अगले तीन महीनों में पूर्वाचंल के 36 जिलों के करीब दस हजार युवक और युवतियों को स्वास्थ्य जागरूकता अभियान के तहत प्रिशक्षित किया जाएगा। ये लोग गांवों में ग्रामीणों को घर -घर जाकर उन्हें स्वास्थ्य सम्बंधी जानकारी देंगे। फस्र्ट एड की कुछ दवाएं भी मुफ्त वितरित करेंगे और ग्रामीणों को चिकित्सालय ले जाने में भी सहायक होंगे।
इस अभियान के पहले चरण में लखनऊ में रविवार को संपन्न शिविर में 16 जिलों के 140 युवको को करीब 20 विशेशज्ञ डाक्टरों ने दो दिन का प्रिशक्षण दिया। शिविर में शामिल युवक-युवतियों को कम्युनिटी हेल्थ वर्कर एसोसिएशन की ओर से लखनऊ में निशुल्क प्रिशक्षण दिया गया। प्रिशक्षण के बाद इन लोगों को दवाइयों का एक किट भी दिया गया। इसमें करीब डेढ़ हजार रूपए की दवाएं है। ये दवाएं गांव वालों को वितरित करने के लिए दी गई है।
इसमें कई ऐसे युवकों ने भी प्रिशक्षण लिया जो किसी दूसरे पेशे से जुड़े है। आजमगढ़ के अजय कुमार फोटोग्राफर है। शिविर में शामिल होने के बाद कहते है कि उन्हें अपने काम के सिलसिले में दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में जाना होता है। अब एक पन्थ दो काज हो जाएंगे। आजमगढ़ के ही विजय कुमार यादव का कहना है कि शिविर में नशा उन्मूलन के बारे वहां बड़े काम की जानकारियां दी गई। गांव में जाकर वह सभी को बताएंगे। गाजीपुर के राजनारायण राय मेडिकल रिप्रेंजेंटेटिव है। कहते है कि उनकी कंपनी ने भी इतना अच्छा प्रिशक्षण नहीं दिया था जितना यहां दिया गया। जौनपुर की पूनम कहती है कि महिलाओं की बीमारियों के बारे में उन्हें काफी जानकारी मिल गई।
एसोसिएशन के महासचिव अशोक चौधरी ने इस बारे में बताया कि इन शिविर को लखनऊ के बाद प्रदेश के सभी मण्डल मुख्यालयों पर आयोजित किया जाएगा। प्रत्येक शिविर में डेढ़ से दो सौ युवकों को प्रिशक्षित किया जाएगा। इन शिविरों में सभी के लिए निशुल्क रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है। शिविरों का मकसद गांवों में बढ़ती बीमारियों पर अंकुश लगाने के लिए जागरूकता पैदा करना है। गांवों में अभी भी जब तक लोग गम्भीर रूप से बीमार नहीं हो जाते अस्पताल नहीं जाते है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को स्वस्थ बनाया जा सकता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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