जिला चिकित्सालय प्रशासन जहॉं एक तरफ एड्स की रोकथाम के लिए सुरक्षा कवच (कण्डोम) व प्रचार प्रसार के लिये लाखों-करोड़ों का वजट आम जनता में खर्च करता है और एच0आई0वी0 की जॉंच के लिए मुफ्त सेवायें मुहैया कराती है। जिससे आम जनता इस बिमारी का िशकार न हो सके। वही जिला चिकित्सालय के प्रांगण में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के नांक के नीचे देह व्यापार का धंधा जोरो पर चल रहा है। जबकि जिला चिकित्सालय प्रशासन इस बात को जानते हुए भी, इस देह व्यापार के धंधे पर शिकंजा नही कस पा रहा है। विश्वस्त सूत्रों द्वारा जानकारी मिली की इस धंधे में सलिप्त औरते सुबह से ही चिकित्सालय में आ जाती है और वही पर खड़ी होकर अपने धंधे को अंजाम देती है। आम जनता में यह भी चर्चा का विशय है कि इस धंधे में चिकित्सालय प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी भी संलिप्त है जो एसे घिनौने कार्य करने वाले औरतों का सहयोग करते है। इन सारे घिनौने कारतूतो को जानते हुए जिला चिकित्सालय के आला अफसर इस प्रकरण पर नकेल नही कस पा रहे है। अगर समय रहते इस प्रकरण पर कार्यवाही नही की गई तो वह दिन दूर नही कि यह जिला भी एड्स जैसे भयंकर रोग से ग्रसित हो जायेगा, और शासन द्वारा किये जा रहे एड्स प्रचार प्रसार में करोड़ों रूपये का कोई लाभ नही होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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