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विदेशों में जमा अपने देश के काला धन को पुष्टि के बावजूद वापस लाने के लिये विरोधी पार्टियां द्वारा संसद में कानून बनाने से एतराज़ क्यों ?

Posted on 30 May 2010 by admin

देश में विरोधी पार्टियों के नेताओं में यदि थोड़ी भी नैतिकता व परदिर्शता है तो वे  बी.एस.पी. की राश्ट्रीय अध्यक्ष की तरह राजनीति में आने से पहले व राजनीति में आने के बाद की अपनी तमाम चल व अचल सम्पित्तयों को सार्वजनिक तौर पर खुलासा करें /  साथ ही इस मुद्दे को लेकर बी.एस.पी. की राश्ट्रीय अध्यक्ष पर आयेदिन की जा रही ग़लत बयानबाज़ी से विरोधी लोग बाज़ आयें : श्री स्वामी प्रसाद मौर्य

बी.एस.पी. की उत्तर प्रदेश यूनिट के अध्यक्ष एवं वरिश्ठ काबीना मन्त्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने आज यहां जारी एक बयान में विरोधी पार्टियों के नेताओं को खुली चुनौती देते हुये कहाकि इन विरोधी पार्टियों के नेताओं में यदि थोड़ी भी नैतिकता एवं परदिर्शता का लिहाज है तो वे बी.एस.पी. की राश्ट्रीय अध्यक्ष की तरह राजनीति में आने से पहले व राजनीति में आने के बाद की अपनी तमाम चल व अचल सम्पित्तयों को सार्वजनिक तौर पर खुलासा करें ताकि देश की जनता के समक्ष सब कुछ दूध का दूध और पानी का पानी हो सके, जिससे देश की राजनीतिक व्यवस्था में आवश्यक सुधार का मार्ग भी सम्भवत: प्रशस्त हो पायेगा।

श्री मौर्य ने कहाकि पार्टी के सभी छोटे व बड़े कार्यकर्ताओं को बी.एस.पी. की राश्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री बहन कुमारी मायावती जी पर अति गर्व व नाज़ है क्योंकि राजनीति में आने से पहले व राजनीति में आने के बाद, वे अपनी तमाम चल व अचल सम्पित्त का ब्योरा समय-समय पर, भारत सरकार की विभिन्न एजेंसियों को देती रही हैं। उन्होंने कहा कि इसका काफी विस्तार से खुलासा बी.एस.पी. के राश्ट्रीय महासचिव व सांसद श्री सतीश चन्द्र मिश्र द्वारा मीडिया के समक्ष दिनांक 28 मई सन् 2010 को किया जा चुका है, इसलिये वे इस मामले को दोहराना नहीं चाहते।

श्री मौर्य ने कहा कि इस सम्बंध में उसी ही दिन 28 मई, 2010 को बहन कुमारी मायावती जी द्वारा प्रेस के माध्यम से देश में सभी पार्टियों के मुखियाओं व वरिश्ठ पदाधिकारियों एवं अन्य नेताओं को राजनीति में आने के पहले व राजनीति में आने के बाद चल व अचल सम्पित्त सार्वजनिक करने की जो चुनौती दी गई है, उसका जवाब देने के बजाये अर्थात् उस चुनौती को स्वीकार करके पारदर्शी तौर पर जनता के समक्ष सब कुछ बताने के बजाये, यह लोग अपनी कमज़ोरी को छिपाने के लिये किस्म-किस्म की अनर्गल बयानबाज़ी करते नज़र आते हैं। इसलिये विरोधी पार्टियों के नेताओं को चुनौती है कि अगर उन्हें थोड़ी भी नैतिकता व परदिर्शता की परवाह है तो वे लोग राजनीति में आने के पहले व राजनीति में आने के बाद की अपनी चल व अचल सम्पित्तयों का देश की जनता के समक्ष खुलासा करें और इस सम्बंध में दूसरों के विरुद्ध अनर्गल बयानबाज़ी से बाज़ आयें।

इसके अलावा, बी.एस.पी. की राश्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने अपने बयान के माध्यम से जर्मनी सरकार द्वारा जिन लगभग 50 सफेद पोशों के काला धन की पुष्टि की गई है उनके के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की मांग पर चुप्पी साधने की निन्दा करते हुये श्री मौर्य ने कहाकि बहन कुमारी मायावती जी विदेशों में जमा काले धन के मुद्दे को लेकर लगातार संसद के बाहर और संसद के भीतर सख़्त कानून बनाने की मांग करती रही हैं जिस पर भी विरोधी पार्टियों के लोग ख़ामोश हैं। इससे यह ज़ाहिर होता है कि दाल में जरूर कुछ काला है और इन विरोधी पार्टियों की आपस में मिलीभगत है। वरना विदेशों में जमा काले धन जैसे राश्ट्रीय महत्व के मुद्दे पर तत्काल सख्त-से-सख्त कानून बन जाना चाहिये था।

श्री मौर्य ने कहाकि बहन कुमारी मायावती जी ने लोक सभा चुनाव के दौरान साफ तौर पर कहा था कि यदि बी.एस.पी. केन्द्र में सत्ता में आती है तो देश का विदेशों में जमा सारा धन तुरन्त वापस लाया जायेगा और इसके लिये सख्त-से-सख्त कदम उठाये जायेंगे। उन्होने यह भी कहा था कि विभिन्न प्रमुख राजनीतिक नेताओं की तरह उनका कोई भी धन ना तो कम्पनियों के शेयरों में लगा हुआ है और न ही विदेशी बैकों में उनका कोई पैसा है, क्योंकि वह अन्य लोगो की तरह काली कमाई को सफेद करने में विश्वास नहीं रखती और उनके पास जो भी सम्पित्त है उसका साफ तौर पर जनता के सामने खुलासा कर देती हैं ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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