बंगाल सरकार के मत्स्यमन्त्री एवं समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय महासचिव श्री किरनमय नन्दा का आज यहां लखनऊ आने पर अमौसी एयरपोर्ट पर समाजवादी पार्टी की ओर से भव्य स्वागत किया गया। प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने उनकी अगुवानी की। उनके साथ सर्वश्री ‘याम किशोर यादव,पूर्व विधायक, मनोज पाण्डेय, अरविन्द यादव सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से स्वागत किया। श्री नन्दा के साथ पिश्चम बंगाल समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री विजय सिंह भदौरिया भी आए हैं।
श्री नन्दा समाजवादी पार्टी के राश्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव से भेंट करने उनके आवास 5, विक्रमादित्य मार्ग पर गए। श्री नन्दा ने राश्ट्रीय मुद्दो के अतिरिक्त पिश्चम बंगाल की सामयिक राजनीति और पार्टी संगठन के बारे में राश्ट्रीय अध्यक्ष जी से विचारविमर्श किया।
ज्ञातव्य है कि विगत 21-22 एवं 23 मई,2010 को कोलकाता में समाजवादी पार्टी की राश्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। समाजवादी पार्टी के पिश्चम बंगाल में चार विधायक है। श्री नन्दा पिश्चम बंगाल की वाममोर्चा सरकार में 30 वर्षो से लगातार मन्त्री हैं।
अमौसी से शहर में आते हुए श्री नन्दा ने कहा कि पहले काफी समय बाद वे लखनऊ आए हैं परन्तु से लखनऊ अब काफी बदल गया हैं। पहले जहॉ रास्ते में हरियाली थी अब उसका नामोनिशान नहीं। पेड़ों के अधाधुंध कटान पर वे दु:खी हुए। उन्होने राजधानी में पर्यावरण संकट पर गहरी चिन्ता जताई और कहा कि यह लापरवाही आत्म विनाशक सिद्ध होगी। आदमी को स्वच्छ हवा, पानी के लिए पर्यावरण को बचाना होगा।
पिश्चम बंगाल के मत्स्यमन्त्री श्री नन्दा ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमन्त्री द्धारा सत्ता के दुरूपयोग एवं सरकारी खजाने की लूट पर दु:ख एवं क्षोभ जताया। उनका कहना था कि भारत में ऐसा कोई मुख्यमन्त्री किसी राज्य में नहीं हुआ जिसने अपने कार्यकाल में स्वयं अपनी प्रतिमाएं लगवाई हों। उत्तर प्रदेश में सत्ता के दुरूपयेाग और अपने महिमा मण्डन के लिए सरकारी खजाने के इस्तेमाल का यह अनोखा लेकिन हास्यास्पद उदाहरण है।
श्री किरणमय नन्दा इसी तरह रास्ते में जगह-जगह लगी सूचना विभाग की होर्डिगों और बिजली के खम्भों पर टंगे मुख्यमन्त्री मायावती के चित्रों पर टिप्पणी की कि जनता की गाढ़ी कमाई को इस तरह लुटाना अनुचित है। उत्तर प्रदेश में हजारों करोड़ रूपए पत्थरों पर खर्च करने के बजाए विकास कार्यो पर खर्च किये जा सकते थे। श्री नन्दा ने कहा वे जानते है कि पत्थरों में कमीशन बहुत है। यूपी में भ्रश्टाचार के चलते ही पत्थर का जगंल उगाया जा रहा है। श्री नन्दा का कहना है कि श्री मुलायम सिंह यादव की सरकार जन सापेक्ष थी जबकि सुश्री मायावती की सरकार जन विरोधी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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