भारतीय जनता पार्टी ने जूनियर डाक्टरों/मेडिकल छात्रों पर किये गये लाठीचार्ज की घोर निन्दा की है और कहा है बसपा सरकार के पास अपनी जायज मांगे मांगने वाले वर्गो और समूहों आदि के लिये पुलिस लाठीचार्ज के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि बसपा सरकार पीड़ित वर्गो अथवा समूहों के प्रति संवेदनहीन है। वह जनतन्त्र में विश्वास नहीं रखती। अपनी मांगों को लेकर धरना, जुलूस और प्रदर्शन आदि जनतन्त्रीय कार्रवाई का हिस्सा हैं। विधि स्थापित सरकार को चाहिए कि आन्दोलित वर्गो की मांगों को ध्यानपूर्वक सुनें, विचार करें और तद्नुसार कार्रवाई भी करें। लेकिन बसपा सरकार के कार्यकाल में अब तक हुए सभी धरना-प्रदर्शनों को लाठीचार्ज से ही कुचलने का निन्दनीय काम हुआ है।
श्री दीक्षित ने सवाल उठाया कि आखिरकार आन्दोलित जूनियर डाक्टरों की मांगों पर औचित्यपूर्ण विचार क्यों नहीं हुआर्षोर्षो आन्दोलित चिकित्सकों से वार्ता करने के लिये राज्य सरकार का सक्षम प्रतिनिधि क्यों नहीं उपस्थित हुआर्षोर्षो यह सरकार अब तक शिक्षकों, शिक्षामित्रों, राज्य कर्मचारियों के भिन्न समूहों सहित आन्दोलित महिला कर्मियों पर भी विधानसभा के सामने लाठीचार्ज करवा चुकी है। सरकार औचित्यपूर्ण मांगों पर विचार करने के बजाय हर बार पुलिस लाठीचार्ज का ही विकल्प चुनती है।
भाजपा प्रदेश चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ0 अरूण मेहरोत्रा ने आज जूनियर डाक्टरों पर हुए लाठीचार्ज को घोर तानाशाही की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें मांग पत्रों को ध्यान से सुनती थीं। प्रतिनिधिमण्डलों के साथ वार्ता होती थी। विचार-विमर्श होते थे। लेकिन इस प्रकार लाठीचार्ज के माध्यम से आन्दोलन कुचलने और निर्ममता से चिकित्सकों को भी पीटने का कलंक केवल बसपा सरकार ने ही किया है। डॉ0 मेहरोत्रा ने जूनियर डाक्टरों की मांगों का समर्थन भी किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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