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श्री अनिल बलूनी एवं श्रीसंजय मयूख को राष्ट्रीय मीडिया विभाग के प्रमुख एवं सह प्रमुख बनाये गये

Posted on 01 April 2017 by admin

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी आलोक अवस्थी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय श्री अमित शाह ने श्री अनिल बलूनी, राष्ट्रीय प्रवक्ता को मीडिया विभाग का राष्ट्रीय प्रमुख और श्री संजय मयूख, सदस्य बिहार विधान परिषद को मीडिया विभाग का राष्ट्रीय सह प्रमुख नियुक्त किया है। भारतीय जनता पार्टी, उ0प्र0 के मीडिया विभाग ने इस नियुक्ति पर हर्ष व्यक्त किया और श्री अनिल बलूनी एवं संजय मयूख जी को शुभकामनायें दी। प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन, राकेश त्रिपाठी, मनीष शुक्ला, शलभ मणि त्रिपाठी, डा0 मनोज मिश्र, अनिला सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, सह मीडिया प्रभारी आलोक अवस्थी, हिमांशु दुबे, समीर सिंह, प्रदेश संपर्क प्रमुख मनीष दीक्षित, प्रदेश सह संपर्क प्रमुख डा0 तरूणकांत त्रिपाठी, नवीन श्रीवास्तव ने नव नियुक्त राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख एवं राष्ट्रीय सह मीडिया प्रमुख को शुभकामनाएं प्रेषित की।

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श्री राधा मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में तेजी लाने का आग्रह किया

Posted on 02 January 2016 by admin

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार से मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना में तेजी लाने का आग्रह किया है तथा राज्य के मुख्यमंत्री से सर्वोच्च स्तर पर इस कार्यक्रम की निगरानी करने की अपील की है जिससे कि इसे उचित प्राथमिकता प्राप्त हो सके।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को लिखे एक पत्र में श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि मृदा स्वास्थ्य कृषि के सर्वाधिक महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है और मृदा के स्वास्थ्य में गिरावट का उत्पादकता पर दीर्घकालिक लिहाज से प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। सरकार समेकित पोषण प्रबंधन के द्वारा मृदा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर काफी जोर देती रही है। सरकार ने मृदा नमूनों का संग्रह करनेए विश्लेषण संचालित करने तथा समयबद्ध तरीके से मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के कार्यक्रम की भी घोषणा की है। जब 19 फरवरीए 2015 को इस योजना की घोषणा की गई थी तो परिकल्पना की गई थी कि तीन वर्षों की अवधि में 47ण्70 लाख किसानों से मृदा नमूने संग्रहित कर लिए जाएंगे और उन नमूनों की जांच करने के बाद उन्हें मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी कर दिए जाएंगे। 10 सितंबरए 2015 को सरकार द्वारा फैसला किया गया कि यह महत्वपूर्ण कार्य तीन वर्षों की जगह दो वर्षों में पूरा कर लिया जाना चाहिए। इसी के अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार को 14 एवं 17 सितंबरए 2015 को भेजे गए पत्रों में मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी करने के लक्ष्य को 2015.16 के 15ण्90 लाख बढ़ाकर 18 लाख कर दिये जाने का आग्रह कर दिया गया था। ठीक इसी प्रकार 2016.17 के लिए उत्तर प्रदेश के लक्ष्य को 15ण्90 लाख से बढ़ाकर 29ण्70 लाख कर दिया गया था।

उन्होंने कहा है कि विभिन्न राज्य सरकारों के प्रदर्शन की एक समीक्षा प्रदर्शित करती है कि उत्तर प्रदेश अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहा है। 9 दिसंबरए 2015 तक 18 लाख नमूनों के लक्ष्य के मुकाबले केवल 4ण्68 लाख नमूने ही संग्रहित किए गए हैं और केवल 22ए894 नमूनों का ही विश्लेषण किया गया है।

श्री राधा मोहन सिंह ने कहा है कि मृदा स्वास्थ्य कृषि में विशेष रूप से सिंचित क्षेत्रों मेंए जहां यूरिया के व्यापक उपयोग का दुष्परिणाम मृदा स्वास्थ्य में गिरावटए निक्षालन एवं सक्रियकरण के रूप में सामने आया है। इसे देखते हुए आपसे आग्रह किया जाता है कि आप कृपया इस कार्यक्रम की अपने स्तर पर निगरानी करें जिससे कि उत्तर प्रदेश के लिए निर्धारित लक्ष्य अर्जित किये जा सकें एवं इस कार्यक्रम को उतनी प्राथमिकता प्राप्त हो सके जितने का यह हकदार है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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प्रधानमंत्री ने दिल्ली . मेरठ एक्सप्रेसवे की आधारशिला फलक का अनावरण किया

