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खरीफ फसलों के लिए उर्वरक और बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश

Posted on 01 June 2010 by admin

वास्तविक किसानों को ही उर्वरक की बिक्री सुनिश्चित की जाय उर्वरक वितरण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेठी का गठन वर्ष 2010-11 में 24239 करोड़ रुपये फसली ऋण वितरण का लक्ष्य कृषि निदेशालय में उर्वरक एवं बीज की व्यवस्था हेतु कन्ट्रोल रूम की स्थापना -नसीमुद्दीन सिद्दीकी

प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई एवं कृषि मन्त्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कृषि विभाग के अधिकारियों को फसलों की बुवाई के लिए अभी से बीज व खाद की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये हैं ताकि आगामी दो वर्षों में कृषको की आय दो गुनी करने की मुख्यमन्त्री की घोषणा को पूरा किया जा सके। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा उद्यान, पशुपालन, रेशम, डेयरी, वन विभाग आदि से समन्वय स्थापित कर लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

कृषि मन्त्री ने  बताया  कि इस  खरीफ  में विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से 10.80 लाख कुन्तल बीज वितरण का लक्ष्य रखा गया है तथा इस समय लगभग 8 लाख कुन्तल विभिन्न प्रजातियों के धान बीज विभिन्न बीज वितरण केन्द्रों पर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष विभिन्न उर्वरकों का पर्याप्त स्टाक प्रदेश में भण्डारित है। अप्रैल माह तक यूरिया, डी.ए.पी., एन.पी.के. और पोटाश की मात्रा लक्ष्य एवं आवश्यकता से अधिक क्रमश: 182, 700, 438 व 627 प्रतिशत उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक जनपद में प्रत्येक माह लक्ष्य के अनुरूप उर्वरक उपलब्ध रहे। इसके अतिरिक्त उर्वरकों की कालाबजारी तथा मिलावट करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।

श्री सिद्दीकी ने बताया कि विगत रबी में फास्फेटिक उर्वरकों की उपलब्धता में आयी समस्या को देखते हुए यह व्यवस्था की जा रही है कि रबी की बुवाई के समय किसी उर्वरक की कमी न रहे तथा अलग से पर्याप्त स्टाक उपलब्ध रहे। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि उर्वरकों की बिक्री करते समय यह सुनिश्चित कर लिया जाय कि वास्तविक किसानों को ही खाद की बिक्री हो तथा क्रेता किसानों का पहचान विवरण कैश मेमो पर अवश्य अंकित किया जाय। इसके अलावा उर्वरक वितरण रजिस्टर में यह भी अंकित करना होगा कि किसान के पास कितनी जोत है और उसे कितनी खाद दी गई है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी कि अध्यक्षता में उर्वरक वितरण कमेटी का गठन कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि उर्वरक की बिक्री चाहे निजी क्षेत्र से हो या सहकारी क्षेत्र से, संस्थावार प्रत्येक रेक की सूचना जिलाधिकारी को होगी तथा सम्बंधित जिलाधिकारी द्वारा ही जनपद में उर्वरक वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने बताया कि निदेशालय स्तर पर उर्वरक एवं बीज की व्यवस्था हेतु कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है जिसका टेलीफोन नम्बर 0522-2205863 है।

कृषि मन्त्री ने बताया कि वर्ष 2010-11 में फसली ऋण वितरण का लक्ष्य 24239 करोड़ रुपये है, जिसमें से खरीफ में 9695 करोड़ रुपये का वितरण होना है। इसमें सहकारी बैंकों के माध्यम से 1450 करोड़ रुपये तथा 8245 करोड़ रुपये व्यावसायिक बैंकों के माध्यम से फसली ऋण कृषकों में वितरित किये जायेंगे। इसके अलावा वर्ष 2010-11 में 32 लाख किसान क्रेडिट कार्डों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि किसानों के लिए खेतों की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए ढैंचा व सनई के एक लाख कुन्तल बीज की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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