एसपी ने भी साथियों के हाथों मारे जाने की पुष्टि की, मारे गए एक बदमाश की नहीं हो सकी पहचान
अपने साथियों के साथ आतंक के जरिए ददुआ की तरह सरकारी कामों में चौथ वसूली करने वाला साठ हजार का ईनामी डी 11 गैंग सरगना राजू कोल गैंग के दो सदस्यों के साथ गैंगवार में मारा गया। तीनों बदमाशों के गले और सर में गोलियां मारे जाने के निशानों से यह साबित होता है कि गैंग के साथ मौजूद लोगों ने ही राजू और उसके साथियों ने ही ठिकाने लगाया है। दो साथियों सहित उसके मारे जाने की खबर सुन शनिवार की तड़के मौके पर पहुंचे एसपी ने भी उसके गैंगवार में मारे जाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि जनता अगर जागरूक हो जाएगी तो जिले से बदमाशों सफाया हो जाएगा।
बैरहना पहाड़ में ढेर पड़े बदमाशों के पास से पुलिस ने एक 12 बोर की दोनाली बन्दूक व दैनिक उपयोग का सामान बरामद किया है। उधर दूसरी पुलिस ने यह भी आशंका जताई है कि हो सकता है वर्चस्व को लेकर नवोदित दस्यु शंकर कोल ने ही अपने साथियों के सहयोग से इन तीनों को ठिकाने लगाया हो। मऊ थानान्तर्गत पियरा गांव के बैरहना पहाड़ में घने जंगलों के बीच चल रही राजा पियरा की पत्थर खदान में डी 11 गैंग के सरगना राजू कोल के मारे जाने की सूचना पर शनिवार की तड़के से ही अपर एसपी विपिन बिहारी मिश्रा, एसटीएफ के सीओ आलोक जायसवाल व मऊ एसओ हरिशरण यादव, मानिकपुर एसओ के के मिश्रा दुर्गम जंगल में स्थित खदान पहुंचे जहां दस्यु राजू कोल अपने दो साथियों के साथ पत्थरों में मृत पड़ा हुआ था और नजदीक ही उनकी पिन्नयां व दैनिक उपयोग की सामग्री के साथ 12 बोर की एक दोनाली बन्दूक व 15 ज़िन्दा कारतूस पड़े हुए थे। बदमाशों के गर्दन व सर में गोलियों के निशान देख पुलिस को समझते देर नहीं लगी कि डी 11 गैंग का सरगना राजू कोल पुत्रा पुर्रा उर्फ शिवधारी निवासी सकरौहां थाना मानिकपुर अपने ही प्रतिद्वन्दी या साथी बदमाशों द्वारा ठोंका गया है। इधर एसपी डा. तहसीलदार सिंह भी अपने दलबल के साथ मौके पर पहुंच गए और इस बीच खबर सुन मौके पर पहुंच रहे लोगों से राजू के साथ ढेर हुए दोनों बदमाशों की विधिवत पहचान कराई। जिसमें एक को तो लोगों ने छोटवा उर्फ छोटा कोल पुत्रा रामजियावन निवासी झलमल थाना मानिकपुर बताया। जबकि नजदीक से गोलियां मारे जाने के कारण सर व मुंह बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण तीसरे बदमाश की पहचान नहीं हो सकी। कभी ददुआ गैंग के हार्ड कोर सदस्य रहे राजू कोल ने उसके मारे जाने के बाद ददुआ के दाहिने हाथ दस्यु राधे के साथ काफी समय तक वारदातों को अंजाम देने के बाद बढ़ते पुलिसिया दबाव के चलते शातिर दिमाग के बदमाश राजू कोल ने भी राधे के साथ मध्यप्रदेश के मझगवां थाने में 20 फरवरी 08 को आत्मसमर्पण कर दिया था। लेकिन सरेण्डर होने के कई माह जेल में रहने के बाद राजू कोल पुलिस कर्मियों को उस समय चकमा देकर ओहन स्टेशन के पास सतना पेशी से वापस लौटते समय 7 अगस्त 08 को ट्रेन से कूद कर फरार हो गया था। इसके बाद से तो वह अपना स्वत: गैंग बना पाठा क्षेत्रा समेत जिले के विभिन्न स्थानों व मध्य प्रदेश के रीवां जिले में अपना आतंक कायम करते हुए ददुआ की तर्ज पर सरकारी कार्यों में कमीशन व चौथवसूली करने लगा था। अचानक बढ़े राजू के आतंक के बाद यूपी पुलिस ने इस पर ईनाम बढ़ा कर 50 हजार रुपये व एमपी पुलिस ने दस हजार कर दिया था। लेकिन दो दर्जन से अधिक जघन्य अपराधों समेत ट्रेन में रूसी महिला की हत्या करने वाला राजू कोल लगातार अपना कद बढ़ाते हुए लोगों में दहशत फैला रहा था। इधर एसटीएफ व जिला पुलिस ने भी जिन बदमाशों को अपना प्रमुख टारगेट माना था उसमें राजू दूसरे नंबर पर था। जिसके चलते इधर काफी समय से वह अपने विश्वासपात्रा साथियों के साथ ही चलता था। लेकिन बीते शुक्रवार की रात उसके लिए काल बन कर आई जब अपने ही किसी नजदीकी के हत्थे चढ़ वह अपने दो साथियों के साथ मारा गया। घटना स्थल पहुंचे पुलिस अधीक्षक डा. सिंह ने भी मारे गए बदमाशों की मौत के पीछे गैंगवार की पुष्टि करते हुए कहा कि बदमाशों को आमजनता ही दौड़ा-दौड़ा कर मारेगी तभी जिले के लोगों को डकैतों के आतंक से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि न्याय और कानून से बड़ा कोई नहीं है।लोगों को जीना मुहाल करने वालों को यही हाल होता है।
श्री गोपाल
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