Posted on 02 January 2016 by admin

प्रधानमंत्री ने दिल्ली . मेरठ एक्सप्रेसवे की आधारशिला फलक का अनावरण किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नोएडा के सेक्टर 62 में दिल्ली . मेरठ एक्सप्रेसवे की आधारशिला फलक का अनावरण किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ब्रितानी शासन से आजादी के लिए 1857 के आंदोलन में मेरठ की भूमिका का स्मरण किया और कहा कि दिल्ली.मेरठ एक्सप्रेसवे प्रदूषण से मुक्ति प्रदान करेगा।

विकास के लिए लोगों की आकांक्षाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि अच्छी सड़कें विकास की प्रथम पूर्व. शर्तों में से एक हैं। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास को बढ़ावा देगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना एवं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के जरिये देश को आपस में जोड़ने के विजन का स्मरण किया।

प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए पर्याप्त सिंचाई सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना समेत अन्य विकास योजनाओं की चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रेणी . प्प्प् एवं श्रेणी . प्ट वर्गों में सरकारी नौकरियों के लिए साक्षात्कार को खत्म करने के द्वारा सरकार 1 जनवरीए 2016 को देश के युवाओं को एक अनोखा उपहार दे रही है।

प्रधानमंत्री ने सभी राजनीतिक दलों से 2016 में एक संकल्प करने की अपील की कि वे संसद का कार्य चलने देंगे और गरीबों के लाभ के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत के नागरिकों ने अपने प्रतिनिधियों का निर्वाचन संसद में बहस करनेए परिचर्चा करने एवं विचार.विमर्श करने के लिए किया है इसलिए यह उनका दायित्व है।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईकए केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरीए केंद्रीय राज्य मंत्री ;स्वतंत्र प्रभारद्ध डॉण् महेश शर्मा एवं केंद्रीय राज्य मंत्री श्री पी राधाकृष्णन भी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रधानमंत्री तथा नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बीच टेलीफोन पर बातचीत

Posted on 02 January 2016 by admin

प्रधानमंत्री तथा नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बीच टेलीफोन पर बातचीत
नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को टेलीफोन किया तथा उन्हें नेपाल के राजनीतिक घटनाक्रमों की जानकारी दी।

प्रधानमंत्री ने नेपाल के सामने आ रही राजनीतिक समस्याओं का एक दीर्घकालिक समाधान ढूंढने के महत्व पर बल दिया जो सर्वसम्मति या ष्सहमतिष् पर आधारित हो।

प्रधानमंत्री ने नव वर्ष 2016 के लिए नेपाल के लोगों को अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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नव वर्ष के अवसर पर राष्ट्र्पति का बधाई संदेश

Posted on 02 January 2016 by admin

राष्ट्र पति श्री प्रणब मुखर्जी ने नव वर्षए 2016 की पूर्व संध्या् पर राष्ट्रे को बधाई दी है। अपने बधाई संदेश में राष्ट्रुपति ने कहा कि नव वर्ष के उल्लाीसपूर्ण अवसर पर मैं देश और विदेश में रहने वाले सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। मेरी यही दुआ है कि नव वर्ष आप सब के लिए खुशियां और समृद्धि लाएं।

नव वर्ष के अवसर पर आप नई शुरूआत करें और व्यकक्तिगत तथा सामूहिक विकास के लिए नया संकल्पर लें। आइये हम समावेशी समाज का निर्माण करने के लिए अपने आप में प्रेमए करूणाए सहिष्णुसता का समावेश करें ताकि समाज में शांति और सद्भाव कायम रहे। यह सभ्य ता के उन मूल्योंण को मजबूत करने का समय हैए जो आधुनिक भारत की जटिल विविधता को एक सूत्र में बांधते हैं और हमारे लोगों और दुनिया के बीच इन मूल्योंि को बढ़ावा देते हैं।

आइए हम सब 2016 को ऐसा बनाने का संकल्प  लें जिसमें देश की जनता मानव और प्रकृति के दरम्यायन सहजीवी संबंध का संरक्षण करने की दिशा में कार्य करे। हमें अपने देश को स्वरच्छय और हरा.भरा तथा पर्यावरण प्रदूषण से मुक्तक बनाने के लिए जोरदार प्रयास करना है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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त्यौहारों के इस सीज़न में ग्रुप एसईबी इंडिया की बाजार से उम्मीदें

Posted on 28 October 2015 by admin

त्यौहारों के इस सीज़न में ग्रुप एसईबी इंडिया की बाजार से उम्मीदें

    पूरे भारत में उच्च बिक्री की उम्मीद, विशेषकर उत्तर एवं पूर्व भारत के बाजारों से
    सोशल मीडिया के जरिए ग्राहकों तक पहुंच में बढ़त
    ईकाॅमर्स बिक्री के लिए बड़ा माध्यम बन कर उभरा

