मजरूह सुल्तानपुरी की पुण्यतिथि पर हुई गोश्ठी
मजरूह सुलतानपुरी मेमोरियल सोसाईटी सुलतानपुर के बैनर तले देश के मशहूर शायर व फिल्मी गीतकार स्व0 मजरूही सुलतानपुरी की 10 वीं पुण्य तिथि दिनांक 25 मई 2010 को उनकी यादगार में एक सेमिनार , कवि गोश्ठी व शरो शायरी का आयेजन सोसाइटी के संस्थापक प्रमुख आनन्द प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ कुंवर जी के संयोजन में , उशा श्रीवास्तव सभासद रूद्र नगर स्थित निवास पर किया गया, जिसमें जनपद जनपद के जाने माने कवियों , शायरों व साहित्यकारों ने शिरकत की। कार्यक्रम की अध्यक्षता साहित्यकार, कवि व इतिहास कार राजेश्वर सिंह एडवोकेट ने किया। मुख्य अतिथि अब्दुल करीम एडवोकेट व विशिश्ट अतिथि रवि शंकर एडवोकेट मौजूद रहे।
स्व0 मजरूह की शिख्शयत पर विचार गोश्ठी की शुरूआत करते हुए रवि शंकर ने कहा कि मजरूह साहब की शिख्शयत, उनके गीतों व गजलों का संकलन करके एक लाइब्रेरी में रखा जाय ताकि भविश्य में लोग उनके बारे में जान सके व उनकी यादों को जिन्दा रख सकें । हाशिम अब्दुल्ला ने कहा कि मजरूह सुलतानपुरी उद्यान उपेक्षा का शिकार है। अत: सभी कों मिल कर प्रशासन से प्रयास करके उद्यान को नया स्वरूप प्रदान किया जाय ताकि अच्छा होगा। अब्दुंल करीम ने कहा कि गोष्ठीयों के माध्यम से ही हम अपने जनपद की हस्तियों को जानते पहचानते हैं व सीखते व समझतें है। राजेश्वर सिंह ने कहा कि कमला नेहरू संस्थान के स्थापना करने में मजरूह साहब का काफी योगदान रहा। सेमिनार के बाद कबि गोश्ठी व शेरो शायरी के माध्यम से सभी कबियों व साहित्य कारों ने मजरूह शाहब को शिद्त से याद किया अपने गीतो व गजलो के माध्यम से उन्हे अपनी अकीदत पेश किया। डा0 डीएम मिश्र ने कहा कि कुछ यूं तरह कहा कि ` रेत पर किसी की वफा तो लिखो, आसमा तक कहीं उड़ न जाये खबर´ डा0 मन्नान ने कुछ यूं तहर याद किया कि “ तोड़ कर सारी बिन्दशे क्यो मेरा दिलवर आ गया, थी तड़प प्यासे इतनी खुद समन्दर आ गय। इकबाल भारती के अनुसार, मानव से धृणा करना कब से सीखा तुमने, अनवर सुल्तानपुरी ने पढ़ा, बुलन्दी पे जाकर ख्याल इतना रखना पलट कर जमीं पर आना है तुमको। कमर सुल्तानपुरी ने गोश्ठी में चार चान्द लगाते हुए मजरूह सुल्तानपुरी की याद में कहा कि कभी भी किसी पल को ज्यादा न समझों, ये उम्रे बसर मुक्तसर हो गई है। गोश्ठी में अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी, तपिस सुल्तानपुरी, तारिक अजमली, सुश्री उशा साकिर सुल्तानपुरी, ओकांर नाथ द्विबेदी, नूर सुल्तानपुरी, अमन सुल्तानपुंरी, अजनबी सुल्तानपुरी, शिव प्रकाश सिंह, देव प्रकाश श्री वास्तव, ने अपने गजलो एंव गीतो के माध्यम से मजरूह सुल्तानपुरी को याद किया। अन्त में कुवंर जी ने राजनीति मे माफिया बाद पर कहा कि सभी सूरों व दिल्ली तख्त पर कल माफिया होगें महज कुछ और दिन सांसद विधायक डान रहने दो। गोश्ठी का संचालन ओकांर नाथ द्विबेदी ने किया। कार्य क्रम में आये हुए अतिथियो का आभार कुवंर जी, कमल श्रीवास्तव, उशा श्रीवास्तव ने व्यक्त किया ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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