विभाजन के दंश में झुलसा सुलतानपुर व रायबरेली
जिले की बहाली को लेकर अमेठीवासी उत्साहित
सुलतानपुर - संसदीय क्षेत्र अमेठी जनपद सुलतानपुर और जनपद रायबरेली का अंग रहा जिसमें सुलतानपुर की तीन तहसीलें अमेठी, गौरीगंज व मुसाफिरखाना और दस विकास खण्ड शामिल रहे। वहीं जनपद रायबरेली की दो तहसीलें सलोन, तिलोई और छ: विकास क्षण्ड शामिल रहे। इस प्रकार छत्रपति शाहू जी महराज नगर नव सृजित जनपद में कुल 05 तहसीलें और 16 विकास खण्ड शामिल हैं। जिसे आज प्रदेश सरकार की कैविनेट की बैठक में बहाल कर दिया गया। सूचना मिली है कि नये जिले के जिलाधिकारी के रूप् में जे0 पी0 गुप्ता देर शाम तक कार्यभार ग्रहण करने आ रहे हैं। उधर जिला मुख्यालय गौरीगंज बनाये जाने को लेकर कुछ क्षेत्रों में अफरा- तफरी का भी माहौल है। उल्लेखनीय है कि 2003 में 21 मई को तत्कालीन मुख्यमन्त्री मायावती ने छत्रपति शाहू जी महराज नगर नाम अमेठी को नया जनपद बनाया था। उस समय एम0 पी अग्रवाल डी0 एम0 व पियूश आनन्द नये जिले के एस0 पी0 हुए। जिले में समस्त विभाग खोले गये। किन्तु सूबे में सत्ता परिवर्तन हुआ और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव सुबे के मुख्यमन्त्री बने। उन्होने अमेठी नाम से जिला न होने के कारण सोनिया गॉधी के सम्मान में इस जिले का गला घोट दिया। जनता सड़क पर उतर आई, तमाम विरोध प्रदर्शन हुए और अदालत में वाद दायर हुआ। जिसकी सुनवाई के सापेक्ष मायावती सरकार को तीन माह के भीतर जिला बनाकर जवाब दाखिल करने को कहा था। तद्नुसार मायावती सरकार ने अपनी कैविनेट बैठक मे जिले को बहाल कर जवाब कोर्ट में दाखिल कर दिया। जिला बहाली उनका अमेठी की जनता से वादा था, जिसे उन्होने आज पूरा कर खूब वाहवाही बटोरी है। जिला बचाओ संघर्ष समिति ने आज खुिशया जताई। इस जिले का अभ्युदय गॉधी- नेहरू परिवार और मायावती के वाक् युद्ध का नतीजा था, जो आज पुन: अमल में आ गया। इधर भादर आदि क्षेत्र के लोग मुख्यालय को लेकर सुलतानपुर और रायबरेली वासी भी मायूस हैं। जो क्राम क्षेत्र हाथ से निकल जाने के दु:ख से उबर नहीं पा रहे हैं। बहर हाल अमेठी वासी काफी उत्साहित होकर सूबे की सरकार को बधाई दे रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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