समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने स्थानीय निकायों की स्वायत्तता पर डाका डालने की सत्तारूढ़ बसपा सरकार की योजना का तीव्र विरोध करते हुए कहा है कि मुख्यमन्त्री जानती हैं कि जनता में उनका विश्वास उठ गया है, लोग उनके भ्रष्टाचारी शासन से त्रस्त हैं, इसलिए वे अब छल-कपट से पिछले दरवाजे से काबिज होने की साजिश रच रही हैं। समाजवादी पार्टी उनके इन इरादों को सफल नहीं होने देगी। समाजवादी पार्टी मुख्यमन्त्री की इन जनविरोधी चालो की घोर निन्दा करती है।
सुश्री मायावती की सरकार झूठ और लूट पर टिकी है। सरकारी तौर पर कहा गया कि स्थानीय निकायों के चुनावों में फेरबदल की उसकी कोई मंशा नहीं। लेकिन 11 मई,2010 की तिथि में असाधारण सरकारी गजट नगर विकास अनुभाग-1 (संख्या 41819-1-10-1सा/10) में प्रकाशित अधिसूचना में उत्तर प्रदेश नगरपालिका नियमावली 2010 के तहत नए प्राविधान कर पुराने नियम बदलने हेतु तीस दिन के अन्दर सुझाव और आपत्तियॉ मांगने का दिखावा किया गया। एक माह तक इसे छिपाये रखने का घोर अपराध प्रशासनिक स्तर पर किया गया। इस मामले में महामहिम राज्यपाल को भी अंधेरे में रखा गया।
सत्तारूढ़ दल अब योजनाबद्ध तरीके से स्थानीय निकायों में भी अपना कब्जा जमाना चाहता है। इसलिए पहला नियम तो वह यह बना रही है कि नगरपालिकाओं के सदस्यों, पार्षदों, सभापति, महापौर के पदों के लिए निर्वाचन राजनीतिक पार्टियों के आधार पर नहीं लड़ा जाएगा। आशंका है कि यह सरकार अध्यादेश लाकर महापौर का चुनाव भी अपरोक्ष रूप से कराएगी।
श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि दिनांक 11 मई,2010 के गजट को तुरन्त रद्द किया जाए और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए जो बराबर एक महीने से यह झूठ बोल रहे थे कि शासन ऐसा कोई नियम नहीं बना रहा है। अब गजट के सामने आने से यह स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमन्त्री मायावती धोखाधड़ी से सरकार चलाने में विश्वास करती है। समाजवादी पार्टी ने महामहिम राज्यपाल से मांग की है कि वे इस सरकार के असंवैधानिक कार्यो का संज्ञान लेते हुए उसे तत्काल बखाZस्त करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com