नई दिल्ली,   अक्टूबर 2015ः छोटे घरेलू उपकरणों (ैक्।) में विश्व लीडर ग्रुप एसईबी इंडिया त्यौहारों के इस सीजन में अपने भारतीय ब्रांड - महाराजा व्हाइटलाइन से बिक्री में भारी वृद्धि की उम्मीदें लगाए हुए है। बेहद सफल 2014 के बाद यह ब्रांड इस साल भी बदस्तूर कामयाबी के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। इस वर्ष कई नए उत्पाद लांच किए गए तथा गर्मियों के मौसम में बिक्री बहुत दमदार रही। अब इन त्यौहारों के सीजन में महाराजा व्हाइटलाइन का लक्ष्य अपने अच्छे प्रदर्शन को बेहतर करने और सेल्स रेवेन्यू बढ़ाने का है। पिछले तीन वर्षों में महाराजा व्हाइटलाइन ने अपना व्यवसाय तिगुना कर लिया है। उत्तर भारत में, फूड प्रिपेरेशन कैटेगरी में नंबर एक पोजि़शन के साथ महाराजा व्हाइटलाइन अब इन त्यौहारों में देश के अन्य क्षेत्रों में भी अपनी सफलता के माॅडल को दोहराने के लिए तैयार है। इस साल फूड प्रिपेरेशन के साथ ही ब्रांड अपनी होम कम्फर्ट रेंज के जरिए भी बाजार में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश में है।

यह वर्ष का वो समय है जब बाजारों में सबसे ज्यादा खरीददारी होती है; जाहिर सी बात है कि त्यौहारों पर लोग उपहार देते हैं और घर के लिए नई चीजें खरीदते हैं और इसीलिए इन दिनों विभिन्न ब्रांड व ईकाॅमर्स पोर्टल बहुत से आॅफर एवं डिस्काउंट भी पेश करते हैं। इन सभी मापदंडों के आधार पर महाराजा व्हाइटलाइन ब्रांड एक विशद मार्केटिंग योजना पर काम करता आ रहा है जिसमें फेस्टिव सीजन पर खास ध्यान दिया गया है। इस योजना में शामिल हैंः सोशल मीडिया के जरिए ग्राहकों तक पहुंच विस्तार, ईकाॅमर्स के माध्यम से बिक्री बढ़ाना, विशेष फेस्टिव गिफ्टिंग रेंज का लांच और जमीनी स्तर पर प्रचार।

ग्रुप एसईबी इंडिया छोटे घरेलू उपकरण उद्योग में सबसे तेजी से बढ़ती कंपनी है। 2014 में कंपनी की समग्र वृद्धि 40ः तथा 2015 में 30ः रही है। एक ओर परम्परागत कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है (पारम्परिक कारोबार 31ः, माॅडर्न रिटेल $55ः व टीवी शाॅपिंग $45ः) और दूसरी तरफ ईकाॅमर्स चैनल 8 गुना बढ़ गया है, इस प्रकार कंपनी को अतिरिक्त कारोबार हासिल हुआ है।

त्यौहारों में मुनाफा कमाने के लिए ईकाॅमर्स चैनलों के बीच जबरदस्त प्रतिस्पर्धा चल रही है जो कि खरीददारों एवं विक्रेताओं दोनों के ही लिए फायदे का सौदा है। महाराजा व्हाइटलाइन की मौजूदगी बहुत से ईकाॅमर्स पोर्टलों पर है और हाल ही में ब्रांड ने अग्रणी ईकाॅमर्स प्लेटफाॅम्र्स के लिए कई ऐक्सक्लूसिव उत्पाद लांच किए हैं जो त्यौहारों के इस मौसम में उपलब्ध होंगे। इस बारे में ग्रुप एसईबी इंडिया (प्रा.) लि. के वाइस प्रेसिडेंट-मार्केटिंग श्री इमैन्युएल सेरो अल्मेरास ने कहा, ’’ईकाॅमर्स साइट्स के जरिए हम दमदार बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं। ग्राउंड स्टोर और हमारी वैबसाइट से होने वाली बिक्री में भी काफी इजाफा हुआ है। पिछले साल के शानदार प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए इस साल हम अपने बैनर को और भी ऊंचा ले जाएंगे, खासकर उत्तरी भारत में; जहां हम फूड प्रिपेरेशन कैटेगरी में पहले ही नंबर-1 ब्रांड हैं।’’

इस सीजन भी कंपनी को भारी बिक्री की आशा है इसलिए लाॅजिस्टिक्स, बैक ऐंड इन्वेंट्री आदि सारा इंतजाम इसी मुताबिक किया गया है। श्री अल्मेरास ने बताया, ’’सोशल मीडिया रीचआउट के मोर्चे पर बहुत सारे डिजिटल ऐक्टिवेशन की योजना तय की जा चुकी है। हमारा मानना है कि लघु घरेलू उपकरण उद्योग में हम सबसे ज्यादा डायनमिक डिजिटल ब्रांड हैं क्योंकि फेसबुक पर हमारे 2.70 लाख से ज्यादा प्रशंसक हैं, हमारे यूट्यूब चैनल पर 1.2 मीलियन से ज्यादा व्यूज़ हैं और हमारा ऐंगेजमेंट लैवल काफी अच्छा है। अपने बड़े डिजिटल फैन-बेस का फायदा उठाने के लिए हमने अपने बहुत से नए उत्पादों के वीडियो यूट्यूब पर डाले हैं और अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए हम फेस्टिवल स्पेशल कैम्पेन भी चला रहे हैं।’’

