उ0प्र0 सरकार गरीबों, दलितो को हक दिलाने के लिये नये-नयें कानून तो पारित कर दिये है। गरीबों, दलितों के हक में सरकार की मुख्य मन्त्री मायावती बार बार आदेश करती है कि यदि गरीबो के हक को मानको के अनुरूप अनुपालन अधिकारियो द्वारा नही कराया गया तो उसकी खैर नही, जो भी अधिकारी व अधीनस्थ कर्मचारी दोशी पाया गया उसके खिलाफ दण्डात्मक कार्यवाही की जाये गी। लेकिन इतनी चुनौती पूर्ण आदेश को दर किनार करते हुए ग्राम पंचायत विभाग के अधिकारी निडर हो चुके है तब कहा गरीबों को सरकार द्वारा दी जाने वाली तमाम सुबिधाये मिले। लोगो के दिमाग मे कुरेध कर बार बार यही बाते सामने आ रही है कि गाव सभा मे तैनात प्रधान, ग्राम पंचायत अधिकारी, बीडिओ संयुंक्त रूप से बेलगाम हो चुके है, आर्दश तालाब, आदर्श ग्राम सभा, विद्युत, शौंचालय, आदि सिर्फ कागजों पर चल रहे है, जबकि यर्थात देखा जाये तो गावो मे दी जाने वाली सड़के नालियॉ, खडंजा अभी आधी अधूरी ही बन कर रही गई है यह वाकिया दूबेपुर ब्लाक के ग्राम मितई का पूरा मे देखने को मिली। मितई के पूरा निवासी दलित रंजीत, दुलारे, सन्तोश हरिजन, महेश, गुरूदीन हरिजन आदि गावं के दर्जनो लोगो ने सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधा से वचिन्त है, प्रधान हम गरीबों कै नही सुनते, सब लोग बताते है कि यह सरकार हमारी है तो जरूर लेकिन प्रधान हम लोगो की नही सुनता।
बसपा सरकार मे राज्य वित्त से प्रधानों को पहले से ज्यादा धनराशि दी जा रही है इन पर अकुंश लगाने के लिए सरकार ने गांवो से लेकर ब्लाक स्तर तक के कर्मचारी व अधिकारी न्यूक्ति किये गये है लेकिन क्षेत्र के तमाम समाज सेबी व जागरूक लोगो का कहना है कि जनता इस आदेश का खण्डन करती है हम गरीबो के लिये सरकार ने कुछ किया है यही बाते है कि आये दिन ग्राम सभा मतई का पूरा गाव पंचायत हमेशा सुर्खियो मे बना रहता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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