Archive | राष्ट्रीय

रिलायंस पूरे भारत में ग्रामीण सेगमेंट को सषक्त बनाएगी

Posted on 03 April 2011 by admin

हैंडिगो और रिलायंस ने ‘बेहतर जिंदगी’ के लिए समझौता किया है जिसमें ग्राहकों को मौसम, पषुधन, मंडी भाव, वित्त और स्वास्थ्य स्कीमों के बारे में महज 30 रुपये प्रति महीने पर सूचनाएं हासिल हो सकेंगी

भारत की प्रमुख वीएएस सॉल्युशन प्रदाता और देश की सबसे बड़ी एवं राष्ट्रव्यापी तौर पर सीडीएमए और जीएसएम मोबाइल सेवाओं की पेशकश करने वाली एकमात्र कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (बीएसईः आरकॉम) ने ग्रामीण इलाकों में ग्राहकों के लिए वीएएस की ताजा पेशकश के तहत श्बेहतर जिंदगी्य को लॉन्च किए जाने की घोषणा की है। यह अभिनव उत्पाद आरकॉम के ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए रोजाना की सूचनाएं मुहैया कराए जाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इस सेवा के तहत ग्राहक स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त, मौसम की जानकारी, मंडी दरें, पशुधन, कृषि और मत्स्य आदि के बारे में नई एवं संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकेंगे।

इस सेवा के लिए आरकॉम के ग्राहक 556780 (टोल फ्री) डायल कर 30/20/10/4 दिनों के लिए क्रमशः 30/20/10/3 रुपये के न्यूनतम शुल्क पर सब्सक्रिप्शन पैक हासिल कर सकते हैं। अगर ग्राहक सब्सक्रिप्शन पैक लेना नहीं चाहते हैं तो उनके लिए 1 रुपया प्रति मिनट पर 55678 डायल कर इस सेवा के इस्तेमाल का विकल्प उपलब्ध है।

हैंडिगो का आईवीआर आधारित यह विशिष्ट सॉल्युशन ग्रामीण उपभोक्ताओं को विष्वसनीय एवं प्रामाणिक सूचनाएं मुहैया कराता है। नई एवं विष्वसनीय सूचनाओं के लिए हैंडिगो  केयर इंडिया, अवीवा लाइफ इंश्योरेंस, भारतीय मौसम विभाग, आईएनसीओआईएस, हरियाली किसान बाजार, नेटवर्क फॉर फिश क्वालिटी मैनेजमेंट एंड सस्टेनेबल फिशिंग, ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल इंडिया, सोनालिका, इको इंडिया फाइनैंशियल सर्विसेज समेत कई संगठनों के साथ भागीदारी कर चुकी है।

हैंडिगो टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण राजपाल ने इस भागीदारी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम भारत की प्रमुख सीएसपी- रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ भागीदार कर बेहद उत्साहित हैं। हम नए ग्रामीण बाजार में असीम संभावनाएं देख रहे हैं और ग्राहकों से शानदार प्रतिक्रिया को लेकर सकारात्मक हैं। हमने अपने सीएसपी के ग्राहकों के लिए ताजा एवं प्रामाणिक सूचनाएं सुनिश्चित किए जाने के लिए विभिन्न बड़े संगठनों के साथ भागीदारी की है। हमारा आईवीआर-आधारित ग्रामीण उत्पाद हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा सभी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है।’

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

हिंदी समारोह का आयोजन

Posted on 28 March 2011 by admin

press-khs-delhi

Comments (0)

एसबीआई लाइफ की नई यूलिप योजना

Posted on 09 March 2011 by admin

एसबीआई लाइफ ने 20 रूपये के पूर्व निर्धारित सुनिश्चित एनएवी के साथ स्मार्ट वेल्थ एश्योर लॉन्च किया

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, नये जमाने की अग्रणी जीवन बीमा कम्पनी, ने एक खोजपरक यूलिप उत्पाद लॉन्च किया है। यह एक अनोखा उत्पाद है  जिसमें दस वर्ष की अवधि के अन्त में पूर्व निर्धारित एनएवी की गारण्टी प्रदान की गई है। इस योजना के अन्तर्गत रिटर्न गारण्टी फण्ड का विकल्प चुनने वाले पॉलिसी धारक पूर्व निर्धारित न्यूनतम एनएवी की दर से दीघZ अवधि के लिये निवेश कर सकते हैं। परिपक्वता के समय पॉलिसी धारकों को पूर्व निर्धारित एनएवी अथवा उस समय के एनएवी की दर, जो भी अधिक होगा, की दर से भुगतान किया जायेगा। इस फण्ड में क्लोज्ड सब-फण्ड्स होंगे, जो अभिदान के लिये अधिकतम तीन महीने के लिये खुले रहेंगे और इनकी सुनिश्चित परिपक्वता अवधि 10 महीने की होगी।

