Archive | सोनभद्र

Congress will fight for Rights of Tribals in Uttar Pradesh

Posted on 21 January 2012 by admin

Shri Gandhi said on Saturday that when efforts were being made to snatch away the land owned by tribals in Niamgiri in Orissa, the Congress went there and fought for them. He said that the Congress would fight for the rights of tribals in Uttar Pradesh too.

Addressing a rally in Sonebhadra on Saturday , he said that LATE Indira Gandhi fought for the rights of tribals and he would fight for the same till he achieved the goals. Shri Gandhi said that the tribals came to him and said that they wanted a law for themselves and we gave them the tribal law which is in force across the country.He asked the crowd to raise their hands if anyone of them had benefited from the law. When no one raised a hand, Shri Gandhi said, “See in this state, no one has benefited.” Targeting the BSP and BJP, h said that in 2004, when the Congress formed government, the party did not talk about India Shining. “If their leaders had come to tribal areas and met the tribal women, they would not have found that India was shining,” he said.

Shri Gandhi said that the first thing that the Congress did was to launch MNREGA because we came to you and understood your problems. You told us that employment was your major problem and if you could get employment in your village, it would be better. We made sure that if anyone wanted work, he would be given 100 days work in his village and be paid Rs 120 per day which added up to Rs 12,000 per year.
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Shri Gandhi further said that UP chief minister Mayawati had denounced the scheme and said that it will not benefit anyone while the BJP asked where the money for this would come from. Whenever we talk of schemes for the poor, they raise these questions but not when the benefit has to be given to the rich. We have shown them that there is money for the poor.

Talking about farmers, Shri Gandhi said that the Congress gave the loan waiver scheme worth Rs 60,000 crore for farmers but the opposition termed it as ‘natak.’ He said that he was shocked to find that leaders in UP had no vision and no thought for development — all they knew was to practice the politics of communalism and casteism. Earlier, while addressing a public rally in Bara in Allahabad, Shri Gandhi said that the Samajwadi Party had announced that it would distributed free laptops if voted to power. “But

who will believe this party that unleashes a reign of chaos and anarchy when it comes to power,” he said.

Shri Gandhi said that he would not rest until every farmer gets food to eat and until prosperity reaches his doorstep.

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आदिवासी बच्चों का कब्रगाह बना यूपी ,सोनभद्र में ५०० से ज्यादा मौतें -आवेश तिवारी

Posted on 04 December 2011 by admin

1अकाल मौत  से भी भयावह होता है अकेले पड़ जाना !देश की उर्जा राजधानी कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद  के आदिवासी -गिरिजन अकेले पड़ चुके हैं|पिछ्ले१५ दिनों के दौरान आदिवासी बहुल इस जनपद में अज्ञात बीमारी से 500 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है,वहीँ हजारों बच्चे अब भी जीवन -मौत से संघर्ष कर रहे हैं |शर्मनाक ये है कि मरने वाले शत -प्रतिशत बच्चे अनुसूचित जनजातियों के हैं |स्थिति की  गंभीरता का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि 402 ग्राम सभाओं वाले सोनभद्र की  अकेली तीन ग्रामसभाओं में लगभग  115 मौतें हुई हैं |मौत के सर्वाधिक मामले जनपद के चोपन विकास खंड से सामने आये हैं | त्रासदी ये है कि अकाल मौतों के इस रौंगटे खड़ा कर देने वाले अध्याय में कई -कई परिवारों में एक से ज्यादा बच्चों की मौत हुई है |शायद जिन्दा कौमें यकीन न करे गरीब माँ  -बाप  इलाज के लिए पैसे न होने की स्थिति में अपने स्वस्थ बच्चों को सेठ -साहूकारों के यहाँ गिरवी रख दे रहे हैंमौत के इन गंभीर मामलों को लेकर उत्तर प्रदेश में इस एक वक्त जब मैडम मायावती विधान सभा चुनावों की गुना गणित में लगी हैं और नौकरशाही जैसे -तैसे गुड गवर्नेंस का माहौल बनाने की कोशिशों में  |सोनभद्र का काला पानी कहे जाने वाले इन  इलाकों में बच्चों की मौत के इन मामलों पर किसी की भी निगाह नहीं पड़ी है ,सरकारी चिकित्सक दुर्गम कहे जाने वाले इन इलाकों में जाने से पह्ले गुरेज करते थे ,निजी चिकत्सकों के लिए आदिवासियों का इलाज हमेशा से घाटे का सौदा है ,ऐसे में आदिवासियों के पास दो ही विकल्प शेष बचे हैं या तो वो अपने बच्चों का इलाज झोला झाप डाक्टरों से कराएँ या फिर उन्हें ओझाओं के भरोसे छोड़ दे |बच्चों की मौत के इन मामलों में जब जिलाधिकारी सोनभद्र से बात की गयी तो उन्होंने स्थिति की गंभीरता स्वीकार करते हुए कहा कि हमने इस सम्बन्ध में प्रमुख सचिव को सूचना प्रेषित कर दी है ,हमारी प्राथमिकता है कि पह्ले इस बात का पता लगाया जाए कि इन अकाल मौतों की मुख्य वजह  क्या है |हालाँकि वो बार -बार ये दलील देते रहे कि अधिकारियों को प्रभावित इलाके में भेजा गया है ,और अतिरिक्त दवाओं की मांग की गयी है |जबकि जमीनी हकीकत ये है कि अधिकारी  संक्रमण के भय और सड़कों के अभाव में मौके पर अभी तक नहीं पहुंचे हैं |इस सम्बन्ध में जब कुछेक चिकित्सकों से बात की गयी तो उन्होंने नाम न छापने कि शर्त पर बताया कि जिस तरहसे ये मौतें हो रही हैं उन्हें देखकर इन्सेफेलाइटिस की संभावनाओं से इनकार  नहीं किया जा सकता |चिकित्सक फिलहाल बीमार बच्चों का इलाज फाल्सिफेरुम  मलेरिया की दवाओं से कर रहे हैं  ,गौरतलब है कि सोनभद्र देश के सर्वाधिक मलेरिया प्रभावित इलाकों में से एक है |

देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करते करते थक चूका उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जनपद या तो भ्रष्टाचार की वजह से सुर्ख़ियों में रहता है या फिर अकाल मौत की वजह से ,यहाँ अब तक अज्ञात बीमारियों से जानवरों की मौत होती थी इस बार मासूम बच्चों की बारी हैं ,गाँव के गाँव कब्रिस्तान में तब्दिल हो रहे हैं सोनभद्र के जुगैल ग्राम सभा के भीतरी गाँव के पप्पू के पास फिलहाल अपने मृत  बच्चे के अंतिम संस्कार के लिए  भी पैसे नहीं है उसका  ४ साल का बच्चा दो दिन पहले अचानक बीमार पड़ा और गाँव के अन्य १२ बच्चों की तरह उसने भी दम तोड़ दिया ,लगभग एक हजार की आबादी वाले इस गाँव में ज्यादातर आदिवासी  सीमांत कृषक है ,गरम पहाड़ वैसे भी सरकारी योजनाओं की तरह होते हैं जिनसे पेट नहीं भरा जा सकता ,इलाज कहाँ से हो ,गाँव के लोगों ने मनरेगा में काम किया लेकिन दो -दो साल की मजदूरी बाकी है ,ऐसे में इलाज के लिए आदिवासियों के पास महाजन से एक के दो सूद पर कर्ज लेने के अलावा कोई विकल्प शेष नहीं है |गाँव के तिवारी लाल बताते हैं कि हमारे  पास झोला छाप डाक्टरों से इलाज के अलावा कोई और रास्ता नहीं ,लगभग पांच किलोमीटर दूर पंचपेडिया में सामुदायिक स्वास्थय केंद्र  है ,लेकिन चिकित्सकों के अभाव में इस पर भी ताला लगा हुआ है ,इलाज की सुविधा जिस नजदीकी कस्बे ,ओबरा में मौजूद है वो तक़रीबन ३०  किलोमीटर दूर है ,लेकिन सुगम सड़क मार्ग न होने से रात तो क्या दिन में भी जाना वहाँ  असंभव है |श्यामलाल और पृथ्वीलाल ने तो अस्पताल ले जाते समय बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया  आदिवासियों के पास वाहन के रूप में खटिया और उसके चार पावे मौजूद हैं जिस पर लादकर बीमार को पहाड़ी रास्तों से ले जाना बेहद दुष्कर काम है |गाँव में एक दो झोला झाप डाक्टर मौजूद हैं वो अपने ज्ञान के अनुसार यथासंभव इलाज करते हैं |भीतरी के ही रामानुग्रह का बच्चा जब बीमार पड़ा तो उसने उसे टेक्सिम का इंजेक्शन लगा दिया और बच्चे की जान बच गयी |

dscn9877भीतरी से आठ किलोमीटर दूर घनघोर जंगल के बीचो-बीच बसे मुर्गीडांड गाँव में मरघट सा सन्नाटा पसरा हुआ है जिसे या तो रह-रह कर आने वाली महिलाओं की चीत्कार खंडित करती है ,या फिर थके हारे चक्की की आवाज ,लगभग १०० परिवारों वाले इस गाँव में महज दो दिनों के भीतर १२ मौतें हुई हैं |गाँव में घुसते ही राज्य के परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री महामाया सचल  स्वास्थ्य परियोजना  की वैन  मिलती है | वैन में बैठे डाक्टर बताते हैं कि मलेरिया की दवा उपलब्ध नहीं है ,न ही  खून जांच के लिए बुनियादी सुविधाएँ |गाँव में घुसते ही पहला घर शिवकुमार   का है जिसके बच्चे की तीन दिनों पहले मौत हुई है ,शिवकुमार  का २ साल का दूसरा बेटा भी बीमार है शिवकुमार की पत्नी  कहती है हमारे पास न तो इलाज के पैसे हैं न तो सरकारी अस्पताल तक जाने की शरीर में  हिम्मत ,क्या करें ?मुर्गीडांड की ही रामरती जिसका पति दिल्ली में मजदूरी करता है के पांच बच्चों में से एक की मौत दो दिन पहले हो गयी ,घर चलाने के लिए न तो खेती| किसानी है और न ही और कोई जुगाड |रामरती ने मनरेगा में काम किया था लेकिन दो साल बीतने के बाद भी मजदूरी नहीं मिली ,गाँव वाले बताते हैं कि पूर्व प्रधान रामेश्वर ने मनरेगा के पैसे से मंदिर बनवा दिया |गाँव वाले बताते हैं कि पिछले १५ सालों से गाँव में दवा का छिडकाव नहीं हुआ है ,दवाई के लिए झोला छाप डाक्टर हैं जो ट्रेक्टर की मरम्मत का भी काम करते हैं या फिर ओझा जो गरीब आदिवासियों को तब तक चूसते हैं जब तक दम न निकल जाए |बच्चों के मौत से जुडी एक त्रासदी ये भी है कि आदिवासी समाज मौत के बाद के क्रिया -क्रमों को बेहद अनिवार्य मानता है |अब गरीब आदिवासी भोज -भात कराने के लिए कर्ज न ले या फिर अपनी छोटी जोत की खेती न बेचे तो क्या करे ?

