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पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस तथा मिट्टी के तेल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर बीएसपी पूरे देश में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेगी

Posted on 26 June 2011 by admin

  • माननीया मुख्यमंत्री जी ने देश में अभी कुछ दिन पहले पेट्रोल व कल डीजल, रसोई गैस एवं मिट्टी के तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी की निन्दा करते हुए इन कीमतों को तत्काल वापस लेने के लिए केन्द्र सरकार से मांग की
  • उत्तर प्रदेश के मामले में केन्द्र सरकार तथा अन्य सभी विरोधी पार्टियों द्वारा अपनाया जा रहा रवैया दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाता है
  • इन दोनों मुद्दों तथा पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस तथा मिट्टी के तेल की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर बीएसपी पूरे देश में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेगी

उत्तर प्रदेश की मा0 मुख्य मंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुश्री मायावती जी ने आज महाराष्ट्र प्रदेश के मुम्बई के चैम्बूर स्थित बीएसपी कार्यालय के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन एवं निरीक्षण किया। उन्होंने इस अवसर पर पार्टी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से पार्टी को और मजबूत तथा इसका जनाधार बढ़ाने के लिए पूरी मेहनत से जुटने की अपील की।

प्रवक्ता ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने बीएसपी कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर केन्द्र सरकार द्वारा कल डीजल, रसोई गैस तथा मिट्टी के तेल की कीमतों में भारी बढ़ोत्तरी किये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि कांगे्रस पार्टी की यूपीए सरकार द्वारा अभी कुछ दिन पहले पेट्रोल तथा कल डीज़ल, रसोई गैस तथा मिट्टी के तेल के दामों में जो बढ़ोत्तरी की है, उससे हर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर महंगाई बढ़ेगी, जिसका सीधा प्रभाव देश के गरीब एवं मध्यम वर्ग एवं छोटे-छोटे कारोबार में लगे लोगों और खासतौर से किसानों पर पडे़गा और यह केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने डीज़ल, रसोई गैस व मिट्टी के तेल के दामों में बढ़ोत्तरी के बारे में जो फैसला लिया है, उसकी बीएसपी सरकार घोर निन्दा करती है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस बढ़ोत्तरी को वापस लेने के लिये केन्द्र सरकार को पत्र भी लिखेगी।

प्रवक्ता ने यह बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि शराब, सिगरेट, तम्बाकू एवं अन्य विलासिता की चीजों के दाम बढ़ाए जाने चाहिए, जिनका इस्तेमाल देश की आम जनता नहीं, बल्कि ज्यादातर अमीर लोग ही करते हैं। ताकि ये देश के गरीब एवं मध्यम वर्गों के लोगों के उपर महंगाई की मार और ज्यादा न पड़ सके।

मा0 मुख्य मंत्री जी ने कहा कि आबादी के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है और जब यहां बीएसपी की सरकार बनने लगी है और खासतौर से यह सरकार एक दलित की बेटी के नेतृत्व में चल रही है, तब से विरोधी पार्टियों को आसानी से हजम नहीं हो रही है।

प्रवक्ता ने कहा कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने उत्तर प्रदेश में हाल में घटी कुछ घटनाओं को लेकर भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा रिपार्ट मांगे जाने पर भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि देश के दूसरे राज्यों में इस तरह की घटनाओं के होने पर केन्द्र सरकार चुप्पी साधे रहती है। इससे साफ जाहिर है कि यूपीए सरकार उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार को बदनाम करने की एक मुहिम चला रही है। इसके साथ ही इससे कांगे्रस पार्टी की यूपीए सरकार दलित विरोधी मानसिकता से बुरी तरह ग्रसित नजर आ रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी यह भी कहा  कि देश के अन्य राज्यों, खासतौर से कांगे्रस शासित प्रदेशों में आए दिन बड़ी आपराधिक घटनाएं हो रही हैं तथा महिलाओं के साथ लगातार अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दलों को ये घटनाएं दिखायी नहीं पड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस शासित महाराष्ट्र राज्य में कुछ महीने पहले एक अतिरिक्त जिलाधिकारी को तेल माफियाओं ने दिन-दहाड़े जिन्दा जला दिया था और अभी हाल में ही एक वरिष्ठ पत्रकार की मुंबई में गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इसी प्रकार कांगे्रस शासित हरियाणा राज्य में पुलिस थाने में ही 14 जून, 2011 को एक दलित लड़की के साथ बलात्कार किया गया जिसमें दो पुलिस वाले शामिल थे। इसके अलावा हरियाणा में ही एक एस0आई0 को सरेआम गोली से उड़ा दिया गया।