इन त्यौहारों के सीजन के दौरान ब्रांड की बाजार अपेक्षाओं के बारे में ग्रुप एसईबी इंडिया (प्रा.) लि. के सीईओ श्री सुनील वाधवा ने कहा, ’’महाराजा व्हाइटलाइन हमेशा से उपभोक्ताओं का पसंदीदा रहा है, खास कर फूड प्रिपेरेशन कैटेगरी में। हमारी केन्द्रित विपणन रणनीति और फूड एवं होम कम्फर्ट श्रेणियों में नए उत्पादों के जुड़ने से हमें विश्वास है कि त्यौहारों के इस सीजन में हम काफी अच्छा प्रदर्शन करेंगे।’’

हालांकि फूड प्रिपेरेशन श्रेणी में महाराजा व्हाइटलाइन बहुत मजबूत है, पर अब यह ब्रांड होम कम्फर्ट रेंज में बहुत से नए उत्पाद लांच कर के अपनी पहुंच का विस्तार कर रहा है। सर्दियां करीब हैं तो ब्रांड ने रूम एवं वाटर हीटरों की उत्कृष्ट रेंज प्रस्तुत कर दी है। कई नए लांच हुए हैं जो निश्चित तौर पर आधुनिक भारतीय परिवारों को पसंद आएंगे जैसे नया क्रांतिकारी मार्वेलो ओटीजी, वेक्टो डीलक्स रूम हीटर, वाटर हीटर की क्लेमियो रेंज आदि। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए ब्रांड ने विशेष फेस्टिव कलेक्शन भी पेश किया है जिसमें केसरिया और सफेद रंगों के संयोजन वाले घरेलू उपकरण भी शामिल हैं। इसके अलावा, हर किसी के बजट के मुताबिक उपहारों के भी बहुत से विकल्प हैं- हैंड ब्लेंडर, मिक्सर ग्राइंडर, इंडक्शन कुकटाॅप, गारमेंट स्टीमर आदि की विस्तृत रेंज में से आप चयन कर सकते हैं। ये सभी उत्पाद भारत में निर्मित हैं और बेहतरीन अतंर्राष्ट्रीय क्वालिटी के साथ आते हैं।

इन सभी नई पेशकशों, स्पेशल फेस्टिव कैम्पेन और सभी जानेमाने ईकाॅमर्स चैनलों पर उपलब्धता के साथ महाराजा व्हाइटलाइन ब्रांड त्योहारों के इस मौसम के लिए बिल्कुल तैयार है।

अधिक जानकारी के लिए कृपया विजिट करेंः ूूूण्उंींतंरंूीपजमसपदमण्बवउ

ग्रुप एसईबी इंडिया के बारे में
ग्रुप एसईबी इंडिया मिक्सर ग्राइंडर, जूसर मिक्सर ग्राइंडर, एयर कूलर और रूम हीटर श्रेणियों में मार्केट लीडर है। 22 ब्रांच आॅफिस, 500 वितरक और 35000 डीलरों के साथ कंपनी समग्र भारत में फैली हुई है। कंपनी का मुख्यालय दिल्ली में है और इसकी इन-हाउस विनिर्माण सुविधा हिमाचल प्रदेश के बद्दी में स्थित है, जो 10 एकड़ से भी ज्यादा खुले क्षेत्र में फैली हुई है। कंपनी किचन ऐप्लायंसिस, होम कम्फर्ट व गारमेंट केयर - इन तीन श्रेणियों में अपने उत्पाद प्रस्तुत करती है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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दलितों की ज़मीन ग़ैर-दलितों द्वारा ख़रीदे जाने पर लगी क़ानूनी रोक समाप्त करने का उ.प्र. सपा सरकार का फैसला ’’घोर दलित-विरोधी व उसकी जातिवादी सोच व साजि़श का परिणाम’’।

