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भूमि की व्यवस्था तथा कार्यदायी संस्था के चयन पष्चात ही निर्माण कार्या की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जाएं-मुख्यमन्त्री

Posted on 16 June 2010 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने विभिन्न विभागों द्वारा कराये जाने वाले निर्माण कार्यों की वित्तीय स्वीकृतियां तभी जारी किये जाने के निर्देष दिये हैं जब सम्बन्धित विभाग द्वारा भूमि की व्यवस्था तथा कार्यदायी संस्था का चयन कर लिया जाये। उन्होंने कहा कि भूमि की व्यवस्था करने तथा कार्यदायी संस्था के चयन में विलम्ब होने से सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गई धनराषि का तत्काल सदुपयोग नहीं हो पाता और जनता को भी समय से योजना का लाभ प्राप्त नहीं होता। उन्होंने लाभार्थीपरक समस्त योजनाओं में लाभार्थियों के चयन का कार्य वित्तीय स्वीकृति के पूर्व किए जाने के निर्देष देते हुए कहा कि इससे धन आवंटित होते ही तत्परता से लाभार्थियों को लाभािन्वत किया जा सकेगा। उन्होंने षासन के वरिश्ठ अधिकारियों को फील्ड में जाकर विभागीय गतिविधियों का मौके पर जायजा लेने के भी निर्देष दिये।

मुख्यमन्त्री जी ने यह निर्देष तब दिये जब मन्त्रिमण्डलीय सचिव श्री षषांक षेखर सिंह, मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता तथा अपर मन्त्रिमण्डलीय सचिव श्री नेतराम ने आज यहां योजना भवन में विभागीय प्रमुख सचिवों/सचिवों के कार्यों की समीक्षा के उपरान्त, बैठक के निश्कशोZं से उन्हें अवगत कराया। उन्होंने निर्माण कार्य से जुड़े विभिन्न सरकारी विभागों तथा कार्यदायी संस्थाओं द्वारा चयनित किये जाने वाले वास्तुविदों (आिर्कटेक्ट) के सम्बन्ध में आगामी दो सप्ताह में नीति बनाने के भी निर्देष दिये।

मुख्यमन्त्री जी ने यह भी निर्देष दिये कि आदर्ष तालाब योजना के अन्तर्गत बनने वाले सभी तालाबों का निर्माण प्रत्येक दषा में इस वर्श 15 जुलाई से पूर्व कर लिया जाये जिससे इन तालाबों में वर्शा का जल संग्रह हो सके। उन्होंने कहा कि पात्र व्यक्तियों को असामी पट्टे वितरित करने की कार्यवाही की नियमित समीक्षा की जाए तथा इन पट्टों पर अवैध रूप से कब्जा करने वाले दबंगों एवं बाहुबलियों के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कराकर सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने बान्दा में निर्माणाधीन मान्यवर श्री कांषीराम जी कृशि एवं प्रौद्योगिकी विष्वविद्यालय के निर्माण कार्य को 30 जून, 2011 तक पूर्ण करने तथा इसी अवधि में विष्वविद्यालय हेतु समस्त आवष्यक संसाधनों की व्यवस्था सुनििष्चत किये जाने के भी निर्देष दिये।

