छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश क¢ स¨नभद्र जिले में सुदूरवर्ती गाँव बचरा अ©र वर हैं। अन्य बहुत से गाँव¨ं की तरह बचरा अ©र वर गाँव¨ं में ी आय¨डीनरहित पारम्परिक दर्रा नमक का इस्तेमाल ह¨ता था। बीते फरवरी 2011 में आय¨जित ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति की बैठक में इन गाँव¨ं क¢ ल¨ग¨ं ने मिलकर निर्णय लिया कि वे अपने गाँव¨ं में आय¨डीनरहित नमक का प्रय¨ग बंद कर देंगे।
आज यह स्थिति है कि गाँव की किसी ी दुकान पर आय¨डीनरहित नमक नहीं बिकता है अ©र इसका परिणाम यह हुआ कि इस गाँव क¢ 60 प्रतिशत से ज्यादा ल¨ग आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग कर रह¢ हैं।
यही कहानी बहराइच क¢ संरक्षित वन्य जीवन क¢ लिए आरक्षित गाँव नयी बस्ती की है। यहाँ क¢ ग्रामीण¨ं ने ी अपने बच्च¨ं क¢ बेहतर विष्य क¢ लिए सिर्फ आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग करने का निर्णय लिया है।
आय¨डीनयुक्त नमक क¢ प्रति जागरूकता में तेजी क¢ लिए 21 अक्टूबर 2011 क¨ वैश्विक आय¨डीन न्यूनता दिवस विश्व र में उत्सव क¢ रूप में मनाया जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य संस्थान, उ.प्र. की अपर निदेषक डाइरेक्टर डा. प्रभा श्रीवास्तव कहती हैं कि आय¨डीन एक आवश्यक प©ष्टिक तत्व है अ©र शरीर की वृद्धि अ©र विकास क¢ लिए बहुत कम परन्तु एक निश्चित मात्रा में रोजाना आय¨डीन की आवश्यकता ह¨ती है। उनका कहना है कि आय¨डीन की कमी से शरीर में ऐसी विषमताएँ पैदा ह¨ सकती हैं कि जिन्ह¢ं ठीक नहीं किया जा सकता है, जैसे गर् में पलने क¢ द©रान शिशु क¢ मस्तिष्क में क्षति, उसक¢ आई क्यू क्षमता में कमी, मानसिक रूप से अक्षम, घ्¨ंघा(गर्दन में सूजन) अ©र विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ ह¨ना।
बच्च¨ं क¢ मस्तिष्क क¨ बचाने, आई क्यू क¢ स्तर क¨ कम ह¨ने से बचाने अ©र घ्¨ंघा से बचाने क¢ लिए खाने में आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग किया जाना आवश्यक है । लेकिन बहुत से परिवार आय¨डीन की सही मात्रा वाले नमक का प्रय¨ग नहीं कर रह¢ हैं। आय¨डीन की सही मात्रा क्या है, इस बारे में विश्¨षज्ञ¨ं का कहना है कि 15 पी.पी.एम.(पाट्र्स पर मिलियन) से ज्यादा मात्रा में आय¨डीनयुक्त नमक सही मात्रा वाला नमक है। इस प्रकार यह एक चुन©ती है कि बाजार में बिकने वाले नमक सही मात्रा वाले आय¨डीनयुक्त नमक की श्रेणी में आते हैं या नहीं।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2005-06 क¢ आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में सिर्फ 36 फीसदी घर¨ं में सही मात्रा वाले आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग ह¨ता है, इसका अर्थ है कि प्रदेश में प्रतिवर्ष पैदा ह¨ने वाले 55 लाख बच्च¨ं में से सिर्फ 20 लाख मिलियन बच्चे ही आय¨डीन की कमी से बचे रहते हैं। कम मात्रा में आय¨डीन वाले नमक का प्रय¨ग ग्रामीण जनसंख्या विश्¨षकर गरीबी की स्थिति म्¨ं रहने वाले परिवार करते हैं, नतीजतन इनक¢ बच्च¨ं क¨ आय¨डीन की कमी से ह¨ने वाले र¨ग¨ं का खतरा ज्यादा रहता है। इसक¢ लिए तुरन्त कदम उठाने की आवश्यकता है। यूनीसेफ उ0 प्र0 आॅफिस की चीफ एडेल खुद्र का कहना है कि वैश्विक आय¨डीन न्यूनता दिवस हमें याद दिलाता है कि हम आय¨डीन की कमी वाले ल¨ग¨ं तक पहुँच कर उन्ह¢ं जागृत कर इस आवश्यक प©ष्टिक आहार क¢ बारे में बतायें। वह कहती हैं कि सभी घर¨ं तक उचित मात्रा वाले आय¨डीनयुक्त नमक की पहुँच अ©र उपलब्धता सुनिश्चित करनी ह¨गी, विश्¨षकर 110 लाख परिवार¨ं के जहां द¨ वर्ष तक के आयु के बच्चे रहते हैं और जिनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए आय¨डीन सख्त आवश्यक है, ।
सही मात्रा वाले आय¨डीनयुक्त नमक का प्रय¨ग जागरूकता का बड़ा पहलू है। इस क्ष्¨त्र में कार्य कर रह¢ गैर सरकारी संगठन ’’देहात’’ क¢ जितेन्द्र चतुर्वेदी कहते हैं कि सुदूरवर्ती गाँव¨ं में इस नमक की उपलब्धता एक चुन©ती है।
वैश्विक आय¨डीन न्यूनता दिवस पूरे विश्व में मनाया जा रहा है, इसक¢ जरिये यह याद करने की जरूरत है कि आय¨डीन की कमी सभी आयु वर्ग क¢ ल¨ग¨ं क¢ लिए खतरनाक है, इसका प्रतिदिन सेवन करना ह¨गा, यह पैगाम स्पष्ट है कि नमक में आय¨डीन की सही मात्रा आपक¢ अ©र आपक¢ परिवार क¢ जीवन में मजबूत ढाल साबित ह¨गी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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