Posted on 13 August 2015 by admin

दलितों की ज़मीन ग़ैर-दलितों द्वारा ख़रीदे जाने पर लगी क़ानूनी रोक समाप्त करने का उ.प्र. सपा सरकार का फैसला ’’घोर दलित-विरोधी व उसकी जातिवादी सोच व साजि़श का परिणाम’’। दलितों को आजीवन शोषित-पीडि़त व भूमिहीन एवं खेतिहर मज़दूर ही बनाये रखने की सपा की ज़हरीली साजि़श: बी.एस.पी. प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने उत्तर प्रदेश में दलितों की ज़मीन ग़ैर-दलितों द्वारा ख़रीदे जाने पर लगी क़ानूनी रोक को समाप्त करने सम्बंधी प्रदेश समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार द्वारा हाल ही में लिये गये फैसले की तीखी आलोचना करते हुये कहा कि यह घोर दलित- विरोधी फैसला वास्तव में दलितों को पूर्ण रूप से भूमिहीन बनाये रखने की जातिवादी सोच व साजि़श का ही परिणाम है और इससे अब ख़ासकर सपा के गुण्डों व माफि़याओं द्वारा प्रदेश भर में दलितों की ज़मीन पर जबरन क़ब्ज़ा करने की होड़ लग जाने की आशंका बढ़ गयी है।

बी.एस.पी. प्रमुख सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि वैसे तो दलित समाज के लोग इस देश में व्याप्त वर्ण व्यावस्था के कारण सदियों से ही भूमिहीन रहे हैं, परन्तु परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अथक प्रयासों के कारण यहाँ देश में उनके द्वारा बनाये गये मानवतावादी संविधान व उसमें आरक्षण की व्यावस्था के कारण देश की आज़ादी के बाद इस शोषित वर्ग के लोग जो थोड़ी भूमि अपनी रोज़ी-रोटी के लिये अर्जित कर पाये हैं, उसे भी उत्तर प्रदेश की सपा सरकार अपनी जातिवादी सोच व ज़हरीली नीति के कारण उन दलितों से छीन करके उन्हें आजीवन भूमिहीन ही बने रहने को विवश करना चाहती है। इसी कारण सम्बन्धित क़ानून में संशोधन करने का प्रस्ताव प्रदेश मंत्रिमंण्डल द्वारा दिनांक 4 अगस्त सन् 2015 को पारित किया गया है।

जबकि उत्तर प्रदेश ज़मीनदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था क़ानून, 1950 की धारा 157 (क) में स्पष्ट प्रावधान है कि अनुसूचित जाति के भूमिधर व्यक्ति कलेक्टर की पूर्व स्वीकृत के बिना दलित वर्ग के व्यक्ति के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को ना तो ज़मीन बेच सकते हैं और ना ही दान, बंधक, या पट्टा द्वारा अंतरित कर सकते हैं। साथ ही, कलेक्टर दलित समाज के व्यक्ति को किसी अन्य वर्ग के लोगों को ज़मीन बेचने की अनुमति तभी दे सकते हैं जब दलित के पास कम-से-कम  1.26 हेक्टेयर से अधिक ज़मीन हो। यही नहीं, बेचने के बाद भी इतनी ही ज़मीन उसके पास बची भी रहनी चाहिये।

इसी ही क़ानूनी प्रतिबन्ध के कारण दलित समाज के कुछ लोगों के पास आज थोड़ी भूमि बच पायी है, वरना इस वर्ग की ज़्यादातर आबादी भूमिहीन हैं और खेतिहर मज़दूरी व दैनिक मजदूरी करके अपना जीवन किसी प्रकार गुज़र-बसर करने को विवश हैं।
ठीक ऐसे समय में जबकि आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था को निष्क्रिय व निष्प्रभावी बनाकर दलित समाज के लोगों को सरकारी नौकरियों से भी वंचित रखने का षड़यंत्र रचा जा रहा है व साथ ही वर्षो पहले प्रमोशन पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को नीचे के पद पर ढकेलने का जुल्म ढाया जा रहा है, उत्तर प्रदेश सपा सरकार द्वारा दलित वर्ग के लोगों को भूमिहीन बनाये रखने का फैसला दलित वर्ग के लोगों के हितों पर एक बड़े कुठारघात जैसा है।

निश्चित रूप से वर्तमान सपा सरकार का यह फैसला भी उन फैसलों जैसा ही है जोे बी.एस.पी. सरकार बनने पर उसे फौरन ही रद्द करके कूड़े की टोकरी में डाल दिये जाने योग्य है। वर्तमान में भी विधानमण्डल सत्र के दौरान इस विधेयक का डटकर विरोध करके इसे पारित होने से रोकने का हर संभव लोकतांत्रिक प्रयास किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल कोलकाता में देश को तीन सामाजिक सुरक्षा की योजना समर्पित करेंगे।

Posted on 09 May 2015 by admin

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल कोलकाता में देश को तीन सामाजिक सुरक्षा की योजना समर्पित करेंगे। यह योजना प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजनाए अटल पेंशन योजनाए प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के नाम से होगी। उ0प्र0 के विभिन्न शहरों में भी यह योजना केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा देश को समर्पित की जायेगी। लखनऊ में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ए आगरा में श्री कलराज मिश्र ए मेरठ में श्री चौधरी बीरेन्द्र सिंहए इलाहाबाद में श्री मुख्तार अब्बास नकवीए कानपुर में सुश्री उमा भारतीए वाराणसी में श्री एम वैंकैय़ा नायडू और बरेली में श्रीमती मेनका गांधी इस योजना का शुभारम्भ करेंगी।
यह योजनाएं पूरे देश में 09 मई 2015 को एक साथ सायं 6ण्00 बजे देश को समर्पित की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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श्री अरविंद सक्सेशना यूपीएससी के सदस्या नियुक्त्

