भारतीय जनता पार्टी ने सोनिया संप्रग सरकार के एक वर्ष को सभी मोर्चो पर असफल और हताशाजनक निराशाजनक बताया है। प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता हृदयनारायण दीक्षित ने आज संप्रग के एक वर्षीय कामकाज पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अर्थशास्त्री प्रधानमन्त्री की केन्द्र सरकार आर्थिक मोर्चे पर ही बुरी तरह औंधे मुंह गिरी है। महंगाई आसमान पर पहुंच गई, आम आदमी का जीवन संकट में है। केन्द्रीय मन्त्रियों के बीच महंगाई बढ़ने की पूर्व सूचना देने की हास्यास्पद प्रतिस्पर्धा रही। केन्द्र आन्तरिक सुरक्षा के मोर्चे पर असहाय साबित हुआ, आतंकवाद नक्सलवाद के सामने उसने आत्मसमर्पण की नीति अपनाई। विदेश नीति में साफ तौर पर अमेरिकी दबाव रहा, केन्द्र पाकिस्तान पर दबाव नहीं बना पाया। किसान निराशा हैं। कृषि क्षेत्र की सबसिडी राशि भी घटा दी गई है। 100 दिन के भीतर ही सबकुछ ठीक करने का वायदा था लेकिन 365 दिन बीत गये। इस बीच केन्द्र ने अपना इकबाल खो दिया है।
श्री दीक्षित ने कहा कि केन्द्र ने बसपा, सपा से खुल्लम खुल्ला अनैतिक रिश्ते बनाये। महंगाई पर पेश भाजपाई कटौती प्रस्ताव से निबटने के लिए दोनों दलों से डील हुई। सरकार राजनैतिक दृष्टि से भी कमजोर हुई है। मन्त्रिगणों के अन्तर्विरोध सड़क पर आये। एक मन्त्री त्याग पत्र को विवश हुए लेकिन तमाम मन्त्रियों के बीच अन्तर्विरोध जारी है।
भाजपा प्रवक्ता ने बसपा द्वारा किए जा रहे केन्द्र सरकार के विरोध को वर्ष 2010 का सबसे बड़ा प्रहसन बताया और कहा कि बसपा ने अभी-अभी महंगाई बढ़ाने व डीजल, पेट्रोल की मूल्यवृद्धि के पक्ष में सरकारी पक्ष में मतदान किया है। सम्मानित लोकसभा में केन्द्र का समर्थन और सड़क पर उसी सरकार का विरोध हास्यास्पद और दयनीय प्रहसन के अलावा आखिरकार और क्या हो सकता हैर्षोर्षो बसपा ने ही केन्द्र की सरकार को वोट देकर बचाया है और अब वह उसी सरकार का फर्जी विरोध कर रही है। सपा भी इसी राह पर है।
श्री दीक्षित ने कहा कि भाजपा ने केन्द्र सरकार की नीतियों के विरूद्ध लगातार ईमानदार जनअभियान चलाया है। पेट्रोल, डीजल की मूल्यवृद्धि व महंगाई को लेकर जिलास्तरीय, राज्यस्तरीय व केन्द्रीय स्तर पर व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। लेकिन केन्द्र ने करोड़ो भारतवासियों की भावनाओं को आहत किया है। पहले साल की चाल के संकेत साफ हैं कि केन्द्र आगे और जन उत्पीड़न ही करेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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