मुख्यमन्त्री जी ने कहा कि पषुपालकों को दुग्ध उत्पादन का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए दुग्ध संग्रहण केन्द्रों की संख्या व क्षमता में बढ़ोत्तरी की जाये। उन्होंने नकली व मिलावटी दूध की बिक्री पर नियन्त्रण हेतु समय-समय पर आकिस्मक छापे मारने तथा इस गैरकानूनी कार्य में षामिल दोशियो के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही करने के भी निर्देष दिये। उन्होंने निर्देष दिए कि आगामी खरीफ सीजन में किसानों को समय से खाद, बीज व फसली ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रभावी कार्यवाही सुनििष्चत की जाएं, ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो। उन्होंने फसली ऋण के वितरण हेतु ब्लाक स्तर पर कैम्प आयोजित कर किसानो को आसानी से फसली ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि खरीफ की फसल को देखते हुए कोई भी नलकूप 15 दिनों से अधिक अवधि तक खराब पड़ा नहीं रहना चाहिए। उन्होंने खराब नलकूपों को प्राथमिकता पर ठीक कराने के निर्देष दिए हैं।
मुख्यमन्त्री जी ने मान्यवर श्री कांषीराम जी षहरी गरीब आवास योजना के लाभार्थियों को कॉलोनी में अथवा समीप ही, प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केन्द्र तथा राषन की दुकान आदि की विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देष दिये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों के बच्चों की प्राथमिक एवं अनौपचारिक षिक्षा की समुचित व्यवस्था की जाये। उन्होंने उत्तर प्रदेष मुख्यमन्त्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के सर्वे कार्य को इस माह के अन्त तक पूरा किये जाने पर बल दिया। उन्होंने मुख्य सचिव को वीडियो कान्फ्रेंिन्सग द्वारा इस कार्य की प्रगति की समीक्षा करने के निर्देष दिये। ज्ञातव्य है कि इस योजना के अन्तर्गत प्रदेष के ऐसे सभी गरीब लोगों जिन्हें अन्त्योदय एवं बी0पी0एल कार्ड धारकों को दी जाने वाली खाद्यान्न योजना अथवा वृद्धावस्था/विधवा/विकलांग पेंषन योजना का लाभ नहीं मिला है, उन्हें राज्य सरकार द्वारा प्रतिमाह 300 रूपये की आर्थिक मदद उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था है।

मुख्यमन्त्री जी ने बाह्य सहायतित योजनाओं के तहत सड़क व सिंचाई की बड़ी परियोजनाओं को समयबद्ध ढंग से क्रियािन्वत करने के निर्देष दिए, जिससे आम जनता को इन योजनाओं का समय से लाभ मिल सके। उन्होंने प्रमुख सचिवों/सचिवों को अपने विभाग में ऐसी परियोजनाओं का चिन्हांकन करने के निर्देष दिए, जिनका बाह्य सहायतित योजना के तहत वित्त पोशण कराया जा सके। उन्होंने औद्यानिक मिषन की समीक्षा करते हुए कहा कि किसानों को औद्यानिक उत्पादों के विपणन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करायी जायें। उन्होंंने फल एवं षाक-सब्जी उत्पादन क्षेत्रों के समीप खाद्य प्रसंस्करण इकाई एवं मल्टीचेम्बर-मल्टीकमोडिटी कोल्ड स्टोरेज स्थापित किए जाने के निर्देष दिए। उन्होंने विभिन्न निर्माण क्षेत्र में कुषल एवं दक्ष कार्मिकों की उपलब्धता सुनििष्चत कराने के लिए प्रषिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाने पर बल दिया।

मुख्यमन्त्री जी ने राश्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के लिम्बत मामलों को अभियान चलाकर पूरा करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि आश्रम पद्धति विद्यालयों तथा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु अनुसूचित जाति के छात्र-छात्राओं के लिए कोचिंग सेन्टरों का प्रभावी संचालन सुनििष्चत किया जाए। इस कार्य में किसी प्रकार की षिथिलता बर्दाष्त नहीं की जायेगी। इसके साथ ही सभी छात्रवृत्ति योजनाओं के लाभार्थियों को समय से छात्रवृत्ति का लाभ मिल सके, इसकी भी व्यवस्था सुनििष्चत कर ली जाए। उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों में युवाओं को खेलकूद की दिषा में प्रोत्साहित करने के लिए वहां खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित करने के निर्देष दिए।

मुख्यमन्त्री जी ने वाणिज्य कर विभाग के कम्प्यूटरीकरण कार्य में तेजी लाने के निर्देष दिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों के प्रकरणों को तत्परता से निपटाने के निर्देष देते हुए कहा कि इनसे सम्बन्धित प्रकरण किसी भी स्तर पर लिम्बत नहीं रहने चाहिए। उन्होंने प्रकरण के निस्तारण के बाद सम्बन्धित जनप्रतिनिधि को वस्तुस्थिति से अवगत कराये जाने के भी निर्देष दिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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