Posted on 09 May 2015 by admin

श्री अरविंद सक्सेसना की संघ लोक सेवा आयोग के सदस्यर के रूप में नियुक्ति की गई है। श्री सक्से्ना का कार्यकाल आयोग के सदस्यय के रूप में कार्यालय में उनके प्रवेश की तारीख से शुरू होगा। इस समय वह विमानन अनुसंधान केन्द्र  ;एआरसीद्ध में निदेशक और पदेन विशेष सचिव हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उत्पांदन और उत्पाोदकता में वृद्धि केवल कृषि क्षेत्र में अनुसंधान से ही सम्भंव है.श्री राधामोहन सिंह

Posted on 09 May 2015 by admin

केन्द्री य कृषि मंत्री श्री राधामोहन सिंह ने आज इस्तां बुलए तुर्की में आयोजित जी.20 कृषि मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंबने कहा कि अधिक पहल शामिल करने की अपेक्षा वर्तमान पहलों के लिए जवाबदेही और निगरानी के लिए स्वोयं को अधिक निर्देशित करने की जरूरत है। मंत्री महोदय ने उत्पारदन और उत्पाोदकता बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र में अनुसंधान की जरूरत पर जोर दियाए जिससे मूल्यन अस्थिरता से निपटने में मदद मिलेगी। उन्होंेने खाद्य सुरक्षाए मूल्यग स्थिरताए खाद्य पदार्थों की बर्बादी और हानि कम करने जैसे विभिन्नं मुद्दों पर भी जोर दिया। श्री सिंह ने किसानों की भलाई के लिए सरकार की पहलों के बारे में भी जानकारी दी।
कृषि मंत्री के संबोधन का मूल पाठ इस प्रकार है .
मैं सबसे पहले जी.20 देशों का अध्येक्ष बनने पर तुर्की को बधाई देता हूँ। इसके साथ ही मैं बैठक में शामिल होने वाले सभी प्रतिनिधियों का खुले दिल से स्वासगत करता हूँ एवं आतिथ्यद के लिए मेजबान देश का आभार व्यरक्त  करता हूँ।
हाल ही में जी.20 देशों का योगदान और भूमिका खाद्य असुरक्षा और वैश्व्कि रूप से कुपोषण की समस्याह का सामना करने के लिए बहुत महत्वनपूर्ण हो गया है। सतत खाद्यान्नय प्रणाली को प्राप्त  करने की ओर सहायता देने के लिए हमारे देशों की जिम्मे दारी और अधिक बढी है।
वर्ष 2008.09 में विश्वि समुदाय द्वारा सामना की गई मन्दीा से यह निष्क र्ष निकला कि वैश्वि।क समस्या0ओं का समाधान वैश्वििक रूप से एकजुट होकर कार्य करने में है। विकास पर बहुवर्षीय कार्य योजना के तहत सियोल सम्मेालन के दौरान हमारे नेताओं ने वैश्वि क कृषि और खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम ;जीएएफएसपीद्ध और अन्या द्विपक्षीय और बहुपक्षीय चैनलों के माध्यनम से की गई प्रतिबद्धताओं का स्वािगत किया और कृषि के विकास के लिए निवेश और वित्तीहय सहायता को बढ़ाने पर जोर दिया। फ्रांस की अध्याक्षता के दौरान खाद्य मूल्यत अस्थियरता और कृषि पर एक कार्य योजना तैयार की गई थी ताकि बढ़ती हुई वैश्विकक खाद्य मांग और मूल्यप अस्थिपरता की समस्यार से निपटा जा सके। इन पहलों की शुरूआत के बाद से विशेषतरू कृषि मण्डीप सूचना प्रणाली ;एएमआईएसद्धए रैपिड रेस्पों स फोरम ;आरआरएफद्ध और आकस्मिाक मानवीय खाद्यान्नू रिजर्व के क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है। ब्रिस्बे‍न सम्मे लन में जी.20 नेताओं द्वारा खाद्य सुरक्षा और पोषण फ्रेमवर्क तैयार किया गया था जिसमें चुनौतियों का समाधान करने के लिए दीर्घावधिक प्राथमिकता उद्देश्यों  हेतु तीन परिणाम चिन्हिकत किए गए थे। टर्की की अध्य क्षता में भी इन वैश्विदक हित चिन्तातओं के समाधान को प्राथमिकता दी गई है।