रिटर्न गारण्टी फण्ड के अतिरिक्त पॉलिसी धारक इिक्वटी फण्ड अथवा पी/ई प्रबन्धित फण्ड अथवा बॉण्ड फण्ड के विकल्प का चयन कर सकते हैं। प्राय: `खरीदें और सहेज कर रखें` रणनीति का अनुपालन करने वाले रिटर्न गारण्टी फण्ड का उÌेश्य निवेशित राशि को फिक्स्ड इनकम प्रतिभूतियों जैसे कि ऋण प्रपत्र, मुद्रा बाजार के प्रपत्र तथा नगद में निवेश किया जायेगा और इनकी परिपक्वता तिथि फण्ड के पूरा होने से कुछ समय पहले की होगी। इिक्वटी फण्ड के अन्तर्गत सबसे अधिक निवेश इिक्वटी में किया जायेगा। कम से कम 80 प्रतिशत राशि इिक्वटी एवं इिक्वटी आधारित प्रपत्रों में निवेशित की जायेगी और इसका लक्ष्य होगा दीघZ अवधि में अधिक प्रतिफल प्राप्त करना। पी/ई फण्ड के अन्तर्गत प्रीमियम राशि को इिक्वटी एवं इिक्वटी आधारित प्रपत्रों तथा .ण प्रपत्रों, मुद्रा बाजार तथा नगद में एनएसई एसएण्डपी सीएनएक्स निफ्टी इण्डेक्स में फॉरवार्ड प्राइस अनिZंग मल्टीपल के आधार पर निवेश किया जायेगा।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एम.एन.राव ने कहा कि, “हमारा उÌेश्य सरल एवं आकर्षक उत्पादों की श्रृंखला तैयार करना है, जिससे कि ग्राहकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उत्पादों के चयन का विकल्प मिल सके, जो कि उनकी आय एवं जोखिम के अनुकूल हो।“

एकल प्रीमियम वाली यह योजना, एसबीआई स्मार्ट वेल्थ एश्योर में पॉलिसी धारक को दुघZटना मृत्यु लाभ का विकल्प भी प्रदान किया गया है तथा छठे पॉलिसी वर्ष से आंशिक निकासी के विकल्प की लचीली सुविधा भी प्रदान की गई है। 50,000 रूपये न्यूनतम प्रीमियम वाले एसबीआई लाइफ स्मार्ट वेल्थ एश्योर योजना की खरीदारी 8 वर्ष से लेकर 65 वर्ष तक का कोई भी व्यक्ति कर सकता है और इसकी पॉलिसी अवधि 10 वर्ष से 30 वर्ष तक होगी। परिपक्वता उम्र 75 वर्ष है।

स्मार्ट वेल्थ एश्योर के लॉन्च के साथ एसबीआई लाइफ की उत्पाद श्रृंखलाओं में यूलिप उत्पादों की संख्या आठ हो गई है, जो विविध प्रकार के उपभोक्ता वर्ग के लिये दीघZ अवधि के लिये सम्पत्ति सृजन तथा जीवन बीमा सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं। बाजार से जुड़े अन्य उत्पादों में एचएनआई लक्षित स्मार्ट एलिट, एनएवी गारण्टीड स्मार्ट परफॉमर, नो मेडिकल्स यूलिप-सरल महाआनन्द, फ्लेिक्सबल यूलिप-यूनिट प्लस सुपर, चाइल्ड प्लान-स्मार्ट स्कॉलर, यूलिप विद ऑटोमेटिक एसेट एलोकेशन-स्मार्ट होराइजन एवं गारण्टीड रिटर्न पेंशन प्लान-स्मार्ट पेंशन शामिल हैं।

आईआरडीए के जनवरी 2011 के नवीनतम रिपोर्ट्स के अनुसार, नये बिजनेस प्रीमियम के लिहाज से निजी क्षेत्र की बीमा कम्पनियों में एसबीआई लाइफ का पहला स्थान रहा है। निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कम्पनियों में एसबीआई लाइफ की बाजार हिस्सेदारी 18.9 प्रतिशत है और इसकी कुल बाजार हिस्सेदारी 5.6 प्रतिशत है।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के विषय में:
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस भारतीय स्टेट बैंक और बीएनपी परिबास एश्योरेंस का संयुक्त उपक्रम है। इस संयुक्त उपक्रम की कम्पनी में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी एसबीआई की और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बीएनपी परिबास एश्योरेंस की है। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस की अधिकृत पूञ्जी 2,000 करोड़ रुपये है और चुकता पूञ्जी 1,000 करोड़ रुपये है। भारत में भारतीय स्टेट बैंक का बैंकिंग फ्रेंंचाइज सबसे बड़ा है।

पांच सहयोगी बैंकों को मिलाकार इसकी 16,000 शाखायें हैं, जो कि, विश्व में सबसे अधिक है। बीएनपी परिबास फ्रांस की पहली और यूरोप की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक है और वैश्विक स्तर पर बैंकिंग उद्योग में इसका पांचवां स्थान है। ग्लोबल 2000 फोब्Zस 2008 के अनुसार यह यूरो जोन का पहला बैंक है। ब्राण्ड फाइनेंस 2008 के अनुसार यह छठा सर्वाधिक महत्वपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय बैंकिंग ब्राण्ड है।

