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चिन्हित सेवायें समय से जनसेवा केन्द्रों के माध्यम से नागरिकों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए-मुख्यमन्त्री

Posted on 09 June 2010 by admin

उत्तर प्रदेष की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने प्रदेष की जनता को षासकीय सेवायें सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए ई-गर्वनेन्स कार्यक्रम को प्रभावी रूप से संचालित करने के निर्देष दिये हैं। उन्होंने कहा कि सभी विभाग ई-गर्वनेन्स प्रणाली को प्राथमिकता से लागू करें। इसके साथ ही ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना के माध्यम से नागरिकों को विभिन्न प्रकार षासकीय सेवाओं को उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हो रहे जन सेवा केन्द्रों की कार्यप्रणाली को बेहतर और पारदर्शी बनाने के निर्देष देते हुए कहा कि छोटे-छोटे प्रमाण-पत्र आदि के लिए लोगो को अनावष्यक रूप से इधर-उधर न भटकना पड़े। इसके लिए विभाग को जन-सेवा केन्द्र को सषक्त करने की जरूरत है।

मुख्यमन्त्री ने निर्देष दिये कि प्रदेष के षेश 65 जिलों में भी ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना को षीघ्र षुरू करने की कार्यवाही त्वरित गति से की जाये। यद्यपि प्रदेष में अभी पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में छ: जिलों में ही ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना चलाई जा रही है। उन्होंने ई-गर्वनेन्स योजना के निरन्तर अनुश्रवण के निर्देष मुख्य सचिव को दिये हैं।

मुख्यमन्त्री जी के निर्देषों के क्रम में मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता ने राज्य के सभी विभागों के प्रमुख सचिवों/सचिवों को परिपत्र भेजकर कहा है कि ऐसी सभी षासकीय सेवायें जो अभी तक ई-ड्रीस्ट्रिक्ट योजना में किन्ही कारणों सम्मिलित नहीं हो सकी है, उनको चिन्हित करके इन्हें समयबद्ध ढंग से लागू किया जाये। उन्होंने जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से नागरिकों तक पहुंचाने हेतु बनायी गई रणनीति को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए आई0टी0 एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग को नोडल विभाग नामित किया है।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि उनकी कितनी सेवाओं को जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से नागरिकों को दी जा सकी है। इसके साथ ही इन सेवाओं को दिये जाने के लिये इन्फ्रास्ट्रक्चर के अन्तर्गत बैक एण्ड कम्प्यूटराइजेषन, डाटा डिजिटलाईजेषन, कर्मचारियों को प्रषिक्षण तथा डिजिटल सिग्नेचर की उपलब्धता आदि को प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि पूर्व में मेसर्स प्राईस वाटर हाउस, कूपर्स एजेन्सी ने 55 विभागों के लिये एक अध्ययन रिपोर्ट तैयार की थी जो कि विभागों में उपलब्ध है। इस कार्य हेतु इस अध्ययन रिपोर्ट का भी उपयोग किया जा सकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि आई0टी0 एवं इलेक्ट्रानिक्स विभाग द्वारा विभिन्न विभागों द्वारा दी जाने वाली एवं सम्भावित षासकीय सेवाओं के तहत जाति, आय, निवास, विभिन्न प्रकार के राजस्व अदालती प्रकरण, देय एवं वसूली, खतौनी, हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत पंजीकरण, आम्र्स लाइसेन्सों जो जारी करने लाइसेन्सों के नवीनीकरण सहित 72 प्रकार की सेवाओं का चिन्हांकन किया गया है। इसके अतिरिक्त यदि विभाग जरूरी समझते हैं तो अन्य सेवाओं की उपलब्धता जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से सुलभ करायी जा सकती है।

श्री गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार की नेषनल ई-गवर्नेस के तहत प्रदेष में पायलट बेसिस पर षुरू की गई ई-ड्रीस्ट्रिक्ट परियोजना 6 जनपदों- गोरखपुर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, सुल्तानपुर, सीतापुर एवं रायबरेली में सफलतापूर्वक संचालित है। इसमें कुल 10 सेवाएं/32 उप सेवाएं दी जानी प्रस्तावित थी। जिसके सापेक्ष वर्तमान विभिन्न विभागों की 22 सेवाएं ई-ड्रीस्ट्रिक्ट परियोजना के अन्तर्गत स्थापित जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से नागरिकों को सुलभ करायी जा रही है। षीघ्र ही इस योजना को पूरे प्रदेष में लागू किया जाना प्रस्तावित है। उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं में जाति, आय, निवास, जन्म, मृत्यु, विकलांग प्रमाण पत्र, वृद्धावस्था विधवा एवं विकलांगता पेन्षन, रोजगार पंजीकरण, राजस्व कोर्ट केस के तहत काज लिस्ट जनरेषन, केस ट्रैकिंग एवं फाइनल आर्डर जनरेषन, डि्यूज एवं रिकवरी हैं। इनके अलावा राषन कार्ड जारी करना, राषन कार्डो के अपडेषन/नवीनीकरण/सरेण्डर तथा डुप्लीकेट राषन कार्ड, इन सेवाओं से सम्बन्धित षिकायतों को दर्ज करने, सेवाओं से सम्बन्धित दर्ज षिकायतों की ट्रैकिंग तथा प्रधानमन्त्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से सम्बन्धित सेवाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था है।

मुख्य सचिव ने कहा कि जनमानस को जन सुविधा केन्द्र/कियास्क पर आकर वांछित सेवा के लिये निर्धारित षुल्क देकर इलेक्ट्रानिक फार्म पर आवेदन करना होगा, जिसके लिए केन्द्र/कियास्क हेल्थ डेस्क की सुविधा उपलब्ध रहेगी। जन सुविधा केन्द्र/कियास्क आपरेटर द्वारा आवेदन की इन्ट्री कर आवष्यकतानुसार डाक्यूमेन्ट की स्कैनिंग आदि की जायेगी। इसके उपरान्त स्वीकृतकर्ता अधिकारी के पास स्वीकृत हेतु इलेक्ट्रानिकली भेजा जायेगा। स्वीकृतकर्ता अधिकारी द्वारा प्रमाणों की पुष्टि के बाद सम्बन्धित को प्रमाण पत्र डिजिटल सिग्नेचर करके इलेक्ट्रानिकली निर्गत किया जायेगा। केन्द्र/कियास्क पर डाटा बेस की अद्यतन स्थिति बराबर सुनिश्चित की जाती रहेगी।

श्री गुप्ता ने कहा कि राज्य के अन्य 65 जिलों में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना को रोलआउट करने पर आने वाले व्यय का 75 प्रतिषत अंष केन्द्र सरकार द्वारा तथा 25 प्रतिषत अंष राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जब तक इन जनपदों में बैकेन्ड कम्प्यूटराइजेषन का कार्य पूर्ण नहीं हो जाता है, तब तक स्वीकृतकर्ता अधिकारी को स्वीकृति के लिये तथ्यों की पुिश्ट हेतु कार्यवाही वर्तमान प्रक्रिया की भॉति मैनुअल ही करनी पड़ेगी। परन्तु जन सामान्य द्वारा सेवा के लिये जाने वाले आवेदन तथा उनकों मिलने वाला आउटपुट इलेक्ट्रानिक डिलीवरी से ही होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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