म्योरपुर की कुल्डोमरी ग्राम पंचायत अब से कुछ समय -पहले एक अमेरिकी कंपनी द्वारा बिजली घर लगाएं जाने के कयासों के बाद चर्चा में आई थी ,बिजलीघर तो नहीं बना ,हाँ गाँव के आस -पास बच्चों के नए कब्रगाह जरुर बन गए हैं \यहाँ के हरिपुर गाँव में चहरों और मातम का माहौल है ,पिछले एक माह के दौरान यहाँ १७ से ज्यादा मौते हुई हैं |यहाँ के मेडरदह टोले में घर -घर मातम का माहौल है |यहाँ पर अज्ञात बीमारी ने बच्चों के साथ -साथ बड़ों को भी अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया है ,गाँव के तमाम लोगों में हिमोग्लोबिन का स्तर अचानक तेजी से घटा है |गाँव वाले बताते है कि हमारे पस घरेलु इलाज के अलावा कोई विकाप्ल्प नहीं है ,अगर हम ओबरा पहुँच भी जाते हैं तो वाहन पर बिजलीघर का  अस्पताल भर्ती का ५०० रूपए और जांच का एक हजार रूपए मांगता है ,दवाई का खर्च अलग से |गरीब आदमी कहाँ से पैसे लाये |गाँव के शंकर बैगा बताते है कि मौत के भय से ज्यादातर ग्रामीणों ने पलायन शुरू कर दिया है लोग पानी खेती किसानी और अपने जानवरों को औने पीने दाम में बेंचकर जा रहे हैं ,न जाने किसकी नजर लग गयी गाँव को |

मौत के इन दिल दहला देने वाले मामलों में स्वयंसेवी स्तर पर भी किसी प्रकार की पहल नहीं की जा रही |जहाँ पर अधिकारी और एनजीओज पूरी तरह से संवेदनहीन साबित हुए हैं वहीँ ग्रामीणों की आपसी मददगारी से कुछ आशा बंधी है |रेणुका के प्रदुषण को लेकर ग्रामीण युवाओं द्वारा बांये गए “रेणुका बचाओ संघर्ष समिति ” के अध्यक्ष विश्वनाथ पांडे कहते है हम लोग जितना संभव हो सकता हैं कर रहे हैं कुछ लोगों को हमने आपस में पैसा इकठ्ठा कर अस्पतालों में भर्ती कराया है लेकिन ये नाकाफी है |पांडे कहते हैं “जब तक चिक्तिसक गाँवों में नहीं जायेंगे और ग्रामीणों तक दवाएं नहीं पहुंचेगी ,तब तक मौत के ये मामले रुकेंगे  कहना कठिन है |वो मांग करते हैं कि इन अकाल मौतों की वजह सीधे तौर पर जिला प्रशासन है ,दोषी अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए |निजी चिकित्सक डॉ गुप्ता कहते हैं कि अगर हम माने लें कि इन बच्चों को फाल्सिफेरम मलेरिया है तो भी एक बच्चे के इलाज और दवाओं में ४ से ५ हजार रूपए का खर्च आता है ,सोनभद्र के आदिवासी इतना पैसा कहाँ से पायेंगे ?फिलहाल राज्य सरकार मौत के इन आकडों पर चुप्पी साधे बैठी है ,राहुल गांधी भी पूर्वांचल आते हैं तो सोनभद्र नहीं आते ,मुख्यमन्त्री मायावती कभी आती हैं तो हेलीकाप्टर से ही आती है |आम आदिवासियों के नसीब में न तो जमीन है और न ही आस्मां ,सिर्फ मौत बदी है |

कुलडोमरी और जुगैल ग्रामसभा में मृतक बच्चों की सूची

छोटू                    8 माह                         अवध लाल                            जुगैल
गाड़िया                २ वर्ष                           अमर नाथ                             खोसी
विमलौती             १० वर्ष                          हरी प्रसाद                             पदीडाड
नगरा                  ८ वर्ष                            देवी चंद                               कडिया
गोलू                   ३ १/२  वर्ष                      देवी चंद                               कडिया
छोटू लाल             ५ वर्ष                            ह्रदय                                   कडिया
माया                   १ महिना                        शंकर                                   कडिया
टोली                   ५ वर्ष                             नारद                                   काशपानी
फूलमती               ५ वर्ष                            जगदीश                                काशपानी
अमर कुमार          २ वर्ष                            जगदीश                                काशपानी
राधे                     ५ वर्ष                            रामप्रीत                                काशपानी
फूल कुमार            ५ वर्ष                            छत्तर धारी                           काशपानी
अन्नू                   ४ माह                           संत कुमार                             जुगैना
सुदेवी                  ६ वर्ष                             राम सूरत                              करवनिथा
रजनी                 १० वर्ष                            सूरज                                    कडिया
फूल सिंह             ७ वर्ष                              राम नरेश                              चाडम
अतवरिया            ९ वर्ष                              ईश्वर                                    चाडम
अशोक वैगा         १ १/२ वर्ष                       अमृत लाल वैगा                      चाडम
दरोगा                ६ वर्ष                             हिंद लाल                               भितरी जुगैल
राम सुन्दर          ६ वर्ष                             रामबली                                भितरी जुगैल
विलिता               ६ वर्ष                            लल्लू                                    भितरी जुगैल
लड़का                ५ वर्ष                            सोबरन                                 भितरी जुगैल
लड़की                १ वर्ष                            कमलेश                                भितरी जुगैल
लड़का                ७ वर्ष                            पन्ना लाल                             भितरी जुगैल
लड़का                ५ वर्ष                            रामलाल                                भितरी जुगैल
लड़की                २ माह                           संतलाल                               भितरी जुगैल
लाती                  २ १/२ वर्ष                       लालजी                                 भितरी जुगैल
सावित्री                ६ माह                         राम सुभग                             भितरी जुगैल
फूल सिंह              ५ वर्ष                          राम नरेश                               भितरी जुगैल
टिक्कू                  १ वर्ष                          कैलाश                                   खोखरी डाड़
गीता                    ७ वर्ष                         सुग्रीव                                    जुगैल खोखरी
बल्लू                     २ वर्ष                        सुग्रीव यादव                            खोखरी डाड़
पुत्र                       २ दिन                       सूर्य बलि                                  मुर्गी डाड़
कलावती                ३ वर्ष                        शिव कुमार                               मुर्गी डाड़
सजवंती                 ४ वर्ष                        गीरज कुमार                             मुर्गी डाड़
संगीता                   ३ वर्ष                       बुधराम                                    मुर्गी डाड़
लड़का                    ५ वर्ष                       सीताराम                                  मुर्गी डाड़
लड़की                     १ १/२ वर्ष                रामजीत                                   घर हवहिया जुगैल
लड़की                     ३ वर्ष                     वाल गोबिंद                                कुराहनिया
सुनीता                     ७ वर्ष                    सुखरीभर                                  ठोघी
रिंकू                         ५ वर्ष                    राम निघरी                                 ठोघी
लड़का                      ५ वर्ष                    चेतू                                           रास्ते में
लड़का                      ३ माह                   पप्पू                                          भीतरी
भागीरथी                  6 वर्ष                    पप्पू                                          भीतरी
राहित                      ४ वर्ष                    रामलाल                                    भीतरी
विन्दु                       ६ वर्ष                    पृथ्वी लाल                                  भीतरी
पुत्री                         ८ वर्ष                    परसोतन गोंड                               हरिपुर
पुत्री                         ३ वर्ष                    छोटेलाल                                     हरिपुर
पुत्री                         ६ वर्ष                    राजकुमार गोंड                             हरिपुर
पुत्री                         १२ वर्ष                  बैजनाथ                                       हरिपुर
पुत्री                         ७ वर्ष                   राम चरण खरवार                         हरिपुर
पुत्री                         २ वर्ष                   जगत गोंड                                   हरिपुर
नाती                        ५ वर्ष                  गुलाब सिंह                                   हरिपुर
पुत्र                           १२ वर्ष                गुलाब सिंह                                   हरिपुर
पुत्र                           १ वर्ष                  जगत नारायण  सिंह गोंड                हरिपुर
पुत्र                           २० वर्ष                सुखलाल गोंड                               हरिपुर
पुत्री                          ५ वर्ष                  कुंज लाल खरवार                          हरिपुर
पुत्र                           ५ वर्ष                  ईश्वर सिंह गोंड                             हरिपुर

