खुद को दलितों का सबसे बड़ा हमदर्द बताने वाली प्रदेश की मुखिया के इशारे पर लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के विगत कई दशकों से पिपराघाट(गोमती बंधे के किनारे) पर बसे-बसाये सैंकड़ों परिवारों के घरों को दो दिनों से बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किये जाने और इस ध्वस्तीकरण की कार्यवाही में मिस्जद और मदरसे को भी नुकसान पहुंचाने की कड़ी निन्दा करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने इसे प्रदेश सरकार की हिटलरशाही करार दिया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ0 रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान बसपा सरकार द्वारा मा0 उच्चतम न्यायालय के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए कारगिल शहीदों की याद में आशियाना में स्थित स्मृति उपवन को कई हिस्सों में बांटकर वहां पर एक बड़ी झील को पाटकर मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती और बगल में स्व0 काशीराम की विशाल मूर्ति खड़ी कर दी गई। जबकि पिपराघाट की बस्ती को मा0 उच्चतम न्यायालय के इसी निर्देश के आधार पर ध्वस्त कर दिया गया कि पोखरों, तालाबों पर कोई भी अन्य निर्माण नहीं किये जा सकते।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ0 जोशी ने कहा कि पिपराघाट पर तीस-चालीस वर्ष से रह रहे लोगों को इस तरह उजाड़ना कतई उचित नहीं है। वहां के निवासियों के पास राशनकार्ड और मतदाता पहचान पत्र भी राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी किया गया है। हैण्डपम्प लगवाये गये हैं। अब एकाएक उनके घरों को बुलडोजर से ढहाना प्रदेश सरकार की जनविरोधी मानसिकता को उजागर करता है। कायदे से ध्वस्तीकरण के पूर्व ही वहां के निवासियों को वैकल्पिक आवास मुहैया करवाने चाहिए थे।
डॉ0 जोशी ने मांग की है कि जिन लोगों के घर ढहाये गये हैं उनके पुनर्वास हेतु समुचित जगह उपलब्ध करायी जाय तथा उनका जो नुकसान हुआ है उसका उचित मुआवजा दिया जाय तथा इस ध्वस्तीकरण में शामिल अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाय।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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