नेता प्रतिपक्ष, विधान परिषद श्री अहमद हसन एवं प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्रचौधरी की संयुक्त प्रेस कंाफ्रेन्स में कहा 22 जून,2010 को सायंकाल समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधि मण्डल ने, जिसमें नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी, पूर्व विधायक रविदास मेहरोत्रा, पूर्व महानगर सचिव विजय सिंह यादव, प्रेमप्रकाश वर्मा, मो0 एबाद, महानगर महासचिव एवं श्री रमाशंकर यादव एवं शामिल थे, पिपराघाट से उजाड़े गए पीड़ित लोगोंं से भेंट की।
लखनऊ के पिपराघाट रेलवे फाटक नं0 212 के पास बसी बस्ती में मिस्जद- मदरसा सहित 200 पक्के मकान 3 जून,2010 को ध्वस्त किए जाने का जब समाजवादी पार्टी ने विरोध किया और राज्यपाल महोदय को भी ज्ञापन दिया तो बसपा सरकार ने अपने पाप को छुपाने के लिए पहले तो स्थानीय निवासियों को बांग्लादेशी बताकर पल्ला झाड़ने की असफल कोशिश की। बाद में उन्हें रातों रात कांशीराम आवास योजना के अतंर्गत भदरूख बंगला बाजार में पहुंचा दिया गया। ये आवास आधे-अधूरे बने हैंं और सामान्य सुविधाओं का भी वहां अभाव है। आधे से ज्यादा लोगोंं को वहां से भी भगा दिया गया है। जो लोग वहां फिलहाल रह रहे हैं उन्हें एलाटमेंट का कोई प्रमाण-पत्र. भी नही दिया गया है। परेशान हाल लोगों ने बताया कि यहां पीने का पानी तक नहीं उपलब्ध है। उनको आशंका है कि मामला ठण्डा होने पर उन्हें फिर बेघर कर दिया जाएगा।
पिपराघाट में जिन लोगों को बुलडोजर चलाकर उजाड़ दिया गया है वे गत 25 वषोZ से वहां रह रहे थे। बिजली, पानी की सुविधां उन्हें वहां प्राप्त थीं। बहुतों के राशनकार्ड भी बने हुए थे। अब इन लोगों को कांशीराम आवास योजना में परेशानी में गुजर बसर करने को मजबूर किया गया है। राजधानी में सरकार की नाक के नीचे पवित्र कुरान शरीफ का अपमान और मिस्जद, जिसे अल्लाह का घर माना जाता है, को ढहा देना एक अपराधिक कृत्य है। सरकार इससे इंकार कर अल्पसंख्यकों की भावनाओं को आहत कर रही है।
समाजवादी पार्टी की मांग है कि जिन अधिकारियों ने यह किया उन्हें दण्ड देना चाहिए। पुलिस ने जिस बर्बरता से वहां के निवासियों खासकर महिलाओं एवं बच्चों के साथ बदसुलूकी की उन पर भी कार्यवाही किया जाना चाहिए। सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था के लिए कम से कम 5 लाख रूपए की सहायता प्रत्येक परिवार को देनी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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