भारत सरकार के पंचायती राज सचिव, श्री ए0एन0पी0 सिन्हा ने ग्राम पंचायतों की लेखा-जोखा प्रणाली, सिविल कार्यों से सम्बन्धित विंग, संचार प्रणाली एवं जी0आई0एस0 मैपिंग प्रणाली को सुदृढ़ करने पर बल दिया है। इसके साथ ही उन्होंने पंचायती राज अधिकारियों की कार्य प्रणाली को और प्रभावकारी बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इन्हें पंचायती राज विभाग द्वारा कराये जा रहे कार्यों का नियमित रूप से निरीक्षण करना चाहिए। इससे न केवल कार्यों की गति में तेजी आयेगी बल्कि गुणवत्ता में भी सुधार आयेगा
श्री सिन्हा ने आज यहां होटल ताज में आयोजित पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत पिछड़ा क्षेत्र अनुदान निधि (बी0आर0जी0एफ0), राष्ट्रीय ग्राम स्वराज योजना (आर0जी0एस0वाई0) तथा कैपेसिटी डेवलपमेन्ट फार लोकल गवर्नेस (सी0डी0एल0जी0) की कार्य योजनाओं से सम्बन्धित एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बी0 आर0 जी0 एफ0 योजना से आच्छादित 34 जिलों के अलावा पिछड़े क्षेत्र की परिधि में जो अन्य जिले आते हों, उनके विकास की कार्य योजना बनाकर भारत सरकार को भेजें। इस पर भारत सरकार सम्यक रूप से विचार करेगी। उन्होंने पंचायतों में ई-गवर्नेस भी लागू करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी ग्राम पंचायतों का अपना भवन होना चाहिए तथा इसका निर्माण मनरेगा, बी0 आर0 जी0 एफ0 आदि से भी कराया जा सकता है।
प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता ने सचिव भारत सरकार को आश्वस्त किया कि पंचायती राज विभाग के अन्तर्गत इस वर्ष और भी अच्छा कार्य होगा। उन्होंने कहा कि बी0 आर0 जी0 एफ0 योजना के अन्तर्गत चल रहे कार्यों से प्रदेश के मात्र 34 जनपद ही लाभािन्वत रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई अन्य जनपद इसी तरह के हैं जहॉं विकास के लिए इस योजना को लागू किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने सचिव भारत सरकार से बी0 आर0 जी0 एफ0 योजना के अन्तर्गत प्राप्त होने वाली धनराशि को आवश्यकताओं के अनुरूप अपर्याप्त बताते हुए धनराशि को दो गुना करने का अनुरोध किया ताकि विकास के नये आयाम प्रदेश में स्थापित किया जा सके। उन्होंने निदेशक पंचायती राज को निर्देंश दिए कि वे ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करायें कि ग्राम प्रधानों के अधिकार सीज किए जाने की स्थिति में धन निकासी में बाधा न आये और ग्राम पंचायतों के कार्य में किसी तरह की बाधा न आये।
कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आर0 के0 शर्मा ने प्रदेश में संचालित बी0 आर0 जी0 एफ0 के तहत क्षमता विकास के कार्यक्रमों के सम्बंध में योजना की प्रगति से सचिव भारत सरकार को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बी0 आर0 जी0 एफ0 योजना प्रदेश के 34 जनपदों में क्रियाशील है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षो में 2255 लाख रूपये की परियोजनाओं के सापेक्ष भारत सरकार द्वारा 1101 लाख रूपये ही अवमुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि बी0 आर0 जी0 एफ जनपदों के अन्तर्गत कुल 27450 ग्राम पंचायतें हैं और प्रत्येक ग्राम पंचायत में वर्ष 2012 तक ग्राम पंचायत सचिवालय का निर्माण करा लिया जाएगा जिससे ग्राम पंचायतों का कार्य सुचारू रूप से सम्पादित किये जा सकें। उन्होंने क्षमता विकास के सम्बन्ध में कहा कि राज्य सरकार द्वारा क्षमता विकास कार्यक्रम को गति देने के लिए पी0 आर0 आई0 टी0 का गठन राज्य स्तर पर, जिला स्तर पर तथा ब्लाक स्तर पर किये जाने की प्रक्रिया को अन्तिम रूप दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पंचायती राज संस्थाओं को हेल्प लाइन के माध्यम से जोड़े जाने की योजना भारत सरकार को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज के अन्तर्गत उन जनपदों में जहां बी0 आर0 जी0 एफ0 योजना लागू नहीं है, में पंचायत राज मन्त्रालय से प्राप्त दिशा निर्देंशों के क्रम में यथाशीघ्र प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है।
भारत सरकार के सचिव पंचायती राज ने प्रदेश में बी0 आर0 जी0 एफ0 योजना के अन्तर्गत चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों की प्रगति को सन्तोषजनक बताया तथा इसके अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं हेतु प्रस्तुत की गई कार्य योजनाओं पर स्वीकृति प्रदान की।इससे पहले सचिव पंचायती राज श्री ए0 एन0 पी0 सिन्हा, मुख्य सचिव श्री अतुल कुमार गुप्ता तथा अपर सचिव भारत सरकार डा0 सुधीर कृष्णा ने 25 बी0 आर0 जी0 एफ0 जनपदों के दीर्घकालिक योजना का विमोचन किया। कार्यशाला में प्लान प्लस, जिला योजानाओं का प्रस्तुतीकरण एवं चर्चा तथा स्वीकृति पर विचार विमर्श किया गया। इसके अलावा सचिव भारत सरकार ने कार्यशाला में आये जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा की।
इस अवसर पर सचिव भारत सरकार अपर सचिव भारत सरकार एवं मुख्य सचिव को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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