समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती पर संसदीय लोकतन्त्र को बहुमत की तानाशाही से कुचलने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वे संविधान की मूलभावना से खिलवाड़ कर रही हैं। मुख्यमन्त्री के पद पर अब तक विधानसभा के निर्वाचित प्रतिनिधि बैठते आए हैं, यही परंपरा है, किन्तु सुश्री मायावती जनादेश का सामना करने की हिम्मत न कर पाने से पिछले दरवाजे से विधान परिशद का सहारा ले रही हैं।
सुश्री मायावती ने अपने नामांकन में अपनी आय में असाधारण वृद्धि दर्ज कराई हैं, वह भी बिना किसी उद्योग धंधे या व्यवसाय के उल्लेख के। उन्होने इसमें अपनी तमाम बेनामी संपत्ति और अवैध कमाई छुपाई है। अपनी आय का स्रोत भी उन्होने नहीं बताया है। अपनी चल अचल संपत्ति की उन्होने जो कीमत बताई है, उसकी भी जॉच होनी चाहिए क्योंकि वह वास्तविक मूल्य से बहुत कम है। चुनाव आयोग को ये जानकारियां मुहैया न कराने तक उनका विधान परिशद का नामाकंन रद्द कर देना चाहिए ताकि राजनीति में पारदर्शिता और शुचित बनी रहे तथा जनतन्त्र धनतन्त्र के भार से न कुचल जाए।
समाजवादी पार्टी ने चुनाव अधिकारी को बताया है कि डुमरियागंज के विधान सभा उपचुनाव में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी करने की साजिशें है और मांग की है कि डुमरियागंज में निश्पक्ष मतदान के लिए 3 जून को मतदान केन्द्रो पर केंन्द्रीय कर्मचारियों को पीठासीन अधिकारी बनाया जाए और स्थानीय पुलिस की जगह पैरा मिलिट्री फोर्स की तैनाती हो।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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