जिला प्रशासन व वन विभाग भूल गया पर्यावरण दिवस
जहॉ आज पूरा विश्व पर्यावरण को शुद्ध एवं अपने आस- पास के वातावरण को साफ- सुथरा रखने की कवायद कर लाखों रू0 खर्च कर रहा है। प्रतिवर्ष जनपद में लाखों रूप्ये का खर्च वृक्षारोपण के नाम पर वन विभाग करता है साथ ही साथ पर्यावरण विभाग की भी जिम्मेदारी निभाता हैं। विदित रहे कि वृक्षारोपण एवं पर्यावरण का बजट जिला स्तर पर अलग-अलग आबंटित होता है फिर भी प्र्यावरण्र जागरूकता के नाम पर केवल अखबारों में विज्ञापन।आज विश्व प्र्यावरण दिवस पर विभिन्न सेस्थाओं ने गोश्ठी, रैली आदि का आयोजन किया वहीं पर जिला प्रशासन व वन विभाग के अधिकारियों को विश्व प्र्यावरण दिवस से कोई मतलब नहीं रहा । संवेदन हीनता की हद तब रही जब एक स्वैच्छिक संगठन के कार्यकर्ता प्रभागीय वनाधिकारी को कार्यक्रम के सम्बन्ध में फोन मिलाते रहे परन्तु अधिकारी ने फोन उठाना उचित नहीं समझा। जनपद का जिलाधिकारी कार्यालय का मुख्य गेट जहॉ से जिलाधिकारी , उपजिलाधिकारी, सिटी मजिस्ट्रेट व हजारों लोगों का आना जाना लगा हूआ है, वही गेट पर कूड़े- करकट का अम्बार लगा हुआ है। आज इस विश्व पर्यावरण दिवस पर जहॉ साफ -सफाई के लिए पूरे विश्व में अधिकारी गोष्ठीयॉ करके लोगों मे पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करने की कवायद करने में लगे हैं वही आज जनपद में गन्दगियों का साम्राज्य पूरे नगर में दिखाई दिया। कुछ स्थानों को तो कैमरे में कैद भी किया गया। जिला कचहरी होने के नाते वकीलों- मुविक्कलो तथा अन्य लोग तो आते ही हैं वही जिलाधिकारी भी बैठ कर आम शिकायत भी सुनते है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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