बीएनपी परिबास एश्यारेंस, यूरो जोन के अग्रणी बैंक बीएनपी परिबास की बीमा इकाई है। बीएनपी परिबास विश्व के शीर्ष के 10 बैंक समूहों में से एक है और यह यूरो शीर्ष की 3 बैंकिंग कम्पनियों में से एक है। भारत में अपने व्यावसायिक क्रियाकलापों का परिचालन करने वाले पुराने विदेशी बैंकों में से एक है। भारत में यह बैंक वर्ष 1860 से अपना परिचालन कर रहा है। बीएनपी परिबास फ्रांस की चौथी सबसे बड़ी जीवन बीमा कम्पनी है और क्रेडिटर इंश्योरेंस उत्पादों की पेशकश करने वाली विश्व की अग्रणी कम्पनी है।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का उÌेश्य इस क्षेत्र की अग्रणी कम्पनी बनना है। कम्पनी जीवन बीमा और पेंशन उत्पाद अपने ग्राहकों को प्रतिस्पद्धीZ दरों पर बेचती है और ग्राहकों को विश्व स्तर की सेवायें प्रदान करती है।

एसबीआई लाइफ ने अपने उत्पादों की बिक्री के लिये अनोखी बहु-वितरण प्रणाली अपना रखी है, जिसमें बैंकाएश्योरेंस, खुदरा एजेंसी, संस्थागत गठबन्धन और कॉरपोरेट सोल्यूशंस डिस्ट्रिब्यूशन चैनल शामिल हैं।

बीमा पॉलिसी की बिक्री के लिये कम्पनी भारतीय स्टेट बैंक समूह की देशव्यापी उपस्थिति का लाभ उठाती है। बैंक की शाखायें बीमा उत्पादों के अतिरिक्त ग्राहकों को हाउसिंग लोन, पर्सनल लोन इत्यादि भी उपलब्ध कराती हैं। एसबीआई के ग्राहकों की संख्या 100 मिलियन से अधिक है और इन ग्राहकों तक एसबीआई लाइफ सरलता से पहुंच सकता है और उन्हें बीमा सेवायें प्रदान कर सकता है। बीमा कम्पनी सक्रिय बीमा सलाहकारों की संख्या 75,000 है, जो घर-घर जाकर ग्राहकों को बीमा समाधान सेवाओं की पेशकश करते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

यूनिसेफ: किशोरों पर निवेश से गरीबी और असमानता का कुचक्र मिटेगा

Posted on 06 March 2011 by admin

यूनिसेफ ने 2011 में दुनिया भर के बच्चों की स्थिति पर रिपोर्ट किशोरावस्था: अवसर की उम्र जारी करते हुए कहा है कि 10 से 19 साल के 1.2 अरब किशोरों पर निवेश करने से गरीबी और असमानता का कुचक्र मिटेगा।

भारत में 243 मिलियन(24.3 करोड़) किशोर रहते हैं, जो देश की कुल आबादी का एक चौथाई हिस्सा हैं। पिछले दो दशक के दौरान देश में विकास की तेज रफ्तार से लाखों लोग गरीबी की रेखा से बाहर निकले हैं। विकास और सरकारी योजनाओं के चलते, ही देश के किशोरों का स्वास्थ्य और विकास बेहतर हुआ है। हालांकि अभी भी खासकर लड़कियों के लिए काफी मुश्किलें बाकी हैं। लड़कियों को लैंगिक आधार पर शिक्षा और पोषण में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। कम उम्र में शादी भी एक बड़ी चुनौती है। समाजिक तौर पर बहिष्कृत और जनजातीय समुदाय में यह भेदभाव कुछ ज्यादा होता है।

दुनिया भर में, बीते दो दशक के दौरान भारी निवेश के चलते 10 साल की उम्र तक के बच्चों को काफी फायदा पहुंचा है। वैश्विक स्तर पर पांच साल से कम आयु के बच्चों की मृत्युदर में 33 फीसदी की गिरावट हुई है। साफ है कि कई युवाओं के जीवन को बचाया जा रहा है। दुनिया के अधिकांश हिस्सों में प्राथमिक स्कूल जाने के मामले में लड़कियां लड़कों की बराबरी कर रही हैं। लाखों बच्चों को अब स्वच्छ पेय जल और नियमित टीकाकरण के चलते जरूरी दवाईयां भी उपलब्ध हैं।

दूसरी ओर, किशोरों को प्रभावित करने वाले क्षेत्रों में थोड़ा ही फायदा देखने को मिला है। 70 मिलियन ( 7 करोड़) किशोर स्कूलों से बाहर हैं। माध्यमिक शिक्षा के लिहाज से दुनिया भर में लड़कों के मुकाबले लड़कियां काफी पीछे हैं। शिक्षा के बिना किशोर अपनी जानकारी और कौशल नहीं बढ़ा सकते हैं, जिसके जरिए वे अपने जीवन के दूसरे दशक में शोषण, भेदभाव और हिंसा से बच सकते हैं। ब्राजील में उदाहरणस्वरूप, 1998 से 2008 के दौरान शिशु मृत्युदर में कमी लाकर एक साल से कम उम्र के 26 हजार बच्चों को बचाया गया। लेकिन इसी दौरान 15 से 19 साल के 81 हजार ब्राजीली किशोरों की हत्या हुई।

यूनिसेफ के कार्यकारी निदेशक एंथनी लेक के मुताबिक, “ किशोरावस्था आधारबिंदू है जहां से हम बचपन के मिले फायदों का लाभ उठा सकते हैं या फिर उन लाभों को गंवा सकते हैं। हमें किशोरावस्था में पहुंच रहे बच्चों खासकर किशोर लड़कियों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। शिक्षा में निवेश, स्वास्थ्य और अन्य मापदंडो पर निवेश कर हम उनके जीवन को बेहतर बना सकते हैं।”

