भारतीय जनता पार्टी ने बसपा सरकार पर पुलिस हिरासत में हो रही मौतों को लगातार संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2010 के प्रथम पांच महीनों में पुलिस हिरासत में 9 लोग मारे गये थे। छठवें महीने में पुलिस ने औरैया जनपद के बेला थाने में एक और व्यक्ति को पुलिस हिरासत में मार कर पुलिस अत्याचारों का नया रिकार्ड कायम किया है। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने आज सोमवार को यहां कहा कि राज्य पुलिस ने मानवाधिकार हनन का अखिल भारतीय रिकार्ड कायम किया है। लेकिन सरकार अत्याचार करने वाली पुलिस की पीठ थपथपा रही है और अत्याचारियों को संरक्षण दे रही है। औरैया जनपद के थाना बेला में पुलिस हिरासत में मारे गये राम लडै़ते पुत्र मटरू निवासी नौरंगपुर-तिरवा के मसले व थाना अछलदा में तलरवा गांव के निवासी शंकर तिवारी की लूट व हत्या के प्रकरण को अतिगम्भीर घटना मानकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की है।
श्री दीक्षित ने बताया कि राज्य पुलिस ने संविधान व कानून को ताक पर रखकर लगातार मनमाने आचरण का सबूत ही दिया है। प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही ने उक्त दोनों मसलों की जांच के लिये पार्टी के वरिष्ठ नेता राज्य विधान परिषद में पार्टी के नेता डॉ0 नेपाल सिंह के नेतृत्व में विधायकों की तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कानपुर के विधायक सलिल विश्नोई व दूसरे वरिष्ठ विधायक प्रजापालन वर्मा को समिति का सदस्य बनाया गया है। समिति 17 जून को उक्त दोनों घटनाओं का अध्ययन करने तत्सम्बंधी क्षेत्रों व गांवो में जायेगी। समिति मृतकों व पीड़ितों के परिवारों से भी मिलेगी और अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी। पार्टी पुलिस अत्याचारों को लेकर चुप नहीं बैठेगी। बसपा सरकार की पुलिस एक कानूनी मान्यता प्राप्त उत्पीड़क एजेंसी के रूप में काम कर रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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