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उत्तर प्रदेश अ©र वैश्विक आय¨डीन न्यूनता दिवस

Posted on 21 October 2011 by admin

छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश क¢ स¨नभद्र जिले में सुदूरवर्ती गाँव बचरा अ©र वर हैं। अन्य बहुत से गाँव¨ं की तरह बचरा अ©र वर गाँव¨ं में ी आय¨डीनरहित पारम्परिक दर्रा नमक का इस्तेमाल ह¨ता था। बीते फरवरी 2011 में आय¨जित ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति की बैठक में इन गाँव¨ं क¢ ल¨ग¨ं ने मिलकर निर्णय लिया कि वे अपने गाँव¨ं में आय¨डीनरहित नमक का प्रय¨ग बंद कर देंगे।
आज यह स्थिति है कि गाँव की किसी ी दुकान पर आय¨डीनरहित नमक नहीं बिकता है अ©र इसका परिणाम यह हुआ कि इस गाँव क¢ 60 प्रतिशत से ज्यादा ल¨ग आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग कर रह¢ हैं।
यही कहानी बहराइच क¢ संरक्षित वन्य जीवन क¢ लिए आरक्षित गाँव नयी बस्ती की है। यहाँ क¢ ग्रामीण¨ं ने ी अपने बच्च¨ं क¢ बेहतर विष्य क¢ लिए सिर्फ आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग करने का निर्णय लिया है।
आय¨डीनयुक्त नमक क¢ प्रति जागरूकता में तेजी क¢ लिए 21 अक्टूबर 2011 क¨ वैश्विक आय¨डीन न्यूनता दिवस विश्व र में उत्सव क¢ रूप में मनाया जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य संस्थान, उ.प्र. की अपर निदेषक डाइरेक्टर डा. प्रभा श्रीवास्तव कहती हैं कि आय¨डीन एक आवश्यक प©ष्टिक तत्व है अ©र शरीर की वृद्धि अ©र विकास क¢ लिए बहुत कम परन्तु एक निश्चित मात्रा में रोजाना आय¨डीन की आवश्यकता ह¨ती है। उनका कहना है कि आय¨डीन की कमी से शरीर में ऐसी विषमताएँ पैदा ह¨ सकती हैं कि जिन्ह¢ं ठीक नहीं किया जा सकता है, जैसे गर् में पलने क¢ द©रान शिशु क¢ मस्तिष्क में क्षति, उसक¢ आई क्यू क्षमता में कमी, मानसिक रूप से अक्षम, घ्¨ंघा(गर्दन में सूजन) अ©र विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ ह¨ना।
बच्च¨ं क¢ मस्तिष्क क¨ बचाने, आई क्यू क¢ स्तर क¨ कम ह¨ने से बचाने अ©र घ्¨ंघा से बचाने क¢ लिए खाने में आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग किया जाना आवश्यक है । लेकिन बहुत से परिवार आय¨डीन की सही मात्रा वाले नमक का प्रय¨ग नहीं कर रह¢ हैं। आय¨डीन की सही मात्रा क्या है, इस बारे में विश्¨षज्ञ¨ं का कहना है कि 15 पी.पी.एम.(पाट्र्स पर मिलियन) से ज्यादा मात्रा में आय¨डीनयुक्त नमक सही मात्रा वाला नमक है। इस प्रकार यह एक चुन©ती है कि बाजार में बिकने वाले नमक सही मात्रा वाले आय¨डीनयुक्त नमक की श्रेणी में आते हैं या नहीं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2005-06 क¢ आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ 36 फीसदी घर¨ं में सही मात्रा वाले आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग ह¨ता है, इसका अर्थ है कि प्रदेश में प्रतिवर्ष पैदा ह¨ने वाले 55 लाख बच्च¨ं में से सिर्फ 20 लाख मिलियन बच्चे ही आय¨डीन की कमी से बचे रहते हैं। कम मात्रा में आय¨डीन वाले नमक का प्रय¨ग ग्रामीण जनसंख्या विश्¨षकर गरीबी की स्थिति म्¨ं रहने वाले परिवार करते हैं, नतीजतन इनक¢ बच्च¨ं क¨ आय¨डीन की कमी से ह¨ने वाले र¨ग¨ं का खतरा ज्यादा रहता है। इसक¢ लिए तुरन्त कदम उठाने की आवश्यकता है। यूनीसेफ उ0 प्र0 आॅफिस की चीफ एडेल खुद्र का कहना है कि वैश्विक आय¨डीन न्यूनता दिवस हमें याद दिलाता है कि हम आय¨डीन की कमी वाले ल¨ग¨ं तक पहुँच कर उन्ह¢ं जागृत कर इस आवश्यक प©ष्टिक आहार क¢ बारे में बतायें। वह कहती हैं कि सभी घर¨ं तक उचित मात्रा वाले आय¨डीनयुक्त नमक की पहुँच अ©र उपलब्धता सुनिश्चित करनी ह¨गी, विश्¨षकर 110 लाख  परिवार¨ं के जहां द¨ वर्ष तक के आयु के बच्चे रहते हैं और जिनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए आय¨डीन सख्त आवश्यक है, ।
सही मात्रा वाले आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग जागरूकता का बड़ा पहलू है। इस क्ष्¨त्र में कार्य कर रह¢ गैर सरकारी संगठन ’’देहात’’ क¢ जितेन्द्र चतुर्वेदी कहते हैं कि सुदूरवर्ती गाँव¨ं में इस नमक की उपलब्धता एक चुन©ती है।
वैश्विक आय¨डीन न्यूनता दिवस पूरे विश्व में मनाया जा रहा है, इसक¢ जरिये यह याद करने की जरूरत है कि आय¨डीन की कमी सभी आयु वर्ग क¢ ल¨ग¨ं क¢ लिए खतरनाक है, इसका प्रतिदिन सेवन करना ह¨गा, यह पैगाम स्पष्ट है कि नमक में आय¨डीन की सही मात्रा आपक¢ अ©र आपक¢ परिवार क¢ जीवन में मजबूत ढाल साबित ह¨गी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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घोटालों की सरकार