किशोरावस्था जीवन का गंभीर औऱ महत्वपूर्ण दौर होता है। जीवन के दूसरे दशक में गरीबी और असमानता का बोध कुछ ज्यादा ही होता है। युवा लोग जो गरीब हैं या फिर हाशिए के लोग हैं, किशोरावस्था में वे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए होंगे। ऐसे लोगों का शोषण और अपमान भी ज्यादा होता है। लड़कियों को घरेलू मजदूरी और बाल विवाह का सामना करना होता है। विकासशील देशों में ( चीन को छोड़कर) किसी गरीब परिवार की लड़की की 18 साल की उम्र से पहले शादी होने की संभावना किसी अमीर परिवार की लड़की से तीन गुना ज्यादा होती है। जिन लड़कियों की कम उम्र में शादी हो जाती है, उन्हें कम उम्र में ही बच्चे को जन्म देना होता है। जिससे मातृ मृत्यु दर के बढ़ने के अलावा बच्चे के कुपोषित होने की आशंका बनी रहती हैं। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को घरेलू और यौन हिंसा का ज्यादा सामना करना होता है, जिसके चलते उन्हें एचआईवी संक्रमण की आशंका भी ज्यादा होती है।

किशोरों की बड़ी आबादी(88 प्रतिशत) विकासशील देशों में रहती है। उनमें कई को काफी चुनौती का सामना करना पड़ता है। अतीत के मुकाबले आज के किशोर कहीं ज्यादा स्वस्थ हैं। लेकिन स्वास्थ्य संबंधी ख़तरा मसलन, दुर्घटना का शिकार होना, खाने-पीने में गड़बड़ियां, मादक पदार्थों का सेवन और मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी मौजूद हैं। आकलन के मुताबिक प्रत्येक पांच में से एक किशोर मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहारगत समस्याओं की चपेट में है।

2009 में 81 मिलियन (8.1 करोड़) युवाओं को नौकरी से निकाला गया। युवाओं में बेरोजगारी हर देश देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। तेजी से बढ़ते तकनीकी श्रम बाज़ार में जिस कुशलता की ज़रूरत है, वह ज्यादातर युवाओं के पास नहीं है। इससे युवा प्रतिभा का नुकसान तो होता ही है, साथ ही उस समुदाय के लिए भी अवसर खत्म होते जिसमें वे रहते हैं। दुनिया के कई देशों में किशोरों की आबादी को जनसांख्यिकी तौर पर बेहतर संसाधन माना जा सकता है, लेकिन इसे नजरअंदाज कर दिया जाता है। किशोरों की शिक्षा औऱ प्रशिक्षण पर निवेश करके कोई भी देश अपने यहां बड़ा मानव संसाधन तैयार कर सकता है जिससे देश की आर्थिक विकास दर बढ़ेगी।

किशोरों को आज और आने वाले कल में कई वैश्विक चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा। इनमें मौजूदा वक्त में दुनिया का अनिश्चित आर्थिक दृष्टिकोण, पर्यावरण संकट, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण क्षरण, अंधाधुंध शहरीकरण और पलायन, समाज में बुजुर्ग लोगों की बढ़ती संख्या, स्वास्थ्य सुविधाओं पर बढ़ता खर्च, और तेजी से बढ़ते मानवजनित संकट शामिल हैं।

किशोर इन चुनौतियों का सामना बेहतर ढ़ंग से कर पाएं, इसके लिए निम्नांकित क्षेत्रों में निवेश जरूरी हैं-

•    किशोरों की स्थिति को समझने के लिए आंकड़ों का संग्रह को बेहतर बनाना होगा और उनके अधिकारों की आपूर्तिक करनी होगी।
•    उनकी शिक्षा और प्रशिक्षण पर निवेश करना होगा ताकि वे खुद को गरीबी से निकाल सकें औऱ देश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान दे सकें।
•    युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के मौके मुहैया कराने होंगे। उन्होंने अपनी राय जाहिर करने के लिए राष्ट्रीय युवा परिषद, युवा मंच, सामुदायिक सेवा पहल, ऑनलाइन सक्रियता और अन्य विकल्पों की तलाश करनी होगी।
•    किशोरों की अधिकारों की रक्षा के लिए कानून, नीतियों और कार्य़क्रमों का प्रचार किया जाना चाहिए। बुनियादी सेवाओं में आ रही अड़चनों को भी दूर करना होगा।
•    गरीबी औऱ असमानता के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए बाल संवेदनशील कार्यक्रमों को लागू करना होगा ताकि किशोरों को असमय ही व्यस्कता का भार नहीं उठाना पड़े।

लेक कहते हैं,“ दुनिया भर के लाखों लोगों को हमारे विस्तृत कार्ययोजना का इंतजार कर रहे हैं। हमें युवाओं को वह साधन मुहैया कराने होंगे जिससे वे जीवन को बेहतर बना सकें और आर्थिक तौर पर सक्षम नागरिक के तौर पर तैयार हो सकें। ताकि वे नागरिक जीवन के साथ साथ अपने समुदाय में सक्रिय योगदान कर सकें।”

