लखनऊ - समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा उत्तर प्रदेश में 35 हजार सिपाहियों की भर्ती में हेराफेरी के मामले अब सामने आये हैं। इस भर्ती में धांधली करते हुए फेल को पास, पास को फेल किया गया है। अधिक अंक पाकर भी फेल घोषित छात्रों की एक बड़ी तादाद अपनी फरियाद हाईकोर्ट तक ले जाने की सोच रहे हैं। जो चुने गए हैं उनके प्रशिक्षण की भी सुचारू व्यवस्था नहीं है। न पर्याप्त प्रशिक्षक हैं, न प्रशिक्षुकों के लिए आवास तथा अन्य बुनियादी व्यवस्थाएं। सूबे के 8 पुलिस ट्रेनिगं संस्थानों में इतनी क्षमता भी नहीं है कि इतने जवानों को ट्रेनिगं दी जाए। इससे प्रतीत होता है कि मुख्यमन्त्री के इशारे पर सिर्फ धन उगाही के लिए ही सिपाही भर्ती का नाटक किया गया है।
मुख्यमन्त्री मायावती ने गद्दी सम्हालते ही समाजवादी पार्टी की सरकार के समय भर्ती 18 हजार पुलिस-पीएसी के जवानों को बर्खास्त कर दिया था। उनकी कथित अनियमित भर्ती के लिए कई पुलिस अफसरों को दोषी ठहराया गया था। जिन नौजवानों को बर्खास्त किया गया था उनका क्या दोष था, यह बताने में सरकार असमर्थ रही है। उनकी जिन्दगी से खेलकर मायावती सरकार ने बहुत ही अनुचित एवं निन्दनीय कार्य किया था। बर्खास्त नौजवानों में बड़ी तादाद अल्पसंख्यक एवं पिछड़े वर्ग की थी।
बसपा सरकार का काम भयादोहन से चलता है। समाजवादी पार्टी सरकार में भर्ती पुलिस-पीएसी के सिपाहियों की बर्खास्तगी के मामले में हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर सरकार को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना पड़ गया। लेकिन नीचे से ऊपर तक वसूली के अभियान को कायम रखने के लिए 35 हजार सिपाहियों की भर्ती का अब नया नाटक कर इस सरकार ने जनता के साथ गन्दा छल किया है। अब इस पर पर्दा डालने के लिए अभ्यर्थियों से आपत्ति मांगी जा रही है।
समाजवादी पार्टी मानती है कि बसपा सरकार ने भर्ती के नाम पर धन संग्रह का जो अभियान चला रखा है, उससे प्रदेश तबाही की ओर जा रहा है। विकास के बजाए ऐसे घोटालों से न तो प्रतिव्यक्ति आय बढ़नेवाली है और नहीं शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा की स्थिति में बदलाव आने वाला है। गरीब नौजवानों की हाय व्यर्थ नहीं जाएगी। इस सरकार के दिन अब गिने चुने रह गए है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com