Posted on 15 October 2011 by admin

100_9021भारतीय जनता पार्टी राश्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने केन्द्र की यूपीए सरकार को घोटालों की सरकार बताते हुए कहा कि यूपीए सरकार के मंत्रियों ने बड़े-बड़े घपले-घोटालों को अंजाम देकर देष की जनता का पैसा लूट लिया। उन्होने प्रदेष की बसपा सरकार पर निषाना साधते हुए कहा कि अपनी मूर्तियों एवं स्मारकों पर लाखों करोड़ों रू0 खर्च कर मुख्यमंत्री मायावती दलित उत्थान के नाम पर आडम्बर कर रही है। श्री गडकरी आज सोनभ्रद में आयोजित वनवासी जनजाति अनुसूचित जाति की रैली को संबोधित कर रहे थे। कांगे्रस और बसपा षासन ने सर्वाधिक नुकसान दलित आदिवासियों को पहुंचाया।
रैेली को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि भारतीय जनता पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकडी ने कहा कि यह रैली वनवासी, जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लोगो के अधिकार के लिये हो रही है। सोनभद्र में हजारो मेगा वाट बिजली पैदा करने के बाद भी सोनभद्र में लोगो को बिजली नही मिल पा रही है। इसके बारे में सरकार जबाब दे। सड़को की हालत अत्यन्त दैयनीय है। जिस पर चलना बहुत ही मुष्कील षिक्षा का स्तर निम्न है। इन सब समस्याओ के लिये कोई और नही बल्कि यहाॅ के लोग स्वयं जिम्मेदार है क्योकि यहाॅ के लोगो द्वारा अपने अधिकारो के लिये कोई सधर्श नही किया जाता रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा अमीरी का मानक गाॅव में 26 रू0 एवं षहरो मंे 32 रू0 निर्धारित किया जाना बहुत ही हास्यपद व गैर जिम्मेदारा पुर्ण है। ऐसा करके केन्द्र सरकार द्वारा गाॅव व षहर के गरीब लोगो का माखौल उडाया जा रहा है। क्रागेस का यह नारा कि क्रागेस आई नयी रोषनी लाई खोखला सावित हुआ है वर्तमान समय मे ं देष मंे चारो तरफ अधेरा ही अंधेरा विद्वमान है। उ0प्र0 के मुख्य मंत्री मायावती द्वारा अपना ही मुर्तिया बनाया जाना हास्यापद हैं क्योकि किसी भी व्यक्ति का जिन्दा रहते मुर्ति नही बनवायी जाती और नही उस पर माल्यापर्ण किया जाता। जब कि मायावती द्वारा स्वयं अपनी बनवायी गयी मुर्ति पर माल्यापर्ण  किया गया। उ0प्र0 मंे गरीबो की हालत अत्यन्त दयनीय बनी हुयी है। यदि मुर्तियो पर खर्च होने वाला पैसा उ0प्र0 में गरीबो लोगो के कल्याण के उपर खर्च हो तो गरीबो की दषा में निष्चित ही सुधार होगा। उ0प्र0 में किसानो के लिये ठोस योजनाये नही है। उनको समय से खाद, बीज, बीजली व पानी उपलब्ध नही है जिससे किसान अपनी उपज का सही पैदावार नही ले पा रहा है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा विकास की राजनिति की जाती है। राजग की बाजपई जी के सरकार के समय में गाॅव का विकास हुआ गाॅव के लिये प्रधान मंत्री सडक की योजना व अन्य योजनाये संचालित की गयी। जो अब ठप पडी हुयी है। वर्तमान केन्द्र सरकार घोटालो की सरकार है। रैली को सम्बोधित करते हुये प्रदेष के अध्यक्ष सुर्य प्रताप साही ने कहा कि वर्तमान समय मे उ0प्र0 विकास की दुश्टि से पिछडा हुआ है। तथा पिछड कर 17 वे नम्बर पर हो गया है। सपा व बसपा सरकार ने प्रदेष को लुटा व उसे फटे हाल बना दिया है सोनभद्र अभाव ग्रस्त जनपद है यहा पर अनेक प्रकार की समस्याए विद्वमान है बिजली, पानी, सडक, षिक्षा, चिकित्सा एवं रोजगार सभी के लिये यहा के लोग सघर्श करते रहे है। सोनभद्र में आदिवासी व जनजाति ठगा गया उसको मुल अधिकार से वंचित किया गया है। जनजातियों को पंचायत चुनाव लडने से वंचित करने का कार्य सपा व बसपा सरकारा द्वारा किया गया सर्वाधिका राजस्व देने के बावजूद यह जनपद का पिछडापन समझ से परे है भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेष मे सरकार बनने पर सोनभद्र वासियो को उनका अधिकार निष्चित मिलेगा।
