ‘नमामि देवि नर्मदे’-नर्मदा सेवा यात्रा के तहत नर्मदा की जलधारा को निर्मल और अविरल बनाये जाने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज मध्य प्रदेश के जनपद डिण्डौरी में आयोजित नर्मदा सेवा यात्रा एवं जनसंवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान भी उपस्थित थे।
श्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘नमामि गंगे परियोजना’ गंगा नदी की जलधारा को निर्मल और अविरल बनाये रखने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गयी है। इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये की एक वृहत परियोजना तैयार की गयी है, ताकि गंगा के साथ-साथ इसकी सहायक नदियों को साफ कर उनकी जलधारा को भी निर्मल और अविरल बनाया जा सके।
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श्री योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पिछली सरकारों ने गंगा नदी के साथ-साथ अन्य नदियों को स्वच्छ, निर्मल और अविरल बनाने की दिशा में कोई कार्य नहीं किया। वर्तमान प्रदेश सरकार के सामने अब इस परियोजना को मूर्तरूप देने की चुनौती है। उन्होंने कहा कि आज यहां आने का मुख्य लक्ष्य यह देखना है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नर्मदा नदी को निर्मल और अविरल बनाने के कैसे प्रयास किये गये हैं, ताकि हम इनका उपयोग उत्तर प्रदेश में गंगा तथा इसकी सहायक नदियों की बेहतरी के लिए कर सकें और इसी तर्ज पर ‘नमामि गंगे परियोजना’ को आगे बढ़ा सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के प्रति मध्य प्रदेश की जनता के उत्साह को देखकर वे अभिभूत हैं। इससे यह पता लगता है कि यहां के लोग नदियों से कितना प्रेम करते हैं और इनकी स्वच्छता, निर्मलता और अविरलता के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री 40 स्थानों पर स्वयं उपस्थित होकर 110 दिन पुरानी इस यात्रा को सफल बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल हमारे जीवन का मूल आधार है। जल हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है यह पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के इस कथन कि ‘‘अगला विश्वयुद्ध जल को लेकर होगा’’ से स्पष्ट होता है।
श्री योगी ने कहा कि विश्व की सभी सभ्यताएं नदियों के तट पर पनपीं। हजारों वर्ष पुरानी हड़प्पा, मोहनजोदड़ो और मध्य प्रदेश की महिष्मती सभ्यताएं नदियों के तट पर पनपीं। सिन्धु नदी के तट पर सिन्धु घाटी की सभ्यता पनपी। उन्होंने कहा कि मानव ने अपने स्वार्थाें के चलते नदियों के किनारे बसी सभ्यताओं को नष्ट करना प्रारम्भ किया। इसके चलते हमारी 7 प्रमुख नदियों गंगा, यमुना, सरस्वती, गोमती, सरयू इत्यादि में से सरस्वती नदी विलुप्त हो गयी। आज भारत के पुरातत्व विशेषज्ञ सैटेलाइट के माध्यम से इसके उद्गम और अन्त स्थल का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो दूरदर्शी होते हैं, वे आने वाली पीढ़ियों की चिन्ता करते हुए ‘नमामि गंगे’ जैसी परियोजना लागू करते हैं। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भी नमामि देवि नर्मदे योजना के तहत नर्मदा सेवा यात्रा अभियान का प्रारम्भ इसी उद्देश्य से किया गया है। भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है, परन्तु हमारी आस्था हमें जोड़े रखती है। इनमें नदियों का बहुत बड़ा योगदान है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश की जीवन रेखा है और इसके संरक्षण के लिए यहां की सरकार द्वारा उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। यह जल संरक्षण की एक वृहत योजना है।
श्री योगी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि आज नर्मदा की धारा निर्मल व अविरल है। इसके दोनों तटों पर वाटिकाएं स्थापित की जा रही हैं। साथ ही, फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना की जा रही है, ताकि कृषि आधारित गतिविधियों को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि ‘नमामि देवि नर्मदे’ की तर्ज पर ही उत्तर प्रदेश में ‘नमामि गंगे परियोजना’ चलायी जाएगी और गंगा की सहायक नदियों यमुना, गोमती, सरयू, राप्ती, गण्डक इत्यादि को भी निर्मल व स्वच्छ बनाया जाएगा।
मध्य प्रदेश के विकास पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 10 वर्ष पूर्व मध्य प्रदेश एक बीमारू और गरीब राज्य था, परन्तु आज यह नयी बुलन्दियों को छू रहा है। यह राज्य गेहूं उत्पादन में अग्रणी है। कृषि उत्पादन तथा प्रति व्यक्ति आय के क्षेत्र में भी यह अग्रणी राज्यों में से एक है। इस प्रदेश में आज नये-नये कृषि प्रयोग हो रहे हैं। आज यहां सिंचाई के नये साधन मौजूद हैं। सड़कों के मामले में मध्य प्रदेश बहुत आगे है। पिछले वर्ष उज्जैन में कुम्भ का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिससे सभी श्रद्धालु बहुत प्रसन्न थे। कुम्भ के दौरान क्षिप्रा नदी में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा शुद्ध जल की आपूर्ति सुनिश्चित की गयी, जो प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मध्य प्रदेश में लागू कल्याणकारी योजनाओं तथा विद्युत से सम्बन्धित परियोजनाओं का अध्ययन करने के लिए टीमें भेजी गयी हैं।

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