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम के लिए चयनित

Posted on 25 February 2011 by admin

nutan1_r1_c1सामजिक कार्यकर्ता और नेशनल आरटीआई फोरम की कन्वेनर डॉ नूतन ठाकुर को अमेरकी सरकार के प्रतिष्ठित इंटरनेशनल विजिटर लीडरशिप प्रोग्राम के लिए चयनित किया गया है. यह अमेरिकी सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसमे लोक प्रशासन, एनजीओ प्रशासक, अकादमिक क्षेत्र तथा मीडिया कर्मियों को अमेरिका में अमेरिकी शासकीय व्यवस्था की पारदर्शिता से रू-ब-रू करने के लिए आमंत्रित किया जाता है. इसमें डॉ नूतन के अतिरिक्त भारत से दो अन्य लोगों, मानवाधिकार सम्बंधित अधिवक्ता अनुभा रस्तोगी और सामाजिक कार्यकर्ता प्रदीप आमंत्रित किये गए हैं. इन चयनित लोगों को यह बताया जाता है कि किस प्रकार शासन में पारदर्शिता लायी जाती है, कैसे इंटेग्रिटी और समरूपता स्थापित की जाती है और कैसे मीडिया और सिविल सोसायटी पारदर्शिता को प्रभावित करते हैं. इस वर्ष यह आइवीएलपी प्रोग्राम 02 अप्रैल से 23 अप्रैल 2011 के बीच प्रस्तावित है. इस दौरान ये लोग वाशिंगटन, न्यू योर्क, बोस्टन, मैनचेस्टर, डल्लास तथा मिआमि जायेंगे जहां वे अन्य लोगों के अलावा सीनेटरों, वरिष्ठ अधिकारियों, पत्रकारों आदि से मिलेंगे और अमेरिका की विभिन्न विषयों पर कार्यपद्धति के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

इस्पात मंत्री ने जगदीशपुर सेल इकाई (जेएसयू) की प्रगति की समीक्षा की

Posted on 30 January 2011 by admin

नई दिल्ली : श्री बेनी प्रसाद वर्मा, इस्पात मंत्री, भारत सरकार ने इस्पात मंत्रालय और सेल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ लखनऊ में एक बैठक की और जगदीशपुर सेल इकाई  (उत्तर प्रदेश के जगदीशपुर में स्थित पूर्व मालविका स्टील) के जारी नवीनीकरण के कार्य की समीक्षा की। उन्होंने इस इकाई की स्थिति और प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और जल्द पूरा होने जा रहे माल गोदाम तथा गल्वनाइज्ड शीट कारूगेशन यूनिट के लिए सेल टीम की सराहना की। इस बैठक के दौरान संयुक्त सचिव (इस्पात मंत्रालय) श्री यू पी सिंह, सेल अध्यक्ष श्री चन्द्र शेखर वर्मा, राऊरकेला इस्पात संयंत्र के प्रबंध निदेशक श्री एस एन सिंह और कोबे स्टील के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

review-meeting(दायें से बाएँ), माननीय इस्पात मंत्री श्री बेनी प्रसाद वर्मा लखनऊ में समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुये। तस्वीर में सेल अध्यक्ष श्री चन्द्र शेखर वर्मा और राऊरकेला इस्पात संयंत्र के प्रबंध निदेशक श्री एसएन सिंह दिखायी पड़ रहे हैं।

सेल अध्यक्ष श्री चन्द्र शेखर वर्मा जेएसयू के लिए प्रस्तावित रणनीति को रेखांकित किया और कहा कि नवीनीकरण का कार्य अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुरूप चल रहा है तथा यह इकाई जल्द ही सफलतापूर्वक काम करना शुरू कर देगा।

उल्लेखनीय है कि सेल ने उत्तर प्रदेश के जगदीशपुर में स्थित पूर्व मालविका स्टील की सम्पत्तियों का वर्ष 2009 में अधिग्रहण किया, जो जून 2010 में सेल के नाम के साथ पंजीकृत हुआ। इस ढांचे के नवीनीकरण तथा इस क्षेत्र के लोगों की तैयार वैल्यू एडेड प्रोडक्ट की मांग को पूरा करने के लिए पहले फेज में मुख्य रूप से चार यूनिट प्रस्तावित किये गए थे। इनमें से दो इकाइयां, पहला 12000 टन प्रति वर्ष की क्षमता का एक माल गोदाम और दूसरा 13000 टन प्रति वर्ष की क्षमता का गल्वनाइज्ड शीट कारूगेशन यूनिट अंतिम चरण में हैं और शीघ्र ही चालू हो जाएगें। मौजूदा चरण के दो अन्य यूनिट, जिसमें पहला 150000 टन प्रति वर्ष का क्षमता का टीएमटी बार मिल और 10000 टन प्रति वर्ष की क्षमता का क्रैश बैरियर मैनुफैक्चरिंग यूनिट अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रगति पर हैं तथा नवंबर 2011 तक पूरे कर लिये  जाएगें। जीपी शीट्स, बिलेट्स और एचआर शीट्स के लिए इनपुट सेल के कार्य कर रहे सन्यत्रों से प्राप्त किया जाएगें । तैयार उत्पाद की सड़क मार्ग के जरिये आपूर्ति की जाएगी। फेस-2 के लिए जापान के मेसर्स कोबे स्टील के साथ विचार विमर्श चल रहा है। इस बातचीत के लिए एक संयुक्त टास्क फोर्स टीम का गठन किया गया है, जो मार्च 2011 तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। 1000 मेगावाट गैस आधारित पॉवर संयंत्र और डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन मेकिंग (गैस आधारित) तथा इलेक्ट्रिक आर्क फर्नेस जैसी तकनीकों पर आधारित इस्पात उत्पादन और वैल्यू एडेड प्रोडक्ट के निष्पादन की योजना पर विचार किया जा रहा है। सेल जगदीशपुर में और उसके आसपास अनेकों निगमित सामाजिक दायित्व कार्यक्रमों को कार्यान्वित कर रहा है। परिसर के अंदर स्थित स्कूल में खेल के मैदान के साथ साथ  मूलभूत सुविधाओं का भी विकास किया जा रहा है। स्कूल में 210 विद्यार्थियों के नाम दर्ज कराये गए हैं और वे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। पास के स्कूल और गांवों में नियमित रूप से स्वास्थ्य शिवरों का आयोजन किया जाता है और जरूरी दवाइयाँ बांटी जाती हैं। एक डॉक्टर और दो फार्मासिस्ट के साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य  केंद्र चलाया जा रहा है। इसके साथ ही एक एंबुलेंस भी संचालित की जा रही है। स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन अनेक मरीजों का निरीक्षण और निशुल्क: उपचार किया जाता है।

उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास के लिए सेल बाराबंकी/गोंडा में एक स्टील प्रोसेसिंग यूनिट की संभावना की जांच कर रहा है।


Vikas Sharma
Editor
www.upnewslive.com , www.bundelkhandlive.com ,
E-mail : vikasupnews@gmail.com  , editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

आईआईएफएल ने में इन्वेस्टर मीट का आयोजन किया

Posted on 08 January 2011 by admin

रुद्रपुर । आईआईएफएल (इण्डिया इन्फोलाइन लिमिटेड) जो कि सभी प्रकार की वित्तीय सेवाओं की प्रदाता अग्रणी कंपनी है, ने प्रतिभूति शेयर बाजारों में परिलक्षित नवीन ऊर्जा के परिदृश्य में भारतीय शेयर बाजारों के लिए भावी संभावनाओं और निवेश के मूलभूत तथ्यों को लेकर निवेशकों के नज़रिए पर बात करने के लिए रुद्रपुर में एक निवेशक सम्मेलन (इन्वेस्टर मीट) का आयोजन किया। आईआईएफएल, देश मेें वित्तीय सेवायें प्रदान करने वाली एक अग्रणी कंपनी है और 450 से अधिक शहरों में 2,700 से अधिक कारोबारी लोकेशनों के नेटवर्क के माध्यम से ऑनलाइन ब्रोकिंग क्षेत्र में एक प्रमुख कंपनी है। रुद्रपुर के रिटेल निवेशकों ने इस सम्मेलन में भाग लिया। 2 घंटों से भी अधिक समय तक, आईआईएफएल के विशेषज्ञ सुभाश चन्द्र अग्रवाल, सी.ए. ने पूंजी बाजारों, जोखिम और प्रतिफल, निवेश माध्यमों, अन्य परिसम्पत्ति वर्गों की तुलना में प्रतिभूतियों के प्रतिफल, व्यापार विकल्प, ईटीएफ आदि पर बात की जबकी आईआईएफएल के प्रवक्ता ने भारतीय शेयर बाजारों पर आधारित एक बातचीत सत्र में निवेशकों के प्रश्नों के उत्तर दिए। मीडिया से बात करते हुए,  स्ंादीप अरोरा ए एवीपीए आईआईएफएल ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि, उत्तरांचल की जनता सामान्य और रुद्रपुर की विशेश रूप से शेयर बाजारोें में निवेश को लेकर बेहद जागरूक और बाजार की गहन जानकारियों से युक्त है। उत्तरांचल के लिए हमारी विशेष योजनाएं हैं और पूरे उत्तरांचल राज्य में रिटेल निवेशकों की जरूरत के अनुसार अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए हमने अपने नेटवर्क का विस्तार किया है।´ श्री अरोरा ने आगे कहा कि, `भारतीय विकास की गाथा, वित्तीय वर्ष 2011 की दूसरी तिमाही में बेहतरीन जीडीपी संवृद्धि के साथ अभी भी बेहद सुसंगठित है। हालांकि वैश्विक मसलों और हाल के घरेलू घोटालों के कारण शेयर बाजार, लघु अवधि में अस्थिर रह सकते हैं, लेकिन लम्बी अवधि में इनमें स्वस्थ बढ़ोत्तरी की हमें पूरी उम्मीद है।´

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

अमर उजाला के निदेशक अतुल माहेश्‍वरी का आज निधन

Posted on 03 January 2011 by admin

अमर उजाला के निदेशक अतुल माहेश्‍वरी का आज निधन हो गया. बीमारी के चलते गुड़गांव के फोर्टिस अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था. जहां हालत ज्‍यादा बिगड़ गई. डाक्‍टरों के अथक प्रयास के बाद भी उन्‍हें बचाया नहीं जा सका. उनके निधन से पूरे मीडिया जगत में कोहराम मचा हुआ है. किसी को विश्‍वास नहीं हो रहा है कि अतुल माहेश्‍वरी अब उनके बीच नहीं रहे.

