ग्लोबल क्रिएशन्स उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष अनीता सहगल ने बताया है कि समाज में विभिन्न प्रकार की भूमिकायें अदा कर अपना विशिष्ठ स्थान बनाने वाले बाली प्रतिभाओं को सम्मानित करने की गरज से ग्लोबल क्रिएशन्स ने राजधानी में पहली बार ग्लोबल सम्मान समारोह 2010 का आयोजन 5 जून को रायउमानाथ बली प्रेक्षा गृह के केसरबाग मे लखनऊ में करने का निर्णय लिया है। सम्मान समारोह में प्रो0 कमला श्रीवास्तव को गायकी के क्षेत्र में कुमकुम राय चौधरी को समाज सेवा के क्षेत्र में सुरभि रंजन को गायन तथा समाज सेवा के क्षेत्र में सरिता श्रीवास्तव को भारतीय सस्कृति के उत्थान हेतु डा0 आनन्द प्रकाश को लेखन के क्षेत्र में सत्येन्द्र शुक्ला समाज सेवा के क्षेत्र में तथा फरहानाज लिटिल चैम्प को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर शहजहॉपुर के गरीब तथा नाटकों के प्रति संवेदनशील कलाकारों को मंच प्रदान करने का विणा उठाते हुये ग्लोबल संस्था ने पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के लिये नाटक “परलोक -एक दर्शन´´ नाटक का उद्देश्य यह नाटक विश्व स्तर की समस्या, पर्यावरण व प्रदूशण समस्या पर आधारित है। पर्यावरण व प्रदूशण जैसी समस्या को अशिक्षित व गरीब जनता जानती है और जो प्रबुद्ध वर्ग इस समस्या को जानता है वह अपनी सुख-सुविधाओं में कटौती नही करता चाहता है।
यह नाटक आम जनता को इस समस्या से देवी-देवताओं के माध्यम से अवगत कराता है। पहले मनुश्य प्रकृति के करीब था, आज प्रकृति से दूर होता जा रहा है प्रदूशण और पर्यावरण की समस्याओं पर अगर विराम लगाने का प्रयास नहीं किया गया तो यह अपना विकराल रूप धारण कर लेंगी जिससे धरती पर जीवन का अस्तित्व ही संकट में आ जायेगा।
कथानक पर्यावरण व प्रदूशण समस्या के विकराल होने पर पृथ्वी पर अकाल मौते होने लगती है। यह अकाल मरी आत्मायें जब यमलोक पहुंचती है तो यमलोक की व्यवस्था ही बिगड़ जाती है नरक व स्वर्गलोग भर जाते है आत्माओं को रखने के लिए यमलोक में जगह नही रहती है। धर्मराज, चित्रगुप्त व यमराज सभी परेशान है।
धर्मराज जी नारद जी के साथ विश्णुलोक पृथ्वी के हाल व यमलोक की समस्या बताने जाते है। तब विश्णु जी आकिस्मक निरीक्षण करने इन्दपुरी जाते है। इन्द्रपुरी में सन्नाटा छाया है।
इस नाटक में मरी हुई आत्मायें देवगणों को पृथ्वीलोक की समस्या के लिए दोशी ठहराती है। तब विश्णु जी के सामने सूर्यदेव, पवनदेव, मेघदेव, वनदेवी, धरती माता अपना-अपना पक्ष रखते है, अन्त में विश्णु जी सारी समस्या की जड़ मानव जाति को मानते है, और सभी आत्मायें अपना-अपना दोश मान लेती है प्रदूशण और जनसंख्या कम करने का वचन देती है। इन समस्याओं की वजह से धरती पर आने वाले संकटों से जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से नाटक परलोक एक दर्शन को मंचित कर एक छोटा सा प्रयास किया गया है, तो आइये चलते है देवलोक देखें कि वहॉ क्या हो रहा हैर्षोर्षो सुश्री अनीता सहगल ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण रक्षा के लिये जनभागीदारी बनाने हेतु संस्था द्वारा पौधा वितरण किया जायेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति एन0के0 मेहरोत्रा लोक आयुक्त उत्तर प्रदेश होगे तथा विशिष्ठ अतिथि श्रीमती रेनू सिंह आई0एफ0एस0 निदेशक लखनऊ प्राणी उद्यान होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com