भारत का मत है कि हमारा यह समूह जारी पहलों में और कुछ न जोड़कर इनकी जबावदेही और मॉनिटरिंग की ओर स्वायं को अग्रसर करे। भारत की हमेशा यह स्थिबति रही है कि अधिक खाद्य मूल्यी अस्थिमरता की समस्याभ के समाधान के लिए कृषि उत्पाहदन को बढ़ावा देना महत्वकपूर्ण है। कृषि उत्पाथदन को बढायें बिना खाद्य मूल्योंक में वृद्धि को रोक पाना सम्भदव नहीं होगा। तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण कृषि के लिए घटते भू आकार के साथ भारत का विश्वाीस है कि घटते संसाधनों के साथ उत्पातदन और उत्पातदकता में वृद्धि केवल कृषि क्षेत्र में अनुसंधान से ही सम्भहव है।
खाद्य सुरक्षा के सिद्धान्ता में महत्वापूर्ण परिवर्तन हुए है क्यों कि खाद्य उपलब्धषता और स्थि रता को पहले खाद्य सुरक्षा सुनिश्चिंत करने के लिए अच्छा  उपाय माना जाता था और इसे विकसित देशों द्वारा उच्चे प्राथमिकता दी जाती थी। तथापि इससे गम्भी र पारिवारिक खाद्य असुरक्षा की समस्याा का समाधान नहीं होता है। खाद्य सुरक्षा के मूल्यांिकन में अब पारिवारिक स्तरर पर खाद्यान्नक ऊर्जा ग्रहण करने को महत्वम दिया गया है हालांकि इसके लिए स्था पित मापदण्डोंक पर भी पोषणविदों ने सवाल खडे किए हैं। इस मामले में नीति तैयार करते हुए अस्था्यी और गम्भी र खाद्य असुरक्षा के बीच अंतर समझना आवश्य क है। इस समस्या‍ से निपटने का समाधान गरीब को खाद्य उपलब्धाता में सुधार और सुनिश्चि त आहार उपलब्धाता के लिए गरीबों की क्रय शक्ति  को बढाने में है।
कृषि वस्तुओं का उत्पािदन और उत्पाुदकता को बढ़ाना ही केवल चिन्ताल का विषय नहीं है बल्किर खाद्य अपशिष्टउ और हानि को रोकने के लिए भी पहल की जानी चाहिए। खाद्य अपशिष्टब को रोकने के लिए एक कार्यान्वकयन योजना की आवश्यीकता है जिसमें केवल जी.20 देशों का ही नहीं बल्किो कम आय वाले और विकासशील देशों की चिन्तायओं और उनके मत को भी ध्याान में रखा जाना चाहिए। हमें उत्पािद भण्डाीरण और रख.रखाव प्रोटोकॉल पर अनुसंधान करनेए कृषि से जुड़े उद्योगों में निवेश बढाने और फसलोंपरांत और मण्डीख से जुड़ी आपूर्ति श्रृंखला में संयुक्त  रूप से उत्कृ ष्टोता केन्द्रं स्थाडपित करने का प्रयास करना चाहिए। भारत कृषि के लिए कृषि उत्पाकदकता अवसंरचना निर्माण में निवेश को बढानेए उत्पा्दकता बढाने और लघु जोत कृषि में मानव क्षमता बढाने और खाद्य हानि और अपशिष्टे को रोकने के लिए शीत और सामान्यि भण्डाारण एवं कोल्डप चेन विकास की व्याकपक योजनाएं चला रहा है जिससे खाद्य अपशिष्टि एवं हानि में गिरावट आयी है। भारत का यह मत है कि खाद्य हानि और अपशिष्टज को न्यूिनतम करने के लिए विकसित प्रौद्योगिकियां कम आय वाले देशों के अनुरूप होनी चाहिए।
भारत में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों का देश की जीडीपी में 17ण्2ः और कुल निर्यात में 14ः हिस्साृ है । देश की लगभग आधी जनसंख्याी अपनी आय के प्राथमिक स्रोत के रूप में कृषि पर निर्भर है और बहुत से उद्योगों के लिए कच्चेी माल का मुख्यअ स्रोत कृषि है। इसलिए भारत को अर्थव्यहवस्थाद की लक्षित वृद्धि के लिए और बढ़ती एवं विविध  खाद्य मांग को पूरा करने के लिए कृषि क्षेत्र की वृद्धि की गति को बनाये रखना होगा । हमने अपने कृषि क्षेत्र में तेजी से उन्नकति की है जो इस तथ्यि से व्यहक्तअ होती है कि हमारे खाद्यान्नं उत्पािदन में 2000.2001 में 197 मिलियन टन से 2014.15 में 266 मिलियन टन की वृद्धि हुई हैए जिससे न केवल हमारी घरेलू आवश्यिकता की पूर्ति होती है बल्किह वैश्विेक खाद्य सुरक्षा में भी हमारा योगदान होता है।
हमें विश्वा स है कि सार्वजनिक निवेश में वृद्धि द्वारा और निजी क्षेत्र सहभागिता में वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण बनाकर कृषि में प्रेरित वृद्धि के लिए इस रणनीति के सकारात्मकक परिणाम होंगे । स्कीरमों की योजना बनाने और कार्यान्वएयन में राज्योंम को अधिक स्वा यतता और छूट प्रदान करते हुए हम कृषि जलवायु स्थिबतियोंए प्राकृतिक संसाधन मुद्दों और प्रौद्योगिकी तथा समेकित पशुधनए कुक्कुवट और मात्यिों् की के लिए कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के लिए राज्यु सरकारों को प्रोत्साुहित कर रहे हैं।