जानकारी के अनुसार अतुल को एक साल पहले पेट में तकलीफ हुई थी. इन्‍होंने इसकी जांच  फोर्टिस में कराई. कई जांच के बाद डाक्‍टरों ने पाया कि इनकी आंत में परेशानी हैं.  इस बीमारी  को दूर करने के लिए डाक्‍टरों ने पहले तो दवा दी, लेकिन जब इसमें सुधार नहीं दिखा तो  अतुल को  ऑपरेशन  कराने की की सलाह दी गई. जांच में डाक्‍टरों ने पाया कि इन्‍हें इंटेस्‍टाइन है.

फोर्टिज के डॉक्‍टरों ने एक साल पहले अतुल के  इंटेस्‍टाइन का ऑपरेशन किया था.  ऑपरेशन सफल रहा. कई दिन अस्‍पताल में डॉक्‍टरों ने इन्‍हें अपने सुपरविजन में रखा.  पूरी तरह आराम मिलने के बाद इन्‍हें डिसचार्ज कर दिया गया था. इसके बाद इनकी तकलीफ काफी कम हो गई थी. इधर कुछ दिनों से अतुल की परेशानी फिर बढ़ गई.

जांच के बाद डॉक्‍टरों ने उन्‍हें अस्‍पताल में भर्ती होने की सलाह दी. लगभग एह सप्‍ताह पूर्व अतुल फिर गुडगांव के फोर्टिज में भर्ती हो गए. वहां इनका इलाज चल रहा है. बताया जा रहा है कि जांच में पाया गया कि आंत का घाव अभी पूरी तरह से सूखा नहीं है. कल उनकी तबीयत अचानक काफी बिगड़ गई.

बताया जा रहा है कि इसके बाद वे कोमा में चले गए थे तथा हालत काफी गंभीर हो गई थी.  डाक्‍टरों ने उन्‍हें बचाने का हरसंभव प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी. दोपहर में उनका निधन हो गया. कहा जा रहा है कि इंटेस्‍टाइन के अलावा उनके आंत में कैंसर  भी फैल गया था. हालांकि अभी यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है कि उनका निधन आंत के घाव के चलते हुआ अथवा कैंसर से अथवा किसी और वजह से हुआ है.

अतुल माहेश्‍वरी के निधन का समाचार सुनते ही उनके शुभचिंतकों तथा अमर उजाला परिवार में शोक व्‍याप्‍त हो गया है. सहसा कोई विश्‍वास करने को तैयार नहीं था कि अतुल अग्रवाल अब उनके बीच नहीं रहे. उनके निधन पर पत्रकार, बुद्धिजीवी, राजनेता सहित काफी लोगों ने दुख जताया है तथा उनके परिवार के प्रति संवेदना व्‍य‍क्‍त की है.



Vikas Sharma
Editor
www.upnewslive.com , www.bundelkhandlive.com ,
E-mail : vikasupnews@gmail.com , editor@bundelkhandlive.com
Ph-09415060119

Comments (0)

चौथे वल्र्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो का आयोजन बैंगलोर में

Posted on 13 December 2010 by admin

पूरक एवं वैकल्पिक उपचार हेतु विश्व का सबसे बड़ा आयोजन

चौथे वल्र्ड आयुर्वेद कांग्रेस (डब्ल्यूएसी) एवं आरोग्य एक्सपो का उद्घाटन आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर गुरूजी और कर्नाटक के माननीय मुख्यमन्त्री श्री बी.एस. येद्यूरप्पा द्वारा किया गया। इस भव्य कार्यक्रम की शुरूआत बेंगलूरू में शुरू हुआ है।

pic-1इस कार्यक्रम का आयोजन विजन भारती द्वारा आयुष विभाग, भारत सरकार और कर्नाटक सरकार के सहयोग से किया गया है। इस सम्मेलन में देश और विदेश के लगभग 500,000 आगन्तुकों और 4,000 प्रतिनिधियों के शामिल होने की संभावना है। प्रथम वल्र्ड आयुर्वेद कांग्रेस का आयोजन नवंबर, 2002 में कोची में, इसके द्वितीय संस्करण का आयोजन नवंबर, 2006 में पुणे में और तृतीय संस्करण का आयोजन दिसम्बर 2008 में जयपुर में किया गया था।