प्रवक्ता ने बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने कहा कि हरियाणा में कानून-व्यवस्था की स्थिति इस कदर बदतर हो गयी है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने एक व्यक्ति को जिन्दा जला डाला। इसी तरह भाजपा के सहयोग से चलायी जा रही बिहार सरकार में लोगों की जघन्य हत्याएं लगातार हो रही हैं, किन्तु विपक्षी दलों को ये सब घटनाएं दिखायी नहीं पड़ रही हैं। मा0 मुख्य मंत्री जी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश की बीएसपी सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर आधारहीन आरोप लगाने से पहले कांगे्रस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को कांगे्रस शासित तथा भाजपा को अपनी पार्टी की सरकारों वाले प्रदेशों में दलितों, महिलाओं तथा समाज के कमजोर वर्गों पर होने वाली आपराधिक घटनाओं पर भी एक निग़ाह ज़रूर डाल लेनी चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने कहा कि जब कांगे्रस शासित प्रदेशों में गम्भीर आपराधिक घटनाएं होती हैं तो उन सरकारों के खिलाफ़ केन्द्र की यूपीए सरकार कोई नोटिस जारी नहीं करती और न ही उनसे कोई रिपोर्ट मांगी जाती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा हर आपराधिक घटना के विरूद्ध निष्पक्ष तरीके से कठोर कदम उठाये जाने के बाद भी केन्द्र सरकार द्वारा अक्सर रिपोर्ट मांगी जाती रहती है। इसके साथ-साथ पूरे देश भर में मीडिया के माध्यम से इसका खूब प्रचार भी कराया जाता है। इससे साफ जाहिर होता है कि कांगे्रस एवं अन्य विरोधी दलों को देश में एक दलित मुख्य मंत्री के नेतृत्व में चल रही बहुजन समाज पार्टी की उत्तर प्रदेश सरकार  उनकी जातिवादी मानसिकता के चलते उनके गले नहीं उतर पा रही है।

प्रवक्ता ने बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि कांगे्रस शासित दिल्ली राज्य में प्रतिदिन महिलाओं के साथ जुल्म-ज्यादती की घटनाएं हो रही हैं। आंकड़ों को देखा जाए तो दिल्ली बलात्कार की राजधानी बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में महिलाओं की इज्जत-आबरू सुरक्षित नहीं है और दिल्ली सरकार द्वारा इस तरह की घटनाओं में कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की जा रही है। इसके विपरीत उत्तर प्रदेश सरकार ने कानून-व्यवस्था के हर मामले में तेजी से कठोर कार्यवाही करते हुए दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा है तथा बीते चार वर्षों में कानून-व्यवस्था के प्रति आम जन-मानस का भरोसा जीतने में कामयाबी हासिल की है।

प्रवक्ता ने यह भी बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की निग़ाह में अपराधी सिर्फ अपराधी है, चाहे वह कितना शक्तिशाली व प्रभावशाली क्यों न हो, उसकी सही जगह सिर्फ जेल है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा हर मामले में अपराधियों के खिलाफ की गयी कड़ी कार्यवाही की विरोधी दलों द्वारा सराहना न करके राज्य सरकार को बदनाम करने और राजनीतिक लाभ लेने का घिनौना जो प्रयास किया जा रहा है। यह एक दलित विरोधी मानसिकता नहीं है तो और क्या है? साथ ही सभी विपक्षी दल राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर गलत ठहराने का अनर्गल प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ये सभी दल अपने मंसूबों में कामयाब नहीं होंगे। इतना ही नहीं, बल्कि सभी विरोधी दल विधान सभा के आम चुनाव को नज़दीक देखते हुए अपने राजनीतिक लाभ के लिये घिनौने तरीके से मुद्दे तलाशने की होड़ में घटिया बय़ानबाजी एवं सरकार पर झूठे आरोप लगाने पर हमेशा उतारू रहते हैं।

प्रवक्ता ने बताया कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने यह भी कहा है कि सभी विपक्षी दलों में राज्य सरकार पर झूठे एवं घटिया आरोप लगाने की जो होड़ मची हुई है, उसके पीछे का सच उत्तर प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है। विपक्षी पार्टियों को राज्य सरकार द्वारा जनता के हित में किये जा रहे तमाम कल्याणकारी एवं विकास कार्य नज़र नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांगे्रस समेत सभी विपक्षी दल अपनी सरकारों के कार्यकाल के दौरान यहां जघन्य अपराधों एवं दलित, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचारों को याद न करके प्रदेश में जबरदस्ती कानून-व्यवस्था के खराब होने का झूठा आरोप लगाते रहते हैं।