100_9066श्री गडकरी ने कहा कि सच्चाई यह है कि केन्द्र सरकार के मंत्रीयो के वजह से ही वर्तमान केन्द्र सरकार का अस्त्तिव खतरे मे है। घोटाले के मामले मंे उ0प्र0 की मायावती सरकार भी केन्द्र सरकार से बहुत पिछे नही हेै। वर्तमान प्रदेष सरकार में भी अनके घोटाले किये गये प्रदेष सरकार द्वारा नोएडा में भूमि घोटाला व चीनी मिलो को कौडी के भाव व्रिकी आदि अनेक घोटाले किये गये सरकार द्वारा जाति वादी की राजनिति की जा रही है। मुलायम सरकार के गुण्डा राज से मुक्ति के लिये अस्त्तिव मे आयी माया सरकार द्वारा मुलायम के समय के गुण्डाराज के रिर्काड को पिछे छोड दिया गया है। प्रदेष के खनिज सम्पदाओ पर खनन माफियाओं एवं मंत्रीयों का अधिपत्य कायम है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा विकास व राश्टवाद की राजनिति की जाति हैं भाजपा सरकार बनने पर हम गाॅव की दषा सुधारगे युवाओं को रोजगार देगंे। गरीबो की गरीबी दुर करेगें तथा वनवासी व जनजाति लोगो को उनका अधिकार दिलाने का कार्य करेगें प्रदेष को सपा, बसपा ने वदहाल बना दिया है।
रैली को सम्बोधित करते हुये प्रदेष के अध्यक्ष सूर्य प्रताप षाही ने कहा कि वर्तमान समय मे उ0प्र0 विकास की दुश्टि से पिछडा हुआ है। तथा पिछड कर 17 वे नम्बर पर हो गया है। सपा व बसपा सरकार ने प्रदेष को लुटा व उसे फटे हाल बना दिया है सोनभद्र अभाव ग्रस्त जनपद है यहा पर अनेक प्रकार की समस्याए विद्वमान है बिजली, पानी, सडक, षिक्षा, चिकित्सा एवं रोजगार सभी के लिये यहा के लोग सघर्श करते रहे है। सोनभद्र में आदिवासी व जनजाति ठगा गया उसको मुल अधिकार से वंचित किया गया है। जनजातियों को पंचायत चुनाव लडने से वंचित करने का कार्य सपा व बसपा सरकारा द्वारा किया गया सर्वाधिका राजस्व देने के बावजूद यह जनपद का पिछडापन समझ से परे है भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेष मे सरकार बनने पर सोनभद्र वासियो को उनका अधिकार निष्चित मिलेगा।
राश्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र ने कहा कि वनवासी जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लोगो से उनका अधिकार छिना गया उन्हे चुनाव लडने से वचित किया जाना एवं जंगलो से सम्बन्धित समस्याए सपा व बसपा सरकार द्वारा जान बुझकर पैदा किया गया जंगल में वनवासी जनजाति के साथ अत्याचार किया जा रहा है।  उन पर अनेक तरह के फर्जी मुकदमे उन्हे परेषान करने की नियत से लादे जा रहे है जिससे वह परेषान व लाचर है। आवष्यकता है कि आदिवासीयो के नेता विरसा मुण्डा जी को आर्दष बनाकर वनवासियो द्वारा उनके अधिकारो के लिये सघर्श किया जाय। तभी वनवासी लोगो को उनका अधिकार मिल सकेगा।
100_9037पूर्व मुख्य मंत्री उमा भारती ने कहा कि आज हम सभी वनवासी, जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लोगो क अधिकार के लिये आये हुये है गरीबो वनवासियो एवं जनजातियों को उचित सम्मान देकर ही उनका अधिकार दिया जा सकता है। सोनभद्र के लोग भगवान षंकर के समान है जो अपने को कश्ट देने वाले को भी सुखी रहने व उनके मंगल की कामना करते है भारतीय जनता पार्टी उ0प्र0 द्वारा निकाली गयी जन स्वाभिमान यात्रा उ0प्र0 के लोगो को कुषासन व भश्टाचार से मुक्त करने के लिये निकाली गयी है। जिसमें कलराज मिश्र जी जामवन्त की भूमिका में है जो उ0प्र0 की विषाल जनता का नेतृत्व कर प्रदेष को कुषासन व भश्टाचार से मुक्त कराने का कार्य करेंगे । उ0प्र0 में सता परिर्वतन बहुत जरूरी हैै क्योकि सता परिर्वतन से ही व्यवस्था का परिवर्तन होगा तभी आदिवासी को जंगल पर धरती पर किसान का नदी व तालाब पर मछुआरो का तथा प्रदेष जिसका जो अधिकार है वह मिल पायेगा।
सभा को रामविचार नेताम, पंचायत मंत्री छतीसगढ, जगन्नाथ सिंह गौड श्रम मंत्री मध्य प्रदेष , रजना बघेल मंत्री छतीसगढ, रामनाथ कोबिद, देवी सिंह राज्य मंत्री लक्ष्मण आर्चाय, हरिश द्विवेद्वी, यज्ञनरायण कनौजिया, धर्मवीर तिवारी, रामषकल, जय प्रकाष चतुर्वेदी, गोविन्द यादव आदि ने सम्बोधित किया ।
रैली में सिद्वार्थ  नाथ सिंह, षिव प्रताप षुक्ला, स्वतन्त्र देव सिंह, केदार नाथ सिंह, महेन्द्र नाथ पाण्डेय, विजय बहादुर पाठक, देवेन्द्र सिंह चैहान, ओम प्रकाष श्रीवास्वत, राकेष द्विवेदी, संजय राय, करूणेष षर्मा,  उत्तर कुमार मौर्य, राणा प्रताप सिंह, सुजित सिंह टिका, राकेष सिंह अलगू, सोमेष, भुपेष चैबे, रमेष मिश्रा, रामलखन सिंह, माला चैबे, अरविन्द पाण्डेय, पंकज पटेल, सन्तोश पाण्डेय, कमलेष चैबे आदि प्रमुख रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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भाजपा की सत्ता में आने पर प्रदेश में अवैध रूप से वसूले जा रहे माया टैक्स पर रोक लगेगी