हमारे बहुत से किसान अपने खेतों से अधिकतम उपज प्राप्त  करने में असमर्थ हैं क्योंाकि वे अपनी मृदा स्थिोतियों के बारे में जागरूक नहीं हैं । हमारा उद्देश्य‍ किसानों को मृदा स्वांस्य्वे  के लाभों के बारे में बताना है ताकि वे उत्पाैदकता और लाभ बढ़ाने के लिए उर्वरकों की उचित मात्रा का उपयोग कर सकें। हमारी सरकार ने प्रत्येमक किसान को मृदा स्वांस्य् औ  कार्ड प्रदान करने की नई योजना शुरू की है जिसे नियमित अंतराल में अद्यतन किया जाएगा।
सरकार जैविक खेती के संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध है जिससे मृदा स्वा।स्य्हम  में सुधार होगा और गुणवत्ता  फसलें बेहतर होंगी । वर्तमान वित्तीदय वर्ष से जैविक कलस्ट्र विकसित करने के लिए और किसानों को रसायन मुक्तर आदानों की उपलब्ध्ता के लिए एक नई योजना ष्परम्पयरागत कृषि विकास योजनाष् का कार्यान्व यन किया जायेगा। हमने एक गोकुल मिशन की भी शुरूआत की है जो पशुवंश में सुधार के लिए एक समर्पित कार्यक्रम है ताकि दूध का उत्पाभदन और किसानों की आय में सुधार किया जा सके। खाद्य एवं पोषण सुरक्षा तथा जल कृषि के किसानों की आजीविका में सुधार हेतु नीली क्रान्ति  ;मात्यिसु  कीद्ध ओर भी हमारा देश बढ़ रहा है।
कृषि उत्पाआदन एवं उत्पातदकता में बढ़ोत्त री के साथ किसानों की आय में वृद्धि तथा प्रति बूंद अधिक उपज हेतु ष्हर खेत को पानीष् यानी सिंचाई की सुविधा सुनिश्चिआत करने हेतु प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हमारे देश में कार्यान्विमत की जा रही है।
गरीब किसानों की क्रय शक्तिे को बढ़ाने और मूल्यी अस्थिसरता को रोकने दोनों में समान रूप से प्रभावी एक सतत खाद्य प्रणाली प्राप्तढ करने की हमारी कोशिश में हम एक बाधामुक्तन राष्ट्री य कृषि मण्डीक शुरू करने की ओर अग्रसर है। प्रान्तीीय टैरिफ और गैर टैरिफ बाधाओं को कम करने के साथ हमारी सारे देश को एक राष्ट्री य स्त्रीय ई.प्लेटटफॉर्म पर लाने की योजना है जिससे किसानों को सम्पूशर्ण देश की मण्डिसयों तक पहुंच की सुविधा होगी और ग्राहकों के पास खाद्यान्ना वस्तुरओं को प्राप्ते करने के बेहतर विकल्प  होंगे।
भारत में लगभग 85ः किसानों के पास लघु कृषि जोत हैं। चूंकि कृषि की उत्पांदकता बढाने के लिए कृषि का यंत्रीकरण किया जा रहा हैए अतरू इन छोटे किसानों के हितों की रक्षा करना और अधिक महत्वकपूर्ण व जरूरी हो गया है। इनमें से अधिकांश किसानों के पास संसाधनों का अभाव है और वे सहायता के लिए पूरी तरह से सरकार पर निर्भर है। अतरू पारिवारिक खेती को और अधिक मजूबत किए जाने की आवश्यसकता है ताकि इन किसानों को गरीबी और कुपोषण के शिकंजे से बचाया जा सके और इस प्रकार वे देश का दायित्वअ न होकर स्वबयं सक्षम बन सके। यह उल्लेसख करना भी ठीक रहेगा कि हमने अटल पेंशन योजना के तहत हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्माहन में बुजुर्ग किसानों के लिए एक पेंशन कार्यक्रम की शुरूआत की है।
अपना भाषण समाप्त  करने से पूर्व मैं इस सम्मे‍लन के सफल आयोजन और सभी प्रतिनिधियों को दिए गए आतिथ्यक सत्कासर के लिए टर्की सरकार को धन्येवाद देता हूँ। आज मैं सफल विचार.विमर्श की कामना करता हूँ जिसमें विश्वे समुदाय की खाद्य सुरक्षा आवश्यिकताओं और हमारे किसानों को प्राथमिकता देने पर ध्यासन दिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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