सम्मेलन पूर्व इन कार्यशालाओं के विषय हैं: उत्पादन की उचित प्रणालियां (जीएमपी), आहार पूरक एवं स्वास्थ्य शिक्षा अधिनियम के अन्तर्गत आहार पूरकों का विनियमन (डीएसएचईए), पंचकर्म पर कार्यशाला, भारतीय शैली की औषधियों के लिये शोध केन्द्र (सीआरआईएसएम): आयुष विभाग एवं प्राकृतिक उत्पाद शोध हेतु राष्ट्रीय केन्द्र (एनसीएनपीआर)- भारतीय शैली की औषधियां, मानसिक स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद, अग्नि कर्म एवं क्षार कर्म और वैज्ञानिक लेखन। कार्यक्रम के दौरान इन कार्यशालाओं/सत्रों का निर्धारण किया गया है: अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा- एक चिकित्सा पद्धति के रूप में आयुर्वेद की वैश्विक पहचान( संरक्षण, संवर्धन और स्थाई संग्रहण पर अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार, दुर्लभ और विलुप्ति के कगार पर खड़े औषधीय पौधों को प्राथमिकता देते हुए इनका परिमार्जन और विपणन, फार्मेक्ससिल: पारंपरिक/आयुर्वेदिक औषधियों के अन्तर्राष्ट्रीय क्रेताओं और विक्रेताओं की गोष्ठी, गुरू शिष्य गोष्ठी, पारंपरिक उपचारकर्ताओं की सभा और प्रदर्शन, प्रमुख एलोपैथिक एवं आयुर्वेदिक चिकित्सकों की पारस्परिक चर्चा, तदविद्या संभाषा, यूनानी दवाओं का परिचय, आयुर्वेद प्रोटोकॉल और आयुष इंफॉर्मेटिक्स, आदि।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

मोदी नैचुरल्स ने `तराई सन-लाइट एडवांस्ड´ रिफाइण्ड सनफ्लावर ऑयल लॉन्च किया

Posted on 02 December 2010 by admin

नई दिल्ली,  नवंबर, 2010: खाद्य तेलों की उत्पादक एवं वितरक कंपनी मोदी नैचुरल्स लिमिटेड ने `तराई सन-लाइट एडवांस्ड´ रिफाइण्ड सनफ्लावर ऑयल के लॉन्च की घोषणा की है। `तराई सन-लाइट एडवांस्ड´ के लॉन्च के साथ कंपनी का लक्ष्य अपने ग्राहकों को स्वस्थ उत्पाद प्रदान करना है। इस तेल में विटामिन `ई` और `के` की प्रचुर मात्रा है तथा सन्तृप्त वसा की मात्रा बहुत कम है।

इस तेल को अधिक शुद्ध करने के लिये कंपनी आधुनिक यूरोपियन तकनीक का प्रयोग कर रही है, जो कि इस तेल को अत्यधिक हल्का बना देती है। इससे तले हुए भोजन में तेल की मात्रा बहुत कम होती है। सनफ्लावर ऑयल में स्वास्थ्य के लिये लाभप्रद गुण होते हैं, जैसे कोलेस्ट्रॉल का सन्तुलन और त्वचा की सुरक्षा। इसकी ख्याति विश्वभर के खाद्य उत्पादकों के बीच है। इस तेल का स्वाद हल्का है और इससे बनाया गया भोजन लंबे समय तक ताजा रहता है। `तराई सन-लाइट एडवांस्ड´ का दाम वाजिब है और यह 85 रूपये के मूल्य पर एक लीटर के पाउच में उपलब्ध है। इसके 15 लीटर वाले जार का मूल्य 1200 रूपये है।
मोदी नैचुरल्स लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अक्षय मोदी ने कहा कि, “तराई सन-लाइट एडवांस्ड खाद्य तेलों की प्रथम श्रेणी का अग्रणी ब्राण्ड है। अपने लॉन्च के दौरान `तराई सन-लाइट एडवांस्ड´ प्रमुख एवं मध्यम दर्जे की रिटेल दुकानों पर उपलब्ध होगा, इस प्रकार से यह अधिक से अधिक उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा। इस तेल में स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने वाले लोगों के लिये सर्वश्रेष्ठ अवयव हैं और हम अपने ग्राहकों को यह विश्वास दिलाते हैं कि हम उन्हें शुद्धतम एवं स्वाष्टितम सनफ्लावर ऑयल प्रदान करेंगे।´´
कंपनी ने `तराई सन-लाइट एडवांस्ड´ को ब्राण्डेड खाद्य तेलों की श्रेणी में लॉन्च किया है। यह श्रेणी 25 से 30 प्रतिशत प्रतिवर्ष की वृद्धि दर से भारतीय एफएमसीजी उद्योग की सबसे तेजी से बढ़ती श्रेणियों में से एक के रूप में उभर रही है। मोदी नैचुरल्स भारतीय ग्राहकों के लिये स्वास्थ्यप्रद एवं तन्दुरूस्ती प्रदान करने वाले उत्पादों की आपूर्ति करेगा।

मोदी नैचुरल्स लिमिटेड के विषय में
वर्ष 1974 में मोदी समूह के दूरदशीZ उद्यमी श्री डी.डी. मोदी द्वारा संस्थापित मोदी नैचुरल्स आज तेजी से बढ़ती कंपनी के रूप में उभरी है। यह यात्रा वर्ष 1974 में एक ऑयल मिल से शुरू हुई थी, जिसके बाद वर्ष 1979 में पंजाब में चावल की भूसी का तेल बनाने के लिये एक संयन्त्र की स्थापना की गई। वर्ष 1985 में इस कंपनी को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया। आज इस कंपनी के पास प्रतिदिन 100,000 लीटर तेल शोधित करने की क्षमता है और पैक खाद्य तेल के अपने नये ब्राण्ड के लॉन्च के साथ मोदी नैचुरल्स एक सुदृढ़ वितरण तन्त्र के जरिये उपभोक्ता श्रेणी के अन्य प्रमुख ब्राण्ड भी लॉन्च करने में सक्षम है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Comments (0)

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in