नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव ने पारीछा थर्मल पावर प्लांट की चिमनी ढहने से मलबे में मजदूरों की मौत पर गहरा दु:ख एवं क्षेभ जताते हुये कहा है कि प्रदेश की बसपा सरकार की कमीशनखोरी और बढ़ते भ्रष्टाचार की वजह से ऐसी दुर्घटनाएँ हो रही हैं और निरीह लोगों की जाने जा रही हैं। उन्होंने शोक सन्तप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए मृतक आश्रितों को 10-10 लाख रूपये और गम्भीर घायलों को 2-2 लाख रूपए की तत्काल सहायता दिये जाने की मॉग की है।
श्री यादव ने कहा कि जो तथ्य सामने आ रहे हैं उनसे स्पष्ट है कि चिमनी के निर्माण में मानकों की अनदेखी की गई है और घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल हुआ है। पावर प्लांट के अधिकारी जिस तरह दुर्घटना के बाद भागे हैं और जिला प्रशासन ने बचाव कार्य में कई घंटों की देर लगाई है उससे जाहिर है कि वहॉ किस कदर गैर जिम्मेदार और असंवेदनशील अधिकारी तैनात हैं। इससे भी निदंनीय और क्षोभ की बात यह है कि इतनी हृदय विदारक दुर्घटना के बाद प्रदेश और केन्द्र सरकार के बीच दोषारोपण का खेल शुरू हो गया है। मुख्यमन्त्री को मौतों में भी राजनीति सूझती है। यह जनता को बरगलाने और अपनी अक्षमताओं पर पर्दा डालना है। यह घोर निन्दनीय है।
नेता विरोधी दल ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमन्त्री के तीन साल जनता को भरमाने और लूट तथा वसूली तन्त्र को सुनियोजित तरीके से चलाने मे ही बीते हैं। उन्हें निर्माण कार्य विकास की दृष्टि से नहीं, अपने कमीशन और घटिया निर्माण के लिए पार्टी के ठेकेदारों को तरजीह देने की वजह से प्रिय हैं। इसलिए हर निर्माण कार्य में अनियमितताएं होना स्वाभाविक है। प्रदेश के विद्युत विभाग में ऊर्जा मन्त्री की भ्रष्टाचार की चर्चाएं आम हैं। उन्होने इसे लूट का अड्डा बना दिया है। इस लूट का बड़ा हिस्सा बसपा मुखिया के निजी कोष में जमा कराया जाता है। इसकी जॉच बहुत आवश्यक है।
प्रदेश की इस सरकार के रहते न तो नागरिक सुरक्षित रह सकते हैं, न इसके निर्माण कार्यो के स्थायित्व की उम्मीद की जा सकती है। समाजवादी पार्टी अपनी सरकार बनते ही विकास के बजाए विनाश में लगी सरकार और इसके इशारे पर नाचनेवाली अफसरशाही की जवाबदेही तय करेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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