Posted on 15 October 2011 by admin

dsc_5492भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष कलराज मिश्र ने कहा कि भाजपा की सत्ता में आने पर प्रदेश में अवैध रूप से वसूले जा रहे माया टैक्स पर रोक लगेगी और इसके लिए जिम्मेदार लोगों  को जेल भेजा जयेगा चाहे वो कितना भी बड़ा व्यक्ति क्यों न हो। प्रदेश में बसपा सरकार की साख गिरी है। बसपा राज आम जन को सुरक्षा को दावा करने वाली पुलिस पिट रही है। श्री मिश्र आज जन स्वाभिमान यात्रा के तीसरे दिन जगह-जगह पर आयोजित स्वागत सभाओं को सम्बोधित कर रहे थे।
जन स्वाभिमान यात्रा के डाला, (सोनभद्र) पहुंचने पर उमड़े जन सैलाब से लबरेज श्री मिश्र ने कहा कि बसपा की पूरी सरकार भ्रष्ट है। हर दिन सरकार के एक नये मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में लोकायुक्त जांच में फंस रहे हैं। भाजपा पहले से ही कहती रही है कि पूरी सरकार भ्रष्टाचारियों का समूह है अब सरकार के मंत्रियों के काले कारनामों के घपले घोटालों के उजागर होने से भाजपा के आरोपों की पुष्टि हो रही है। उन्होंने कहा भ्रष्टाचार के कारण विकास प्रभावित हो रहा है निर्माण के ठेके बसपा नेताओं को दिये जा रहे हैं। जो धन आम जन के विकास में खर्च होना चाहिए था वह बसपा नेताओं की जेब में जा रहा है।
100_9037श्री मिश्र ने राज्य की जर्जर कानून व्यवस्था पर गहरी चिन्ता जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में गम्भीर अपराधों को रोक पाने में असफल रहीे बसपा सरकार के राज में पुलिस पिट रही है। उन्होंने कहा बसपा नेताओं के दबाव में पुलिस के कुछ आला अफसरों द्वारा काम करने के कारण आम जनता में पुलिस का इकबाल कम हुआ है। लोगों का भरोसा पुलिस के ऊपर से उठा है अब तो हालात यह हो गये हैं कि प्रदेश में अलग-अलग कारणों से कहीं पर भीड़ तो कहीं पर अपराधी खाकी पर हमलावर हो रहे हैं।
चोपन में जन स्वाभिमान यात्रा के स्वागत समारोह में भाजपा नेता ने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के धन की लूट मची है। उन्होंने एक निजी एजेन्सी के सर्वे रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सोनभद्र में मनरेगा के लिए आवंटित धन मंे 80 प्रतिशत से अधिक धन की हेरा फेरी की गयी। उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि जब केन्द्र के मंत्री व कांग्रेस नेता बार-बार कहतें हैं कि उत्तर प्रदेश में मनरेगा के लिए आवंटित धन की बन्दर बांट हो रही है तो फिर केन्द्र सरकार उ0प्र0 सरकार के खिलाफ कोई कार्यवाहीे क्यांे नहीं करती। श्री मिश्र ने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सपा, बसपा, कांगे्रस एक जुट हैं। उन्होंने जनता का आवाह्न किया कि वह प्रदेश मंे भ्रष्टाचार मुक्त, विकास युक्त उ0प्र0 बनाने लिए भाजपा द्वारा चलाये जा रहे अभियान को अपना समर्थन दे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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माननीया मुख्यमंत्री जी ने पूर्वांचल के अतिवृष्टि प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया

Posted on 01 October 2011 by admin

  • अतिवृष्टि के कारण क्षतिग्रस्त सार्वजनिक सम्पत्तियों कीे  मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर तत्काल शुरू करने के निर्देश
  • क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत हेतु केन्द्र सरकार से  सी0आर0एफ0 के अन्तर्गत धनराशि की मांग की जाए
  • बचाव एवं राहत कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं-माननीया मुख्यमंत्री जी
  • प्रभावित परिवारों को समुचित सहायता राशि शीघ्र वितरित की जाए