प्रवक्ता ने कहा कि मा0 मुख्य मंत्री जी ने इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए खासतौर से अपने देश में आम जनता की रोजमर्रा की जरूरी आवश्यकताओं की चीजों की जो कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और जिसके कारण महंगाई भी लगातार बढ़ रही है, के मुद्दे को गम्भीरता से लेने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार के प्रति केन्द्र सरकार एवं अन्य सभी विरोधी पार्टियों का जो दलित विरोधी रवैया नजर आता है, इन दोनों मुद्दों को लेकर उनकी पार्टी बहुत जल्दी ही पूरे देश भर में राष्ट्रव्यापी आन्दोलन शुरू करेंगे और इस आन्दोलन के तहत पूरे देश में विभिन्न स्तर पर धरना प्रदर्शन आदि किया जाएगा। उन्होंने कहा कि धरना प्रदर्शन की निश्चित तारीख जल्द ही घोषित कर दी जाएगी।

प्रवक्ता ने बताया कि इस मौके पर मा0 मुख्य मंत्री जी ने पार्टी कार्यालय का उद्घाटन एवं निरीक्षण करके महाराष्ट्र बीएसपी स्टेट यूनिट को बधाई दी। इसके साथ ही उन्हांेंने कार्यकर्ताओं तथा पदाधिकारियों को बहुजन समाज पार्टी को महाराष्ट्र में मज़बूत बनाने के लिए एकजुट होकर काम करने के निर्देश दिये।
उन्होंने इस अवसर पर महाराष्ट्र के मीडिया बन्धुओं के सुरक्षा की मांग करते हुए दिवंगत पत्रकार श्री जे0 डे0 के परिजनांे के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति एवं संवेदना व्यक्त की।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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एंटीबायोटिक दवाओं की उपलब्धता पर अनुसूची एच एक्स भ्ग् के गंभीर प्रभाव होंगे-जे.एस. शिंदे, अध्यक्ष, एआईओसीडी

Posted on 25 June 2011 by admin

ड्रग एंड काॅस्मेटिक्स रूल्स 1945 में संशोधन के लिए भारत सरकार का हाल का कदम और एंटीबायोटिक्स के दुरूप्रयोग से संबंधित अनुसूची 0 को शामिल किया जाना, किसी उद्देश्य की पूर्ति करने के बजाय 65 फीसदी ग्रामीण और शहरी जनसंख्या के लिए एंटीबायोटिक दवाओं की उपलब्धता को गंभीर प्रभावित करेगा।

एंटीबायोटिक और दूसरी दवाओं का दुरूपयोग रोकने के लिए सरकार के कदम और पहल का एआईओसीडी में हम स्वागत करते हैं। चूंकि हम भारत के कोने-कोने में दवाओं के वितरण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, इसलिए अनुसूची भ्ग्, को लागू करने और क्रियान्वयन को लेकर हम अत्यधिक सरोकार रखते हैं।

अनुसूची भ्ग्, ‘सुपर बग’ की खबरों के आलोक में एंटीबायोटिक्स के दुरूपयोग को रोकने के लिए बनाई गई है। सरकार ने मुख्य कारक को किनारे करते हुए आसान शिकार के रूप में ‘केमिस्ट’ को दायरे में लिया है।

भारत में केमिस्टों की अखिल भारतीय संस्था आॅल इंडिया आॅर्गनाइजेशन आॅफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट (एआईओसीडी) ने इस मसले को भारत सरकार के समक्ष उठाया और भारत के माननीय राष्ट्रपति, भारत के माननीय प्रधानमंत्री, माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री गुलाम नबी आजाद, भारत के औषधि महानिरीक्षक, सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अन्य संबंधित पक्षो को ज्ञापन सौंपा है।

अनुसूची के दो भाग हैंः भाग ए में 16 एंटीबायोटिक दवाएं शामिल की गई हैं। ये दवाएं, दवा निर्माताओं द्वारा सीधे क्षेत्रीय परिचर्या अस्पतालों को सीधे बेची जानी चाहिए। भाग बी में 74 दवाएं और फार्मूले हैं जो रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर के नुस्खे (प्रतिलिपि सहित) पर केमिस्ट द्वारा बेची जा सकती हैं और नुस्खे की एक प्रति केमिस्ट को आगामी 2 वर्षों तक अपने पास रखनी होगी।

