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स्व. करवरिया के बड़े पुत्र राजेश को ही सौंपी गई कार्यकारी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी

Posted on 19 May 2010 by admin

रामायण मेला समिति महामंत्री आचार्य बाबूलाल गर्ग के बेटे को संयुक्त महामंत्री बनाया गया
रामायण मेला भवनम् संरक्षण समिति का भी हुआ गठन
विरासत में मिले पद को कुशलता पूर्वक निभाने का किया वायदा

पूरे देश में ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय रामायण मेला के रिक्त चल रहे कार्यकारी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी आखिरकार समिति ने स्व. करवरिया के पुत्र को ही दे दी। साथ ही मेलासमिति के फाउण्डर महामंत्री के बेटे को संयुक्त महामंत्री बनाया गया है।  अपने पद का कार्यभार सम्भालते हुए नए कार्यकारी अध्यक्ष ने अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए रामायण मेला आयोजन को नई बुलन्दियों तक पहुंचाने का वायदा समिति के लोगों से किया। इसके अलावा उन्होंने पिता के सहयोगी रहे बड़े-बुज़ुर्गो को पिता तुल्य बताते हुए उनकी छत्राछाया में ही अपनी जिम्मेदारी निभाने की बात कही।

गौर तलब है कि प्रभु श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट में समाजवादी चिन्तक डा. राममनोहर लोहिया के द्वारा आरम्भ किए गए रामायण मेला महोत्सव को स्थापना काल से ही जुड़े बाद में समिति के कार्यकारी अध्यक्ष बने स्व. गोपाल कृष्ण करवरिया ने पूरी जिम्मेदारी के साथ बाखूबी ऊंचाईयों तक पहुंचाया। उन्हीं की मेहनत का नतीजा है कि आज रामायण मेले को राष्ट्रीय रामायण मेले के नाम ख्याति मिली। और डा. राममनोहर लोहिया का सामाजिक समरसता का सपना नई बुलन्दियों तक पहुंचने लगा। लेकिन बीते माह कार्यकारी अध्यक्ष श्री करवरिया का रामायण मेला परिसर स्थित उनके विश्रामकक्ष में ही अचानक निधन हो गया था। जिसके बाद से समिति मे खाली पड़े कार्यकारी अध्यक्ष पद पर ऐसे व्यक्ति की ताजपोशी करने की चर्चाएं चल रही थी जो चित्रकूट की पहचान बन चुके इस महत्वपूर्ण आयोजन को और ऊंचाईयों पर ले जा सके। जिसको देखते हुए मेला समिति की कार्यकारिणी ने बीती 18 मई को स्व. करवरिया के बड़े पुत्रा राजेश कुमार करवरिया को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने का निर्णय लिया था। जिसकी घोषणा बुधवार को रामायण मेला परिसर में समिति के महामंत्री आचार्य बाबूलाल गर्ग ने कहा कि स्व. करवरिया राम के रामायणात्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिए शुरू से ही समर्पित भावना से काम करते रहे।

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उत्ताराधिकार के रूप में मिले पद को  अब उनके बड़े पुत्र राजेश आगे बढ़ाएंगे। वहीं उन्होंने बताया कि अपनी बढ़ती उम्र के कारण समिति द्वारा उनके पुत्र मनोज मोहन गर्ग को मेला समिति का संयुक्त महामंत्री बनाया गया है और उन्हें आशा है कि विरासत में मिली जिम्मेदारी को वह सही तरीके से पूरी करेंगे।  वहीं इस बीच नवनिर्वाचित हुए कार्यकारी अध्यक्ष राजेश करवरिया ने कहा कि वे अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए पूरी जिम्मेदारी से रामायण मेले को नई बुलन्दियों तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। इसके अलावा उन्होंने स्व. श्री करवरिया के सहयोगी रहे समिति के वरिष्ठ पदाधिकारियों और सदस्यों के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि वे सभी उनके मार्गदर्शक हैं और उन्हीं की सहमति से ही हर निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान महामंत्री श्री गर्ग ने बताया कि रामायण मेला भवनम संरक्षण समिति भी बनाई गई है जिसके संरक्षक कार्यकारी अध्यक्ष करवरिया व अध्यक्ष डा. श्याममोहन त्रिपाठी बनाए गए हैं, तथा करुणाशंकर द्विवेदी, हरिशंकर गर्ग व मनोजगर्ग सदस्य नियुक्त किए गए हैं। इस मौके पर डा. श्याम मोहन त्रिपाठी, शिवमंगल शास्त्री, देवीदयाल यादव, मो. यूसुफ, राम प्रकाश श्रीवास्तव, कलीमुद्दीन बेग, प्रशान्त करवरिया आदि मौजूद रहे।

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