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मुख्यमन्त्री के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की मांग की

Posted on 04 June 2010 by admin

लखनऊ के पिपराघाट रेलवे फाटक नं0 212 के पास बसी बस्ती में मिस्जद -मदरसा और 200 पक्के मकान 3 जून,2010 को  ध्वस्त किये जाने और पवित्र कुरान शरीफ को नश्ट कर बसपा सरकार द्वारा सांप्रदायिक दंगा कराने की साजिश की ओर आकर्षित करते हुए दोशी मुख्यमन्त्री के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करते हुये राज्य सरकार को तत्काल बर्खास्त करने की मांग करते हैं।

उक्त बस्ती में गरीब मुस्लिम परिवार विगत 25  वर्षों से रह रहे हैं। जानकारी मिली है कि मुख्यमन्त्री ने हेलीकाप्टर से देखकर अधिकारियों एवं लखनऊ के कमिश्नर से बस्ती को उजाड़ देने के निर्देश दिये। मुख्यमन्त्री की निगाहों में आने के बाद उक्त बस्ती को खाली कराने के लिए पुलिसकर्मी पिछले दो तीन दिनों से जाकर दबाव बना रहे थे और स्थानीय मुस्लिमों को बांग्लादेशी बताकर जेल में ठूंस देने की धमकी दे रहे थे। उन्होने बस्ती में आग लगा देने की भी चेतावनी दी।

घटना की जॉच विधान परिशद में नेता प्रतिपक्ष श्री अहमद हसन, समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी तथा सदस्य विधान परिशद श्री राकेश सिंह राना के प्रतिनिधि मण्डल द्वारा दिनांक 3 जून,2010 को सांयकाल निरीक्षण किया गया और उन्होने देखा कि प्रात: 10 बजे से ही बुलडोजर चलवाकर भारी आबादी को नश्ट कर दिया गया। वहां मौलाना फारूक साहब पेश इमाम, मदरसा के मोहम्मद अजमल  तथा अन्य जो लोग मौजूद थे

उन्होने उपरोक्त घटना की चश्मदीद जानकारी दी। यह भी जानकारी हुई कि जब प्रात: बुलडोजर चल रहा था, उस समय समाजवादी पार्टी लखनऊ महानगर अध्यक्ष श्री सुशील दीक्षित, पूर्व महासचिव श्री विजय सिंह, मो0 शाहिद , श्री देवेन्द्र सिंह एवं मो0 हनीफ खान,, नगर कोशाध्यक्ष श्री ताराचंन्द यादव, श्रीमती मुन्नी पाल, सागर धानुक, श्री वीरेन्द्र यादव, श्री राजेन्द्र यादव श्री मुदिस्सर हसन आदि बड़ी संख्या में पुलिस और लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा की जारी कार्यवाही पर विरोध करने पहुंचे तो वहां पर सीओ हजरतगंज के निर्देश पर बर्बरतापूर्ण लाठियॉ बरसाई गई जिसमें महासचिव  मो0 ऐबाद गम्भीर रूप से चोटे लगी इसके अलाव अन्य कई कार्यकर्ता भी चोटिल हुये।
दिनांक 3 जून,2010 को प्रात: 10 बजे पुलिस बल के साथ एलडीए के अधिकारियों ने बस्ती के मकान गिराना शुरू कर दिया। बिना किसी नोटिस के ध्वस्तीकरण की इस कार्यवाही से लोगों को अपना सामान भी नहीं निकालने दिया गया। तमाम लोगों की जिन्दगी भर की जमापूंजी जमीन्दोज हो गई। इस भीशण गर्मी में बच्चे,बूढ़े और महिलाएं भूखे प्यासे तड़पते रहे।

राजधानी में सरकार की नाक के नीचे पवित्र कुरान शरीफ का अपमान और मिस्जद, जिसे अल्लाह का घर माना जाता है, को ढाहा देना एक अपराधिक कृत्य है और इसके दोशियों को तत्काल सजा दी जानी चाहिए। पुलिस कर्मियों एवं एलडीए के अधिकारियों को दण्डित किए जाने के लिए उचित निर्देश जारी करने तथा सीओ हजरतगंज को निलिम्बत करना चाहिए। जिन गरीबों के घर ध्वस्त हुये हैं उन्हें वैकल्पिक आवास दिया जाय और उनकी क्षति पूर्ति के लिये हर परिवार को कम से कम 5 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाय।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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