एआईओसीडी का मानना है कि इस अधिसूचना को बनाते समय सरकार ने अनेक वास्तविक मसलोें को दरकिनार कर दिया है, जैसे कि ग्रामीण और सूक्ष्म ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर्स की उपलब्धता, निर्धन जनता की वित्तीय स्थितियां, अनुसूची के का व्यापक उल्लंघन, सरकारी अस्पतालों में दवाओं की नियमित उपलब्धता और अपेक्षाएं पूरी करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता से जुड़े मसले, इत्यादि। साथ ही, अधिसूचना पर विचार करने से पूर्व दिशानिर्देशों को निर्दिष्ट किया जाना, शिक्षा और जनजागरूकता इत्यादि कदम नहीं उठाए गए हैं जो कि सबसे महत्त्वपूर्ण कारक हैं।

भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में, भारत की माननीय राष्ट्रपति जी ने भी मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया के समक्ष अपने भाषण में कहा कि हमारे देश में डाॅक्टरों की संख्या अपर्याप्त है और ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य के लिए डाॅक्टर तैयार नहीं हैं, और ऐसी ही समस्याओं का अवलोकन माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा शुभासाक्षी मामले में किया गया।

देश में मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं के वर्तमान परिदृश्य के व्यावहारिक पहलुओं पर विचार करते हुए, हम अनुभव करते हैं कि नई अनुसूची भ्ग्, को लागू किया जाना, स्वास्थ्य सेवाओं को और विशेषकर देश के ग्रामीण व सूक्ष्म दूरस्थ

इलाकों में प्रभावित करेगा। यह आम जनता के क्षेत्रों में रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर्स (एमबीबीएस/एमडी/एमएस/इत्यादि) की अनुपलब्धता के नाते उनका जीवन संकट में डाल सकता है और हर बार उनकी सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान के लिए दौड़कर नगर आने लायक पर्याप्त पैसा उनके पास नहीं भी हो सकता है।

नुस्खे की प्रति रखने और बिना प्रतिलिपि नुस्खे पर दवाएं न देने से देश में कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो सकती है, जिससे अंततः उल्लंघन की घटनाओं को बढ़ावा मिलेगा और इन सूचीबद्ध दवाओं की उपलब्धता में अनैतिक तत्व सक्रिय हो सकते हैं। दूसरी ओर, आरएमपी के लिए दवाओं की खरीद और मरीजों में बांटने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इससे देश के नागरिकों को प्रदत्त मूलभूत अधिकारों का बुनियादी उल्लंघन हो सकता है क्योंकि इसके द्वारा लोगों के बीच कानूनी भेदभाव किया जाएगा और सुधार का मूलभूत उद्देश्य भी खत्म हो जाता है। अपरिहार्य परिस्थितियों में केमिस्ट द्वारा यह कानून तोड़ने पर भी उसे इस कृत्य के लिए 20000 रूपए तक जुर्माना और/या 2 साल तक जेल का दण्ड भोगना पड़ सकता है।

एआईओसीडी का दृष्टिकोण है कि ऐसा होने पर लोगों के लिए कोई आसानी बनने के बजाय बड़े पैमाने पर समस्याएं उत्पन्न होंगी, जिनसे दूर-दराज और अति दूर-दराज के लोग अधिक प्रभावित होंगे। सरकार से एआईओसीडी अनुरोध करता है कि प्रस्तुत ज्ञापन पर गहन विचार करते हुए डी एंड सी नियमों में ऐसे कोई बदलाव, जो अंततः बड़े पैमाने पर सामान्य जनता के लिए मुसीबतें खड़ी कर सकते हैं, करने से पहले पुनर्विचार करें।

एआईओसीडी के अध्यक्ष श्री जे.एस. शिंदे ने यह भी कहा कि यदि केन्द्र सरकार द्वारा हमारे अनुरोध पर ध्यान न दिया गया तो इससे देश के 7.5 लाख केमिस्टों की आजीविका प्रभावित होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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एसबीआई लाइफ की नई यूलिप योजना

Posted on 09 March 2011 by admin

एसबीआई लाइफ ने 20 रूपये के पूर्व निर्धारित सुनिश्चित एनएवी के साथ स्मार्ट वेल्थ एश्योर लॉन्च किया