cm-flood-review-30sep2011उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी ने आज पूर्वांचल के भ्रमण के दौरान पिछले दिनों अतिवृष्टि से प्रभावित सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली तथा मिर्जापुर जनपदों का हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि कई स्थानों पर अभी भी जल भराव की स्थिति बनी हुयी है तथा सड़कों की स्थिति भी खराब है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत हेतु केन्द्र सरकार से सी0आर0एफ0 के अन्तर्गत धनराशि की मांग की जाये।
इसके पश्चात माननीया मुख्यमंत्री जी ने वाराणसी के बाबतपुर हवाई अडडे पर वाराणसी तथा मिर्जापुर के मण्डलायुक्तों, आई0जी0 तथा जिलाधिकारियों के साथ बैठक करके अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति की जानकारी प्राप्त की तथा संचालित किये जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा भी की। उन्होंने अतिवृष्टि से प्रभावितों को समुचित सहायता तथा क्षतिग्रस्त मकानों का आकलन करके युद्धस्तर पर मुआवजा वितरित करने के निर्देश दिये। माननीया मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन लोगों के मकान ध्वस्त हो गये हैं, उन्हें पात्रता के आधार पर इंदिरा आवास आवंटित किये जायें। उन्हांेने कहा कि बचाव एवं राहत कार्य के लिए धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग, सिंचाई आदि विभागों की क्षतिग्रस्त सार्वजनिक सम्पत्तियों के मरम्मत का कार्य युद्धस्तर पर तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने सोनभद्र, वाराणसी, चंदौली तथा मिर्जापुर के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये। उन्होंने कहा कि मूसलाधार बरसात से क्षतिग्रस्त मार्गों, पुलों, बन्धों आदि की शीघ्र मरम्मत कराकर आवागमन को सुचारू बनाया जाये। उन्होंने अतिवृष्टि से हुई फसलों की क्षति का आकलन करके यथाशीघ्र मुआवजा वितरित करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मण्डलायुक्तों को पूर्व में ही साफ तौर पर बताया जा चुका है कि बाढ़ पीड़ितों को हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाये।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ का पानी उतरने के बाद वहां टीमें बनाकर पेयजल के क्लोरीनेशन के साथ फाॅगिंग व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने जलमग्न क्षेत्रों में दैनिक जरूरतों की सभी चीजों को उपलब्ध कराने तथा संक्रामक रोगों से बचाव के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध करने की हिदायत भी दी। उन्होंने कहा कि बाढ़ग्र्रस्त क्षेत्रों में साफ पेयजल की व्यवस्था तत्काल बहाल की जाये।
उल्लेखनीय है कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने इन क्षेत्रों में अतिवृष्टि की जानकारी प्राप्त होते ही पिछले सप्ताह मुख्य सचिव को प्रभावित इलाकों में भेजकर स्थिति का मौके पर जायजा लेने और लौटकर तत्काल रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव द्वारा उपलब्ध कराए गये फीडबैक के आधार पर माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रभावित जिलों में राहत एवं बचाव कार्य हेतु सोनभद्र व वाराणसी को 50-50 लाख, जौनपुर व गाजीपुर को 25-25 लाख तथा चन्दौली को 30 लाख रूपये की अतिरिक्त धनराशि तत्काल जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अतिवृष्टि से हुई मौतों की स्थिति में मृतकों के परिवार को 01-01 लाख रूपये की अनुग्रह राशि तत्काल जारी करने के भी निर्देश दिये। इसी के साथ उन्होंने घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने मवेशियों को चारे आदि की व्यवस्था तथा बीमारी से बचाव हेतु टीकाकरण करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि माननीया मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर जनपद मिर्जापुर में मृतकों के परिजनों को 10 लाख रूपये की आर्थिक सहायता वितरित की गयी तथा 25 सितम्बर से अब तक 10 हजार खाने के पैकेट, 38400 पैकेट लाई चना, 06 हजार लीटर मिट्टी का तेल, 03 हजार माचिस के पैकेट एवं 68 हजार गृह अनुदान व 10 लाख रूपये की अनुग्रह सहायता वितरित की गयी। बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में 37 बाढ़ चैकियाँ स्थापित की गयी हैं तथा 10 पी0ए0सी0 बोट लगायी गयी हैं। चिकित्सा सुविधा के लिए चिकित्सकों की टीम गठित कर आवश्यक दवाओं का वितरण करने के साथ ही 03 एम्बुलेंस भी लगायी गयी हैं।
जिलाधिकारी, चन्दौली ने बताया कि अतिवृष्टि से जनपद में कुल 74 ग्राम, करीब 28 हजार जनसंख्या एवं 1600 हेक्टेअर क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। 03 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। लगभग 1400 मकान गिरे हैं और 02 करोड़ की सरकारी सम्पत्ति का नुकसान हुआ है। 25.50 लाख रूपये की सहायता राशि वितरित की जा चुकी है। प्रभावित क्षेत्रों में 12 मोटर नाव और 35 सामान्य नावें राहत कार्य में लगी हैं। डाॅक्टरों की 41 टीमें गठित कर प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया जा रहा है। लगभग 5900 परिवारों को पिछले एक सप्ताह से दोनों समय पका हुआ खाना दिया जा रहा है और 6400 परिवारों को एक सप्ताह का राशन वितरित किया गया है।
जिलाधिकारी मिर्जापुर ने बताया कि अतिवृष्टि से प्रभावित गांवों की संख्या 247 है। प्रभावित जनसंख्या 14,800 तथा मृतकों की संख्या 10 है। करीब 17,956 हेक्टेयर क्षेत्र में 50 प्रतिशत से अधिक फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं। बाढ़ से अलग पड़े गांवों में आवश्यक सुविधायें, राहत सामग्री एवं दवाओं का वितरण किया जा रहा है। विस्थापित परिवारों को पका भोजन दिया जा रहा है। इसी प्रकार सोनभद्र जनपद में बाढ़ से प्रभावित राबर्ट्सगंज और धोरावल तहसीलों में बचाव एवं राहत कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। क्षतिग्रस्त भवनों के अतिरिक्त प्रभावित कृषि क्षेत्र का भी सत्यापन कराया जा रहा है। अतिवृष्टि से प्रभावित गांवों की संख्या 150 है। करीब 8,147 हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है।
जनपद वाराणसी में अतिवृष्टि के कारण 06 लोगों की मृत्यु हुई है। जल प्लावन वाले क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य निरन्तर किया जा रहा है। जल भराव वाले क्षेत्रों से पानी निकालने की व्यवस्था की गयी है। इसके साथ ही मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध करायी जा रही है। अब तक 43.57 लाख रूपये की धनराशि वितरित की जा चुकी है। इस जनपद के चकिया, सदर, सकलडीहा तहसीलें ज्यादा प्रभावित हुई हैं। जिन क्षेत्रों में पानी उतर गया है वहां फाॅगिंग, दवा छिड़काव तथा मेडिकल टीम भेजने के निर्देश दिये गये हैं तथा जनपद को कुल 40 लाख रूपये की अतिरिक्त धनराशि आवंटित की गयी है। वर्तमान में गिरे हुए मकानों के संबंध में तहसील सदर में 35 लाख तथा पिण्डरा में 2,57,500 रूपये  की धनराशि वितरित की जा चुकी है। चन्दौली के प्रभावित गांवों में भी बचाव एवं राहत कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जनपद जौनपुर में अतिवृष्टि से प्रभावित तहसीलों की संख्या 06 है और 18 लोगों की मृत्यु हुई है। राहत एवं बचाव कार्य किया जा रहा है तथा मृतकों के परिजनों को सहायता राशि उपलब्ध करायी जा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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