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नई उम्मीद है देश के नौजवान से

Posted on 14 June 2010 by admin

भारत के नौजवान राश्ट्र है देश की 60 प्रतिशत आबादी नौजवान है परन्तु युवा राजनीति से दूर रहना चाहते है ऐसा क्या कारण है कि एक विकसित होने और विश्व पटल पर अपनी ताकतवर हैं सही मायने में युवाअों में ही नई सोच नई विचारधारा नई उर्जा और कुछ नया करने की चाहत होती है। ऐसे नौजवानों को राजनीति में लाने की जरूरत होती होगी जो देा के बारे में पहले से सोचते हो और अपने बारे बाद मे वे नौजवान जो इस देश को नई दिशा नई सोच नई विचार धारा देने की आवश्यकता है आज भारत वशZ दुनिया को नई दिशा देने के लिए तैयार है तो वह मात्र अपनी युवा शक्ति के आधार पर ऐसा नेतृत्व दिल्ली में अलावा छोटे शहरों, कस्बों और गॉवों को भी चाहिए। नौजवानों को अपने क्षेत्र के बारे में सोचना होगा जरूरत है कि दूरी सोच बदली जाए गॉव से लेकर दिल्ली तक जो भी नौजवान निर्णयात्मक भूमिका निभा सके। अअब इस कार्य में जुट जाना चाहिए। हमारे पीछे रह जाने का मुख्य कारण है कि हम दिशा परिवर्तित करने वाली सोच को अमल में नही ला पाते है हम सब सिस्टम कारगर तरीके से बदला जा सकता है। यह हमें ज्यादा कारगर तरीके से बदला जा सकता है। यह मुमकिन तभी होगा जब हम नौजवान नई सोच के साथ आगे बढ़े कहीं न कही अभी भी हमारी कार्य प्रणाली धीमी और पुरानी सोच पर चल रही है। इस कारण अवरोध ज्यादा है किसी भी सामान्य व्यक्ति को अपनो कार्य करवाने के लिए शासन और प्रशासन के बीच फुटबाल बनना पड़ता है यहॉ तक जन प्रतिनिधियों को भी इसे बदलना होगा अफसर शाही के अंकुश कम करने होगे। यह तभी सम्भव होगा जब नई सोच, नई विचार धारा, नई उम्मीद आगे आए और मोर्चा सम्भाले यानी नौजवान मोर्चा संभलो। नौजवानों को रास्ता देना होगा। इस देश में संभावनाए अनेक है। यह वह देश है जहॉ नौजवानों की एक बड़ी और रचनात्मक सोच रखने वाली फौज है बस जरूरत है तेा नौजवानों को मौका देने की ताकि देश को 21वीं सदी को बड़ी तातक के रूप में जिसमें कि क्रान्तिकारी-योजनाओं को अमली जामा पहना सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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