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, नये जमाने की अग्रणी जीवन बीमा कम्पनी, ने एक खोजपरक यूलिप उत्पाद लॉन्च किया है। यह एक अनोखा उत्पाद है  जिसमें दस वर्ष की अवधि के अन्त में पूर्व निर्धारित एनएवी की गारण्टी प्रदान की गई है। इस योजना के अन्तर्गत रिटर्न गारण्टी फण्ड का विकल्प चुनने वाले पॉलिसी धारक पूर्व निर्धारित न्यूनतम एनएवी की दर से दीघZ अवधि के लिये निवेश कर सकते हैं। परिपक्वता के समय पॉलिसी धारकों को पूर्व निर्धारित एनएवी अथवा उस समय के एनएवी की दर, जो भी अधिक होगा, की दर से भुगतान किया जायेगा। इस फण्ड में क्लोज्ड सब-फण्ड्स होंगे, जो अभिदान के लिये अधिकतम तीन महीने के लिये खुले रहेंगे और इनकी सुनिश्चित परिपक्वता अवधि 10 महीने की होगी।

रिटर्न गारण्टी फण्ड के अतिरिक्त पॉलिसी धारक इिक्वटी फण्ड अथवा पी/ई प्रबन्धित फण्ड अथवा बॉण्ड फण्ड के विकल्प का चयन कर सकते हैं। प्राय: `खरीदें और सहेज कर रखें` रणनीति का अनुपालन करने वाले रिटर्न गारण्टी फण्ड का उÌेश्य निवेशित राशि को फिक्स्ड इनकम प्रतिभूतियों जैसे कि ऋण प्रपत्र, मुद्रा बाजार के प्रपत्र तथा नगद में निवेश किया जायेगा और इनकी परिपक्वता तिथि फण्ड के पूरा होने से कुछ समय पहले की होगी। इिक्वटी फण्ड के अन्तर्गत सबसे अधिक निवेश इिक्वटी में किया जायेगा। कम से कम 80 प्रतिशत राशि इिक्वटी एवं इिक्वटी आधारित प्रपत्रों में निवेशित की जायेगी और इसका लक्ष्य होगा दीघZ अवधि में अधिक प्रतिफल प्राप्त करना। पी/ई फण्ड के अन्तर्गत प्रीमियम राशि को इिक्वटी एवं इिक्वटी आधारित प्रपत्रों तथा .ण प्रपत्रों, मुद्रा बाजार तथा नगद में एनएसई एसएण्डपी सीएनएक्स निफ्टी इण्डेक्स में फॉरवार्ड प्राइस अनिZंग मल्टीपल के आधार पर निवेश किया जायेगा।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के प्रबन्ध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एम.एन.राव ने कहा कि, “हमारा उÌेश्य सरल एवं आकर्षक उत्पादों की श्रृंखला तैयार करना है, जिससे कि ग्राहकों को उनकी आवश्यकता के अनुसार उत्पादों के चयन का विकल्प मिल सके, जो कि उनकी आय एवं जोखिम के अनुकूल हो।“

एकल प्रीमियम वाली यह योजना, एसबीआई स्मार्ट वेल्थ एश्योर में पॉलिसी धारक को दुघZटना मृत्यु लाभ का विकल्प भी प्रदान किया गया है तथा छठे पॉलिसी वर्ष से आंशिक निकासी के विकल्प की लचीली सुविधा भी प्रदान की गई है। 50,000 रूपये न्यूनतम प्रीमियम वाले एसबीआई लाइफ स्मार्ट वेल्थ एश्योर योजना की खरीदारी 8 वर्ष से लेकर 65 वर्ष तक का कोई भी व्यक्ति कर सकता है और इसकी पॉलिसी अवधि 10 वर्ष से 30 वर्ष तक होगी। परिपक्वता उम्र 75 वर्ष है।

स्मार्ट वेल्थ एश्योर के लॉन्च के साथ एसबीआई लाइफ की उत्पाद श्रृंखलाओं में यूलिप उत्पादों की संख्या आठ हो गई है, जो विविध प्रकार के उपभोक्ता वर्ग के लिये दीघZ अवधि के लिये सम्पत्ति सृजन तथा जीवन बीमा सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं। बाजार से जुड़े अन्य उत्पादों में एचएनआई लक्षित स्मार्ट एलिट, एनएवी गारण्टीड स्मार्ट परफॉमर, नो मेडिकल्स यूलिप-सरल महाआनन्द, फ्लेिक्सबल यूलिप-यूनिट प्लस सुपर, चाइल्ड प्लान-स्मार्ट स्कॉलर, यूलिप विद ऑटोमेटिक एसेट एलोकेशन-स्मार्ट होराइजन एवं गारण्टीड रिटर्न पेंशन प्लान-स्मार्ट पेंशन शामिल हैं।

आईआरडीए के जनवरी 2011 के नवीनतम रिपोर्ट्स के अनुसार, नये बिजनेस प्रीमियम के लिहाज से निजी क्षेत्र की बीमा कम्पनियों में एसबीआई लाइफ का पहला स्थान रहा है। निजी क्षेत्र की जीवन बीमा कम्पनियों में एसबीआई लाइफ की बाजार हिस्सेदारी 18.9 प्रतिशत है और इसकी कुल बाजार हिस्सेदारी 5.6 प्रतिशत है।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के विषय में:
एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस भारतीय स्टेट बैंक और बीएनपी परिबास एश्योरेंस का संयुक्त उपक्रम है। इस संयुक्त उपक्रम की कम्पनी में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी एसबीआई की और 26 प्रतिशत हिस्सेदारी बीएनपी परिबास एश्योरेंस की है। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस की अधिकृत पूञ्जी 2,000 करोड़ रुपये है और चुकता पूञ्जी 1,000 करोड़ रुपये है। भारत में भारतीय स्टेट बैंक का बैंकिंग फ्रेंंचाइज सबसे बड़ा है।

पांच सहयोगी बैंकों को मिलाकार इसकी 16,000 शाखायें हैं, जो कि, विश्व में सबसे अधिक है। बीएनपी परिबास फ्रांस की पहली और यूरोप की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक है और वैश्विक स्तर पर बैंकिंग उद्योग में इसका पांचवां स्थान है। ग्लोबल 2000 फोब्Zस 2008 के अनुसार यह यूरो जोन का पहला बैंक है। ब्राण्ड फाइनेंस 2008 के अनुसार यह छठा सर्वाधिक महत्वपूर्ण अन्तरराष्ट्रीय बैंकिंग ब्राण्ड है।

बीएनपी परिबास एश्यारेंस, यूरो जोन के अग्रणी बैंक बीएनपी परिबास की बीमा इकाई है। बीएनपी परिबास विश्व के शीर्ष के 10 बैंक समूहों में से एक है और यह यूरो शीर्ष की 3 बैंकिंग कम्पनियों में से एक है। भारत में अपने व्यावसायिक क्रियाकलापों का परिचालन करने वाले पुराने विदेशी बैंकों में से एक है। भारत में यह बैंक वर्ष 1860 से अपना परिचालन कर रहा है। बीएनपी परिबास फ्रांस की चौथी सबसे बड़ी जीवन बीमा कम्पनी है और क्रेडिटर इंश्योरेंस उत्पादों की पेशकश करने वाली विश्व की अग्रणी कम्पनी है।

एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस का उÌेश्य इस क्षेत्र की अग्रणी कम्पनी बनना है। कम्पनी जीवन बीमा और पेंशन उत्पाद अपने ग्राहकों को प्रतिस्पद्धीZ दरों पर बेचती है और ग्राहकों को विश्व स्तर की सेवायें प्रदान करती है।

एसबीआई लाइफ ने अपने उत्पादों की बिक्री के लिये अनोखी बहु-वितरण प्रणाली अपना रखी है, जिसमें बैंकाएश्योरेंस, खुदरा एजेंसी, संस्थागत गठबन्धन और कॉरपोरेट सोल्यूशंस डिस्ट्रिब्यूशन चैनल शामिल हैं।

बीमा पॉलिसी की बिक्री के लिये कम्पनी भारतीय स्टेट बैंक समूह की देशव्यापी उपस्थिति का लाभ उठाती है। बैंक की शाखायें बीमा उत्पादों के अतिरिक्त ग्राहकों को हाउसिंग लोन, पर्सनल लोन इत्यादि भी उपलब्ध कराती हैं। एसबीआई के ग्राहकों की संख्या 100 मिलियन से अधिक है और इन ग्राहकों तक एसबीआई लाइफ सरलता से पहुंच सकता है और उन्हें बीमा सेवायें प्रदान कर सकता है। बीमा कम्पनी सक्रिय बीमा सलाहकारों की संख्या 75,000 है, जो घर-घर जाकर ग्राहकों को बीमा समाधान सेवाओं की पेशकश करते हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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